यह किस्सा भी आपातकाल की ज्यादतियों से जुडा एक किस्सा है. यह किस्सा
पुरानी दिल्ली के तुर्कमान गेट का है. इस मुस्लिम बहुल इलाके में, मुस्लिम आबादी
की अनुमति के बिना परिंदा भी पर नहीं मार सकता था. लेकिन, आपातकाल के दौरान इस
तुर्कमान गेट के अन्दर परिंदा नहीं, बुलडोज़र घुसे थे.
आपातकाल के युवा तानाशाह संजय गाँधी, मुस्लिम आबादी की नसबंदी और पुरानी
दिल्ली के इलाकों की सफाई के लिए कुख्यात थे. इसमे उनकी लेफ्टिनेंट थी रुखसाना
सुल्तान. संजय गाँधी को तुर्कमान गेट से दिल्ली का व्यू पसंद नहीं आया था. उसने
तुर्कमान गेट की सफाई के आदेश दे दिए. रुखसाना सुल्तान सबसे आगे थी. वह सबसे आगे
बुलडोज़रों और सफाई कर्मियों और पुलिस की फौज का नेतृत्व कर रही थी. देखते ही देखते
जिस तुर्कमान गेट इलाके में परिंदा भी पर नहीं मार सकता था, वहां बुलडोज़रों की
आवाज़ तब तक गूंजती रही, जब तक इलाका साफ़ नहीं होगा. संजय गांधी को यह सफलता बॉलीवुड
की दो माँओ के कारण मिली थी. तुर्कमान गेट को साफ़ कर देने वाली रुखसाना सुल्तान,
फिल्म बेताब से सनी देओल के साथ डेब्यू करने वाली अमृता सिंह की माँ थी. यानि वह
सैफ अली खान की पहली सास और सारा अली खान और इब्राहीम अली खान की नानी थी. और क्या
आप दूसरी माँ को जानना चाहते हैं.
तुर्कमान गेट सहित भीड़भाड भरे मुस्लिम इलाकों में अतिक्रमण हटाने का आदेश एक आनरेरी
मजिस्ट्रेट लतीफ़ फातिमा ने दिया था. यह लतीफ़ फातिमा और कोई नहीं बॉलीवुड के बादशाह
शाहरुख़ खान की माँ लतीफ़ फातिमा खान ही थी.
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