Monday, 22 June 2020

स्टीवन स्पीलबर्ग को इनकार करने वाले अमरीश पुरी !


हॉलीवुड फिल्म निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्गअपनी इंडिआना जोंस फ्रैंचाइज़ी की दूसरी फिल्म इंडिआना जोंस एंड द टेम्पल ऑफ़ डूम में अघोरी साधू मोलाराम की भूमिका के लिए किसी  भारतीय एक्टर की तलाश में थे। उन्होंने सर रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गाँधी देखी थी। फिल्म देखने के बाद, उन्होंने  इंडिआना जोंस के छत्तर लाल की भूमिका के लिए, गाँधी में पंडित जवाहर लाल नेहरू की भूमिका करने वाले अभिनेता रोशन सेठ को ले लिया था। लेकिन, मोला राम की भूमिका के लिए  वह गाँधी में महात्मा गाँधी के साउथ अफ्रीका के  साथी खान की भूमिका करने वाले एक्टर को लेना चाहते थे। पर वह एक्टर इस भूमिका के लिए बहुत उत्सुक नहीं था। लेकिनस्टीवन स्पीलबर्ग  को उस एक्टर  का परदे पर छा जाने वाला व्यक्तित्व और गूंजदार आवाज़ बेहद पसंद आई थी। वह लगातार इस एक्टर  को मनाने में लगे रहे। अंततः उस एक्टर को मानना ही पड़ा। इसके साथ ही इंडिआना जोंस एंड द टेम्पल ऑफ़ ड्रीम का घुटे सर और गटगट सांप निगलने वाला अघोरी साधू  मोला राम दुनिया के दर्शकों में छा गया।  यह भारतीय एक्टर था हिंदी फिल्मों में, देवानंद की फिल्म प्रेम पुजारी की छोटी भूमिका से प्रवेश करने वाले अमरीश पुरी।  अमरीश पुरी, जिस मोला राम की भूमिका को इंकार करते रहे, उसी मोला राम का गंजावतार उन्हें कुछ इतना पसंद आया कि अमरीश पुरी ने इसके  बाद अपने बालों को सर से अलविदा कह दी। आज इन्ही  एक्टर का जन्म दिन है। वर्तमान के पाकिस्तान के  पंजाब प्रान्त के नवांशहर में २२ जून १९३२ को जन्मे थे अमरीश पुरी।  उन्होंने १९६७ से २००५ तक के सक्रिय अभिनय जीवन में हिंदी के अलावा मराठी, कन्नड़, पंजाबी, मलयालम, तेलुगु, तमिल  तथा हॉलीवुड की ४०० फ़िल्में की।  उनके अभिनय की खासियत थी कि वह जिस आसानी से   परदे पर अपने बुरे कामों के लिए दर्शकों की गालियां खाते थे, उसी आसानी से वह एक पिता या नाना की भूमिका में दर्शकों के आंसू भी निकाल देते थे।  उन्हें श्रद्धांजलि। 

No comments: