Tuesday, 9 June 2020

अपनी नायिका को पहचान दिलाने वाले राज खोसला

राज खोसला, आल इंडिया रेडियो के म्यूजिक डिपार्टमेंट के स्टाफ थे. वह फिल्मों के गायक थे. देव आनंद को उनमे दूसरी प्रतिभा नज़र आ रही थी. उन्होंने राज खोसला को अपने साथ लिया और गुरुदत्त का सहायक बना दिया. उनकी, देव आनंद और गीता बाली के साथ निर्देशित पहली फिल्म मिलाप फ्लॉप हुई. लेकिन, अगली फिल्म सीआइडी ने उन्हें सफलता दिला दी. इस फिल्म ने वहीदा रहमान को पहला और प्रतिभा दिखाने का बढ़िया मौका दिया. इसके बाद तो राज खोसला अपनी फिल्मों की नायिकाओं का नया नामकरण करने वाली फ़िल्में बनाते चले गए. फिल्म वह कौन थी से साधना को मिस्ट्री गर्ल की उपाधि दी. फिल्म दो बदन ने, अब तक रोमांटिक फिल्मों में ग्लैमर का प्रदर्शन करती आ रही आशा पारेख को गंभीर भूमिका करने वाले अभिनेत्री के तौर पर स्थापित कर दिया. इस फिल्म के लिए सिमी को सह अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला. दो रास्ते ने मुमताज़ को एक्शन फिल्मों की नायिका से पारिवारिक फिल्मों की मुमताज़ बना दिया. नूतन को चरित्र भूमिका के बावजूद बेस्ट अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया मैं तुलसी तेरे आँगन की ने. आज ही के दिन यानि ९ जून १९९१ को गोलोकवासी हुए राज खोसला ने काला पानी, सोलहवा साल, बम्बई का बाबू, एक मुसाफिर एक हसीना, वोह कौन थी, मेरा साया, दो बदन, अनीता, चिराग, दो रास्ते, मेरा गाँव मेरा देश, शरीफ बदमाश, कच्चे धागे, प्रेम कहानी, नहले पे दहला, मैं तुलसी तेरे आँगन की, दोस्ताना और माटी मांगे खून जैसी भिन्न शैली वाली फिल्मों का निर्माण किया. उनकी अंतिम फिल्म धर्मेन्द्र, शर्मीला टैगोर, वहीदा रहमान, सनी देओल और अमृता सिंह के साथ सनी थी.  

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