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Monday 8 June 2020

शाहरुख़, सलमान और आमिर, सब पर भारी Sonu Sood


एक वेबसाईट ने अपने पाठकों के बीच दिलचस्प सर्वेक्षण किया. वेबसाईट ने जानना चाहा कि अगर किसी शुक्रवार, शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान के साथ सोनू सूद की फिल्म रिलीज़ हो तो आप सबसे पहले किस फिल्म को देखना चाहेंगे. ज़्यादातर को उम्मीद रही होगी सलमान खान या आमिर खान की फिल्म से. काफी लोगों को शाहरुख़ खान की फिल्म भी रास आ रही होगी. कम से कम, सोनू सूद की फिल्म सबसे पहले देखने का जवाब कोई भी भांप नहीं रहा होगा. लेकिन, ऐसा हुआ. पाठकों का जो जवाब आया, वह चौंकाने वाला था. शाहरुख खान की फिल्म को देखने वाले दर्शक २४.९ प्रतिशत थे. सलमान खान की फिल्म देखने वाले १८.५ प्रतिशत पाए गए. आमिर खान १७.२ प्रतिशत के साथ ठीक पीछे थे. लेकिन, इन सब को पीछे छोड़ दिया था सोनू सूद ने. उनकी फिल्म देखने वाले दर्शकों का संख्या प्रतिशत १९.३ प्रतिशत था. यानि सलमान खान और आमिर खान से दोगुना से ज्यादा. आम तौर पर हिंदी और दक्षिण की फिल्मों में खल भूमिकाये करने वाले सोनू सूद को यह लोकप्रियता मिली है, उनके द्वारा उत्तर भारत के मज़दूरों को बसों से महाराष्ट्र से उनके घर पहुंचाने के कारण. अब यह बात दीगर है कि अकर्मण्य महाराष्ट्र सरकार को यह नागवार गुजर रहा है. सत्ताधारी दल शिव सेना ने सोनू सूद की आलोचना की है.

Tuesday 28 April 2020

Sonu Sood ने दिया अपना ऑफिस और खिला रहे हैं खाना


बॉलीवुड फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने घातक कोरोनावायरस से लड़ रहे डॉक्टरों, नर्सों और पैरा मेडिकल स्टाफ सहित स्वास्थ्य कर्मियों के ठहरने के लिए मुंबई के अपने जुहू होटल में व्यवस्था की है। सोनू सूद के लिए देश भर में चिकित्सा कर्मचारियों के साथ दृढ़ता से खड़ा होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लोग सबसे आगे खड़े हो कर कोरोनोवायरस से युद्ध लड़ रहे हैं और देश को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। इसके अलावा सोनू सूद ने अब जरूरतमंदों की मदद के लिए एक विशेष भोजन और राशन अभियान भी शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने दिवंगत पिता, शक्ति सागर सूद के नाम पर यह पहल की है, जिसका उद्देश्य मुंबई में दैनिक आधार पर पैतालीस हजार से अधिक लोगों को भोजन कराना है। इस भोजन और राशन ड्राइव को शक्ति अन्नदानम कहा जा रहा है । यह उनके दिल के बहुत करीब है । यह पहली बार नहीं है जब सूद ने अपने पिता के नाम पर जनता की मदद की है।  इससे पहले भी उन्होंने अलग-अलग गुरुद्वारों में लोगों को भोजन कराया है।

Friday 24 April 2020

Sonu Sood ने लिखी कोरोनावायरस योद्धाओं के लिए भावनात्मक कविता



सोनू सूद कोविड-19 जैसे कठिन समय  में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की मदद करके सकारात्मकता फैला रहे हैं। मुंबई में 25000 से ज़्यादा प्रवासियों के लिए भोजन की व्यवस्था करने के अलावा सोनू सूद एक अभियान चला रहे हैं जिसमें वो रोज़ाना पर 45000 लोगों तक खाना पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने मुंबई के जुहू में स्थित अपना हॉटेल मेडिकल स्टॉफ के ठहरने के लिए दिया है।

अब इस दमदार अभिनेता ने एक बार फिर अपने प्यारे कदम से सुर्खियां बटोरी हैं।  सोनू सूद ने अब एक भावनात्मक कविता लिखी है जिसे उन्होनें खुद ही आवाज़ दी है।

ये गाना सभी कोरोनावायरस से लड़ रहे योद्धाओं के लिए है। कविता की कुछ पंक्तियां ऐसी हैं, "माना की घनी रात है, इस रात से लड़ने के लिए पूरा भारत साथ है, तेरी कोशिश मेरी कोशिश रंग लाएगी, फिर उसी भीड़ का हिस्सा होंगे, बस सिर्फ कुछ दिनों की बात है..माना की घनी रात है, मगर पूरा भारत एक साथ है।"

 गाने के बारे में बताते हुए सोनू ने कहा, "ये गाना मेरे दिल के करीब है, मैं ऐसा कुछ भारतीयों के लिए करना चाहता था, विशेष रूप से हमारे कोरोना योद्धाओं के लिए। मुझे आशा है कि मेरी कविता के ज़रिए मैं लोगों को सकारात्मक बने रहने के लिए प्रेरित कर पाऊंगा और उन्हें ये विश्वास दिला पाऊं कि हम इससे कहीं ज्यादा मजबूत बनकर उभरेंगे।इस घातक लड़ाई से लड़ने वाले सभी नायकों को यह मेरी श्रद्धांजलि है।

सोनू की इस कविता को टी-सीरीज़ द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है।

Thursday 23 April 2020

रमज़ान के मौके पर सोनू सूद करायंगे २५ हजार को भोजन



बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद, यकींनन कोरोनोवायरस के इस मुश्किल समय में प्यार और लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना जानते हैं। अभिनेता ने हाल ही में मुंबई में अपने जुहू होटल को डॉक्टरों, नर्सों और पैरा मेडिकल स्टाफ के रहने के लिए दिया| साथ ही अपने भोजन और राशन ड्राइव के ज़रिये मुंबई में रोज़ 45,000 से अधिक लोगों को खाना खिला रहे हैं|

महामारी के बीच समाज में इस तरह के महत्वपूर्ण योगदान के बाद, सोनू सूद ने अब रमज़ान के महीने के दौरान भिवंडी क्षेत्र में रहने वाले 25,000 से अधिक प्रवासियों को भोजन किट प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस पहल से इन प्रवासियों को मदद मिलेगी जो कि अंडर प्रिविलेज्ड हैं और बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे दूर शहरों से आए हैं।

जरूरतमंदों की मदद करने के लिए सोनू सूद के प्रयास की सराहना करते हुए, विधायक भिवंडी, रईस शेख कहते हैं कि रमदान के महीने के दौरान उन्हें लोगों को खिलाते हुए देखकर खुशी होती है। वह आगे कहते हैं, "यह वास्तव में उनके द्वारा बहुत प्यारा कदम है| सोनू एक अच्छे इंसान हैं| मैंने पहले ही सुना है कि वह लगभग 45,000 लोगों को खिला रहे हैं, जोकि बहुत ही प्रेरणादायक है| मुझे खुशी है कि वह भिवंडी के इन प्रवासियों के बारे में सोचकर उनकी मदद के लिए आगे आये हैं|

सोनू सूद ने भी विशेष पहल के बारे में बताते हुए कहा, "ये समय बहुत ही कठिन हैं और हम में से प्रत्येक को एक दूसरे के लिए खड़ा होना बहुत महत्वपूर्ण है। इस पहल के माध्यम से, मैं उन सभी की मदद करूंगा जो इस अवधि के दौरान भूखे हैं| हम विशेष भोजन किट प्रदान करेंगे ताकि वे पूरे दिन उपवास के बाद भूखे न रहें।

Friday 15 November 2019

स्पेशल ओलंपिक्स के लिए Sonu Sood करेंगे ६ बैटमिंटन खिलाडियों को सपोर्ट



एक्टर सोनू सूद भारत के सबसे फिट एक्टर्स में से एक हैं, और स्पोर्ट्स को लेकर उनकी रूचि के बारे में सभी को पता है। बैटमिंटन स्पोर्ट्स के लिए अपना प्यार दिखाते हुए सोनू सूद ने सालाना स्पेशल ओलंपिक्स एशिया पैसिफिक में इंडियन बैटमिंटन टीम की मदद करने के लिए आगे आये है। 

सोनू सूद ने, ना सिर्फ उन्हें खुद मोटिवेट किया है बल्कि बैंकॉक में हो रहे स्पेशल ओलंपिक्स के लिए उनके ट्रेवेल और रहने का खर्च भी उठा रहे हैं। 

वह उनके प्रशिक्षण में भी गहरी दिलचस्पी ले रहे हैं और कोच के साथ मिलकर यह भी देख रहे हैं कि टीम को चैंपियनशिप के लिए किन चीजों की जरुरत है। 


एक सोर्स ने बताया, "सोनू ने हमेशा खेलों को सबसे बड़ा सम्मान माना है। जब उन्हें पता चला कि हमारी भारतीय बैडमिंटन टीम इतनी प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के लिए जा रही है, तो उन्होंने मदद की पेशकश करने से पहले एक बार भी  नहीं सोचा। ये छह खिलाड़ी इस खेल में कैसा प्रदर्शन करते हैं और भारत को किस तरह से गौरवान्वित करते हैं, ये देखने के लिए वो बेहद ही उत्साहित हैं।

इस टीम को सपोर्ट करने पर सोनू सूद ने कहा, "मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ, मुझे पूरा भरोसा है कि वो भारत को गौरवान्वित करेंगे| उन्हें मेरी तरफ से पूरा सपोर्ट है।"

बैंकॉक, थाईलैंड में हो रहा यह बैडमिंटन चैम्पियनशिप १२ नवंबर से १६ नवंबर तक रहेगा। भारत के छह खिलाड़ी दिल्ली से यात्रा करेंगे।

Monday 27 May 2019

Rohit Shetty की फिल्मों के विलेन


निर्देशक रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) के साथ, अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की पहली कॉप एक्शन फिल्म सूर्यवंशी (Suryavanshi) के विलेन की भूमिका के लिए पहले गुलाल एक्टर अभिमन्यु सिंह (Abhimanyu Singh) का नाम अखबारों की खबर बना। अब निकितन धीर (Nikitan Dheer) का नाम भी सामने आया है।  सूर्यवंशी मे निकितन धीर का नाम, अभिमन्यु सिंह की जगह है या वह फिल्म में दूसरे विलेन के अवतार हैं ? यह भी हो सकता है कि सूर्यवंशी में एक नहीं दो विलेन हों - निकितन धीर और अभिमन्यु सिंह।



दरअसल, रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) की एक्शन फिल्मों में विलेन का रोल ख़ास होता है।  नायक चाहे अजय देवगन (Ajay Devgan) हों या शाहरुख़ खान (Shahrukh Khan), विलेन उभर कर आता है।  दर्शकों को इन दोनों का स्क्रीन नाम जितना याद नहीं होता, उससे कहानी ज़्यादा विलेन का नाम जुबां पर रहता है।  इसीलिए तो सूर्यवंशी का विलेन बनने पर निकितन धीर (Nikitan Dheer) अपनी ख़ुशी भी प्रकट करते हैं।



रोहित शेट्टी की रणवीर सिंह (Ranveer Singh) के साथ पिछली कॉप फिल्म सिम्बा (Simmba) को ही लीजिये।  दर्शकों की जुबान पर सोनू सूद (Sonu Sood) के विलेन दूर्वा यशवंत रानाडे  नाम आज भी चढ़ा हुआ है। तभी सोनू सूद, मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी (Manikarnia : The Queen of Jhansi) को बीच रास्ते छोड़ कर सिम्बा के दूर्वा बन गए।



इस फिल्म से पहले, दीवाली २०१७ में अजय देवगन (Ajay Devgan) और परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) के गोलमाल कॉमेडी फिल्म गोलमाल अगेन (Golmaal Again) रिलीज़ हुई थी। इस हॉरर कॉमेडी फिल्म में दो विलेन वासु रेड्डी और निखिल थे । मगर, प्रकाश राज (Prakash Raj) के अभिनय का जलवा देखिये कि चॉकलेटी हीरो नील नितिन मुकेश (Neel Nitin Mukesh) का निखिल दब सा गया। रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) की ही फिल्म सिंघम (Singham) में प्रकाश राज (Prakash Raj) का जयकांत शिर्के आज भी यादगार है। यह दोनों ही फ़िल्में, अजय देवगन की बड़ी हिट फिल्मों में से हैं।



सिंघम में, जहाँ प्रकाश राज (Prakash Raj) का जयकांत शिर्के था, वहीँ इसके सीक्वल सिंघम रिटर्न्स (Singham Returns) में अमोल गुप्ते (Amol Gupte) ने बाबाजी को खल तेवर दिए थे।  अमोल गुप्ते को दर्शक निर्देशक के तौर पर जानते हैं। लेकिन, वह अच्छे एक्टर भी है। इसका प्रदर्शन वह सिंघम रिटर्न्स से पहले कमीने में कर चुके थे।


चेन्नई एक्सप्रेस (Chennai Express) के बाद, रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) ने दूसरी फिल्म दिलवाले (Dilwaale) भी शाहरुख़ खान (Shahrukh Khan) के साथ बनाई थी। यह एक्शन फिल्म, शाहरुख़ खान और काजोल (Kajol) की जोड़ी के  बावजूद असफल हुई।  क्योंकि इसके विलेन कमज़ोर थे। कबीर बेदी (Kabir Bedi) का अपना व्यक्तित्व है। मगर फिल्म में वह खालिस विलेन नहीं बने थे। उन्हें परदे पर मार देना वाले किंग की भूमिका बोमन ईरानी (Boman Irani) ने की थी। बोमन ओवर एक्टिंग कर कॉमेडी कर ले जाते हैं। लेकिन कमज़ोर आवाज़ के कारण वह कमज़ोर विलेन साबित होते थे । 

Thursday 6 September 2018

कल रिलीज़ हो रही है जे पी दत्ता की वॉर ट्राइलॉजी की आखिरी पलटन

 
जे पी दत्ता की वॉर ट्राइलॉजी की आखिरी फिल्म पल्टन की कहानी चीन और भारत के बीच, १९६७ में, नाथू ला और चो ला इलाके में छोटे युद्ध की कहानी है, जिसमे भारतीय सेना ने, १९६२ की हार को भुलाते हुए, चीनी सैनिकों को कदम पीछे खींचने को मज़बूर कर दिया था।

इस फिल्म को जेपी दत्ता ने लिखा और निर्देशित किया है। फिल्म में संगीत अनु मालिक का ही है। 

इस फिल्म में भी पहले की दो फिल्मों की तरह सितारों की भरमार हैं।

लेकिन, इस बार, जेपी दत्ता अपनी पल्टन में सनी देओल और अजय देवगन जैसे सितारों को शामिल नहीं कर पाए हैं।

यहाँ तक कि उनकी फिल्मों के स्थाई चेहरे सुनील शेट्टी और अभिषेक बच्चन ने भी आखिरी वक़्त में अपने पैर पीछे खींच लिए थे।

इस फिल्म में भिन्न सैनिक किरदार जैकी श्रॉफ, अर्जुन रामपाल और सोनू सूद के साथ गुरमीत चौधरी, हर्षवर्द्धन राणे, सिद्धांत कपूर, लव सिन्हा, अभिलाष चौधरी और नागेंद्र चौधरी ने तथा इनकी पत्नियों, प्रेमिकाओं या दूसरे रिश्तेदारों की भूमिका एशा गुप्ता, सोनल चौहान, दीपिका कक्कड़ और मोनिका गिल ने की है।  

इस फिल्म की अवधि २ घंटा ३४ मिनट है।  इतने कम समय में, इतने ज़्यादा सैनिक किरदारों की वीरता को दर्शना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

जेपी दत्ता, ६८ साल की आयु में इस कठिन काम को कैसे लिख और कर सके होंगे ?

वॉर ड्रामा फिल्म पल्टन के सामने साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म गली गुलियाँ, और आधुनिक रोमांस फिल्म लैला मजनू से तो होगा ही, इन तीनों बॉलीवुड फिल्मों के साथ हॉलीवुड की हॉरर फिल्म द नन से होगा।

इस मुक़ाबले में तीनों बॉलीवुड फिल्मों को हॉलीवुड हॉरर से पिछड़ना ही है।



Friday 31 August 2018

सोनू सूद क्यों हुए मणिकर्णिका से बाहर ?

सोनू सूद का सिम्बा लुक 
आज की सबसे गर्म खबर यही है कि सोनू सूद ने, ऐतिहासिक फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी छोड़ दी है।

उनके, मणिकर्णिका छोड़ने के लिए मणिकर्णिका की रियल किरदार यानि कंगना रनौत को जिम्मेदार बताया जा रहा है।

खबर है कि सोनू सूद, अपनी फिल्म की नायिका कंगना रनौत के रवैये से पहले से ही नाराज़ थे।  उन्हें लगता था कि फिल्म के डायरेक्टर कृष के बजाय कंगना रनौत डायरेक्शन देती रहती हैं, जबकि उन्हें फिल्म डायरेक्शन के बारे में कुछ भी नहीं मालूम।

(शायद सोनू सूद को ही नहीं मालूम कि कंगना रनौत ने फिल्म मेकिंग का कोर्स करने के लिए, २०१४ में अमेरिका की न्यू यॉर्क फिल्म अकडेमी में दाखिला लिया था।)

इसलिए, जैसे ही, कृष ने एनटीआर बायोपिक के लिए फिल्म मणिकर्णिका को छोड़ा और कंगना रनौत ने मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी की कमान सम्हाली, सोनू ने फिल्म छोड़ दी।

कहा जा रहा है कि मणिकर्णिका के कुछ हिस्सों की शूट के दौरान डायरेक्टर कंगना रनौत और एक्टर सोनू सूद के बीच ज़बरदस्त तू तू मैं मैं हुई।  इसके बाद नाराज सोनू ने फिल्म छोड़ दी। 

हालाँकि, कंगना रनौत ने भी सोनू सूद के फिल्म से बाहर चले जाने की पुष्टि तो की है। लेकिन कारण दूसरे दिए हैं।

कंगना रनौत के कैंप का कहना है कि सोनू सूद ने फिल्म के कुछ हिस्सों के पैच वर्क के लिए दूसरे सितारों से मिलती तारीखें नहीं दी। वह सिम्बा में व्यस्त थे।

कुछ तो यह बताते हैं कि सोनू सूद किसी महिला फिल्म निर्देशक के साथ फिल्म नहीं करना चाहते थे।  इसलिए वह कभी सेट पर मौजूद ही नहीं रहे।

सोनू के फिल्म से निकलने का एक तीसरा कारण भी बताया जा रहा है।

सोनू सूद, इस समय रोहित शेट्टी की एक्शन फिल्म सिम्बा में रणवीर सिंह के पुलिस किरदार के विरोधी की खल भूमिका कर रहे हैं।

इस किरदार के लिए, सोनू सूद ने दाढ़ी बढ़ा रखी है।

मणिकर्णिका में, सोनू सूद का चरित्र सदाशिवराव सफाचट चेहरे वाला योद्धा है। सोनू सूद पैचवर्क के लिए दाढ़ी कटवाने के लिए तैयार नहीं थे।

इसके बाद, फिल्म स्क्रिप्ट को थोड़ा बदल कर, सदाशिव की कुछ साल बाद वापसी करवा के उन्हें दाढ़ी के साथ पेश करने की सोची गई।  लेकिन, यह कारगर साबित नहीं हुआ।

इसके बाद, सोनू सूद के फिल्म से बाहर होने के अलावा कोई चारा नहीं था।


अब देखें, मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी में सदाशिवराव का किरदार कैसे सामने आता है !


क्या खतरे में है मणिकर्णिका ?- पढ़ने के लिए क्लिक करें 

क्या खतरे में है मणिकर्णिका ?

अगले साल, २५ जनवरी २०१९ को रिलीज़ होने जा रही फिल्म मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ़ झाँसी के लिए बुरी खबर है।

इस फिल्म को, बीच में ही अधूरा  छोड़ कर फिल्म के डायरेक्टर कृष, एक दूसरी बायोपिक फिल्म एनटीआर का निर्देशन करने चले गए थे।

उनके जाने के बाद, २५ जनवरी की रिलीज़ तारीख़ को बनाये रखने के लिए, फिल्म की कमान फिल्म की मणिकर्णिका यानि झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई एक्टर कंगना रनौत के पास आ गई थी।

उनके द्वारा फिल्म  का शॉट लेने का क्लैपर बोर्ड का चित्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया था।  उस बोर्ड पर डायरेक्टर की जगह कंगना रनौत का नाम लिखा हुआ था।

इस पर फिल्म से जुड़ी कंगना की टीम ने सफाई दी कि कंगना डेडलाइन पूरी करने के लिए पैच वर्क और पोस्ट प्रोडक्शन वर्क के लिए फिल्म की कमान सम्हाले हुए हैं।

क्लैपर बोर्ड पर कंगना का नाम डायरेक्टर के तौर पर इसलिए दर्ज है,   ताकि सीन पर कोई भ्रम पैदा न हो। फिल्म के डायरेक्टर कृष ही है।

लग रहा था कि सब ठीकठाक है। अगले साल, गणतंत्र दिवस पर, बड़े परदे पर झाँसी की रानी की हुंकार गूंजती सुनाई देगी।

लेकिन, अब ऐसा लगता  है कि झाँसी की रानी का अस्तित्व ही खतरे में आ गया है।

खबर है कि सोनू सूद ने फिल्म छोड़ दी है।  वह इस फिल्म में, रानी लक्ष्मी बाई के धुर विरोध सदाशिवराव की भूमिका कर रहे थे।  रानी लक्ष्मी बाई के जीवन के  आखिरी दिनों के लिहाज़ से यह किरदार महत्वपूर्ण था।

सेट पर मौजूद लोग बताते हैं कि सोनू सूद को कभी भी कंगना रनौत का रवैया पसंद नहीं आया था। वह सेट पर उन्हें किसी सीन को कैसे करना है बताती रहती थी। सोनू सूद को लगता था कि वह किसी भी सीन को अच्छी तरह से करना जानते हैं।

ऐसे मनमुटाव के बीच, जैसे ही कंगना रनौत ने मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झांसी की कमान सम्हाली, सोनू सूद ने विद्रोह कर दिया।  वह फिल्म से निकल गए।


अब सवाल यह है कि मणिकर्णिका का क्या होगा ?

क्या वह बॉक्स ऑफिस पर झाँसी की रानी साबित होगी ?

क्या उसे रील लाइफ किरदार सदाशिवराव के रियल लाइफ एक्टर के विद्रोह का खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा

सब कुछ निर्भर करेगा कि फिल्म के निर्माता इस पूरे मामले से कैसे  निबटते हैं।

लेकिन, बता दें कि बॉलीवुड में कंगना रनौत के विरोधी कैंप में ख़ुशी की लहर है। उनको सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाने लगा है। हृथिक रोशन की फिल्म सुपर ३० को बेहतर बताया जा रहा है।

यहाँ तक कि नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी अभिनीत बाल ठाकरे की बायोपिक फिल्म ठाकरे और इमरान हाश्मी की चीट इंडिया को मणिकर्णिका से बड़ा बताया जा रहा है।

चारों ओर से घिरी हुई है मणिकर्णिका ! 


तमिल और भोजपुरी पोस्टर का कामुक मुक़ाबला !- पढ़ने  के लिए क्लिक करें 

Wednesday 15 August 2018

पसंद आ रहा है मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी का पोस्टर

भारत की स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम पर, कृष निर्देशित फिल्म मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ़ झाँसी का पोस्टर आज रिलीज़ हुआ।

इस पोस्टर में, झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई का किरदार अपने दुधमुहे बच्चे को पीठ पर बांधे घोड़े पर सवार हो कर, दोनों हाथों में तलवार थामे अंग्रेजी सेना से युद्ध कर रहा हैं।

अक्षय कुमार की फिल्म गब्बर इज बैक से हिंदी फिल्म डेब्यू करने वाले निर्देशक कृष की इस ऐतिहासिक फिल्म में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौट रानी लक्ष्मी बाई की भूमिका कर रही हैं।

मणिकर्णिका, झाँसी की रानी  लक्ष्मी बाई का बचपन का नाम है।

इस पोस्टर में, रानी लक्ष्मी बाई बनी कंगना रनौट का चंडी रूप नज़र आता है।  वह अंग्रेज़ों पर महाकाली की तरह टूट पड़ती नज़र आ रही हैं।

इस पोस्टर को, स्वतंत्रता दिवस पर इसी लिए रिलीज़ किया गया है कि मणिकर्णिका का भी स्वतंत्रता  संग्राम से सीधा सम्बन्ध है।

यह पोस्टर, सोशल साइट्स पर रिलीज़ होते ही वायरल हो गया है।  इसे ट्विट्टेराती द्वारा बार बार ट्वीट और रीट्वीट किया जा रहा है।  इससे स्पष्ट होता है कि कंगना रनौट की मुख्य भूमिका वाली मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ़ झाँसी की सफलता सुनिश्चित है।

फिल्म के दूसरे ऐतिहासिक किरदारों, झाँसी की रानी के पति महाराजा गंगाधर राव की भूमिका जिषुआ सेन गुप्ता ने, तात्या टोपे की भूमिका अतुल कुलकर्णी ने, लक्ष्मीबाई के दुश्मन सदाशिव की भूमिका सोनू सूद ने की है।  पेशवा बाजीराव द्वितीय सुरेश ओबेरॉय बने हैं।  पवित्र रिश्ता की अर्चना, अंकिता लोखंडे ने लक्ष्मी बाई की सहेली और विश्वासपात्र योद्धा झलकारी बाई की भूमिका की है।

यह फिल्म, २५ जनवरी २०१९ को, हृथिक रोशन की फिल्म सुपर ३० को ज़बरदस्त टक्कर देने जा रही है।

कंगना रनौट इस समय मेन्टल है क्या और कबड्डी पर अश्विनी अय्यर तिवारी की फिल्म में भी काम कर रही हैं।  


भूषण कुमार और अनुराग बासु एक साथ - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Wednesday 1 August 2018

१९६७ के भारत-चीन युद्ध पर पल्टन !

फिल्म निर्माता- निर्देशक जे पी दत्ता, जिन्होंने हिंदी फिल्म दर्शकों को बॉर्डर और एलओसी कारगिल जैसी उत्कृष्ट युद्ध फ़िल्में दी हैं, १२ साल के वनवास के बाद वापसी कर रहे हैं।

उनकी वापसी एक युद्ध फिल्म पल्टन से हो  रही है।

"यह फिल्म, १९६७ में, भारतीय सेना द्वारा नाथू ला बॉर्डर पर चीनी सैनिकों के खिलाफ दिखाई गई अनसुनी वीरता की गाथा है, जिसमे भारतीय सेना ने चीनी सेना को अपने कदम वापस लेने के लिए मज़बूर कर दिया था।"

पल्टन के जांबाज़ सैनिकों में जैकी श्रॉफ, अर्जुन रामपाल, सोनू सूद, हर्षवर्द्धन राणे, लव सिन्हा, गुरमीत चौधरी, सिद्धांत कपूर और रोहित रॉय के नाम उल्लेखनीय हैं।  इस कास्ट में सोनल चौहान, मोनिका गिल, एशा गुप्ता, आदि अभिनेत्रियों के नाम भी शामिल हैं।

जेपी दत्त ने, २००६ मेंअभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन की रियल लाइफ जोड़ी के साथ पीरियड ड्रामा फिल्म उमरावजान का निर्माण और निर्देशन किया था। लेकिन, यह फिल्म बुरी तरह से असफल हुई थी।  इस असफलता के बाद, दत्ता बिलकुल खामोश हो गए।  लेकिन, अंदर ही अंदर, उनकी कलम, १९६७ के वीर सैनिकों की गाथा लिख रही थी। 

पल्टन अपनी शुरुआत से ही एक्टरों के यकायक फिल्म छोड़ देने के कारण चर्चा में रही।

"सबसे पहले सुनील शेट्टी ने, स्क्रिप्ट को लेकर फिल्म छोड़ी।  इसके बाद, ऐन पूरी यूनिट के लोकेशन पर पहुँचने के बाद, अभिषेक बच्चन ने सोनू सूद की तुलना में अपनी कमज़ोर भूमिका के कारण, फिल्म छोड़ कर जेपी दत्ता को करारा झटका दिया । जबकि, इन्ही जेपी दत्ता ने अभिषेक बच्चन का हिंदी फिल्म डेब्यू रिफ्यूजी से करवाया था।"


यह, ६८ साल के फिल्मकार की जांबाज़ी है कि वह एक युद्ध फिल्म बनाने की हिम्मत बटोर सका।

पल्टन, ७ सितम्बर को रिलीज़ हो रही है।    



'फिर से' तीनों देओल 'लिटिल लिटिल' - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Thursday 15 March 2018

मणिकर्णिका के लिए सोनू सूद​ का ​​तलवार​बाजी अभ्यास

आशुतोष गोवारीकर ​की फिल्म जोधा अकबर मेंजोधा के भाई राजकुमार सुजामल की ऐतिहासिक भूमिका निभाने के बाद, सोनू एक फिर एक ​बड़ी ऐतिहासिक फिल्म अहम् भूमिका में ​नजर आएंगे। इस का नाम है मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ़ झाँसी । सोनू इस फिल्म में अपने बड़े एक्शन और तलवार ​के साथ लड़ने वाले दृश्यों को लेकर काफी उत्साहित हैं । अभिनेता के करीबी सूत्र का कहना है, "सोनू रोज़ ही लगभग​ ​​३ से ​४  घंटे तक​ तक़रीबन ​​५ किग्रा वजन ​की तलवार ​के साथ​ अभ्यास करते​ हैं। यह तलवार विशेष रूप से सोनू के लिए बनायीं गयी है। यह सोने के पानी चढ़ी स्वर्ण तलवार है। इस फिल्म में सोनू सूद, सदाशिव नारायण राव का अहम् चरित्र निभा रहे है,  जो खुद को झाँसी का राजा घोषित कर लेता है । सोनू की स्वार्ड फाइटिंग अच्छी है। क्योंकि, वह इसे जोधा अकबर और कुंगफू योग के लिए सीख चुके है। वैसे भी वह पहले से ही एक प्रशिक्षित तलवार बाज़ हैं।  लेकिन मणिकर्णिका में तलवार काफी भारी है और फिल्म में अलग-अलग कौशल दिखाने के लिए अलग-अलग प्रशिक्षण जरुरी हैं।"  सोनू सूद इस समय दो फिल्मों बीकानेर में मणिकर्णिका और चंडीगढ़ में जे पी दत्ता ​की पलटन की शूटिंग कर रहे हैं। ​मणिकर्णिका में तलवारबाज़ी को लेकर सोनू सूद कहते है, "मैं भारी तलवार​ ​के साथ अभ्यास करने के बारे में उत्साहित हूँ। मैं चीन की नई निन्जा शैली के मार्शल आर्ट्स का अभ्यास करता हूं, जो कि लड़ाई ​के एक प्राचीन रूप का मिश्रण है जो ​रफ और ​देसी है।​ ​यह मेरे लिए नया क्षेत्र था। मैंने आखिरी बार तलवारबाजी का अभ्यास ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ जोधा अकबर के लिए किया था, जो कि फिल्म में इंट्रोडकशन सीन था। इस फिल्म में, यह एक अलग स्तर होगा। मुझे ओर बेहतर दिखाना होगा और इसीलिए तलवारबाजी का अभ्यास जरुरी है।"


डेनियल पर्ल की ह्त्या करने वाले आतंकी की कहानी है ‘ओमर्टा’ - पढ़ने के लिए क्लिक करें