आज ही के दिन, १९२८ में पंजाब के धर्मचक में जन्मे दारा सिंह ने कुश्ती को शौक बनाया सिंगापुर में जहाँ वह एक फैक्ट्री में काम करने गए थे। हरमन सिंह उनके कुश्ती गुरु थे। पेशेवर कुश्ती में जाने के बाद उन्होंने दुनिया के कई नामी-गिरामी पहलवानों को हराया। उनकी सबसे मशहूर कुश्ती ऑस्ट्रेलियाई इंडियन पहलवान किंगकॉन्ग से थी। यह संयोग ही है कि वह जिस फिल्म से हीरो बने उसका टाइटल भी किंगकांग (१९६२) था। लेकिन, इससे पहले ही वह आर सी तलवार की जेन आयर के हिंदी रूपांतरण संगदिल में दिलीप कुमार, मधुबाला और शम्मी के साथ फिल्म डेब्यू कर चुके थे। बतौर हीरो और सह भूमिका में दो सौ के करीब फ़िल्में की। उनकी मुमताज़ के साथ जोड़ी हिट मानी गई। बाद में यही मुमताज़ दारा सिंह की पहली फिल्म संगदिल के हीरो दिलीप कुमार की नायिका बनी। उन्होंने आठ फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया। उन्होंने दारा सिंह स्टूडियो की स्थापना की। वह राज्य सभा के सदस्य भी रहे।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 19 November 2017
दारा सिंह : पहलवान जो रिंग से पार्लियामेंट तक पहुंचा
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श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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