टॉयलेट
एक प्रेम कथा और पैडमैन के बाद अक्षय
कुमार किसी दूसरे जॉनर की फिल्म करना चाहते हैं।
अभी तक बायोपिक फिल्मों से शोहरत और दौलत बटोर रहे अक्षय कुमार
स्टीरियोटाइप होने से बचना चाहते हैं। कभी
एक्शन कुमार से मशहूर अक्षय कुमार ने अपनी इमेज बदलने के लिए एक्शन कॉमेडी
फिल्मों का सहारा लिया था।
वह कहते हैं,
"मैं बदलाव
करते रहना चाहता हूँ। मैं नहीं चाहता कि
कोई मुझे किसी ख़ास इमेज में बंद करे।" क्या अक्षय कुमार सचमुच किसी इमेज से
बांधना नहीं चाहते ?
देखा जाये तो
मुख्य धारा की फिल्मों के स्टार्स की तरह अक्षय कुमार भी इमेज में बंधे एक्टर
हैं। जब उन्होने अपने एक्टिंग करियर की
शुरुआत की, तब उस हुनर का इस्तेमाल किया, जिसमे वह माहिर थे। यानि
उन्होने ऐसी फ़िल्में की,
जिसमे उनकी
मार्शल आर्ट्स के ब्लैक बेल्ट का इस्तेमाल हो सके। उन्होंने जम कर उछल उछल कर किक मारी। उनकी इस कला को काफी पसंद किया गया। वह एक्शन
कुमार के तौर पर मशहूर हो गए।
फिर अक्षय कुमार ने एक्शन कॉमेडी फिल्मों का सहारा लिया। २००७ से वह इसमें भी सफल हुए। यह सिलसिला २०१३ तक चलता रहा। इस बीच अक्षय कुमार की बॉम्बे की मशहूर झावेरी
बाजार डकैती पर फिल्म स्पेशल २६ आई। इस
फिल्म को बड़ी सफलता मिली। इसके बाद, अक्षय कुमार वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई
दोबारा, हॉलिडे अ सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी, बेबी और गब्बर इज बैक जैसी फ़िल्में करते
दिखे, जो काफी हद तक आज के भारत की समस्या पर
फ़िल्में थी। तभी रिलीज़ हुई एयरलिफ्ट। यह फिल्म सद्दाम हुसैन के कुवैत में फंसे
भारतीयों को बाहर निकालने के एक रियल किरदार पर फिल्म थी। इस फिल्म को
बड़ी सफलता मिली। अक्षय कुमार को
जैसे रियल लाइफ फिल्मों का फार्मूला मिल गया।
अक्षय कुमार रुस्तम,
जॉली एलएलबी
२, टॉयलेट एक प्रेम कथा और पैडमैन जैसी फिल्मों में रियल हीरो या रियल
घटनाओं पर फ़िल्में करते चले गए। पैडमैन से
पहले तक उनकी तमाम फिल्मों को सफलता भी मिल रही थी। इसीलिए, वह बैटल ऑफ़ सारागढ़ी पर केसर, हॉकी के पहले गोल्ड मैडल की घटना पर गोल्ड और टी-सीरीज के मालिक गुलशन
कुमार के जीवन पर मुग़ल जैसी रियल लाइफ फ़िल्में कर रहे थे। उन्होंने हिंदुस्तान में
दुग्ध क्रांति या वाइट रेवोलुशन लाने वाले वर्घीज़ कुरियन पर भी फिल्म पर भी अपनी
सहमति की मोहर लगा दी थी। लेकिन, पैडमैन की असफलता ने अक्षय कुमार को झटका
दिया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर दर्शक नहीं
बटोर सकी। अक्षय कुमार को शायद समझ में आ गया कि वह रियल लाइफ किरदारों को
परदे पर करते समय रियल लाइफ अक्षय कुमार ही लग रहे थे। उनमे किरदार के अनुरूप अभिनय कर सकने और खुद को
बदल पाने की काबिलियत नहीं थी। इसे भांप
कर अक्षय कुमार ने अपना जॉनर बदलने का फैसला सूना दिया। यानि अब वह रियल लाइफ किरदार नहीं करेंगे। कुरियन को उन्होने मना कर दिया है। मुग़ल
फिलहाल सन्नाटे में है। गोल्ड में
उनका किरदार रियल घटना पर काल्पनिक किरदार है।
गोल्ड के बाद उनकी विज्ञान फंतासी फिल्म २.० रिलीज़ होगी। इस फिल्म में उनका खल किरदार है। इस फिल्म की रिलीज़ के बाद उन्हें दूसरे जॉनर की
फिल्मों को अपनाने में कोई परेशानी नहीं होगी।
मतलब यह कि अक्षय कुमार अपना जॉनर इसीलिए
बदल रहे हैं कि रियल लाइफ जॉनर अब दर्शक नहीं घसीट पा रहे।
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