Wednesday 28 February 2018

शुरू हुआ गुलशन कुमार के नाम पर फिल्म इंस्टिट्यूट

संगीत कंपनी टी-सीरीज के संस्थापक एवं म्यूजिक मुगल के नाम से प्रख्यात गुलशन कुमार हमेशा प्रतिभाओं को हरसंभव बेहतर प्लेटफाॅर्म मुहैया कराते रहे थे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी उम्मीदों, आकांक्षाओं एवं सपनों को साकार करने का बीड़ा उनके पुत्र भूषण कुमार ने उठाया है। वह अपनी फिल्मों से नई पीढ़ी के कलाकारों को लाइमलाइट में ला कर अपने पिता के अधूरे सपनों को पूरा कर रहे हैं। अब उन्हें इस काम में छोटी बहन एवं बाॅलीवुड की नामचीन प्लेबैक सिंगर तुलसी कुमार का साथ-सहयोग भी मिलने लगा है। दरअसल, गुलशन कुमार के आम प्रतिभाओं को भी संपूर्ण कलाकारबनाने के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम एठाते हुए तुलसी ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित फिल्मसिटी में गुलशन कुमार फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया (जीकेएफटीटीआई) की स्थापना की है। यह इंस्टिट्यूट 27 फरवरी से केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, नामचीन फिल्म निर्देशक निखिल आडवाणी, प्लेबैक सिंगर तुलसी कुमार, रंगकर्मी-कवि-सह-अभिनेता डाॅ. सईद आलम, गलगोटिया विश्वविद्यालय के सीईओ ध्रुव गलगोटिया की मौजूदगी में शुरू हो गया । जीकेएफटीटीआई के उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि गुलशन कुमार खुद एक काॅमनमैनथे, जिन्होंने अपने जीवन में फर्श से अर्श तक का सफर अपनी मेहनत, लगन, समर्पण, ईमानदारी और बेमिसाल व्यक्तित्व के दम पर किया। यही वजह रही कि जीवन एवं कारोबार के क्षेत्र में ऊंचाइयों को छूने के बावजूद वे हमेशा काॅमनमैनही बने रहे। इसी कारण उनकी हमेशा कोशिश रही कि वे प्रतिभाशाली काॅमनमैनको हरसंभव मदद करें। हालांकि, आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन जीकेएफटीटीआई की स्थापना करके तुलसी कुमार ने साबित कर दिया है कि वह भी अपने पिता के दिखाए नेकी के रास्ते एवं नक्शेकदम पर चल रही हैं। जीकेएफटीटीआई की स्थापना वाकई प्रतिभाशाली युवाओं के लिए बेहतर मंच साबित होगा, जो उनके उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में सहायक बनेगा।
फिल्म निर्देशक निखिल आडवाणी ने कहा कि गुलशन कुमार जी ने उस वक्त आमलोगों का साथ दिया, उनके साथ एक बड़े भाई की तरह मजबूती के साथ खड़े रहे, जब वे खुद कुछनहीं थे। जैसे-जैसे उनकी ताकत बढ़ी, उनके सहयोग का दायरा बढ़ता गया। उनकी सदाशयता और सहयोग से बाॅलीवुड में कई ऐसे कलाकार पैदा हुए, जो आज टाॅपपर विराजमान हैं। मुझे यह कहने में हिचक नहीं कि गुलशन जी का आम प्रतिभाओं को संपूर्ण कलाकार बनाने जो सपना अधूरा रह गया था, जीकेएफटीटीआई को स्थापित करके तुलसी कुमार उसे संपूर्णता प्रदान करेंगी।

तुलसी कुमार ने कहा कि देश में एक से बढ़कर एक फिल्म इंस्टीट्यूट मौजूद हैं। वहां से भी कलाकार पैदा किए जा रहे हैं। लेकिन, उन फिल्म संस्थानों से जीकेएफटीटीआई बिलकुल अलग होगा, क्योंकि यहां प्रतिभाओं को केवल एक्टर, सिंगर, डायरेक्टर, कैमरामैन, स्टोरी राइटर आदि ही नहीं बनाया जाएगा, बल्कि हमारा जोर उन्हें संपूर्णकलाकार बनाने पर होगा। जीकेएफटीटीआई की स्थापना का मूल उद्देश्य धनोपार्जन करना नहीं, बल्कि अन्य संस्थानों से अलग राह अख्तियार करते हुए इस फील्ड में खुद को एक माइलस्टोनके रूप में स्थापित करना होगा। जीकेएफटीटीआई में प्रतिभाशाली छात्रों को उनकी रुचि एवं प्रतिभा के कारण ही प्रवेश मिलेगा। इसके लिए बाकायदा संस्थान के नामचीन शिक्षकों के द्वारा आॅडिशन लिया जाएगा और चयनित छात्रों को संपूर्णकलाकार के तौर पर विकसित एवं प्रशिक्षित किया जाएगा।"



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