Wednesday, 21 February 2018

जब सेंसर बोर्ड ने चुप कराया ग्लोरी टू हनुमान को

ग्लोरी टू हनुमान : म'बाकू (विंस्टन ड्यूक) 
हिन्दुस्तानी सेंसर बोर्ड के सन्दर्भ में मैन प्रोपोसेज गॉड डिस्पोसेज, बदल कर प्रोडूसर प्रोपोसेज बोर्ड डिस्पोज़ेस हो जाता है। कम से कम, शुक्रवार १६ फरवरी को रिलीज़ रयान कूगलर निर्देशित आल ब्लैक स्टारकास्ट फिल्म ब्लैक पैंथर को लेकर तो ऐसा कहा ही जा सकता है। इस फिल्म के एक दृश्य में जाबरी कबीले का मुखिया म’बाकू (विंस्टन ड्यूक) अपने आराध्य का जिक्र करते हुए, उसकी महिमा का बखान करते हुए कहता है, “ग्लोरी टू हनुमान”  इस संवाद को मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स के लोगों ने हिन्दुस्तानी लोगों को फिल्म की ओर आकृष्ट करने के लिए एक तोहफे के तौर पर रखा गया था। सब जानते हैं कि ब्लैक पैंथर मार्वल कॉमिक्स में जाबरी अफ्रीका की एक जनजाति है, जिसके लोग मैन –एप यानि बन्दर आदमी की पूजा करते हैं।  कॉमिक्स में यह मैन-एप गोरिल्ला दिखाया गया है। भारत का फिल्म सेंसर बोर्ड दूर की कौड़ी लाया। उसे लगा कि अगर फिल्म के पात्र ने गोरिल्ला को हनुमान कहा तो हिन्दू जनता की धार्मिक भावनाएं चोटिल हो सकती हैं। इसलिए सेंसर ने ग्लोरी टू हनुमान शब्द को ही म्यूट कर दिया। अब हिंदी या इंग्लिश, तमिल और तेलुगु दर्शक इस संवाद के दौरान अभिनेता विंस्टन ड्यूक हिलते होंठ ही दिखाई देंगे, सुनाई कुछ नहीं देगा। जबकि, दुनिया के बाकी सिनेमाघरों में ग्लोरी टू हनुमान गूँज रहा होगा। 




No comments: