ऐसे मिलेंगे महिलाओं को अधिकार ! |
फुकरे की भोली पंजाबन ऋचा चड्डा महिलाओं के अधिकारों के मामले में काफी
वाचाल रही हैं।महिलाओं से जुड़ा कौन सा ऐसा मामला है, जिस पर वह बोली न हों। प्रधान
मंत्री ने सेल्फी विथ गर्ल के ज़रिये एक सन्देश देने की कोशिश की तो ऋचा बोली
इससे कुछ होने-हवाने वाला नहीं। मतलब, जो कुछ होगा ऋचा के बोलने से या गैंग्स ऑफ़
वासेपुर जैसी फिल्म में सेक्स स्लेव महिला का किरदार करने से। बहरहाल, ऋचा की बोलने की इस आदत के कारण सेक्शन
३७५ में उनका किरदार काफी कुछ उनके जैसा लगता है। इस फिल्म में वह बलात्कार की इस
धारा को लेकर, अभिनेता अक्षय खन्ना के किरदार के खिलाफ कड़ी नज़र आएँगी। निर्माता
कुमार मंगत पाठक और अभिषेक पाठक की मनीष गुप्ता निर्देशित फिल्म सेक्शन ३७५ एक
बलात्कार के मामले में बहस प्रति बहस पर आधारित है। इस फिल्म में वकील किरदार
अक्षय खन्ना के साथ ऋचा चड्डा कर रही हैं. अक्षय खन्ना बचाव पक्ष के वकील बने हैं
तो ऋचा चड्डा सरकारी वकील बनी हैं। ज़ाहिर है कि बलात्कारी को सज़ा दिलवाने का जिम्मा ऋचा के किरदार पर ही है। मनीष गुप्ता ने सेक्शन ३७५ की कहानी दो साल की
रिसर्च के बाद लिखी है। मनीष गुप्ता की फ़िल्में द स्टोनमैन मर्डरस, हॉस्टल और
रहस्य जैसी फ़िल्में रियल घटनाओं पर आधारित फ़िल्में थी। अब देखने की बात होगी कि वह
सेक्शन ३७५ में क्या कुछ चौंकाने वाला लाते हैं और ऋचा चड्डा इस फिल्म को किस
प्रकार से महिलाओं के अधिकारों के लिए उपयोग कर पाती हैं।
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