१९७६ में, दो फिलिस्तीनी और दो जर्मन आतंकवादियों द्वारा, तेल
अवीव से इजराइल जा रही एयर फ्रांस फ्लाइट १३९ का अपहरण कर ग्रीस की राजधानी
एथेंस ले जाया गया था। उन्होंने, एंटेबे में बंधक रखे गए जहाज और यात्रियों
को छोड़ने के बदले ५ मिलियन अमेरिकी डॉलर और उन ५३ फिलिस्तीनी आतंकी बंदियों को
छोडें की मांग रखी थी। इनमे से ४० इजराइल में बंदी थे। जब सारे राजनयिक प्रयास असफल हो गए, तब इजराइल सरकार ने एंटेबे में आतंकवादियों पर हमला कर, बंधकों को छुड़ाने का निर्णय लिया। इजराइल डिफेन्स फाॅर्स के कमांडो द्वारा अंजाम
दिए गए इस बचाव अभियान को आज तक का सबसे बहादुरी और साहस से भरा अभियान समझा जाता
है। इस अभियान पर, पिछले ४२ सालों में, दो अमेरिकी टीवी फ़िल्में विक्ट्री एट
एंटेबे (१९७६) और रेड ऑन एंटेबे (१९७७) तथा एक इसरायली फिल्म ऑपरेशन थंडरबोल्ट
(१९७७) का निर्माण हो चुका है। अब इसी
साहसिक अभियान पर ब्रितानी से क्राइम थ्रिलर फिल्म ७ डेज इन एंटेबे अगले महीने ९ मार्च को रिलीज़ होने जा रही
है। ग्रेगोरी बर्के की लिखी और जोसे
पडिलहा निर्देशित ७ डेज इन एंटेबे में रोसमन्ड पाइक, डेनियल ब्रुहल,
एड़ी मारसन, पीटर सुलिवान, आदि की साहसिक अभियान में अहम् भूमिकाएं
हैं। जब माल्टा में इस फिल्म की शूटिंग हो रही थी, उसी दौरान,
दिसंबर २०१६ में
माल्टा में लीबिया के जहाज का अपहरण हो गया था। इस घटना की वजह से हवाई अड्डे पर
फिल्म की शूटिंग रोक देनी पड़ी थी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday, 19 February 2018
रियल हाईजैकिंग हो गई थी ७ डेज इन एंटेबे की शूटिंग के दौरान
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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