Thursday 15 February 2018

बधाई हो ! बिना आमिर खान के सान्या मल्होत्रा


निर्माता और अभिनेता आमिर खान की फिल्म दंगल की कहानी थी तो एक पहलवान पिता के अपनी बेटियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पहलवान बनाने की। लेकिन इस फिल्म में दो महिला चरित्र ख़ास थे। यह चरित्र गीता फोगाट और बबिता फोगाट के थे। गीता फोगाट की बाल भूमिका ज़ायरा वासिम ने की थी और युवा गीता फातिमा सना शैख़ थी। बबिता फोगाट की बाल भूमिका में सुहानी भटनागर और युवा भूमिका में सान्या मल्होत्रा थी। आमिर खान ने कलाकारों के बीच भेदभाव करते हुए, फातिमा सना शैख़ को ग्लैमर गर्ल के रूप में भी दिखा दिया। बाद में उन्होंने फातिमा को अपनी फिल्म ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्थान में ले लिया। वही ज़ायरा वासिम को अपने बैनर की फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार की नायिका बना दिया। इस लिहाज़ से दमदार अभिनय करने के बावजूद  मुसलमान न  होने का नुकसान सान्या मल्होत्रा और सुहानी भटनागर को हुआ।  सुहानी का कुछ पता नहीं है कि वह क्या कर रही हैं। लेकिन, सान्या का नाम सीक्रेट सुपरस्टार की डिज़ाइनर के रूप में ज़रूर आया. जहाँ तक परदे पर आने का सवाल है, सान्या मल्होत्रा ने अपने बूते पर दो फ़िल्में साइन कर ली है. एक फिल्म रितेश बत्रा निर्देशित नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के साथ अनाम फिल्म है, जबकि दूसरी फिल्म बधाई ! हो आयुष्मान खुराना के साथ है . इस फिल्म का निर्देशन अमित शर्मा कर रहे हैं.  आमिर खान का साथ पाकर दंगल गर्ल फातिमा बड़ी स्टार बन सकती है, लेकिन सान्या मल्होत्रा का अपने बूते पर दो कम बजट की फ़िल्में बना ही बड़ी बात होगी. लेकिन, इतना तो साफ़ है कि आमिर खान धर्म के आधार पर कला में भी भेद करते हैं. यही है बॉलीवुड की धर्म निरपेक्षता !!! 


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