आजकल, सोशल मीडिया पर एक गीत वीडियो वायरल हो
रहा है। यह वीडियो एक मलयालम फिल्म का है।
इस वीडियो को देखने वाले ज़्यादातर दर्शकों को भाषा समझ में नहीं आ रही।
संगीत की धुन ज़रूर गुदगुदा रही है। लेकिन, भाषा समझ में आ रही है उस कमउम्र लड़की की, जो बड़े कातिलाना अंदाज़ में अपनी भौंहो को
उठाती गिराती है। वह लडके को इस अदा से आँख मारती है कि लड़का शरमा कर अपने दोस्त
के कंधे में चेहरा छिपा लेता है। लेकिन, इंटरनेट पर इस गीत को देखता वर्चुअल वर्ल्ड
इस माशूका की अदाओं पर मर मिटा है। हर ओर इस लड़की के चर्चे हो रहे हैं कि कौन है
यह अदाकारा, जिसकी अदाएं इतनी कातिलाना है। यह
कन्याकुमारी से कश्मीर तक लोकप्रिय हो चुकी लड़की है केरल की प्रिया वारियर। उस पर
फिल्माया गया यह गीत युवा दिलों का फेवरिट वैलेंटाइन सांग बन गया है। है न कमाल
कातिल अदाओं का,
शोख हुस्न का
! कोई शक नहीं अगर जल्द ही यह लड़की किसी
हिंदी में किसी खान,
देओल या रोशन
की नायिका बनी नज़र आये।
टेढ़े होंठ से
हसती जया भादुड़ी
बॉलीवुड में
वैलेंटाइन नायिका के लिए ऐसा ही चेहरा ज़रूरी है। याद कीजिये जया बच्चन को। फिल्म
गुड्डी से, हृषिकेश मुख़र्जी ने उन्हें पेश किया
था। इस फिल्म के एक प्रार्थना गीत - हमको
इतनी शक्ति देना- के दौरान गुड्डी बनी दो चोटियों वाली जया भादुड़ी की एंट्री होती
है। वह आँख बंद कर प्रार्थना बुदबुदाने
लगाती हैं। तभी वह धीरे से एक आँख खोलती हैं। वह पाती हैं कि उनकी टीचर उन्हें ही
देख रही है। टीचर उन्हें उंगली के इशारे से स्टेज पर बुलाती है प्रार्थना करवाने के लिए। इधर दर्शक था कि क़ुर्बान हुआ जा रहा था, उस गुड्डी की खिलखिलाती हंसी पर। इस फिल्म
के बाद जया बच्चन ने कई गंभीर फ़िल्में की।
लेकिन,
उनकी टेढ़ी
हंसी और चंचल अदाओं ने उन्हें लम्बे समय तक जवानी दीवानी, अनामिका, परिचय, बावर्ची,
पिया का घर, आदि फिल्मों की चंचल और मासूम नायिका
बनाये रखा। अमिताभ बच्चन को टॉप पर
पहुंचाने वाली पहली हिंदी फिल्म ज़ंजीर में भी जया बच्चन अदाओं की चक्कू छुरियां
तेज़ कर रही थी।
रंग है नशीला
अंग अंग है नशीला यानि रेखा
यहाँ याद आती
है रेखा की। इत्तेफ़ाक़ की बात है क़ि इन दोनों अभिनेत्रियों का अमिताभ बच्चन के जीवन
में बड़ा महत्त्व रहा है। रेखा ने एक साल
पहले, नवीन निश्चल के साथ फिल्म सावन भादो से
हिंदी फिल्म डेब्यू किया था। उस समय काफी मोटी और कमोबेश भद्दी लगा करती थी रेखा
जैमिनी गणेशन। लेकिन, अदाएं ! इसी फिल्म का एक गीत- कान में
झुमका, चाल में ठुमका, कमर पे चोटी लटके, हो गया दिल का ऊर्जा पुर्जा लगे पच्चासी
झटके, हो तेरा रंग है नशीला अंग अंग है
नशीला। इस गीत के साथ ही रेखा हिंदी फिल्म
दर्शकों पर नशे सी चढ़ गई थी। उन्होंने, अपनी तमाम फिल्मों में अपनी सेक्स अपील, शोखी और चंचलता को खूब भुनाया। एक समय वह बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस में शुमार
की जाने लगी थी। उनके बाद ही दक्षिण से एक
और अभिनेत्री श्रीदेवी का आगमन हुआ। कमल
हासन के साथ फिल्म सदमा में उनकी मासूमियत दिल को चुरा लेने वाली थी। जीतेंद्र के
साथ फिल्म हिम्मतवाला में उन्होंने चुस्त और हॉट पेंट पहन कर अपनी जाँघों का ऐसा
प्रदर्शन किया कि उन्हें थंडर थाय गर्ल कहा जाने लगा । श्रीदेवी ने अपनी तमाम फिल्मों में बिंदास उत्तेजना
बिखेरी । वह रेखा की तरह रोमांस का चेहरा बन गई ।
धक् धक् गर्ल
बनी दिलों की धड़कन
कितने नाम
गिनाए बॉलीवुड की शोख हसीनाओं के ! रेखा के बाद, माधुरी दीक्षित को तेज़ाब गर्ल का खिताब मिला था। जब माधुरी दीक्षित फिल्मों में आई, बॉलीवुड की मांसल हीरोइन से बिलकुल अलग था, उनका जिस्म। कमोबेश उन्हें दुबली अभिनेत्री कहा गया। लेकिन, तेज़ाब में उन्होंने अपनी दिल फेंक मुस्कराहट फेंकी, अदाओं को उछाला और बेधड़क डांस किया । इसके
साथ ही वह सेक्सी तेज़ाब गर्ल बन गई । फिल्म इंडस्ट्री उनके क़दमों तले बिछ गई ।
उन्होंने चंचलता को अपना हथियार बनाया । कामुकता की धार दी । इसके बाद बेटा, अंजाम, आदि फिल्मों में उनके कामुक नृत्यों ने उन्हें धकधक गर्ल का खिताब
दिला दिया, जो पूरे करियर भर उनके साथ रहा । अब यह
बात दीगर है कि माधुरी दीक्षित ने श्रीदेवी, रेखा,
आदि
अभिनेत्रियों की तरह नायिका प्रधान अभिनयशील फ़िल्में करके खुद को अपनी सेक्सी इमेज
से छुटकारा दिलवा दिया ।
प्रीटी ज़िंटा
और रानी मुख़र्जी
प्रीटी ज़िंटा
और रानी मुख़र्जी को कोई भूल सकता है ! इस डिंपल गर्ल ने अपनी चंचल इमेज के सहारे
अपने गालों के गड्ढों में दर्शकों को डुबो दिया। अपनी तमाम हिंदी फिल्मों में
प्रीटी जिंटा ने गालों के गड्ढों और चंचल अभिनय से शुरुआत करते हुए, गंभीरता को ओढ़ लिया। वह शाहरुख़ खान, बॉबी देओल और सनी देओल से लेकर सलमान खान
और हृथिक रोशन तक की नायिका बनी।उनकी कई फिल्मों की सह अभिनेत्री रानी मुख़र्जी को
पहली फिल्म राजा की आयेगी बारात से असफलता मिली थी। लेकिन, आमिर खान के साथ गुलाम ने उन्हें सेक्सी
आवाज़ वाली नायिका बना दिया। उन्होंने अपनी खामियों को खूबियाँ बनाते हुए, हलके फुल्के किरदारों से अपना सिक्का जमा
लिया। बाद में तो उन्होंने खुद को अभिनयशील अभिनेत्री साबित किया ही। उनसे पहले
उनकी कजिन काजोल अपनी चंचल इमेज के सहारे
बॉलीवुड पर छा गई थी। काजोल ने बेखुदी जैसी फ्लॉप फिल्म से शुरुआत की थी। लेकिन, दर्शकों को रास आई थी काजोल का बिंदास अभिनय का अंदाज़। वह बेहिचक
हंसती खिलखिलाती और नायक से लिपट जाती थी। इसीलिए, जब वह अपनी तीसरी फिल्म उधार की ज़िन्दगी में गंभीर अवतार में आई तो
इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुआ। उनके अभिनय की प्रशंसा हुई, लेकिन, साथ ही यह भी कहा गया कि उन पर चंचल भूमिकाएं फबती है। करण जौहर और
आदित्य चोपड़ा टाइप सिनेमा की वह वैलेंटाइन गर्ल बन गई।
करिश्मा कपूर
का करिश्मा
इसी दौर में
करिश्मा कपूर भी आई। बेशक,
कपूर खानदान
की होने के कारण उन्हें फिल्म इंडस्ट्री का संरक्षण मिला। लेकिन, इससे उनकी मेहनत और खासियतों को नज़रंदाज़
नहीं किया जा सकता। वह बेसाख्ता अभिनय कर लेती थी। वह बेझिझक थिरक सकती थी, बदन तोड़ सकती थी और अपने हीरो के साथ
खटिया सरका सकती थी। उनकी पेंट भी सेक्सी और चाल भी। करीना कपूर ने भी अपनी बड़ी
बहन की तरह खुद को चंचलता में डुबो दिया। वह अभिनय कम, अदाएं ज्यादा दिखाती थी। उनकी शोखियाँ
हीरो को ही नहीं,
सिनेमाघर में
बैठे दर्शकों को भी मोह लेती थी। मुझे कुछ कहना है, यादें,
अशोका, कभी ख़ुशी कभी गम, आदि तमाम फिल्मों में करीना कपूर सिर्फ
हंसती-खिलखिलाती चंचल नायिका थी। अलबत्ता, उनकी नायिका में मॉडर्ननेस थी। वह सही मायनों में वैलेंटाइन गर्ल थी।
कमी नहीं
वैलेंटाइन गर्ल्स की
आज ढेरों
वैलेंटाइन अभिनेत्रियां है। उनकी हर अदा का दर्शक दीवाना है। दक्षिण से तापसी
पन्नू, इलीना डिक्रूज़, कृति खरबंदा और कृति सेनन हैं। श्रीलंका से जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ है। हिंदी बेल्ट से दिशा पाटनी हैं, बनिता संधू, आलिया भट्ट,
मौनी रॉय, सोनम कपूर आदि हैं। दीपिका पादुकोण तो अब
पद्मावत बन गई है। ऐसे ही तमाम खूबसूरत
चेहरे हैं। इनकी मुस्कराहट, बिंदास अभिनय और चंचलता दर्शकों को लुभाती
है। इनमे बेझिझक अभिनय करने का माद्दा है। ग्लैमर के बीच तो जैसे पैदा ही हुई हैं।
हर अभिनेत्री का अपना स्टाइल है। इनके
चेहरे में ऎसी कशिश है,
जो इन्हें
दर्शको को अपना महबूब बनाने के लिए बेचैन कर देती है। तापसी पन्नू और जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ ने जुड़वाँ २ में अपनी माशूक अदा का जम कर इस्तेमाल किया था। क्या अदा क्या
जलवे !
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