शुक्रवार (१६
फ़रवरी) रिलीज़ हो रही फिल्म जाने क्यों दे यारों को राजनीति व्यंग्य फिल्म नहीं
है। लेकिन, यह पुलिस अत्याचार के खिलाफ संघर्ष पर है। फिल्म के दो चरित्र रघु और अभिषेक रैप सिंगर
हैं। आम जन उन्हें सुनना पसंद करते हैं, लेकिन संगीत के खलीफा उन्हें सुनना नहीं चाहते। उन्हें सफलता
मिलती है शेरा के आने के बाद। वह
उनकी मदद करता है। शराब पीकर गाडी चलाने के आरोप में फंसे अभिषेक
को बेदाग़ रिहा भी करवा लेता है। यह फिल्म भ्रष्टाचार के विरोध मे, युवाओं की भविष्य की फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन अक्षय आनंद कर रहे हैं। वह इस फिल्म के लेखक भी है और अजय की भूमिका भी कर रहे हैं। उन्होंने
फिल्म की कहानी अजित राजपाल के साथ लिखी है। अक्षय आनंद फिल्म एक्टर हैं। वह
देवानंद की खोज हैं। देवानंद ने उन्हें
अपनी फिल्म हम नौजवान में जॉनी गार्डनर की भूमिका के लिए चुना था। वह तीन दर्जन
फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं।
फिल्म गुलाम में उन्होंने रानी मुख़र्जी के भाई की भूमिका की थी। जाने क्यों दे यारों उनकी बतौर निर्देशक पहली
फिल्म है। फिल्म में शेरा का किरदार कबीर बेदी ने किया है। रघु राजा, अभिषेक शर्मा,
चेतना पांडे, हीना पांचाल, उषा नाडकर्णी, आदि सह भूमिकाओं में हैं।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday 15 February 2018
भ्रष्टाचार को जाने क्यों दे यारों !
Labels:
इस शुक्रवार,
नई फिल्म
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment