इस शुक्रवार (२२ जनवरी को) रिलीज़ हो रही तीन फ़िल्में सेंसर तेरी अज़ब कहानी कहना चाहेंगी। शुक्रवार को अक्षय कुमार की फिल्म एक्शन थ्रिलर 'एयरलिफ्ट' और एकता कपूर की पोर्न कॉमेडी फिल्म 'क्या कूल है हम ३' रिलीज़ हो रही हैं। तीसरी फिल्म हॉलीवुड की क्वेंटिन टारनटिनो निर्देशित एक्शन फिल्म 'द हेटफुल ८' है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन ने 'एयरलिफ्ट' को बिना किसी कट के यूए सर्टिफिकेट दे दिया है। वहीँ क्या कूल हैं हम ३ और द हेटफुल ८' को सेंसर की कैची का सामना करना पड़ा है। टारनटिनो की फिल्म किल बिल अपनी खूंरेंजी और बेरहमी के कारण भारत में रिलीज़ के काबिल नहीं समझी गई थी। इसलिए टारनटिनो की फिल्म हिंसक दृश्यों और गंदे संवादों के कारण सेंसर के चंगुल में फंसनी ही थी। इस फिल्म में इकलौते महिला चरित्र को बेरहमी से पीटे जाने और नोचने खसोटने के बहुत से दृश्य थे। गाली गलौच की तो भरमार थी। सेंसर बोर्ड ने इन सभी दृश्यों को या तो काट दिया है या कम कर दिया है। द हेटफुल ८ को इंडिया में डिस्ट्रीब्यूट करने वाले पीवीआर पिक्चर्स को इसकी उम्मीद थी। इसलिए, उन्होंने इन्हे काट कर प्रमाण के लिए पेश कर दिया। हालाँकि, अनुराग कश्यप फिल्म को बिना किसी कट के क्लियर करने की ट्वीट कर रहे थे। पता नहीं क्यों अनुराग कश्यप जैसे फिल्मकार स्त्रियों के प्रति हिंसक और अनादर व्यक्त करने वाली फिल्मों की वकालत करते हैं। अनुराग कश्यप जैसी सोच फिल्म निर्मात्री एकता कपूर की भी है। उनकी फिल्म सीरीज क्या कूल हैं हम स्त्री चरित्र के अभद्र चित्रण और गंदे संवादों के कारण दर्शक पाती रही हैं। क्या कूल हैं हम ३ इस की अगली कड़ी है। इस फिल्म का ऑनलाइन ट्रेलर साफ़ तौर पर गंदी भाषा और अश्लील हावभाव से भरा हुआ था। इस ट्रेलर को देख कर देश के सूचना मंत्रालय ने फिल्मकार श्याम बेनेगल को सेंसर के कामकाज़ की समीक्षा करने के लिए नियुक्त किया है। यह फिल्म भी २२ जनवरी को रिलीज़ होनी है। इस फिल्म पर एक सौ से ज़्यादा कट लगाने के निर्देश सेंसर बोर्ड ने दिए। यह ज़्यादातर कट अश्लील संवादों और हाव भावों को लेकर हैं। क्वेंटिन टारनटिनो और एकता कपूर की फ़िल्में हिंसा, नारी गरिमा के प्रतिकूल प्रतिष्ठा रखने वाली, अश्लील और द्विअर्थी मानी जाती हैं। इन्ही खासियतों के कारण भारत में इनके दर्शक भी हैं। अब देखने वाली बात होगी कि एयरलिफ्ट में अक्षय कुमार की देशभक्ति रंग लाएगी या द हेटफुल ८ और क्या कूल हों हम ३ की हिंसा और अश्लीलता में किसे ज़्यादा दर्शक मिलते हैं?
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 20 January 2016
इस शुक्रवार रिलीज़ होगी सेंसर की कैची का शिकार दो फ़िल्में भी
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इस शुक्रवार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
द फ़ोर्स अवकेंस को उखाड़ फेंका राइड अलॉंग २ ने
एक महीना पहले रिलीज़
स्टार वॉर्स सीरीज की सातवी फिल्म 'स्टार वॉर्स : द फ़ोर्स अवकेंस' लगातार चार हफ्ते तक टॉप पर रहने के बाद इस वीकेंड पिछड़ने
को मज़बूर हुई है। द फ़ोर्स अवकेंस को यूनिवर्सल
की एक्शन कॉमेडी फिल्म ‘राइड राइड अलॉंग २' ने शीर्ष से उतार कर तीसरे स्थान पर धकेल दिया । २०१४ की हिट एक्शन
कॉमेडी फिल्म राइड अलॉंग की इस सीक्वल फिल्म ने वीकेंड में ३४ मिलियन डॉलर का
बिज़नस किया । राइड अलोंग २ में आइस क्यूब, केविन हार्ट, केन जेओंग, बेंजामिन ब्रट,
ओलिविया मन, ब्रूस मैक्गिल और टिका सुम्प्टर की मुख्य भूमिकाये हैं । निर्देशक टिम
स्टोरी की इस फिल्म के निर्माण में ४० मिलियन डॉलर का खर्च आया था । ज़ाहिर है कि
बेन (केविन हार्ट) और जेम्स (आइस क्यूब)
को मिआमी में एक केस सुलझाने के दौरान जिन हास्यास्पद स्थितियों का सामना करना पडा
था, वह दर्शकों को पसंद आया था। आइस क्यूब ने विन डीजल की फिल्म ट्रिपल एक्स की सीक्वल फिल्म में भी मुख्य भूमिका की थी। राइड अलोंग २ के बाद लेओनार्दो डिकैप्रियो की
वेस्टर्न थ्रिलर फिल्म द रेवेनांट २९.५ मिलियन डॉलर के कलेक्शन के साथ दूसरे स्थान
पर काबिज़ है । इस फिल्म के कलेक्शन में पिछले हफ्ते के मुक़बले केवल २५.९ प्रतिशत का ड्राप हुआ है । द
फ़ोर्स अवकेंस पहले स्थान से फिसल कर तीसरे स्थान पर आ गई है । फिल्म ने २५.१
मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया । द फ़ोर्स अवकेंस ने २४७.९ मिलियन के ओपेंनिंग वीकेंड
कलेक्शन के साथ शानदार शुरुआत की थी । इसके दूसरा वीकेंड १४९.२ मिलियन भी रिकॉर्ड
ब्रेकिंग था । फिल्म का तीसरा वीकेंड ९०.२ मिलियन डॉलर का भी रिकॉर्ड था । चौथे
वीकेंड में द फ़ोर्स अवकेंस ने ४३.१ मिलियन का कलेक्शन किया । लेकिन, रिकॉर्ड के
मामले में यह अवतार के ५०.३ मिलियन के वीकेंड से पिछड़ गई ।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 19 January 2016
सोनाक्षी सिन्हा ज़रूर बनेगी 'हसीना'
दो दिन पहले बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने ट्विटर से कुछ समय के लिए नदारद रहने का ऐलान किया था। लेकिन, अगले ही दिन वह ट्विटर पर हाज़िर थी। उन्होंने ट्विटर पर दर्ज किया कि हसीना बंद नहीं हुई है । वह हसीना के लिए तारीखों का जुगाड़ कर रही हैं। आखिर यह हसीना क्या चीज़ है कि इस शटअप सिन्हा की बेटी को ट्विटर पर वापस आना पडा। दरअसल, सोनाक्षी सिन्हा आजकल एक्शन फिल्मों पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। अकिरा उनकी ऎसी ही एक्शन फिल्म है। फाॅर्स २ में भी वह जॉन अब्राहम के साथ एक्शन कर रही हैं। हसीना भी इसी कड़ी में एक फिल्म है। इस फिल्म का निर्माण गैंगस्टर फिल्मों के निर्माता अपूर्व लाखिया कर रहे हैं। हसीना कुख्यात गैंगस्टर दाऊद इब्राहीम की बहन हसीना कासकर पर फिल्म है। हसीना केवल एक बुर्के में रहने वाली बहन नहीं थी। १९९१ में अरुण गवली गैंग ने उसके पति इस्माइल पारकर की हत्या कर दी थी। इस हत्या का बदला लेने के लिए दाऊद इब्राहीम के गैंग जम कर खून खराब किया था। मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट के बाद दाऊद के भारत से चले भाग निकलने के बाद दाऊद के बिज़नेस एम्पायर को हसीना ने ही सम्हाला। उस दौरान दक्षिण मुंबई में हसीना की मर्ज़ी के बिना पत्ता तक नहीं हिल सकता था। ज़ाहिर है कि सोनाक्षी सिन्हा के लिए हसीना का किरदार काफी अहम है। इसलिए, उन्हें हसीना को फिनांसर न मिल पाने के कारण बंद कर दिए जाने की खबरों का खंडन करने के लिए ट्विटर पर वापसी करनी पड़ी।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 18 January 2016
नहीं रहे कोरा कागज़ और तपस्या के अनिल गांगुली
मशहूर बांग्ला लेखक और फिल्म निर्देशक अनिल गांगुली ने अपने करियर में कोई १९ फिल्मों का निर्देशन किया। उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती को लेकर कई एक्शन फ़िल्में बनाई। लेकिन, उन्हें याद किया जाता है नारी प्रधान कथानक वाली उनकी फिल्मों के लिए। कोरा कागज़ और तपस्या ने उन्हें हिंदी फिल्म उद्योग में स्थापित कर दिया। उनकी इन दोनों फिल्मों को सम्पूर्ण मनोरंजक फिल्मों का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला। इन फिल्मों ने जया भादुड़ी (बच्चन) और राखी विश्वास (गुलज़ार) की प्रतिभा को उभरने का मौका दिया। इन दोनों ही फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर अच्छी सफलता मिली। सुलक्षणा पंडित की मुख्य भूमिका वाली फिल्म संकोच ने उन्हें नारी प्रधान विषय पर पकड़ रखने वाला डायरेक्टर बना दिया। उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के अलावा राजेश खन्ना, अनिल कपूर, जीतेन्द्र, संजीव कुमार, धर्मेन्द्र, अक्षय कुमार, ऋषि कपूर, आदि बॉलीवुड के बड़े अभिनेताओं के साथ फ़िल्में बनाई। लेकिन, तपस्या और कोरा कागज़ के बाद उनकी यादगार फिल्म अनिल कपूर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म साहेब और ऋषि कपूर के साथ प्यार के काबिल ही थी। उनकी आखिरी फिल्म अंगारा १९९६ में रिलीज़ हुई थी। चूंकि, अनिल गांगुली पिछले २० सालों से फिल्मों से दूर हो गए थे, इसीलिए १५ जनवरी को उनकी मृत्यु की खबर नहीं बन सकी। उनकी बेटी रूपाली गांगुली थिएटर और टीवी एक्ट्रेस हैं। उन्हें श्रद्धांजलि।
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श्रद्धांजलि
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मोहम्मद रफ़ी के इकलौते कन्नड़ गीत के गीतकार गीतप्रिय का निधन
कन्नड़ फिल्मों के मशहूर निर्देशक गीतप्रिय का ८४ साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी पहली निर्देशित कन्नड़ फिल्म 'मन्निना मागा' को श्रेष्ठ कन्नड़ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। नारी प्रधान फ़िल्में बनाने वाले गीतप्रिय के बारे में जानना दिलचस्प होगा। कन्नड़ फिल्मों से शोहरत पाने वाले गीतप्रिय वास्तव में मराठी थे। उनका असल नाम लक्षमण राव मोहिते था। उनके पिता मैसूर राज्य की सेना में थे। लक्षमण राव ने कुछ समय तक नाटकों के लिए काम किया। उन्होंने १९५४ में बतौर कन्नड़ फिल्म गीतकार अपना करियर फिल्म श्री राम पूजा के गीत लिख कर किया। फिर वह मद्रास (चेन्नई) चले गए। वहां उनका करियर बतौर गीतकार और संवाद लेखक खूब फूला फला। उन्होंने अपने करियर में कोई ४० फिल्मों का निर्देशन किया तथा कन्नड़ फिल्मों के लिए २५० गीत लिखे। मोहम्मद रफ़ी का गाया इकलौता कन्नड़ गीत नीनेल्ली नादेवे दूरा उन्ही का लिखा हुआ था। उन्होंने दो हिंदी फिल्मों का निर्देशन किया। पहली फिल्म जंगल की हसीना १९६९ में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में युसूफ खान और शैलश्री की मुख्य भूमिका थी। युसूफ खान के बेटे फ़राज़ खान भी एक्टर थे। फ़राज़ का स्क्रीन डेब्यू फिल्म फरेब (१९९६) से सुमन रंगनाथन और मिलिंद गुणाजी के साथ हुआ था। युसूफ खान ने अमर अकबर अन्थोनी, मुकद्दर का सिकंदर और डिस्को डांसर में भी अभिनय क्या था। अमर अकबर अन्थोनी के करैक्टर ज़बिस्को का चेहरा याद करने पर युसूफ की याद ताज़ा हो सकती है। गीतप्रिय की दूसरी हिंदी फिल्म बच्चों की अनमोल सितारे थी। इसमे मास्टर बाबू, सीमा देव, रमेश देव और राकेश बेदी की मुख्य भूमिका थी। उनकी आखिरी कन्नड़ फिल्म २००३ में रिलीज़ हुई थी। उन्हें कर्नाटक राज्योत्सव अवार्ड और पुट्टण्णा कनगल अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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Sunday, 17 January 2016
निधि सुब्बैया के थप्पड़ से बज गए अर्जुन बिजलानी के गाल !
टीवी सीरियल मिले जो हम तुम और नागिन के हीरो अर्जुन बिजलानी के लिए अपनी पहली बार फिल्म डायरेक्ट इश्क़ के एक सीन की शूटिंग का अनुभव बड़ा जन्नाटेदार रहा। फिल्म के एक सीन में फिल्म की नायिका निधि सुब्बैया का थप्पड़ अर्जुन के लिए जन्नाटेदार साबित हुआ । निर्देशक राजीव एस रुइया की इस फिल्म की शूटिंग बनारस में चल रही थी। निधि सुबैया को इस सीन में अर्जुन के गाल पर एक थप्पड़ मारना था। इस सीन में निधि कुछ इतना घुस गयीं कि उन्होंने अर्जुन को असल में एक ज़ोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया। यह देख कर यूनिट के सभी लोग सकते में आ गए । इससे भी ज़्यादा क्लासिक यह हुआ कि अर्जुन इस घटना से इतने घबरा गए कि उन्होंने सीन री शूट करने से साफ़ मना कर दिया । निर्देशक राजीव रुइया को थप्पड़ की आवाज़ पर अर्जुन का अलग शॉट लगाना पड़ा । निर्माता प्रदीप शर्मा की फिल्म डायरेक्ट इश्क़ ९ फरवरी को रिलीज़ होगी।
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या सचमुच रियल बन पाते हैं रील लाइफ किरदार !
कुछ फिल्मों पर नज़र डालें। इन फिल्मों को बायोपिक या रियल लाइफ घटना पर फ़िल्में कहा जाता है। २२ जनवरी को अक्षय कुमार की राजा कृष्णा मेनन निर्देशित फिल्म 'एयरलिफ्ट' रिलीज़ हो रही है। फिल्म में १९९० के कुवैत-इराक युद्ध के दौरान कुवैत में फंसे भारतीयों को हवाई मार्ग से बाहर निकाले जाने की घटना का चित्रण किया गया है। इस फिल्म में अक्षय कुमार एक कुवैती भारतीय व्यापारी रंजीत कत्याल का रोल कर रहे हैं तथा लंचबॉक्स की नायिका निमृत कौर उनकी पत्नी अमृता बनी हैं। निर्देशक राम माधवानी की १९ फरवरी को रिलीज़ हो रही बायोपिक ड्रामा फिल्म 'नीरजा' में अभिनेत्री सोनम कपूर ५ सितम्बर १९८६ को भारत की मुंबई- न्यू यॉर्क फ्लाइट को अपहृत कर कराची ले जाए गए यात्री बंधकों को बचाने के प्रयास में मारी गई एयर होस्टेस नीरजा भनोट का किरदार कर रही हैं। हंसल मेहता निर्देशित फिल्म 'अलीगढ' अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मराठी भाषा के प्रोफेसर डॉक्टर श्रीनवास रामचन्द्र सिरस पर केंद्रित है, जिसे समलैंगिक सम्बन्ध रखने के कारण निलंबित कर दिया गया था। बाद में वह संदेहास्पद परिस्थिति में मृत पाया गया। सिरस के किरदार को मनोज बाजपेई कर रहे हैं। टोनी डिसूजा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन पर बायोपिक फिल्म 'अज़हर' का निर्देशन कर रहे हैं। अज़हर के जीवन पर १३ मई को रिलीज़ होने जा रही इस फिल्म 'अजहर' में मोहम्मद अज़हरुद्दीन का किरदार सीरियल किसर अभिनेता इमरान हाशमी कर रहे हैं। वहीँ नीरज पाण्डेय भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर बायोपिक फिल्म 'धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' बना रहे हैं। इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत धोनी का किरदार कर रहे हैं। ओमग कुमार की फिल्म 'सरबजीत' पाकिस्तान की जेल में मारे गए भारतीय बंदी सरबजीत और उसे छुड़ाने के लिए उसकी बहन दलबीर के संघर्ष की कहानी है। २० मई को रिलीज़ होने जा रही इस फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन दलबीर का किरदार कर रही हैं। सरबजीत का किरदार रणदीप हूडा कर रहे हैं। नितेश तिवारी के निर्देशन में आमिर खान हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगट का किरदार कर रहे हैं। कामनवेल्थ गेम्स में कुश्ती के स्वर्ण और रजत पदक पाने वाली बेटियों गीता फोगट और बबिता फोगट का किरदार फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा कर रही हैं। साक्षी तंवर महावीर फोगट की पत्नी दया कौर के किरदार में हैं।
रियल लाइफ पर फ़िल्में क्यों ? - हॉलीवुड
सवाल उठना ही चाहिए कि वास्तविक घटना और किरदारों पर फ़िल्में क्यों बनाई जानी चाहियें ? हॉलीवुड में बहुत सी बायोपिक या वास्तविक घटनों पर फ़िल्में बनाई गई हैं। कुख्यात वाटरगेट कांड पर आल द प्रेसिडेंटस मेन, वियतनाम वॉर पर बॉर्न ऑन द फोर्थ ऑफ़ जुलाई, सेरिब्रल पल्सी से ग्रस्त लेखक क्रिस्टी ब्राउन पर माय लेफ्ट फुट, जर्मन कैंप में हजारों कैदियों को बचाने वाले ओस्कर शिंडलर पर शिंडलर्स लिस्ट, १९७० में नासा के चाँद पर रेस्क्यू मिशन पर फिल्म अपोलो १३, सिगरेट बनाने वाली अपनी ही कंपनी के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले जेफ्री विगंड पर फिल्म द इनसाइडर, गाँव वालो को प्रदूषित पानी पिलाने वाली कंपनी से मुआवज़ा दिलवाने वाली वकील एरिन ब्रोकोविच पर फिल्म एरिन ब्रोकोविच, आदि कुछ फ़िल्में केवल उदहारणस्वरुप ही हैं। ऎसी सैकड़ों फ़िल्में हॉलीवुड ने बनाई हैं। इन फिल्मों का उद्देश्य खोजपरक तथ्य जनता के सामने रखना या इन घटनाओं से सबक दर्शाना होता है।
रियल लाइफ पर फ़िल्में क्यों ? - बॉलीवुड
बॉलीवुड ऐसा कोई इसरार नहीं करता। प्रेरणादाई अथवा तथ्यात्मक फिल्मों के लिहाज़ से बॉलीवुड हॉलीवुड के आस पास तक नहीं। अन्यथा, वह अपने स्वतंत्रता सेनानियों पर अच्छी फ़िल्में बनाता। भगत सिंह, चन्द्र शेखर आज़ाद, सुभाष चन्द्र बोस, आदि सेनानी चरित्रों पर जो फ़िल्में बनी है, वह ज़्यादातर एक्शन या स्टंट को ध्यान में रख कर बनाई गई। अंदरूनी तथ्यों उकेरने वाली तलवार जैसी जो कोशिशें की भी गई हैं, वह बॉक्स ऑफिस को ध्यान में रख कर ही की गई। विशाल भरद्वाज की फिल्म 'हैदर' कश्मीर की स्थिति का एकतरफा चित्रण करने वाली फिल्म थी, जिसमे कश्मीरियों को मासूम दिखाने के चक्कर में आर्मी को कटघरे में खड़ा कर दिया गया था। इधर जो बायोपिक या रियल घटनों पर फ़िल्में प्रदर्शित होने जा रही हैं, वह किस लिहाज़ से खोजपरक या प्रेरणादायक हैं, इसकी जानकारी फिल्म रिलीज़ होने के बाद ही होगी।
सबसे बड़ा सवाल ???
सबसे बड़ा सवाल प्रामाणिकता का है। क्या तथ्यों के लिहाज़ से यह फ़िल्में प्रामाणिक बन पाएंगी ? क्या इनके चरित्र रियल लाइफ और स्वाभाविक बन पाएंगे ? प्रमाणिकता की बात करें तो हिंदी फ़िल्में हमेशा विवादित होती रही हैं। अब चाहे वह ऐतिहासिक जोधा अकबर हो या बाजीराव मस्तानी, तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने का आरोप हमेशा ही लगता रहा है। लेकिन, पीरियड फिल्मों या वास्तविक घटनाओं पर बनी फिल्मों के साथ तथ्यों का ख़ास महत्व होता है। इसके अलावा किरदार कितने वास्तविक बन पड़े हैं, यह भी मायने रखता है। अपने किरदार के अनुरूप खुद को ढालने की जिम्मेदारी एक्टर्स पर होती है। क्या हमारे एक्टर इम्तिहान में खरे उतरते हैं या उतरेंगे ? आइये रिलीज़ होने जा रही फिल्मों के सन्दर्भ में इसे परखते हैं।
एयरलिफ्ट- इस फिल्म में अक्षय कुमार को रंजीत कत्याल नज़र आना है। रंजीत कत्याल भारतीयों के लिहाज़ से बहुत जाना पहचाना नहीं। लेकिन, अक्षय कुमार को खुद की इमेज से उबरना होगा। उन्होंने बेबी या हॉलिडे में जो किरदार किये थे, वह एक्शन ओरिएंटेड थे। अक्षय कुमार पर ऐसे किरदार फबते हैं। लेकिन, रंजीत कत्याल एक साधारण इंसान है, जो असाधारण काम करने के लिए जाना जाता है। देखना होगा कि वह इस साधारण किरदार को कितना असाधारण बना पाते हैं ! इस लिहाज़ से उनकी पत्नी के किरदार में निमृत कौर का काम आसान होगा।
नीरजा- एयर होस्टेस के किरदार को सोनम कपूर के लिहाज़ से टेलर मेड कहना ठीक होगा। सोनम कपूर स्टाइल आइकॉन हैं। उन्होंने एयर होस्टेस को काफी नज़दीकी से देखा होगा। वह नीरजा के किरदार को गेटअप के लिहाज़ से आसानी से कर ले जाएंगी। उनकी सही मायनों में परीक्षा होगी प्लेन हाईजैक के बाद के मानसिक और शारीरिक तनाव को अपने चेहरे और बॉडी लैंग्वेज से प्रदर्शित करना । यह काम उनके लिए बहुत आसान नहीं होगा।
अलीगढ- हंसल मेहता ने श्रीनिवास रामचन्द्र सिरस के किरदार के लिए मनोज बाजपेई का चयन सबसे बेहतर किया है । सत्य के भीखू म्हात्रे, शूल के इंस्पेक्टर समर प्रताप सिंह, पिंजर के राशिद, एलओसी कारगिल के ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव, आदि मनोज बाजपेई की करैक्टर की स्किन में घुस जाने की क्षमता के प्रमाण हैं। इसलिए, उनसे उम्मीद की ही जानी चाहिए।
अज़हर- इस फिल्म में मोहम्मद अज़हरुद्दीन के किरदार में इमरान हाशमी कमज़ोर कड़ी साबित हो सकते हैं। इमरान एक कमज़ोर अभिनेता हैं। उनकी ख़ास इमेज हैं। अगर टोनी डिसूज़ा ने इस फिल्म में अज़हर के निजी जीवन और फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद अज़हर की ज़िन्दगी को ज़रा भी नज़दीक से दिखाया होगा तो इमरान हाश्मी के फिसलने का खतरा है। अन्य किरदारों में प्राची देसाई अज़हर की पहली पत्नी नौरीन, नर्गिस फाखरी फिल्म एक्ट्रेस और अज़हर की दूसरी पत्नी संगीता बिजलानी के किरदार में होंगी। इन चरित्रों में इनके एक्टरों की परख होगी ही।
सरबजीत- ओमंग कुमार ने मैरी कॉम में प्रियंका चोपड़ा से बढ़िया काम कराया था। सरबजीत में वह वैसा ही काम दलबीर कौर की भूमिका में ऐश्वर्या राय बच्चन से करा पाएंगे, इसे दर्शक देखना चाहेंगे। इस किरदार में ऐश्वर्या राय के एक्टर की कड़ी परीक्षा होगी।
धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी- नीरज पाण्डेय की इस फिल्म में धोनी का रोल सुशांत सिंह राजपूत कर रहे हैं। वह सक्षम अभिनेता हैं। लेकिन, किसी रियल लाइफ किरदार में यह उनकी पहली परीक्षा है। उनसे उम्मीद की जा सकती है।
दंगल- आमिर खान ने अब तक की अपनी तमाम फिल्मों में चरित्रों को स्वाभाविक रखा है। लेकिन, दंगल इस लिहाज़ से अलग है कि यह वास्तविक चरित्र है। एक साधारण इंसान के असाधारण व्यक्तित्व को आमिर खान कितनी आसानी से कर पाएंगे, यह तभी हो पायेगा जब वह खुद को हरियाणा का एक साधारण पहलवान जैसा पेश कर सकें। क्या आमिर खान का सुपर स्टार इतना साधारण बन पायेगा ?
बायोपिक या वास्तविक घटनाओं पर फिल्मों को सशक्त स्क्रिप्ट की दरकार होती है। अगर स्क्रिप्ट सशक्त है तो एक्टर का काम आसान हो जाता है। लेकिन, इसके बावजूद एक्टर के किरदार में घुसने की क्षमता की परीक्षा होती है। तभी वह खुद को उस किरदार के योग्य बना पाता है। ऐसी सशक्त फ़िल्में हिंदी दर्शक देखना पसंद करता है।
राजेंद्र कांडपाल
रियल लाइफ पर फ़िल्में क्यों ? - हॉलीवुड
सवाल उठना ही चाहिए कि वास्तविक घटना और किरदारों पर फ़िल्में क्यों बनाई जानी चाहियें ? हॉलीवुड में बहुत सी बायोपिक या वास्तविक घटनों पर फ़िल्में बनाई गई हैं। कुख्यात वाटरगेट कांड पर आल द प्रेसिडेंटस मेन, वियतनाम वॉर पर बॉर्न ऑन द फोर्थ ऑफ़ जुलाई, सेरिब्रल पल्सी से ग्रस्त लेखक क्रिस्टी ब्राउन पर माय लेफ्ट फुट, जर्मन कैंप में हजारों कैदियों को बचाने वाले ओस्कर शिंडलर पर शिंडलर्स लिस्ट, १९७० में नासा के चाँद पर रेस्क्यू मिशन पर फिल्म अपोलो १३, सिगरेट बनाने वाली अपनी ही कंपनी के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले जेफ्री विगंड पर फिल्म द इनसाइडर, गाँव वालो को प्रदूषित पानी पिलाने वाली कंपनी से मुआवज़ा दिलवाने वाली वकील एरिन ब्रोकोविच पर फिल्म एरिन ब्रोकोविच, आदि कुछ फ़िल्में केवल उदहारणस्वरुप ही हैं। ऎसी सैकड़ों फ़िल्में हॉलीवुड ने बनाई हैं। इन फिल्मों का उद्देश्य खोजपरक तथ्य जनता के सामने रखना या इन घटनाओं से सबक दर्शाना होता है।
रियल लाइफ पर फ़िल्में क्यों ? - बॉलीवुड
बॉलीवुड ऐसा कोई इसरार नहीं करता। प्रेरणादाई अथवा तथ्यात्मक फिल्मों के लिहाज़ से बॉलीवुड हॉलीवुड के आस पास तक नहीं। अन्यथा, वह अपने स्वतंत्रता सेनानियों पर अच्छी फ़िल्में बनाता। भगत सिंह, चन्द्र शेखर आज़ाद, सुभाष चन्द्र बोस, आदि सेनानी चरित्रों पर जो फ़िल्में बनी है, वह ज़्यादातर एक्शन या स्टंट को ध्यान में रख कर बनाई गई। अंदरूनी तथ्यों उकेरने वाली तलवार जैसी जो कोशिशें की भी गई हैं, वह बॉक्स ऑफिस को ध्यान में रख कर ही की गई। विशाल भरद्वाज की फिल्म 'हैदर' कश्मीर की स्थिति का एकतरफा चित्रण करने वाली फिल्म थी, जिसमे कश्मीरियों को मासूम दिखाने के चक्कर में आर्मी को कटघरे में खड़ा कर दिया गया था। इधर जो बायोपिक या रियल घटनों पर फ़िल्में प्रदर्शित होने जा रही हैं, वह किस लिहाज़ से खोजपरक या प्रेरणादायक हैं, इसकी जानकारी फिल्म रिलीज़ होने के बाद ही होगी।
सबसे बड़ा सवाल ???
सबसे बड़ा सवाल प्रामाणिकता का है। क्या तथ्यों के लिहाज़ से यह फ़िल्में प्रामाणिक बन पाएंगी ? क्या इनके चरित्र रियल लाइफ और स्वाभाविक बन पाएंगे ? प्रमाणिकता की बात करें तो हिंदी फ़िल्में हमेशा विवादित होती रही हैं। अब चाहे वह ऐतिहासिक जोधा अकबर हो या बाजीराव मस्तानी, तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने का आरोप हमेशा ही लगता रहा है। लेकिन, पीरियड फिल्मों या वास्तविक घटनाओं पर बनी फिल्मों के साथ तथ्यों का ख़ास महत्व होता है। इसके अलावा किरदार कितने वास्तविक बन पड़े हैं, यह भी मायने रखता है। अपने किरदार के अनुरूप खुद को ढालने की जिम्मेदारी एक्टर्स पर होती है। क्या हमारे एक्टर इम्तिहान में खरे उतरते हैं या उतरेंगे ? आइये रिलीज़ होने जा रही फिल्मों के सन्दर्भ में इसे परखते हैं।
एयरलिफ्ट- इस फिल्म में अक्षय कुमार को रंजीत कत्याल नज़र आना है। रंजीत कत्याल भारतीयों के लिहाज़ से बहुत जाना पहचाना नहीं। लेकिन, अक्षय कुमार को खुद की इमेज से उबरना होगा। उन्होंने बेबी या हॉलिडे में जो किरदार किये थे, वह एक्शन ओरिएंटेड थे। अक्षय कुमार पर ऐसे किरदार फबते हैं। लेकिन, रंजीत कत्याल एक साधारण इंसान है, जो असाधारण काम करने के लिए जाना जाता है। देखना होगा कि वह इस साधारण किरदार को कितना असाधारण बना पाते हैं ! इस लिहाज़ से उनकी पत्नी के किरदार में निमृत कौर का काम आसान होगा।
नीरजा- एयर होस्टेस के किरदार को सोनम कपूर के लिहाज़ से टेलर मेड कहना ठीक होगा। सोनम कपूर स्टाइल आइकॉन हैं। उन्होंने एयर होस्टेस को काफी नज़दीकी से देखा होगा। वह नीरजा के किरदार को गेटअप के लिहाज़ से आसानी से कर ले जाएंगी। उनकी सही मायनों में परीक्षा होगी प्लेन हाईजैक के बाद के मानसिक और शारीरिक तनाव को अपने चेहरे और बॉडी लैंग्वेज से प्रदर्शित करना । यह काम उनके लिए बहुत आसान नहीं होगा।
अलीगढ- हंसल मेहता ने श्रीनिवास रामचन्द्र सिरस के किरदार के लिए मनोज बाजपेई का चयन सबसे बेहतर किया है । सत्य के भीखू म्हात्रे, शूल के इंस्पेक्टर समर प्रताप सिंह, पिंजर के राशिद, एलओसी कारगिल के ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव, आदि मनोज बाजपेई की करैक्टर की स्किन में घुस जाने की क्षमता के प्रमाण हैं। इसलिए, उनसे उम्मीद की ही जानी चाहिए।
अज़हर- इस फिल्म में मोहम्मद अज़हरुद्दीन के किरदार में इमरान हाशमी कमज़ोर कड़ी साबित हो सकते हैं। इमरान एक कमज़ोर अभिनेता हैं। उनकी ख़ास इमेज हैं। अगर टोनी डिसूज़ा ने इस फिल्म में अज़हर के निजी जीवन और फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद अज़हर की ज़िन्दगी को ज़रा भी नज़दीक से दिखाया होगा तो इमरान हाश्मी के फिसलने का खतरा है। अन्य किरदारों में प्राची देसाई अज़हर की पहली पत्नी नौरीन, नर्गिस फाखरी फिल्म एक्ट्रेस और अज़हर की दूसरी पत्नी संगीता बिजलानी के किरदार में होंगी। इन चरित्रों में इनके एक्टरों की परख होगी ही।
सरबजीत- ओमंग कुमार ने मैरी कॉम में प्रियंका चोपड़ा से बढ़िया काम कराया था। सरबजीत में वह वैसा ही काम दलबीर कौर की भूमिका में ऐश्वर्या राय बच्चन से करा पाएंगे, इसे दर्शक देखना चाहेंगे। इस किरदार में ऐश्वर्या राय के एक्टर की कड़ी परीक्षा होगी।
धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी- नीरज पाण्डेय की इस फिल्म में धोनी का रोल सुशांत सिंह राजपूत कर रहे हैं। वह सक्षम अभिनेता हैं। लेकिन, किसी रियल लाइफ किरदार में यह उनकी पहली परीक्षा है। उनसे उम्मीद की जा सकती है।
दंगल- आमिर खान ने अब तक की अपनी तमाम फिल्मों में चरित्रों को स्वाभाविक रखा है। लेकिन, दंगल इस लिहाज़ से अलग है कि यह वास्तविक चरित्र है। एक साधारण इंसान के असाधारण व्यक्तित्व को आमिर खान कितनी आसानी से कर पाएंगे, यह तभी हो पायेगा जब वह खुद को हरियाणा का एक साधारण पहलवान जैसा पेश कर सकें। क्या आमिर खान का सुपर स्टार इतना साधारण बन पायेगा ?
बायोपिक या वास्तविक घटनाओं पर फिल्मों को सशक्त स्क्रिप्ट की दरकार होती है। अगर स्क्रिप्ट सशक्त है तो एक्टर का काम आसान हो जाता है। लेकिन, इसके बावजूद एक्टर के किरदार में घुसने की क्षमता की परीक्षा होती है। तभी वह खुद को उस किरदार के योग्य बना पाता है। ऐसी सशक्त फ़िल्में हिंदी दर्शक देखना पसंद करता है।
राजेंद्र कांडपाल
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 15 January 2016
हैरी पॉटर के प्रोफेसर सेवेरस स्नेप नहीं रहे !
हैरी पॉटर सीरीज की फिल्मों के प्रोफेसर सेवेरस स्नेप के किरदार को बड़े परदे पर सजीव कर देने वाले ब्रितानी अभिनेता एलन रिकमैन का गुरुवार को निधन हो गया। वह ६९ वर्ष के थे। २१ फरवरी १९४६ को लंदन में जन्मे रिकमैन को आज की पीढ़ी हैरी पॉटर की फिल्मों के आधे जादूगर प्रोफेसर सेवेरस के किरदार से ही पहचानती है। उन्होंने इस किरदार को २००१ में पहली फिल्म हैरी पॉटर एंड द सोरसररस स्टोन में किया था। उसके बाद वह लगातार हर फिल्म में इस किरदार को लगातार १२ साल और आठ फिल्मो तक करते चले गए। हर फिल्म के साथ एलन का प्रोफेसर का किरदार विलेन होते हुए भी हीरो साबित होता था। एलन ने नाटकों से अपने करियर की शुरुआत की। ब्रॉडवे ले लिएसोंस डेंजरसेस से उन्होंने अमेरिकी दर्शकों का ध्यान खींचा। लेकिन, इस ब्रॉडवे के फिल्म संस्करण में उन्हें नहीं चुना गया। हालाँकि, इस के लिए उन्हें टोनी अवार्ड में नॉमिनेट किया गया था। रिकमैन ने तुरंत अपना रास्ता बदला। वह डाई हार्ड फिल्म में ब्रूस विलिस के नृशंस और तिरस्कारपूर्ण विरोधी हान्स ग्रूबर के किरदार में नज़र आये। उन्हें यह रोल लॉस एंजेल्स आने के दो दिन बाद ही मिल गया था। ग्रूबर के किरदार को रिकमैन ने अपनी अभिनय क्षमता के बल पर यादगार विलेन बना दिया। उनका यह किरदार हॉलीवुड में विलेन बनने के इच्छुक अभिनेताओं के लिए पाठ की तरह है। उन्होंने रोबिन हुड : प्रिंस ऑफ़ थीव्स फिल्म में नाटिंघम के बेरहम शेरिफ में दूसरी बार खुद को बुरे किरदारों के लिए बढ़िया अभिनेता साबित किया। एचबीओ की फिल्म रासपुतिन में उनके केंद्रीय किरदार में भी नेगेटिव शेड थे। लेकिन, उनमे हीरो बनने की क्षमता भी थी और व्यक्तित्व भी था। १९९१ में रिलीज़ एंथोनी मिंघेला की सुपरनैचुरल रोमांस फिल्म ट्रूली, मैडली डीपली में वह जूलिएट स्टीवेंसन के साथ रोमांस कर रहे थे। सेंस एंड सेंसिबिलिटी के कर्नल ब्रैंडन के किरदार में वह उतनी ही प्रतिष्ठित और समझदार नज़र आये। इस फिल्म को एमा थॉम्पसन ने लिखा था और अभिनय किया था। एलन ने एमा थॉम्पसन के साथ कई फ़िल्में की। रिलीज़ फिल्म लव, एक्चुअली में यह दोनों पति पत्नी के किरदार में थे। एलन ने कोई ६८ फिल्मों, टीवी सीरीज और शार्ट फिल्म में अभिनय किया। २०१५ में उनकी फिल्म ऑय इन द स्काई मे लेफ्टिनेंट जनरल फ्रैंक बेंसोन में उनके किरदार को काफी पसंद किया गया। उन्होंने ली डेनियल्स की फिल्म द बटलर में रोनाल्ड रीगन का किरदार किया था। आखिरी फिल्म ऐलिस थ्रू द लुकिंग ग्लास में उन्होंने ब्लू कैटरपिलर को आवाज़ दी है। रिकमैन को कभी ऑस्कर नहीं मिला। हालाँकि, उन्होेने एक गोल्डन ग्लोब, एमी अवार्ड्स जीते। लेकिन, इससे वह ज़रा भी विचलित नहीं थे। उनका कहना था, "एक्टर नहीं, उनके किरदार अवार्ड जीतते हैं।" श्रद्धांजलि।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
एक नए अवतार में अक्षय कुमार !
अक्षय कुमार फिर खिलाडी कुमार बन गए लगते हैं। १९८७ में राखी और शांतिप्रिया के साथ फिल्म सौगंध से अपने फिल्म कैरियर की शुरुआत करने वाले अक्षय कुमार हिंदी फिल्मों के एक्शन कुमार बने हिंदी फिल्म 'खिलाड़ी' से। हालाँकि, अब्बास मुस्तान निर्देशित यह फिल्म थ्रिलर थी। खिलाड़ी के बाद अक्षय कुमार ने खिलाड़ी सीरीज की फ़िल्में की और खुद को एक्शन का खिलाड़ी साबित किया। एक समय अपनी एक्शन कॉमेडी या रोमांस कॉमेडी फिल्मों से अक्षय कुमार बॉलीवुड पर छा गए। २००७ में एक के बाद एक चार हिट फ़िल्में नमस्ते लंदन, हे बेबी, भूल भुलैया और वेलकम दी। आज भी उनकी साल में कम से कम तीन चार फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं। पिछले साल उनकी चार फ़िल्में बेबी, गब्बर इज बैक, ब्रदर्स और सिंह इज़ ब्लिंग रिलीज़ हुई। इस साल उनकी दो फ़िल्में 'एयरलिफ्ट' और 'हाउसफुल ३' रिलीज़ होनी हैं। लेकिन, पिछले साल और इस साल के शुरू में उनकी तीन नई फिल्मों का ऐलान हो चुका है। दिलचस्प तथ्य यह है कि अक्षय कुमार पर अब खिलाडी कुमार या एक्शन कुमार का टैग नहीं लगा है। वह भिन्न विषयों पर दिलचस्प और मनोरंजक फ़िल्में कर रहे हैं। पिछले साल रिलीज़ बेबी आतंकवादियों के खिलाफ थी तो गब्बर इज़ बैक भ्रष्टाचार के विरुद्ध जेहाद छेड़ने वाली फिल्म थी। ब्रदर्स दो बॉक्सर भाइयों की मार्मिक कहानी थी। अभी २२ जनवरी रिलीज़ होने जा रही निर्देशक राजा कृष्ण मेनन की फिल्म 'एयरलिफ्ट' कुवैती व्यापारी रंजीत कत्याल के युद्धग्रस्त कुवैत से १ लाख ७७ हजार भारतीयों को निकलने में मदद करने की साहसिक कहानी है। हॉउसफुल ३ कॉमेडी फिल्म है। वह रजनीकांत की फिल्म रोबोट या २.० में बुरा किरदार कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि १९५० के दशक की फिल्म रुस्तम में अक्षय कुमार बिलकुल अलग किरदार में होंगे। वह साउथ की हिट फिल्म ए आर मुरुगोदास निर्देशित तमिल फिल्म कट्ठी के हिंदी रीमेक इक्का में दोहरी भूमिका करेंगे। किसानों की आत्महत्या पर केंद्रित इक्का में अक्षय कुमार एक ठग और एक हाइड्रोलॉजिस्ट के किरदार में होंगे। लेकिन, इन सभी फिल्मों की शूटिंग एयरलिफ्ट के रिलीज़ होने, हॉउसफुल ३ को पूरा करने के बाद होगी। लेकिन, पहला नंबर रुस्तम, फिर रोबोट २ या २.० और फिर नमस्ते इंग्लैंड का होगा।
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Thursday, 14 January 2016
२०१६ के ऑस्कर पुरस्कारों के नामांकन घोषित
आज ऑस्कर अवार्ड्स के लिए नामांकनों का ऐलान कर दिया गया। ऑस्कर अकैडमी के सैमुएल गोल्ड्वीन थिएटर में डायरेक्टर गुइलेरमो डेल टोरो एंड आंग ली और एक्टर जॉन क्रासिंस्की के साथ अकादमी के प्रेजिडेंट चेरिल बून ने गुरुवार (थर्सडे) की सुबह इन पुरस्कारों की घोषणा की। निम्नलिखित श्रेणियों में नामांकन की सूचि-
श्रेष्ठ फिल्म
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
स्पॉटलाइट
द रेवनैंट
मैड मैक्स: फरी रोड
द बिग शार्ट
ब्रुकलिन
रूम
द मर्शियन
मुख्य नायक
लिओनार्डो डिकेप्रिओ, द रेवनैंट
मैट डैमन, द मर्शियन
माइकल फॉस्बेंडर, स्टीव जॉब्स
ब्रयान क्रांस्टन, ट्रुम्बो
एड्डी रेडमैन, द डेनिश गर्ल
मुख्य नायिका
ब्री लार्सन, रूम
सेओइर्स रोनन, ब्रुकलिन
केट ब्लैंचेट, कैरोल
जेनिफर लॉरेंस, जॉय
चार्लोट रॅम्पलिंग, ४५ इयर्स
निर्देशक
अलेजैंड्रो इनारुचि, द रेवनैंट
जॉर्ज मिलर, मैड मैक्स: फरी रोड
टॉम मैककार्थी, स्पॉटलाइट
एडम मैकाय, द बिग शार्ट
लेंनी अब्राहम्सन, रूम
सह नायिका
रूनी मारा, कैरोल
जेनिफर जैसन लेह, द हेटफुल एट
अलिसिआ विकंदर, द डेनिश गर्ल
केट विंसलेट, स्टीव जॉब्स रेचल मैकएडम्स, स्पॉटलाइट
सह नायक
सीलवेस्टर स्टैलोन, क्रीड
मार्क रयलन्स, ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
मार्क रफ़ेलो, स्पॉटलाइट
क्रिस्चियन बेल, द बिग शार्ट
टॉम हार्डी, द रेवनैंट
विदेशी भाषा की फिल्म
सन ऑफ़ सॉल
मस्टंग
अ वॉर
एम्ब्रस ऑफ़ द सर्पेंट
थीब
मौलिक गीत
अर्न्ड इट, फिफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे
मंटा रे, रेसिंग एक्सटिंक्शन
सिंपल सांग # ३, यूथ
टिल इट हैपनस टू यू, द हंटिंग ग्राउंड
राइटिंगस ऑन द वॉल स्पेक्ट्र
पटकथा रूपांतरण
कैरोल
द बिग शार्ट
ब्रुकलिन
द मर्शियन
रूम
मौलिक पटकथा
स्पॉटलाइट
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
एक्स मशीना
स्ट्रैट ऑउटा कॉम्पटन
इनसाइड आउट
ओरिजिनल स्कोर
द हेटफूल एट
सिकरिओ
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
कैरोल
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
फिल्म संपादन
द रेवनैंट
मैड मैक्स: फरी रोड
स्पॉटलाइट
द बिग शार्ट
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
प्रोडक्शन डिज़ाइन
मैड मैक्स: फरी रोड
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
द मर्शियन
द डेनिश गर्ल
द रेवनैंट
दृश्य प्रभाव (विज़ुअल इफेक्ट्स)
मैड मैक्स: फरी रोड
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
द रेवनैंट
द मर्शियन
एक्स मशीना
सिनेमेटोग्राफी
कैरोल
द हेटफुल एट
मैड मैक्स: फरी रोड
रेवनैंट
सिकारिओ
डाक्यूमेंट्री शार्ट
बॉडी टीम १२
चाउ, बियॉन्ड द लाइन्स
क्लॉड लैंज़मैन: स्पेक्ट्रस ऑफ़ द शोआह
अ गर्ल इन द रिवर : द प्राइस ऑफ़ फॉरगिवनेस
लास्ट डे ऑफ़ फ्रीडम
कॉस्ट्यूम डिज़ाइन
कैरोल
सिंड्रेला
द डेनिश गर्ल
मैड मैक्स : फरी रोड
द रेवनैंट
साउंड एडिटिंग
मैड मैक्स : फरी रोड
द मर्शियन
द रेवनैंट
सेकरिओ
स्टार वार्स : द फ़ोर्स अवकेंस
साउंड मिक्सिंग
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
मैड मैक्स : फरी रोड
द मर्शियन
द रेवनैंट
स्टार वार्स : द फ़ोर्स अवकेंस
मेकअप और हेयर स्टाइलिंग
मैड मैक्स: फरी रोड
द १०० ईयर ओल्ड मैन क्लाइंबड आउट अ विंडो एंड डिसअपीयर्ड
द रेवनैंट
लाइव एक्शन शार्ट फिल्म
एव मारिया
डे वन
एवरीथिंग विल बी ओके (अलेस विर्ड गुट)
शॉक
स्टटर
एनिमेटेड शॉर्ट
बेयर स्टोरी
प्रोलॉग
संजय'ज सुपर टीम
वी कैन नॉट लिव विथआउट कॉसमॉस
वर्ल्ड ऑफ़ टुमारो
एनिमेटेड फीचर फिल्म
अनोमलिसा
बॉय एंड द वर्ल्ड
इनसाइड आउट
शॉन द शीप मूवी
व्हेन मरीन्स वाज़ देअर
श्रेष्ठ फिल्म
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
स्पॉटलाइट
द रेवनैंट
मैड मैक्स: फरी रोड
द बिग शार्ट
ब्रुकलिन
रूम
द मर्शियन
मुख्य नायक
लिओनार्डो डिकेप्रिओ, द रेवनैंट
मैट डैमन, द मर्शियन
माइकल फॉस्बेंडर, स्टीव जॉब्स
ब्रयान क्रांस्टन, ट्रुम्बो
एड्डी रेडमैन, द डेनिश गर्ल
मुख्य नायिका
ब्री लार्सन, रूम
सेओइर्स रोनन, ब्रुकलिन
केट ब्लैंचेट, कैरोल
जेनिफर लॉरेंस, जॉय
चार्लोट रॅम्पलिंग, ४५ इयर्स
निर्देशक
अलेजैंड्रो इनारुचि, द रेवनैंट
जॉर्ज मिलर, मैड मैक्स: फरी रोड
टॉम मैककार्थी, स्पॉटलाइट
एडम मैकाय, द बिग शार्ट
लेंनी अब्राहम्सन, रूम
सह नायिका
रूनी मारा, कैरोल
जेनिफर जैसन लेह, द हेटफुल एट
अलिसिआ विकंदर, द डेनिश गर्ल
केट विंसलेट, स्टीव जॉब्स रेचल मैकएडम्स, स्पॉटलाइट
सह नायक
सीलवेस्टर स्टैलोन, क्रीड
मार्क रयलन्स, ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
मार्क रफ़ेलो, स्पॉटलाइट
क्रिस्चियन बेल, द बिग शार्ट
टॉम हार्डी, द रेवनैंट
विदेशी भाषा की फिल्म
सन ऑफ़ सॉल
मस्टंग
अ वॉर
एम्ब्रस ऑफ़ द सर्पेंट
थीब
मौलिक गीत
अर्न्ड इट, फिफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे
मंटा रे, रेसिंग एक्सटिंक्शन
सिंपल सांग # ३, यूथ
टिल इट हैपनस टू यू, द हंटिंग ग्राउंड
राइटिंगस ऑन द वॉल स्पेक्ट्र
पटकथा रूपांतरण
कैरोल
द बिग शार्ट
ब्रुकलिन
द मर्शियन
रूम
मौलिक पटकथा
स्पॉटलाइट
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
एक्स मशीना
स्ट्रैट ऑउटा कॉम्पटन
इनसाइड आउट
ओरिजिनल स्कोर
द हेटफूल एट
सिकरिओ
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
कैरोल
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
फिल्म संपादन
द रेवनैंट
मैड मैक्स: फरी रोड
स्पॉटलाइट
द बिग शार्ट
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
प्रोडक्शन डिज़ाइन
मैड मैक्स: फरी रोड
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
द मर्शियन
द डेनिश गर्ल
द रेवनैंट
दृश्य प्रभाव (विज़ुअल इफेक्ट्स)
मैड मैक्स: फरी रोड
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
द रेवनैंट
द मर्शियन
एक्स मशीना
सिनेमेटोग्राफी
कैरोल
द हेटफुल एट
मैड मैक्स: फरी रोड
रेवनैंट
सिकारिओ
डाक्यूमेंट्री शार्ट
बॉडी टीम १२
चाउ, बियॉन्ड द लाइन्स
क्लॉड लैंज़मैन: स्पेक्ट्रस ऑफ़ द शोआह
अ गर्ल इन द रिवर : द प्राइस ऑफ़ फॉरगिवनेस
लास्ट डे ऑफ़ फ्रीडम
कॉस्ट्यूम डिज़ाइन
कैरोल
सिंड्रेला
द डेनिश गर्ल
मैड मैक्स : फरी रोड
द रेवनैंट
साउंड एडिटिंग
मैड मैक्स : फरी रोड
द मर्शियन
द रेवनैंट
सेकरिओ
स्टार वार्स : द फ़ोर्स अवकेंस
साउंड मिक्सिंग
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
मैड मैक्स : फरी रोड
द मर्शियन
द रेवनैंट
स्टार वार्स : द फ़ोर्स अवकेंस
मेकअप और हेयर स्टाइलिंग
मैड मैक्स: फरी रोड
द १०० ईयर ओल्ड मैन क्लाइंबड आउट अ विंडो एंड डिसअपीयर्ड
द रेवनैंट
लाइव एक्शन शार्ट फिल्म
एव मारिया
डे वन
एवरीथिंग विल बी ओके (अलेस विर्ड गुट)
शॉक
स्टटर
एनिमेटेड शॉर्ट
बेयर स्टोरी
प्रोलॉग
संजय'ज सुपर टीम
वी कैन नॉट लिव विथआउट कॉसमॉस
वर्ल्ड ऑफ़ टुमारो
एनिमेटेड फीचर फिल्म
अनोमलिसा
बॉय एंड द वर्ल्ड
इनसाइड आउट
शॉन द शीप मूवी
व्हेन मरीन्स वाज़ देअर
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'जय गंगाजल' में प्रियंका चोपड़ा से टकराएंगे मानव कौल
थिएटर आर्टिस्ट मानव कौल को दुष्ट किरदार भाते हैं। बारामुला कश्मीर में जन्मे मानव कौल का ठिकाना होशंगाबाद मध्य प्रदेश है। उन्होंने २००४ में नाट्य समूह 'अरण्य' की स्थापना की। उनके नाटक इल्हाम, पार्क और शक्कर के पांच दाने ख़ास उल्लेखनीय हैं। मोनोलॉग शक्कर के पांच दाने को खूब सराहा गया। मानव कौल ने बतौर एक्टर २००३ में रिलीज़ फंतासी फिल्म 'जजंतरम ममंतरम्' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने दायें या बाएं, १९७१ और आई ऍम जैसी फ़िल्में की। लेकिन उन्हें पहचान मिली अभिषेक कपूर की फिल्म 'काई पो चे' में वाम पंथी राजनीतिक का किरदार किया था। इसके बाद उनकी दो अन्य फ़िल्में 'सिटी लाइट्स' और ' वज़ीर' भी रिलीज़ हो चुकी हैं। इन सभी में उनके किरदारों में निगेटिव शेड थे। अब प्रकाश झा की फिल्म 'जय गंगाजल' में वह दुष्ट नेता बबलू पाण्डेय के किरदार में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा से टकराते नज़र आएंगे। बबलू पाण्डेय का किरदार निगेटिव होने बावजूद प्रभावशाली है। मानव क़ौल के लिए अपनी प्रतिभा का खुल कर प्रदर्शन करने के भरपूर मौके हैं। क्या 'जय गंगाजल' मानव कौल के करियर को कोई खूबसूरत मोड़ दे पायेगी ?
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
इरोटिक थ्रिलर 'अ बिगर स्प्लैश' में टिंडा स्विंटन
लुका गुडानिनो इतालवी फिल्म डायरेक्टर हैं। पैतीस साल के इस डायरेक्टर की फिल्मों की खासियत होती है कि उनकी ज़्यादा फिल्मों में ब्रिटिश एक्ट्रेस टिंडा स्विंटन मुख्य भूमिका में होती हैं। दरअसल, लुका को वर्ल्ड फेम दिलाने वाली फिल्म २००५ में रिलीज़ 'मेलिसा पी' की नायिका टिंडा स्विंटन ही थी। वह टिंडा के साथ 'द प्रोटैगोनिस्ट्स' और 'आई ऍम इन लव' जैसी प्रशंसनीय फ़िल्में बना चुके हैं। लुका हमेशा ऎसी फिल्म बनाने की कोशिश करते हैं, जो ट्रेंड सेटर हों। इस बार वह टिंडा स्विंटन के साथ एक इरोटिक थ्रिलर फिल्म 'अ बिगर स्प्लैश' ले कर आ रहे हैं। अ बिगर स्प्लैश कहानी हैं एक रॉकर मैरियन लेन की, जो अपने प्रेमी पॉल के साथ सुदूर इटली एक आइलैंड में पूल पार्टी मनाने जा रही है, ताकि वह कुछ मौज मस्ती कर अपनी आवाज़ को आराम दे सके । लेकिन, पार्टी में सब कुछ उल्टा पुल्टा हो जाता है, जब उसका पुराना दोस्त और प्रेमी फिल्म निर्माता हैरी हॉक्स अपनी सुन्दर बेटी पेनेलोप के साथ उसे ढूंढता हुआ पहुँच जाता है। अब होता यह है कि टिंडा पुराने रोमांस को याद करने लगती है। उत्तेजना और समर्पण का माहौल बन जाता है। ऐसे में तनाव और मुसीबत पैदा होनी है। इस फिल्म में हैरी का रोल राल्फ फिएंन्स, पेनेलोप का किरदार डकोटा जॉनसन और पॉल का किरदार माथियस शूनार्ट्स कर रहे हैं। यह फिल्म १२ फरवरी को रिलीज़ होगी। इस फिल्म का अक्टूबर में लंदन फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर हो चूका है।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
माइकल बे डायरेक्ट करेंगे 'ट्रांसफार्मर्स ५'
बड़े बजट की फिल्मों से पहचान बनाने वाले माइकल बे ट्रांसफार्मर्स सीरीज की पांचवी फिल्म का निर्देशन करेंगे । पिछले दिनों माइकल बे ने इसका ऐलान किया। माइकल जब भी ट्रांसफार्मर्स सीरीज किसी फिल्म के निर्देशन का ऐलान करते हैं तो लगता है जैसे यह उनकी आखिरी फिल्म होगी। लेकिन, होता यह है कि अगली ट्रांसफार्मर्स के डायरेक्टर की कुर्सी पर भी वही बैठे नज़र आते हैं। अब तक वह मशीन रोबोट पर चार सफल फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। अब तक रिलीज़ चार फिल्मों के निर्माण में ७५५ मिलियन डॉलर का खर्च हुआ है। जबकि, इन चार फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर ३.७६१ बिलियन डॉलर का कलेक्शन किया है। ट्रांसफार्मर्स सीरीज की चौथी फिल्म 'ट्रांसफार्मर्स एज ऑफ़ एक्सटिंक्शन' २७ जून २०१४ को रिलीज़ हुई थी। माइकल की एक एक्शन थ्रिलर फिल्म '१३ ऑवरस: द सीक्रेट सोल्जरस ऑफ़ बेनग़ाज़ी' १५ जनवरी को रिलीज़ होने जा रही है। जहाँ तक ट्रांसफार्मर्स सीरीज के आगे चलने का सवाल है, पैरामाउंट पिक्चर्स काफी उत्साहित है। आर्त मरकम और मैट होलोवे के नेतृत्व में लेखकों की एक फ़ौज़ तैयार रखी गई है। ब्लैक हॉक डाउन के केन नोलन की स्क्रिप्ट पर माइकल बे की पांचवी ट्रांसफार्मर्स फिल्म बनाई जा रही है। बे '१३ ऑवरस' के प्रचार के ख़त्म होने के बाद 'ट्रांसफार्मर्स ५' पर काम शुरू कर र्देंगे। लेकिन, अब वह आगे की ट्रांसफार्मर्स फिल्मों का निर्देशन करना नहीं चाहते। वह कहते हैं, "एक सौ मिलियन दर्शकों तक पहुँचना दिलचस्प होता है। लेकिन, अब बस...या मेरी आखिरी फिल्म है। मैं चाहता हूँ कि ट्रांसफार्मर्स सीरीज की कमान कोई दूसरा सम्हाले। 'ट्रांसफार्मर्स ५' की तारीख अभी तय नहीं है। लेकिन, यह फिल्म २०१७ में रिलीज़ होगी।
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Wednesday, 13 January 2016
पाकिस्तानी किरदार में हिंदुस्तानी दर्शन कुमार
आजकल ओमंग कुमार की फिल्म 'सरबजीत ' की इनडोर शूटिंग मुंबई में चल रही है। इस फिल्म में ओमंग कुमार की पिछली फिल्म 'मैरी कॉम' में मैरी कॉम के पति का किरदार निभाने वाले अभिनेता दर्शन कुमार एक पाकिस्तानी वकील अवैस शैक का किरदार कर रहे हैं। यह अवैस शैक रियल लाइफ में पाकिस्तान की जेल में बंद सरबजीत को रिहा करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देने वाले वकील थे। उन्होंने सरबजीत को इन्साफ दिलाने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन, अपनी कोशिश में सफल हो जाने के बावजूद सरबजीत को ज़िंदा बाहर नहीं ला सके थे। अवैस शैक का किरदार करने वाले दर्शन कुमार के लिए बढ़िया बात यह है कि उन्हें मिस वर्ल्ड प्रियंका चोपड़ा के बाद उनसे सीनियर मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ भी काम करने का मौका मिल रहा है। फिल्म में ऐश्वर्या सरबजीत की बहन दलबीर का किरदार कर रही हैं, जिसने अपने भाई को पाकिस्तानी जेल से छुड़ाने की पुरजोर कोशिश की थी। ज़ाहिर है कि दर्शन कुमार को ऐश्वर्या के साथ काफी सीन मिले होंगे।
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बैड सांता २ में बिली बॉब थॉर्नटन के साथ क्रिस्टीना हेंड्रिकस
मिरामैक्स की जिस फिल्म का लम्बे समय से इंतज़ार था, वह अब पूरा होने को है। निर्माता जॉन कैमरॉन, साराह ऑब्रे और बॉब वेस्टिन की एक क्रिसमस क्रिमिनल ब्लैक कॉमेडी फिल्म 'बैड सांता' रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म का प्रोडक्शन बजट २३ मिलियन डॉलर और इस फिल्म नें बॉक्स ऑफिस ७६.५ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था। यह फिल्म २१ नवंबर २००३ को रिलीज़ हुई थी। अब १३ साल बाद इस फिल्म का सीक्वल बनाये जाने की तैयारी की जा रही है। इस फिल्म में मैड मेन की स्टार क्रिस्टीना हेंड्रिकस को नयी किरदार में जोड़ा गया है। कदाचित वह बैड सांता यानि बिली बॉब थॉर्नटन की प्रेमिका का किरदार करेंगी। २००३ की बैड सांता में बिली ने अपने बौने दोस्त मार्कस यानि टोनी कॉक्स के साथ चोरी करने वाले शातिर चोर विली टी स्टोक्स का किरदार किया था। इस सीक्वल फिल्म में भी दोनों यही किरदार कर रहे हैं। ब्रेट केली भी द किड के किरदार में हैं। अभी यह जानकारी नहीं हो सकी है कि लॉरेन ग्रैहम और लॉरेन टॉम के सुइ और लोइस के किरदार होंगे या नहीं। अभी फिल्म की कहानी के बारे में भी कोई ख़ास जानकारी नहीं है। अलबत्ता, दोनों चोर बिली और मार्कस हर साल की तरह क्रिसमस के दिन किसी शॉपिंग मॉल में चोरी करेंगे। २००३ की फिल्म का निर्देशन टेरी ज़्विगॉफ ने किया था। पर सीक्वल फिल्म का निर्देशन मीन गर्ल्स के मार्क वाटर्स कर रहे हैं। फिल्म की पटकथा डौग एलिन ने लिखा है। क्रिस्टीना हेंड्रिकस पिछले साल ७ अगस्त को चार्लीज थेरॉन के साथ एक मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म 'डार्क प्लेसेज' में देखा गया था। वह टीवी सीरीज के अलावा लॉस्ट रिवर, द पायरेट फेरी, गॉड्स पॉकेट, आदि फ़िल्में भी कर चुकी हैं। वह किआनु रीव्स और एले फैनिंग के साथ 'द नीयन डेमोन' और चार्ली डे और आइस क्यूब के साथ फिल्म 'फिस्ट फाइट' में भी दिखाई देंगी। 'बैड सांता २' की रिलीज़ की तारीख़ २३ नवंबर तय की गई है।
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देसी कट्टे के निर्देशक को नज़र आया मंदना में टैलेंट !
कम से कम मन्दना करीमी के लिए यह खुशखबर होगी कि 'देसी कट्टे' फिल्म के डायरेक्टर आनंद कुमार उनके लुक और टैलेंट से भी प्रभावित हुए है। हालाँकि, हिंदी दर्शकों को मंदाना करीमी का लुक क्या बॉडी ही नज़र आई है। आज कल बिग बॉस का नवां सीजन चल रहा है। मंदाना करीमी अपने बोल्ड अंदाज़ में कायम है। पिछले साल वह दो फिल्मों में नज़र आई थी। इन दोनों की नायिकाएं दूसरी अभिनेत्रियां थी। अर्जुन रामपाल और रणबीर कपूर की फिल्म रॉय में श्रीलंकाई सुंदरी जैक्विलिन फर्नांडीज दोहरी भूमिका में थी। इस फिल्म में यह ईरानियन ब्यूटी जाता रही थी कि शरीर के उतार चढ़ाव के मामले में वह जैक्विलिन से किसी तरह कम नहीं। कुणाल खेमू की थ्रिलर फिल्म भाग जॉनी में ज़ोआ मोरानी और मानसी स्कॉट दो नायिकाएं थी। लेकिन, विदेशी एजेंट रेचल की भूमिका में गर्मागर्म सीन मंदाना करीमी कर रही थी। एकता कपूर को भी उनमे पोर्न बॉडी ज़रूर नज़र आयी होगी। तभी तो उन्होंने पोर्न फिल्मों के दो अभिनेताओं की फिल्म 'क्या कूल हैं हम ३' में मंदना को बॉडी बना कर परोस दिया। इस फिल्म में करीमी कामुकता के सारे बंधन तोड़ने जा रही हैं। ऐसे में आनंद कुमार को मंदना में कौन सा टैलेंट नज़र आया होगा, सोचा जा सकता है। लेकिन, आनंद कुमार की फिल्म वायरल के विषय के बारे में पूछे तो सब शीशे सा साफ़ हो जाता हैं, "इन दिनों सेक्स बड़ा आसान हैं। लेकिन, प्यार पाना बहुत मुश्किल है। आजकल प्रेम से ज़्यादा सेक्सुअल डिजायर ज़रूरी हो गई है। मेरी फिल्म का यही विषय है।" देखें बिग बॉस ९ से बाहर आने के बाद आनंद कुमार के वायरल को मंदना से कैसा रिस्पांस मिलता है। फिलहाल तो नज़रें क्या सुपर कूल हैं हम ३ पर।
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क़्वेन्टिन टारनटिनो की पहली पसंद थी 'जेनिफर लॉरेन्स'
फ़िल्म 'द हेटफुल एट' निर्देशक क़्वेन्टिन टारनटिनो की बड़ी हॉलीवुड वेस्टर्न्स की गवाह है। क़्वेन्टिन वेस्टर्न फ़िल्में देखते हुए पले बड़े हैं । सिविल वॉर के दौरान व्योमिंग की पृष्ठभूमि में रची बसी यह
फ़िल्म इनामी शिकारियों की एक ऐसी दिलचस्प कहानी कहती है, जो खुद एक बहुत बड़ी साजिश
में फंस जाते हैं । पांच बार के ऑस्कर विजेता
निर्देशक टारनटिनो का कहना है कि वह पहले दिन से डेज़ी डोमर्ग उर्फ़ द प्रिजनर के किरदार के लिए जेनिफर लॉरेन्स को कास्ट करने को लेकर बेहद गंभीर थे । हाल ही में उन्होंने एक बातचीत के
दौरान बताया," मैं जेनिफर लॉरेंस का जबदस्त फैन हूँ और मैं यह अच्छी तरह से समझता था कि वह
इस रोल के साथ पूरी तरह से न्याय कर सकती थी। इसलिये हम उनके पास कहानी और बाकी
चीजों के बारे मे बात करने पहुँच गए । मुझे लगता है कि वह सिर्फ शिष्टाचार प्रदर्शित कर रहीं थी । वह
उस समय फ़िल्म 'जॉय' कर रही थी । उन्हें 'हंगर गेम्स' मूवीज के लिए भरपूर प्रचार करना था । इस दुनिया में कोई भी ऐसा रास्ता नहीं था
क़ि वह उपलब्ध हो जाती । इसलिए मैंने इस किरदार के लिए जेनिफर जैसन लेह को साइन कर लिया । आज मैं इस बात से बेहद खुश हूँ कि मैंने इस रोल के लिए
किसी युवा का चयन नहीं किया । मुझे अब यह महसूस होता है कि जहाँ तक किरदारों की उम्र
का सम्बन्ध है, मेरा चुनाव बिलकुल सटीक रहा । निर्देशक टारनटिनो और
सैमुअल जैक्सन की बेमिसाल जोडी ने इस फ़िल्म को ७० एमएम पर एक निश्चित अल्ट्रा वाइड अनुपात पर फिल्माया है, जो कि वास्तव देखने योग्य यादगार अनुभव साबित होगा । यह फ़िल्म
पीवीआर पिक्चर्स द्वारा 15 जनवरी 2016 को भारत में अपनी ज़बरदस्त रिलीज को लेकर फिल्म जगत में गर्माहट पैदा किये हुए
है।
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Tuesday, 12 January 2016
कैंसर से जीतने वाली दो बॉलीवुड अभिनेत्रियाँ
बॉलीवुड फिल्मों की दो जानी पहचानी अभिनेत्रियां अपनी गंभीर बीमारी से मुक्त हो कर फिर से फिल्मों में वापसी कर रही हैं। यह दो अभिनेत्रियां हैं नेपाली ब्यूटी मनीषा कोइराला और इंडो कैनेडियन ब्यूटी लीज़ा रे। नेपाली फिल्म करने के बाद मनीषा कोइराला ने सुभाष घई के निर्देशन में हिंदी फिल्म ' सौदागर' से डेब्यू किया। फिल्म सुपर हिट हुई। भेड़ चाल के तहत मनीषा कोइराला के आगे फिल्मों का ढेर लग गया। यह सभी फ़िल्में मनीषा कोइराला की फिल्म सौदागर से बनी इलू इलू इमेज भुनाने के लिए बनी थी। नतीजे के तौर पर मनीषा कोइराला ने फर्स्ट लव लेटर, यलगार, इंसानियत के देवता, अनमोल, धनवान, यू ही कभी, मिलन, १९४२: अ लव स्टोरी, संगदिल सनम, आदि असफल फिल्मों के ढेर लगा दिए। इतनी ज़्यादा असफलता के बाद मनीषा कोइराला ने वापसी की। यह उनकी ज़बरदस्त वापसी थी। क्रिमिनल और बॉम्बे फिल्मों ने उन्हें फिर स्थापित कर दिया। अकेले हम अकेले तुम से उनके अभिनयशील पक्ष को उजागर किया। अग्निसाक्षी के बाद उन्हें टॉप की अभिनेत्रियों में शुमार किया जाने लगा। मनीषा का करियर उतार चढ़ाव वाला रहा। वह एक ओर हिट फ़िल्में देती, दूसरी ओर फ्लॉप फिल्मों का ज़खीरा खड़ा कर देती। वह अपने करियर के प्रति उदासीन सी लगने लगी। उनकी बददिमागी के किस्से सुर्खियां पाने लगे। इसी दौरान उन्होंने पैसा वसूल का निर्माण किया। फिल्म फ्लॉप हुई। २०१० में उन्होंने एक नेपाली व्यापारी से विवाह कर लिया। लेकिन, यह शादी ज़्यादा नहीं टिक सकी। रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'भूत रिटर्न' के बाद उन्हें ओवरी के कैंसर का पता चला। वह फिल्मों से दूर हो गई। मनीषा कोइराला से केवल दो साल छोटी लीज़ा रे ने मनीषा के हिंदी फिल्म डेब्यू के दस साल बाद हिंदी फिल्म 'कसूर' (२००१) से डेब्यू किया। आफताब शिवदासानी के साथ यह थ्रिलर फिल्म हिट हुई। लेकिन, लीज़ा को इस फिल्म से काफी पहले करण कपूर के साथ बॉम्बे डाईंग के विज्ञापन की मॉडल के बतौर पहचाना जाने लगा था। उन्होंने अपने विज्ञापनों से धूम मचा दी थी। ग्लैड रग्स के कवर पर बेवॉच स्विमसूट में वह गज़ब ढा रही थी। वह वुमन ऑफ़ मिलेनियम चुनी गई। नुसरत फ़तेह अली खान के विडियो एल्बम आफरीन आफरीन (१९९६) और दलेर मेहंदी के विडियो हर तरफ तेरा जलवा (१९९९) से उनकी सेक्स अपील का डंका बज गया। इसके बाद विक्रम भट्ट के निर्देशन में कसूर रिलीज़ हुई। इस फिल्म की खासियत यह थी कि फिल्म में लीज़ा रे के संवाद अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने डब किये थे। चूंकि, फिल्म में दिव्या दत्ता भी अभिनय कर रही थी, इसलिए दिव्या के संवाद वॉयसओवर आर्टिस्ट से डब कराये गए। २००९ में लीज़ा रे को वाइट ब्लड सेल्स के कैंसर का मरीज़ पाया गया।
यह दोनों अभिनेत्रियां इंसान के घातक बीमारी से लड़ कर जीतने का उदाहरण हैं। इन दोनों अभिनेत्रियों ने अपनी बीमारी से हार नहीं मानी। वह लम्बे समय तक मर्मान्तक कष्ट झेलते हुए भी लड़ती रही और अंततः अपनी बीमारी से जीत पा सकी । अब मनीषा कोइराला तमिल-कन्नड़ फिल्म से अपनी वापसी कर रही है. इस फिल्म के लिए उन्होंने राजकुमार संतोषी की फिल्म को होल्ड में रखा था। लिसा रे शीघ्र रिलीज़ होने जा रही फिल्म इश्क फॉरएवर से वापसी कर रही हैं। इस फिल्म में वह एक सीक्रेट एजेंट के किरदार में हैं। इन फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर चाहे जो हश्र हो, लेकिन इन दोनों खूबसूरत अभिनेत्रियों की वापसी का स्वागत तो किया ही जाना चाहिए !
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Monday, 11 January 2016
अनुष्का शर्मा के अभिनय का खान सफरनामा
बंगलोर में पली बढ़ी अनुष्का शर्मा को २००८ में यशराज फिल्म्स की फिल्म 'रब ने बना दी जोड़ी' में शाहरुख़ खान के साथ शुरुआत करने का मौका मिला। अनुष्का शर्मा ने २०१४ में जब आमिर खान के साथ फिल्म 'पीके' की, तब तक यह शाहरुख़ खान के साथ दो फिल्मों (दूसरी जब तक है जान (२०१२) में काम कर चुकी थी। अब वह २०१६ में तीसरे खान सलमान खान के साथ फिल्म 'सुल्तान' में नज़र आएंगी। हालाँकि, इमरान खान को इस खान ब्रिगेड में शामिल नहीं किया जाता, लेकिन वह इमरान खान के साथ फिल्म 'मटरू की बिजली का मंडोला' करके चार खान अभिनेताओं की नायिका बन गई हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि अनुष्का शर्मा के साथ खान अभिनेताओं की चार फिल्मों में तीन यशराज बैनर से हैं। यशराज बैनर के परंपरागत तीन फिल्मों के अनुबंध के बावजूद इस बैनर की पांच फ़िल्में 'बदमाश कंपनी', 'बैंड बाजा बरात', 'लेडीज वर्सेज रिक्की बहल' और 'जब तक है जान' की। अनुष्का शर्मा रणवीर सिंह के साथ तीन फ़िल्में 'बैंड बाजा बारात', 'लेडीज वर्सेज रिक्की बहल' और 'दिल धड़कने दो' में अभिनय कर चुकी हैं। अनुष्का शर्मा ऎसी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने बेटा और बाप दोनों के साथ फ़िल्में की। अनुष्का शर्मा ने शाहिद कपूर के साथ 'बदमाश कंपनी' की तो शाहिद के पिता पंकज कपूर के साथ फिल्म 'मटरू की बिजली का मंडोला' की। उन्होंने फिल्म 'बदमाश कंपनी' के निर्देशक परमीत सेठी के साथ 'दिल धड़कने दो' में अभिनय किया। वह 'पटियाला हाउस' में अक्षय कुमार और 'बॉम्बे वेलवेट' में रणबीर कपूर की नायिका बनी । जिस रणवीर सिंह के साथ अनुष्का शर्मा रोमांस चला था, उसने ब्रेकअप के बाद दीपिका पादुकोण के साथ ऐतिहासिक 'बाजीराव मस्तानी' जैसी हिट फिल्म दी, जबकि जिस रणबीर कपूर का दीपिका के साथ ब्रेकअप हुआ था, उसने अनुष्का शर्मा के साथ 'बॉम्बे वेलवेट' जैसी ऐतिहासिक असफलता वाली फिल्म की । बॉलीवुड के लगभग सभी बड़े अभिनेताओं के साथ फ़िल्में कर चुकी अनुष्का शर्मा ने जब बतौर निर्माता फिल्म 'एनएच १०' बनाई, खुद के साथ एक छोटा अभिनेता नील बूपलम को लिया। रणबीर कपूर के साथ उनकी दूसरी फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' इस दिवाली रिलीज़ होगी।
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Saturday, 9 January 2016
क्या पुलिस फ़ोर्स में महिलाओं को दिखा पाती है 'जय गंगाजल' !
अभी फिल्म निर्माता निर्देशक प्रकाश झा को गुडगाँव में सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स अकादमी में 'सातवी नेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ वीमेन इन पोलिस' के उद्घाटन पर 'वीमेन इन पुलिस, डिफरेंट पर्सपेक्टिव एंड न्यू रोल्स' पर विचार व्यक्त करने के लिए बुलाया गया। उन्हें यह निमंत्रण इसलिए मिला कि वह एक महिला पुलिस अफसर पर फिल्म 'जय गंगाजल' के निर्देशक हैं। इसके अलावा तो उनकी कोई दूसरी खासियत नज़र नहीं आती । उन्होंने इस समारोह में अपनी प्रियंका चोपड़ा निर्देशित फिल्म 'जय गंगाजल' का ट्रेलर भी दिखाया। बताते हैं कि मौजूद महिला कॉप ने इस ट्रेलर को पसंद किया। सवाल जवाब में उन्होंने कहा. "मेरी फिल्म का मुख्य किरदार आभा माथुर एक सख्त और ईमानदार पुलिस अधिकारी है। इसके साथ ही उसमे स्त्रियोचित गुण और करुणा भी है। उसके लिए मुश्किल तब होती है, जब उसका सिस्टम से टकराव शुरू होता है।" महिला पुलिस के किरदार पर बहुत सी फ़िल्में बनी हैं। २०१४ में रानी मुख़र्जी की कॉप भूमिका वाली फिल्म 'मर्दानी' रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में प्रदीप सरकार ने महिला कॉप शिवानी शिवाजी रॉय का अच्छा चित्रण किया था। लेकिन, यह फिल्म भी व्यक्तिगत हिंसा का शिकार हुई थी। जहाँ तक महिला कॉप पर प्रकाश झा की फिल्म का सवाल है, उस पर कुछ कहना ठीक नहीं। लेकिन, प्रकाश झा ने अपनी पिछली कुछ फिल्मों 'आरक्षण' और 'सत्याग्रह' में जिस प्रकार से देश की आरक्षण व्यवस्था पर सवालों और भ्रष्टाचार से लड़ाई का कचरा किया है, उससे ऐसा लगता नहीं कि वह 'जय गंगाजल' में भी आरक्षण की तरह आरक्षण पर बहस छेड़ते छेड़ते ठेठ मुम्बईया स्टाइल में शिक्षा व्यवस्था की बात करने और आरक्षण के सेंसटिव मुद्दे से बच निकलने जैसा प्रयास नहीं करेंगे। इसलिए, उम्मीद यही लगाईं जानी चाहिए कि प्रकाश झा ने फिल्म 'जय गंगाजल' को भी किसी गंभीर मुद्दे के बजाय पुलिस राजनेता गठजोड़ के खिलाफ आभा माथुर की हिंसक लड़ाई बना दी होगी । यहाँ प्रकाश झा की बात ही, "हमारी फिल्मों में पुलिस फ़ोर्स में महिलाओं की स्ट्रांग इमेज को दिखाने की ज़रुरत है।" क्या प्रकाश झा 'जय गंगाजल' में इसे दिखा पाये होंगे !
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Prakash Jha,
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