Wednesday, 20 December 2017

क्रिसमस के रंग में रंगे लेखक, बाइकर और उद्यमी कपिल पथारे

पूरी दुनिया में क्रिसमस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। फेस्टिवल को लेकर लोगों में इसका उत्साह अभी से साफ तौर पर दिखाई दे रहा है । आम आदमी से लेकर सेलिब्रेटीज भी क्रिसमस को मनाते हैं। इस बीच लेखक, बाइकर और उद्यमी कपिल पथारे, वीआईपी क्लोथिंग लिमिटेड के निदेशक ने एनजीओ पंजाबी ग्लोबल फाउंडेशन के गुरप्रीत कौर चड्ढा के अडॉप्टेड स्लम बच्चो के साथ क्रिसमस का जश्न मनाया । सैंटा क्लॉज कपिल पथारे ने बच्चों के लिए स्वीट और उपहार वितरण किये  जिससे पाकर बच्चे बेहद खुश हुए और रियल लाइफ सैंटा क्लॉज कपिल पथारे को धन्यवाद किया।  

विवेक ओबेरॉय: साथिया में कुछ ​तो ​सदाबहार है

​रोमांटिक फिल्म साथिया को १५ साल होगये है। यह फिल्म २० दिसंबर २००२ को प्रदर्शित हुई थी।  विवेक ओबेरॉय और रानी मुख़र्जी के इमोशनल रोमांस वाली यह फिल्म तब से सिनेमा लवर्स के दिलोदिमाग पर एकदम तरोताजा है। यश राज फिल्म्स द्वारा निर्मित और विवेक ओबेरॉय और रानी मुखर्जी​ ​के प्यार की इस कहानी ​को बॉक्स ऑफिस पर ​बड़ी सफलता मिली ।​ ​उस समय ७.५० करोड़ से  साथिया ने बॉक्स ऑफिस पर  ४८ करोड़ का कारोबार किया था। विवेक, जिन्होंने राम गोपाल वर्मा की कंपनी के साथ उसी साल अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी, इस फिल्म में अपनी पहली फिल्म के विपरीत भूमिका और शैली को लेकर अपने अभिनय क्षमता को साबित किया । साथिया के साथ एक अलग मार्ग पर चलने का विवेक का ख्याल उनके और फिल्म के लिए गजब का काम कर गया । विवेक ​ कहते है , "साथिया के बारे में कुछ ​तो ​सदाबहार है। हालांकि ​फिल्म को १५ साल हो ​चुके है, फिल्म अभी भी एक ​इमोशनल फिल्म का उदाहरण है। ​यह ​मेरे कैरियर की कुछ ऐसी फिल्में में से हैं जो ऑडियंस के साथ इस तरह​ से जुडी हुई​ हैं। जब भी मैं लोगों से मिलता हूं, वे मुझे मेरे काम के बारे में याद दिलाते हैं। मुझे लगता है कि फिल्म की एक निश्चित परिपक्वता थी । एक समय था जब सब प्रेम कहानियां कैंडी पॉप थीं​ और ​यह एक ईमानदार और वास्तविक प्रेम कहानी थी। यह अपने समय से आगे ​थी। यह व्यावसायिक रूप से भी अच्छी ​साबित हुई थी। ​हालांकिशुभचिंत​को ने बहुचर्चित अभिनेता को अपनी दूसरी फिल्म के रूप में एक प्रेम कहानी चुनने से पहले पुनर्विचार करने की सलाह दी थी, लेकिन ​विवेक आगे बताते हैं, "मुझे याद है कि जब कंपनी सफल हो गई और ​मुझे प्रशंसा और शानदार समीक्षा​ ​मिली थी, तब मेरे शुभचिंतकों का कहना​ ​​था कि मेरा एक प्रेम कहानी ​करना ​पागलपन है और यह एक बड़ी गलती होगी।​ ​​वे चाहते थे कि में अपने जीवन में लार्जर देन लाइफ बड़ी एक्शन फिल्म्स करू। लेकिन मुझे अंदर से लग रहा था कि कुछ ​अलग करू। जो मेने किया भी।" विवेक अपनी फिल्म की नायिका रानी मुख़र्जी​ ​के साथ काम​ के बारे में कहते है , "वह एक सहज ​अभिनेत्री है। ​वह इमोशंस बहुत ही बेहतर तरीके से और आसानी से व्यक्त करती है ​।"

सोनी के टीटू की स्वीटी - बेस्ट फ्रेंड चुने या गर्ल फ्रेंड !

प्यार का पंचनामा और इसकी सीक्वल फिल्म  के डायरेक्टर लव रंजन की  फिल्म है सोनू के टीटू की स्वीटी।  आम तौर पर, जैसी लव रंजन की आदत है, उनकी इस फिल्म का टाइटल भी अजीबो गरीब है।  यह फिल्म में उत्सुकता पैदा करने वाला है।  फिल्म का यह ट्रेलर कोई ३ मिनट १२ सेकंड लम्बा है।  इस ट्रेलर में तीन मुख्य किरदारों के बीच हंसाने वाले संवादों के पंच है।  यह दर्शकों को हंसाने में कामयाब होते हैं।  फिल्म के तीन मुख्य किरदार यानि फिल्म का ट्रायंगल टीटू यानि सनी सिंह, उनकी गर्ल फ्राइड स्वीटी यानि नुसरत भरूचा और उनके बेस्ट फ्रेंड सोनू यानि कार्तिक आर्यन बनाते हैं।  टीटू दुविधा में है कि वह किसे चुने- बेस्ट फ्रैंड सोनू को या गर्लफ्रेंड नुसरत भरूचा को।  वैसे यह १९२ सेकंड लम्बा ट्रेलर ही काफी लम्बा लगता है।  ऐसे में दो-ढाई घंटे की फिल्म क्या बन पायी होगी, इसका पता तो ९ फरवरी को चलेगा।  कहीं, टीटू की स्वीटी को  देखने आये वैलेंटाइन दर्शकों को यह खट्टी न लगे। 

छुरी से पति की चटनी बना रही है टिस्का चोपड़ा

टिस्का चोपड़ा शॉर्ट फिल्म के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रही हैं।  उनकी पिछली फिल्म चटनी में उनका काम की काफी प्रशंसा हुई थी।  इसलिए, जिस लघु फिल्म से उनका नाम जुड़ जाता है दर्शकों में उत्सुकता पैदा कर देती है।  चटनी में टिस्का के काम को देख कर ही, फिल्मकार अनुराग कश्यप ने टिस्का चोपड़ा के साथ लघु  फिल्म छुरी में काम करना मंज़ूर किया था।  वैसे चटनी और छुरी की कहानी  में काफी समानता है।  पत्नी जानती है कि  उसका पति धोखेबाज़ है और उसके किसी दूसरी औरत से  सम्बन्ध हैं।  लेकिन, वह इसे दूसरी तरह से निबटना चाहती हैं।  वह हर वीकेंड पति और उसकी प्रेमिका को अपने ही घर साथ लाती हैं।  इस फिल्म की निर्देशक कोलंबिया फिल्म स्कूल की स्नातक मानसी जैन हैं।  फिल्म में पति का किरदार अनुराग कश्यप ने किया है।  टिस्का चोपड़ा उनकी पत्नी बनी हैं और सुरवीन चावला उनकी प्रेमिका।  इस शार्ट फिल्म को कई फेस्टिवल में दिखाया जा चुका है।  १९वे जिओ ममी शार्ट फिल्म फेस्टिवल में भी यह फिल्म दिखाई जा चुकी है।  इस फिल्म के प्रदर्शन के दौरान ही अनुराग कश्यप ने कहा था कि मैं टिस्का के  कारण फिल्म से जुड़ा था।  लेकिन, वह मेरा सही उपयोग  नहीं कर पाई।  जहाँ तक समीक्षकों की बात है, वह भी इस फिल्म को चटनी  मुक़ाबले कमज़ोर फिल्म मानते हैं।  अब पाठक ही इसे देख कर निर्णय लें। 

प्लेबैक सिंगर हेमा सरदेसाई ने किया अपने हॉलीवुड गीत का प्रमोशन

बॉलीवुड की प्लेबैक सिंगर हेमा सरदेसाई और टेलीविजन अभिनेता मिशाल रहेजा ने एक अंतरराष्ट्रीय परियोजना पर सहयोग किया। उन्होनें ब्रांड के एकल शीर्षक पावर ऑफ लवके साथ अपनी अमेरिकी शुरुआत की है। दोनों ही कलाकार एक साथ दिल्ली के पीवीआर प्लाजा में अपने गीत के प्रमोशन करने पहुँचे. हेमा की पहली हॉलीवुड एकल सोमवार को मैनहट्टन, न्यूयॉर्क में जारी किया गया। हेमा ने अपनी भावनाओं और विचारों को विश्व ज्ञात अमेरिकन म्यूजिक एक्जीक्यूटिव और हॉलीवुड में स्वतंत्र फिल्म निर्माता, ग्रैमी पुरस्कार विजेता प्रकाशक, टोनी मर्सिडीज के अलावा अपने नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय ट्रैक के लिए साझा किया। हेमा ने कहा कि यह एक प्रेरणादायक गीत है, मुझे यकीन है कि जब भी आपको परेशानी महसूस होगी, तो यह गाना आपको खुश कर देगा। क्योंकि प्यार की शक्तिएक आशा है, हमने इसे बहुत दिल से गाया है।  मैं वास्तव में धन्य महसूस कर रही हूं कि टोनी मर्सिडीज जो इस तरह के व्यक्तित्व हैं, मुझ पर विश्वास करते हैं और वह इस गीत को पसंद करते हैं, उन्होंने विदेशी मीडिया के सामने भी मेरी सराहना की। और मैं मशाल और उनके सहयोग के लिए वास्तव में खुश हूं, और हमारे काम को प्रेरित करने के लिए भारतीय मीडिया की भी आभारी हूं. हेमा ने आगे कहा कि मैं जानती हूं कि मैं लोकप्रिय टीवी अभिनेता मिशाल रहेजा के साथ इतिहास का निर्माण करूंगी इसलिए, मिशाल ने अपनी पहली फिल्म के बारे में उत्साहित महसूस किया, हेमा नेे मीडिया से कहा, ‘जब मैंने गायन के लिए उनको फोन किया तो, उनसे मैंने पूछा कि पहले भी आपने गायन किया है, तो मिशाल ने कहा कि हां, मैंने धारावाहिक लव स्टोरीद्वारा दिल्ली से अपना करियर शुरू किया था। इसलिए इस बार यह कुछ नया है, जिससे मैं सचमुच उत्साहित हूं, मैं वास्तव में परेशान था, लेकिन हेमा दी और उनके पति ने मुझे गाने को कहा, और फिर उन्होने मुझे गायन के लिए अभ्यास शुरू करने के लिए कहा, और हम अपनी मेहनत की वजह से इस मुकाम पर हैं. हेमा का यह पहला एकल सशक्त और मजबूतका हिस्सा है, भारतीय गायकों के साथ एक अमेरिकी ईपी एल्बम। दुनिया को एक सकारात्मक स्थान बनाने के बारे में यह प्रेरणादायक गीत वार्ता है, जो हॉलीवुड में साइकाडेलिक स्टूडियो में दर्ज की गई थी.

हाई कोर्ट कहेगा तो होगा सनी लियॉन का शो

सनी लियॉन ने, बेंगलुरु में अपना न्यू इयर ईव का कार्यक्रम न हो पाने के बावजूद दक्षिण के अपने तमाम प्रशंसको को तहेदिल से शुक्रिया कहा है।  वह आगे फिर कभी की राह पर चल पड़ी हैं।  लेकिन, उनके शो के आयोजकों ने उम्मीद नहीं छोडी है।  उन्होंने कर्णाटक उच्च न्यायालय में अपील दायर की है और माननीय न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह कर्णाटक सरकार को निर्देश दे कि उनके शो को अनुमति दी जाये । अगले साल के मध्य होने जा रहे विधान सभा चुनाव के हैंगओवर में फंसी कर्णाटक सरकार ने पिछली १५ दिसम्बर को एक कन्नड़ ग्रुप के विरोध के बाद शो की अनुमति नहीं दी थी। हालाँकि, लिखित में शो को मना भी नहीं किया गया था। लेकिन, आयोजकों को बिना पुलिस और प्रशासन की लिखित अनुमति के बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके की अनुमति भी नहीं मिल सकती।  इसके बिना वह अग्निशमन विभाग का सहयोग भी नहीं प्राप्त कर सकते। कर्णाटक रक्षण वेदिके जिस प्रकार की हिंसक गतिविधियाँ कराती है, उसे देखते हुए बिना पुलिस संरक्षण के बेंगुलुरु में सनी लियॉन की सुरक्षा की गारंटी भी नहीं ली जा सकती। ऐसे में, जबकि यह संगठन सनी लियॉन का पुतला खुलेआम जला चुका है, सनी लियॉन को शो पर बुलाना खतरे से खाली नहीं होगा। अब अगले दो तीन दिन बताएँगे कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सनी लियॉन का शो होगा या नहीं ! 

पद्मावती पर गुलाटी मारते शत्रुघ्न सिन्हा

शत्रुघ्न सिन्हा का फिल्म करियर, २०१० में फिल्म रक्त चरित्र २ के साथ ही ख़त्म हो चुका था।  २०१४ में लोकसभा चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते ज़रूर, लेकिन मोदी भदेली में उनकी दाल नहीं गली।  वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान नहीं बना सके।  इसके बाद से, वह राजनीति में पटना साहिब से बीजेपी के सांसद की हैसियत रखते हैं और फिल्मों में वह सोनाक्षी सिन्हा के बापू वाली।  इसके अलावा दोनों ही जगह उनकी स्थिति शट-अप सिन्हा वाली ही है। लेकिन, केंद्र में मंत्री पद न मिलने की हताशा ने उन्हें बडबडिया सिन्हा बना दिया है।  जिस जगह भी मोदी विरोध की ज़रा सी भी गुंजाईश हो सकती है, शत्रुघ्न सिन्हा वहां बोलते नज़र आते हैं।  जब पद्मावती विवाद चरम पर था, तब शत्रुघ्न सिन्हा फिर बोले।  उन्होंने पद्मावती के संजय लीला भंसाली का समर्थन नहीं किया।  पद्मावती रिलीज़ की जोरदार पैरवी नहीं की। दीपिका पादुकोण की नाक काट लेने और संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सर काट लेने की धमकियों पर शबाना आज़मी जितना स्टैंड भी नहीं लिया।  वह हर मौके पर यही कहते रहे कि प्रधान मंत्री क्यों खामोश है। वह कुछ बोलते क्यों नहीं ! उन्होंने अपने इस बोलने से कहीं भी यह आभास नहीं होने दिया कि वह पद्मावती के खिलाफ या कर्णी सेना के विरोधी हैं।  वह रस्सी पर चलने वाले नट की तरह बैलेंस साधे रहे। अब जबकि, चुनाव ख़त्म हो चुके हैं। बीजेपी गुजरात और हिमाचल की सत्ता पर शत्रुघ्न सिन्हा के विरोध के बावजूद काबिज हो गई है, शत्रुघ्न सिन्हा फिर मुखर हो गए हैं। वह बिहार में कर्णी सेना की शाखा से रानी पद्मिनी की फोटो भेंट स्वरुप स्वीकार कर रहे हैं।  वह यह तो नहीं कह रहे कि पद्मावती रिलीज़ नहीं होनी चाहिए, लेकिन संजय लीला भंसाली की आलोचना कर रहे हैं कि उन्होंने फिल्म कर्णी सेना को दिखाने के बजाय पत्रकारों को क्यों दिखा दी ? जबकि,  पद्मावती चुनिंदा पत्रकारों को उस समय तक दिखा दी गई थी, जब शत्रुघ्न सिन्हा प्रधान मंत्री से चुप्पी तोड़ने को कह रहे थे। शत्रुघ्न सिन्हा ने उस समय क्यों नहीं साहस दिखाते हुए भंसाली की आलोचना की।  उन से ज़्यादा साहसी तो सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी हैं, जिन्होंने खुल का नाराज़गी प्रकट की। बहरहाल, शत्रुघ्न सिन्हा को खुल कर सामने आना ही था। उन्हें कर्णी सेना का समर्थन चाहिए। संजय लीला भंसाली से तो उन्हें  चरित्र भूमिकाएं ही मिल सकती है।  वैसे भी बॉलीवुड में उनकी पैरवी बिटिया कर सकती है। २०१९ के चुनाव के लिए उन्होंने इतने कांटे बटोर लिए हैं कि उन्हें कर्णी सेनाओं जैसी दस बीस सेनाये भी कम पड़ेंगी।  शायद भंसाली के खिलाफ मुखर होने का सिन्हा जी का सबब भी राजनीति ही है।  

बड़े घर नहीं जा रहे बाहुबली डायरेक्टर राजामौली

स्वभाव की सादगी कोई दक्षिण की हस्तियों में देखे।  सफलता के बावजूद अपनी जड़ों से न हटने का हुनर तो इन्ही के पास है।  फिल्मकार एसएस राजामौली हिंदुस्तान की सबसे कमाई करने वाली फिल्म सीरीज के निर्देशक बन गए हैं। लेकिन, इतनी बड़ी फिल्म का सृजक होने का घमंड उनको छू तक नहीं गया है। फिलहाल, वह आराम के मूड में हैं। फिल्मों के बारे में नहीं सोच रहे। वह अपने दो कमरों वाले अपार्टमेंट में अपनी पत्नी और बेटी के साथ पारिवारिक सुख लूट रहे हैं। सालों जिन मित्रों से कटे रहे थे, उनसे मिलजुल रहे हैं। दोस्ती ताज़ा कर रहे हैं। उनके छोटे  घर और बाहुबली सफलता को देख कर, जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या वह बड़े घर में शिफ्ट नहीं हो रहे ? उन्होंने जवाब दिया, "मेरे और मेरी पत्नी और बच्ची के लिए यह दो कमरों का घर काफी है।" वैसे बता दें कि राजामौली हैदराबाद के नलगोंडा में कटंगूर गांव में अपना एक खूबसूरत फार्म हाउस तैयार करवा रहे हैं।  एक ख़ास खबर यह भी है कि बाहुबली द कन्क्लूजन २९ दिसंबर को जापान में  रिलीज़ होने जा रही है। हिंदुस्तान के बॉक्स ऑफिस पर शानदार कारोबार करने वाली इस फिल्म को जापान में कैसा रिस्पांस मिलता है, इस पर तमाम निगाहें लगी हुई हैं।  क्योंकि, इस फिल्म के पहले हिस्से बाहुबली द बिगिनिंग को सामान्य प्रतिक्रिया मिली थी।  

फिर एक विवादित विषय पर संजय लीला भंसाली की फिल्म?

संजय लीला भंसाली, पद्मावती विवाद और इस फिल्म की रिलीज़ की तारीख को पीछे छोड़ते हुए अपनी अगली फिल्म के निर्माण की तैयारी में जुट गए हैं।  पहले बाजीराव-मस्तानी और फिर पद्मावती से उपजे विवाद ने संजय लीला भंसाली को सतर्क कर दिया है।  इस बार वह किसी ऐतिहासिक विषय पर फिल्म नहीं बनाने जा रहे। सूत्र बताते हैं कि उनकी नई फिल्म दस साल पहले के अतीत को झाड़ पोंछ कर निकाली गई है।  दस साल पहले, जब संजय लीला भंसाली की फिल्म साँवरिया की रिलीज़ की तैयारियां चल रही थी, तब  भंसाली ने फिल्म हमारी जान हो तुम शुरू करने का फैसला किया था।  इस फिल्म में साँवरिया की तरह बिलकुल नए चेहरे लिए जाने थे। इसके लिए महेश भट्ट और सोनी राजदान की बड़ी बेटी आलिया भट्ट और गायक उदित नारायण के बेटे आदित्य नारायण का स्क्रीन टेस्ट भी लिया गया था।  उस समय आलिया भट्ट महज १४ साल की थी।  दरअसल, यह फिल्म भी थी बाल विवाह को लेकर।  ठीक बालिका वधु की तरह। संजय दिखाना चाहते थे कि कच्ची उम्र के इस विवाहित जोड़े को अपने जीवन से तालमेल बैठाने में क्या कठिनाइयां आती है। अब यह बात दीगर है कि संजय लीला भंसाली ने इस फिल्म को लेकर पूछे गए सवालों को यह कह कर टाल दिया कि मैं अभी तो साँवरिया की रिलीज़ में ही व्यस्त हूँ।  साँवरिया की असफलता के बाद, भंसाली की एक दूसरी प्रयोगात्मक फिल्म गुज़ारिश भी असफल हो गई।  इस असफलता के बाद संजय लीला भंसाली बिलकुल मसाला फिल्म निर्माण की ओर मुड़ गए।  गोलियों की रास लीला : राम-लीला और बाजीराव-मस्तानी में भंसाली का फिल्मकार चेहरा बिलकुल बदला हुआ था, ठीक मेरा नाम जोकर की असफलता के बाद बॉबी बनाने वाले राजकपूर की तरह। संजय  लीला  भंसाली को भी अपने इस मसाला किरदार में सफलता भी मिली।  मगर, पद्मावती के साथ इतने लम्बे विवाद ने भंसाली को सोचने पर मज़बूर कर दिया होगा। वह ऐतिहासिक विषय पर फिल्म नहीं बना रहे।  हमारी जान हो तुम इसी सोच का परिणाम लगती है। अपनी इस नई फिल्म के लिए संजय स्टार कास्ट की  तलाश में जुटे हुए हैं। आलिया भट्ट अब स्टार बन चुकी हैं और आदित्य नारायण असफल अभिनेता साबित हो चुके हैं। इनके बदले नए किशोर चेहरे ढूंढते समय संजय लीला भंसाली को ध्यान रखना होगा कि वह फिर एक विवादित फिल्म को जन्म दे रहे हैं।  यह फिल्म बाल विवाह पर है।  काफी सेंसिटिव सब्जेक्ट है।  ख़ास तौर पर राजस्थान, आदि इलाकों में इस विषय पर कड़ी प्रतिक्रिया हो सकती है।  उनकी एक विवादित फिल्मकार की छवि बन चुकी है।  उनका कोई भी कहा सच नहीं माना जा सकता है। चाहे जो भी हो, भंसाली की अगली फिल्म के ऐलान का इंतज़ार सभी को है।  

क्यों टूट गई सलमान खान, अक्षय कुमार और करण जौहर की तिकड़ी ?

इस साल के शुरू में धमाका जैसा हुआ था, जब यह ऐलान हुआ कि बतौर फिल्म निर्माता सलमान खान और करण जौहर ने हाथ मिला लिया है।  हालाँकि, उस समय तक सलमान खान अपने बैनर के तहत चिल्लर पार्टी, हीरो और बजरंगी भाईजान जैसी फ़िल्में बना चुके थे। सलमान खान और करण जौहर की कोप्रोडक्शन फिल्म बैटल ऑफ़ सरगढ़ी पर केसरी थी।  इस फिल्म में अक्षय कुमार मुख्य किरदार कर रहे थे।  इसके कुछ दिनों बाद यह मालूम पड़ा कि सलमान खान इस कोप्रोडक्शन से अलग हो गए हैं।  यह वह समय था, जब अजय देवगन के भी इसी विषय पर फिल्म बनाने की खबरें सुर्ख हुई थी।  ऐसा लगा कि अजय देवगन और काजोल से अच्छे संबंधों के कारण सलमान खान केसरी से निकल गए थे।  यह भी खबर थी कि करण जौहर और सलमान खान की इस डील के पीछे सलमान खान की मैनेजर रेशमा शेट्टी थी।  जब रेशमा शेट्टी और सलमान खान के बीच अलगाव हो गया और रेशमा शेट्टी ने सलमान खान का  काम छोड़ दिया, तब सलमान खान की भी केसरी के प्रति रूचि ख़त्म हो गई।  लेकिन, सलमान खान ने ट्वीट कर इन सभी खबरों  को गलत बताया और कहा, "एक बार मैंने जो कमिटमेंट कर दी तो फिर....।" कुछ समय बाद अजय देवगन ने भी केसरी  से टकराव  टालने के ख्याल से बैटल ऑफ़ सरगढ़ी के निर्माण को थोड़ा ढीला कर दिया।  वह बाहर की  दूसरी फिल्मों में व्यस्त हो गए।  केसरी भी अपनी धीमी चाल से आगे बढती रही।  लेकिन, कुछ दिनों बाद यह साफ़ हो गया कि सलमान खान अब केसरी के कोप्रोडूसर नहीं रहे।  उनकी जगह अक्षय कुमार ने ले ली थी।  इस खबर से वह लोग दंग थे, जो खान के कमिटमेंट को जानते हैं।  उसने जो कमिट कर लिया....! किस बाबत केवल अनुमान लगाए जाते रहे।  किसी भी पार्टी- करण जौहर, अक्षय कुमार और सलमान खान- ने कोई खुलासा नहीं किया।  अब जा कर खुलासा हुआ है।  यह खुलासा खुद सलमान खान ने किया कि उन्होंने अपने कमिटमेंट से कदम पीछे क्यों हटाए ? एक प्रमुख दैनिक को बातचीत में सलमान खान ने खुलासा किया कि करण  जौहर का भी प्रोडक्शन हाउस है और मेरा भी।  करण जौहर काफी देर बाद मेरे पास आये थे।  उन्होंने फिल्म की पूरी कास्टिंग खुद कर डाली थी।  ऐसे में मेरा केवल  बतौर निर्माता नाम ही जुड़ना था।  मुझे यह ठीक नहीं लगा। इस प्रकार से बॉलीवुड के दिग्गज बिना किसी शोर शराबे के अलग हो गए।  केसरी का निर्देशन पंजाबी में  जट्ट एंड जूलिएट सीरीज जैसी फ़िल्में बनाने वाले अनुराग सिंह कर रहे हैं।  फिलहाल, होली २०१९ में रिलीज़ के लिए तय केसरी की नायिका की तलाश अभी जारी है।  

पॉपुलर अवार्ड्स में गोलमाल अगेन है ज़ी !

ज़ी सिने अवार्ड्स की बेस्ट पिक्चर 'गोलमाल अगेन' 
पॉपुलर अवार्ड्स कथित लोकप्रियता के नाम पर खुद का मज़ाक उड़ा लेते हैं।  आम तौर पर पॉपुलर अवार्ड्स फिल्मों के किसी सामान्य से जानकार के गले तक नहीं उतरते।  अब जैसा १९ दिसंबर की रात ज़ी सिने अवार्ड्स २०१८ में हुआ, उससे तो हर कोई हक्का बक्का रह गया। ज़ी सिने अवार्ड्स में बेस्ट पिक्चर अवार्ड की श्रेणी के लिए टॉयलेट एक प्रेम कथा, जॉली एलएलबी २, गोलमाल अगेन, बद्रीनाथ की दुल्हनिया, हिंदी मीडियम और सीक्रेट सुपर स्टार नामित थी।  चूंकि, पॉपुलर पुरस्कार हैं, इसलिए उम्मीद यह थी कि हिंदी मीडियम यह टॉयलेट एक प्रेम कथा या फिर जॉली एलएलबी २ में से कोई विजेता हो सकती है।  लेकिन, बेस्ट पिक्चर अवार्ड मिला गोलमाल अगेन को।  यह ऐलान सुन कर तो अवार्ड्स पेश कर रहे रोहित शेट्टी भी चौंक गए- अरे....दिस इज सो....अनएक्सपेक्टेड ! सोच लीजिये बाकी दर्शकों की क्या प्रतिक्रिया रही होगी ! ख़ास बात यह रही कि इस पॉपुलर अवार्ड्स में तुम्हारी सुलु या न्यूटन तो नामित भी नहीं हुई थी।  अब आइये बेस्ट एक्टर अवार्ड पर।  इस अवार्ड श्रेणी में जॉली एलएलबी २ और टॉयलेट एक प्रेम कथा के अक्षय कुमार, रईस के शाहरुख़ खान, जुड़वा २ के वरुण धवन, शुभ मंगल सावधान के आयुष्मान खुराना और काबिल के हृथिक रोशन नामित हुए थे।  शाहरुख़ खान ने पहले ही कह रखा है कि मुझे बहुत पुरस्कार मिल चुके। अब युवा टैलेंट को दो।  इस लिहाज़ से उन्हें बेस्ट एक्टर अवार्ड मिलने का सवाल ही नहीं उठता था। मान लेते हैं कि अक्षय कुमार भी सामान्य से एक्टर हैं।  उन्हें बेस्ट एक्टर नहीं माना जा सकता।   लेकिन,काबिल में हृथिक रोशन के परफॉरमेंस में क्या कमी थी ? पुरस्कार मिला शुभ मंगल सावधान के युवा एक्टर  आयुष्मान खुराना को  नहीं, बल्कि जुड़वा २ के  वरुण  धवन को।  क्या वरुण धवन ने इतनी शानदार एक्टिंग की थी कि उन्होंने  शाहरुख़ खान,  हृथिक रोशन और आयुष्मान खुराना को तक मात दे  दी थी ? जुड़वा २ , सलमान खान की १९९७ में रिलीज़ फिल्म जुड़वा की रीमेक फिल्म थी।  उस दौर में भी फिल्मफेयर पुरस्कार पॉपुलर अवार्ड्स के नाम से पॉपुलर हुए थे।  जुड़वा के सलमान खान तो इस अवार्ड्स में नामित तक नहीं हुए थे ।  श्रीदेवी ने  फिल्म मॉम के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड जीता।  शाहरुख़ खान को उनके फिल्म और टीवी में  २५ साल के योगदान के लिए सम्मानित किया गया।  

क्या अभी से सुपर हिट फिल्म कही जाए टाइगर ज़िंदा है ?

इस साल की आखिरी तथा बड़े बजट और बड़े सितारों वाली खर्चीली फिल्म, सलमान खान और कैटरीना कैफ अभिनीत टाइगर ज़िंदा है २२ दिसंबर को (क्रिसमस वीकेंड पर) रिलीज़ हो रही है।  इस पूरे साल काफी निराश बॉलीवुड को टाइगर ज़िंदा है से काफी उम्मीदें हैं।  सलमान खान भी अपनी २०१२ की बड़ी हिट फिल्म एक था टाइगर की सीक्वल फिल्म टाइगर ज़िंदा है से काफी उम्मीदे बांधे हुए हैं। दरअसल, सलमान खान पिछले दस सालों में सबसे अधिक सफल अभिनेता बन कर उभरे हैं।  उन्होंने इस दौरान तीन सौ करोड़ की दो फ़िल्में बजरंगी भाईजान और सुल्तान, दो सौ करोड़ की दो फ़िल्में किक और प्रेम रतन धन पायो तथा १०० करोड़ की ८ फ़िल्में दी हैं। इस लिहाज़ से, अगर फिल्म इंडस्ट्री को सलमान खान की फिल्म से सबसे ज़्यादा उम्मीदें है तो कोई बड़ी बात भी नहीं है। 
क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ फिल्म  
अमूमन, सलमान खान की फ़िल्में या तो ईद वीकेंड पर या फिर दिवाली वीकेंड पर रिलीज़ होती रही हैं।  उनकी एक ही फिल्म क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ हुई थी।  वह फिल्म थी उनके भाई अरबाज़ खान द्वारा निर्देशित सोनाक्षी सिन्हा के साथ फिल्म दबंग २ ।  दबंग २ ने बॉक्स ऑफिस पर १५८.५० करोड़ का ग्रॉस किया था।  इस लिहाज़ से बॉलीवुड द्वारा क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ होने जा रही सलमान खान के फिल्म पर उम्मीदें लगाना जायज़ है। लेकिन, क्या टाइगर ज़िंदा है बड़ी हिट फिल्म साबित होगी ? 
बढ़िया वीकेंड कलेक्शन 
बॉक्स ऑफिस पर सलमान खान काफी तगड़े नज़र आते हैं।  ज़्यादातर ईद वीकेंड पर रिलीज़ उनकी फिल्मों ने बहुत बढ़िया कारोबार किया है। उनकी १२ फिल्मों का १०० करोड़ से ऊपर कारोबार करना इसका प्रमाण भी है। सलमान खान की फ़िल्में वीकेंड में बहुत बढ़िया प्रदर्शन करती रही हैं।  उनकी तीन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर पहले वीकेंड ही १०० करोड़ क्लब में प्रवेश पा लिया था।  इनमे सुल्तान (२०१६) ने १०५.३४ करोड़, बजरंगी भाईजान (२०१५) ने १०२.६ करोड़ और प्रेम रतन धन पायो (२०१५) ने १०१. ४७ करोड़ का  ग्रॉस कर लिया था। इसके अलावा बॉडीगार्ड (२०११) का ८८.७५ करोड़ तथा किक (२०१४) का ८३.८३ करोड़ का कलेक्शन बड़ा ज़बरदस्त कहा जा सकता है।  
कबीर खान के साथ फ़िल्में 
कबीर खान और सलमान खान की जोड़ी बॉलीवुड की हिट जोड़ी मानी जाती है।  उनकी दो फिल्मों एक था टाइगर और बजरंगी भाईजान का वीकेंड कलेक्शन क्रमशः १००.१६ करोड़ और १०२.६ करोड़ था। इसी साल ईद वीकेंड पर रिलीज़ इन दोनों की तीसरी फिल्म ट्यूबलाइट ने सलमान खान के प्रशंसकों और खुद सलमान खान को काफी निराश किया था। ईद वीकेंड के बावजूद ट्यूबलाइट केवल ६४.७७ करोड़ का कलेक्शन ही कर सकी थी। यह कलेक्शन, सलमान खान की २०१४ में रिलीज़ फिल्म किक के ८३.८३ करोड़ से १९ करोड़ कम था। सलमान खान को ट्यूबलाइट के वितरकों के नुकसान की भरपाई भी करनी पड़ी थी। 
तीन सौ करोड़ क्लब के सलमान भाईजान से उम्मीदें 
फिर भी सलमान खान से उम्मीदें लगाईं जाती हैं।  इसके कारण भी हैं।  सलमान खान की १०० करोड़ से ऊपर, ३०० करोड़ तक का कारोबार करने वाली फिल्मों को ध्यान में रखें तो टाइगर ज़िंदा है के भी १०० करोड़ क्लब में शामिल होने की उम्मीद की जाती है।  यह उम्मीद की जानी भी चाहिए।  टाइगर ज़िंदा है, सलमान खान और कैटरीना काफी जोड़ी की २०१२ में रिलीज़ और बॉक्स ऑफिस पर १९८ करोड़ का कारोबार करने वाली फिल्म एक था टाइगर की सीक्वल फिल्म है। कबीर खान ने जब जब सलमान खान के साथ फ़िल्में बनाई, हमेशा १०० करोड़ क्लब में पहुँचने वाली फ़िल्में बनाई।  सलमान खान के साथ उनकी तीनों फ़िल्में एक था टाइगर, बजरंगी भाईजान और ट्यूबलाइट १०० करोड़ क्लब में प्रवेश पाने में सफल रही।  लेकिन, कबीर खान निर्देशित फिल्म एक था टाइगर की सीक्वल फिल्म होने के बावजूद टाइगर ज़िंदा है से सलमान खान और कबीर खान की हिट जोड़ी का नाम नहीं जुड़ा है। अलबत्ता, टाइगर ज़िंदा है के साथ उन अली अब्बास ज़फर का नाम जुड़ा है, जिनकी सलमान खान के साथ फिल्म सुल्तान ने ३०० करोड़ क्लब में प्रवेश पाया था।
सुपर हिट होगी टाइगर ज़िंदा है ? 
टाइगर ज़िंदा है के ज़बरदस्त ओपनिंग लेनी की पूरी पूरी उम्मीद की जा रही है।  इसके साफ़ कारण भी है।  यह फिल्म ४०००+ प्रिंट्स में रिलीज़ हो रही है।  सामने कोई दूसरी फिल्म भी नहीं है। अगले दो हफ्ते भी खाली हैं। ऐसे में टाइगर ज़िंदा है के ३०० करोड़ कमाने की उम्मीद है। लेकिन, क्या इतना काफी होगा ? टाइगर ज़िंदा है को ३००+ का कारोबार करना ही होगा।  टाइगर ज़िंदा है महँगी फिल्म है।  इस फिल्म के निर्माण में १५० करोड़ खर्च हुए हैं।  इनमे सलमान खान की ६० करोड़ फीस भी शामिल है।  इस फिल्म के प्रिंट्स  तैयार करने और प्रचार में २५ करोड़ खर्च हुए हैं।  इस प्रकार से टाइगर ज़िंदा है की लागत १७५ करोड़ आती है। साफ़ है कि सलमान खान की फिल्म का २०० करोड़ का ग्रॉस नाकाफी होगा।  यह फिल्म ३००+ का ग्रॉस ,करती है, तो भी कॉस्ट ही निकाल सकेगी। ऐसे में ३००+ का कारोबार करने वाली टाइगर ज़िंदा है सुपर हिट फिल्म नहीं मानी जाएगी। 
फिर शंका क्यों ?  
मगर यहाँ बड़ा सवाल यह है कि क्या सलमान खान की यह फिल्म ३०० करोड़ भी कमा सकेगी ? ट्यूबलाइट को रिलीज़ हुए अभी छह महीना भी पूरे नहीं हुए हैं।  यह फिल्म केवल भारत में ही ४३५० प्रिंट्स में रिलीज़ हुई थी। मगर ट्यूबलाइट को  २१.१५ करोड़ की खराब ओपनिंग मिली थी।  फिल्म ने ६४.७७ करोड़ का वीकेंड ग्रॉस किया था।  उम्मीद की जा रही थी कि चौथे दिन यानि ईद के रोज यह बड़ी कमाई करेगी।  लेकिन, ऐसा नहीं हुआ।  यह फिल्म १९ करोड़ से थोड़ा ज़्यादा का ग्रॉस ही कर सकी। पांचवे दिन ट्यूबलाइट मुंह के बल आ गिरी।  फिल्म का कलेक्शन मात्रा चार करोड़ के आसपास ही सिमट गया।  नतीजे के तौर पर फिल्म का लाइफ टाइम कलेक्शन १२१.२५ करोड़ में सिमट गया। ऐसे में टाइगर ज़िंदा है से बड़ी उम्मीद कैसे लगाईं जा सकती है।  यह एक्शन फिल्म है। एक्शन फ़िल्में शुरुआत अच्छी करने के बावजूद टेम्पो बनाये नहीं रख पाती।  सलमान खान की ८० प्रतिशत फिल्मों ने इसे प्रमाणित किया है। सलमान खान की फिल्मों का अच्छा कारोबार ईद वीकेंड कलेक्शन पर निर्भर करता है।  क्या क्रिसमस में ऐसा बढ़िया वीकेंड मिलेगा ? दबंग २ ने पहले दिन २१.१० करोड़ का ग्रॉस  किया था।  फिल्म का वीकेंड ६३.६० करोड़ का था।  सलमान खान की क्रिसमस वीकेंड में रिलीज़ फिल्म दबंग २ का १५८.५० करोड़ का लाइफ टाइम कारोबार काफी कहानी कह देता है।  
वैसे यहाँ ट्रेड की बॉक्स ऑफिस के पीछे की कहानी कुछ दूसरी है । फिल्म के निर्माताओं ने टाइगर ज़िंदा है के म्यूजिक राइट्स, ओवरसीज राइट्स, सॅटॅलाइट राइट्स और डिजिटल राइट्स बेच कर फिल्म के रिलीज़ होने से पहले ही  खुद को बिलकुल सुरक्षित कर लिया है।  ऐसे में, जानकार बताते हैं, अगर टाइगर ज़िंदा है १८० करोड़ का कारोबार करती है तो हिट और २०० करोड़ का कारोबार  करने पर सुपर हिट फिल्म बन जाएगी।  तीन सौ करोड़ पर तो यह आल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म कहलाएगी।  

Tuesday, 19 December 2017

तीन साल बाद रानी मुख़र्जी की हिचकी !

तीन साल बाद, रानी मुख़र्जी की वापसी हो रही है, वह भी हिचकी के साथ।  निर्देशक सिद्धार्थ पी मल्होत्रा की इस फिल्म हिचकी के ट्रेलर में रानी मुख़र्जी ऐसी महिला का रोल कर रही हैं, जो हिचकी से परेशान है।  वह जब भी कोई बात कहती है, पूरी होने से पहले ही उसे हिचकी आने लगती है। उसका मज़ाक भी बहुत उडता है।  इस कमी के बावजूद रानी मुख़र्जी का किरदार पहुँच जाता है एक स्कूल में टीचिंग जॉब करने।  बहुत मुश्किल होता है बिगड़े हुए शरारती बच्चों को पढ़ाना।  ऐसे में तो और ज्यादा जब पढ़ाने वाले में हास्यास्पद कमी हो।  रानी मुख़र्जी का चरित्र लोगों के तमाम समझाने और हतोत्साहित करने के बावजूद टीचिंग जॉब शुरू करता है।  क्या और कितनी परेशानी पेश आती हैं, यह फिल्म का हास्यास्पद मगर मनोरंजक पहलू है।  यशराज फिल्म्स के बैनर से, आदित्य चोपड़ा और मनीष शर्मा की फिल्म हिचकी २३ फरवरी  २०१८ को रिलीज़ हो रही है।  

सेना, नौकरशाही, भ्रष्टाचार....और नीरज पाण्डेय की ऐय्यारी

सेना में भ्रष्टाचार ! सोचने मात्र से ही दिमाग सुन्न हो जाता है।  सेना को भ्रष्टाचार से जोड़ने में ही शब्द काँप जाते हैं।  लेकिन, यह हकीकत है।  सेना में भी भ्रष्टाचार है।  मात्रा में फर्क हो सकता है, लेकिन भ्रष्टाचार के गटर में आर्मी ऑफिसर और नौकरशाही गले गले डूबी नज़र आती है।  नीरज पाण्डेय के कानों ने इन शब्दों को सुना।  उन्होंने एक जाल बुना, सेना में भ्रष्टाचार का।  एक ईमानदार फौजी को मालूम पड़ता है।  उसे यह स्वीकार्य नहीं।  वह वर्दी उतार कर निकल पड़ता है सच की खोज में।  सिद्धार्थ मल्होत्रा इस किरदार को अंजाम दे रहे हैं।  उनके साथ मनोज बाजपेई भी है, नसीरुद्दीन शाह और विक्रम गोखले भी।  फिल्म के ट्रेलर से विषय पर  नीरज की पकड़ साफ़ नज़र आती हैं।  वह रहस्य के जाल में फंसाए चले जाते हैं।  निश्चित रूप से २६ जनवरी को पैडमैन के मुकाबले भी ऐय्यारी हिट होने जा रही है।  

उत्तराखंड से विवेक ओबेरॉय के प्रशंसक

फैन ​से अपने सितारों ​बड़ा गजब का रिश्ता होता है ।​इस सोशल मीडिया के जमाने में भी​ फैन अपने ​सितारे को देखने के लिए कुछ भी ​करने को​ तैयार ​होते हैं।  ऐसी ही दीवानगी विवेक ओबेरॉय के ​लिए ​हल्द्वानी ,उत्तराखंड के ​रहनेवाले ​भूपेंद्र सिंह मेहरा ने दिखाई। ​भूपेंद्र स्वच्छ भारत अभियानके ​लिए जागरूकता​ बढ़ाने के ​लिए साइकिल पर देहरादून से भारत ​भ्रमण को निकले है। विवेक ओबेरॉय​ ​की भी पर्यावरण संरक्षण ​बहुत दिलचस्पी रही है। इसके चलते ​ही भूपेंद्र को विवेक प्रेरित करते हैं।  भारत भ्रमण के ​दौरान जब मुंबई की बारी ​आयी तो भूपेंद्र विवेक ओबेरॉय के घर ​पहुंचे। मगर अनजान समझ विवेक के गार्ड ने घर में आने की अनुमति नहीं दी। फिर भी भूपेंद्र ​ने प्रयास किया और इंतजार ​किया । विवेक को ​जब पता चला तो उन्होंने भूपेंद्र से मुलाकात की और मुहिम के बारे में जानकारी ​हासिल की ।​ अपने प्रति फैन के इस जज्बे को देख विवेक बहुत प्रभावित हुए।

रियल है या रील है अली फज़ल-ऋचा चड्डा रोमांस !

भोली पंजाबन और संघर्षरत म्यूजिशियन का रोमांस चर्चा में है।  यह दोनों किरदार फुकरे फिल्म सीरीज से हैं।  इन दोनों भूमिकाओं को रिचा चड्ढा और अली फजल ने किया था।  रील लाइफ में यह किरदार रोमांस के करीब तक नहीं।  लेकिन,  रियल लाइफ में यह दोनों अपने प्यार को व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते रहते हैं । रिचा भी अली के प्रति अपने प्रेम को खुलेआम व्यक्त करती रहती हैं।  खबर है कि एक प्रोडक्शन हाउस को अपनी एक रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म के लिए रिचा चड्डा और अली फज़ल की ऑफ स्क्रीन जोड़ी पसंद आई है। अपनी कुछ पिछली फिल्मों में ऋचा ने सेटेरिकल कॉमेडी में अपनी अभिनय प्रतिभा को दिखाया है। अपनी बेहद भोली-भाली चॉकलेटी सूरत के कारण अली रोमांटिक फिल्मों के लिए आदर्श हैं। बॉलीवुड में एक साथ काम करने वाले कलाकारो का एक दूसरे के प्रति आकर्षित होना आम बात है। लेकिन बहुत कम जोड़ियों को एक साथ मुख्य भूमिका निभाने का मौका मिलता है। हालांकि इस फिल्म का प्रस्ताव अभी शुरुआती दौर में है। लेकिन, विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार दोनों कलाकार इस बात को ध्यान में रखते हुए जल्द ही इस विषय में फैसला लेंगे।  क्योंकि,  इन दोनों के रियल लाइफ रोमांस के कारण यह फिल्म जबरदस्त हिट साबित होगी। वास्तविक जीवन की इस रोमांटिक जोड़ी को पर्दे पर देखना, अली और रिचा के प्रशंसकों के लिए किसी उपहार से कम नहीं । 

‘महाभारत’ के चक्रव्यूह में सोनम कपूर भी

कुछ समय पहले मीडिया में यह खबर थी कि सोनम कपूर ने अनुजा चौहान के उपन्यास बैटल फॉर बिटोरा पर फिल्म बनाने के अधिकार खरीदें हैं। यह खबर थी कि यह फिल्म फरहान अख्तर और फवाद खान के साथ बनाई जायेगी। अब महाभारत को आधुनिक सन्दर्भ में प्रस्तुत करने वाली सिंगापुर के लेखक कृष्णा उदयशंकर की द अर्यावार्ता क्रॉनिकलस के अंतर्गत तीन किताबों की श्रंखला गोविंदा, कौरव और कुरुक्षेत्र पर फिल्म के अधिकार भी सोनम कपूर द्वारा खरीदे जाने की खबरें गर्म है। हालाँकि, पहले की बैटल ऑफ़ बिटोरा पर फिल्म का कोई अतापता नहीं हैं। अपने महाभारत कनेक्शन के बारे में ज्यादा कुछ न बताने के बावजूद सोनम कपूर यह बताती हैं कि अभी उन्होंने यह तय नहीं किया है कि मैं तीन फिल्मों में कौन सा किरदार करू। अलबत्ता यह खबर ज्यादा सुर्ख हैं कि एडलैब्स और अभिषेक शर्मा ने अनुजा की पुस्तक द जोया फैक्टर के फिल्म राईट खरीद लिए  हैं। वह इस पुस्तक पर आधारित फिल्म सोनम कपूर को लेकर बनाना चाहते हैं। सोनम कपूर इस फिल्म के बारे में कुछ नहीं बताती। वह कहती हैं, “जी हाँ, जोया फैक्टर है। लेकिन फिलहाल इससे ज्यादा नहीं बता सकती। सोनम कपूर की अक्षय कुमार और राधिका आप्टे के साथ फिल्म पैडमैन अगले साल २६ जनवरी को रिलीज़ होने जा रही है। इसके अलावा सोनम कपूर अपनी होम प्रोडक्शन फिल्म वीरा दी वेडिंग में करीना कपूर के साथ नज़र आयेंगी। वह संजय दत्त पर बायोपिक फिल्म संजू और एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा में भी अभिनय कर रही हैं।  

एषा गुप्ता को चढ़ा फुटबॉल का बुखार !

एक्ट्रेस एशा गुप्ता को फुटबॉल फीवर चढ़ा हुआ है।  लेकिन, वह फुटबॉल मैच खेलना या कोई ख़ास मैच देखना नहीं चाहती।  बल्कि, उनका इरादा एक अपनी फुटबॉल टीम बनाना है।  इस प्रकार से वह जॉन अब्राहम, रणबीर कपूर, आदित्य रॉय कपूर, डिनो मोरिया, राज कुंद्रा, आदि बॉलीवुड सेलिब्रिटी की श्रेणी में ला देती है।  लेकिन, वह फुटबॉल को लेकर इन सेलिब्रिटी से अलग धारणा रखती हैं। लड़कियों के बीच खेल के प्रति उत्सुकता और जानकारी पैदा करना चाहती हैं।  उनका मानना है कि गाँवों और छोटे शहरों में  आज भी लड़कियां खेलों के प्रति जागरूक नहीं।  क्योंकि, इन जगहों पर रूल बना रखे हैं कि लड़कियों को खेलना नहीं चाहिए।  शरीर छुआ जाता है, आदि आदि। एशा का मानना है कि लड़कियों के लिए ऐसे रूल बनाना ठीक नहीं।  उनका मानना है कि इन  जगहों में प्रतिभाओं की कमी नहीं। लड़कियां फुटबॉल आदि खेल खेलना चाहती हैं।  लेकिन, उन्हें उन्हें अवसर और साधन उपलब्ध नहीं है।  एशा गुप्ता को ऐसे ही  टैलेंट की तलाश है। वह ऐसे फुटबॉल टैलेंट ढूढ़ कर उन्हें  अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देना चाहती हैं। जहाँ तक एशा गुप्ता का फिल्म करियर का सवाल है, यहाँ भी उन्हें उचित मौके नहीं मिल रहे।  एंजेलिना जोली से मिलती शक्ल वाली इस अभिनेत्री का बॉलीवुड फिल्म डेब्यू २०१२ में इमरान हाश्मी के साथ क्रिकेट की सट्टेबाज़ी पर फिल्म जन्नत २ से हुआ था। दो फिल्मों में डॉक्टर की  भूमिका कर चुकी एशा को टैलेंट के बजाय स्किन शो करने का मौका तक नहीं मिला। खुद एशा भी अपने  सोशल एकाउंट्स में भी ग्लैमर बिखेरती नज़र आती हैं। वह इनमे उत्तेजना की हद तक जाती नज़र आती हैं।  एक्टिंग के लिहाज़ से अक्षय कुमार के साथ फिल्म रुस्तम और अजय देवगन के साथ फिल्म बादशाओ में उनके लिए मौके थे। हालाँकि, उनके खाते में हेरा फेरी ३ और आँखे ३ जैसी फिल्मों के नाम दर्ज़ हैं।  लेकिन, यह फ़िल्में प्रोडक्शन के किस स्तर पर हैं, इसका पता नहीं चलता।  

हर बार नेपोटिस्म के आसपास आपत्तिजनक टिप्पणी बनाना जरूरी नहीं

'नेपोटिस्मतो जैसे साल का सबसे ख़ास शब्द हो चुका हो। यही नहींयह सबसे ज़्यादा चर्चित विषय बन कर रह गया है । लेकिन करण ओबेरॉय का मानना है कि एक बड़े ही बेतुके मुद्दे को बढ़ा-चढ़कर पेश किया गया है। करण ओबेरॉय आजकल अपनी 'बैंड ऑफ़ बॉय्सकी वापसी को लेकर काफी व्यस्त हैं। उन्होंने बड़े ही सरल शब्दों में  नेपोटिस्म के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बोला कि 'अपने बाप-दादा के शिल्प का हिस्सा बनने का यह एक काफीस्वाभाविक आकर्षण है ।इसी विषय को विस्तारित करते हुए उन्होंने कुछ पेशों को लेकर एक एहम सवाल उठाया जहाँ नेपोटिस्म की बात नहीं उठती । 'क्या एक वकील का बेटा वकील नहीं बनना चाहताक्या एक राजनेता का बेटा राजनीती में शामिल नहीं होना चाहताक्याएक व्यापारी का बेटा नहीं चाहता कि वह अपने पिता का कारोबार भविष्य में संभालेक्या हमने कभी पूछा है कि क्यों मुकेश अम्बानी के बेटे उनके पिता के कारोबार की बागडोर सँभालने की उम्मीद करते हैंक्या इसमें कोई अजीब बात लगती है?' जब किसीके बचपन के माहौल में किसी एक ओर झुकाव रहा होतो आगे जाकर उसका हिस्सा बनने की चाह होना बड़ा ही साधारण मामला होता है । मेरे पिता फौजी थे इसलिए मैं भी फौजी बनना चाहता था । क्या मेरे पिताजी के बोलने से मेरा ऐन.डी.ए में दाखिल होना आसान हो जाताया मेरे परिवार का फौजी वातावरण होने से मेरी गिनती पसंदीदा कैडेटों में होतीशायद होतीक्योंकि यह स्वाभाविक और अनिवार्य भी है । दुनिया इसी तरह चलती है। फ़िल्मी जगत की तरफ उंगली उठानाबहुत आसान है क्योंकि यहाँ हर चीज़ की लगातार छान-बीन होती रहती है।’ अगर आप मानते ही हैं कि माँ-बाप के इंडस्ट्री से जुड़े होने के करण उनके बच्चों का पहली बार परदे पर नज़र आना ज़्यादा आसान होता हैतो आप नेपोटिस्म की मौजूदगी की क्या सफाई देंगें?’ करण यह भी कहते हैं कि 'हाँयह ज़रूर कह सकते हैं कि मौका पाना आसान हो जाता हैलेकिन आखिरकार दर्शक का उन्हें स्वीकारना या रद्द करना केवल उनके गुण और क्षमता पर निर्भर होती है । इसकी कई मिसालें चारों ओर देखने को मिलती हैं। हर मुद्दे को ज़ोरो-शोरो से प्रस्तुत करने का ज़िम्मेदार मीडिया को ठहराते हुए करण बोलें कि 'फ़िल्मी सितारों के बच्चों को लेकर मीडिया के हमेशा से आते हुए जुनून के चलते इस तरह के अनुमान लगते हैं । अगर मीडिया इन्हें लेकर इस हद्द तक चर्चा नाकरतीतो क्या मुझे शाह रुख ख़ान या श्रीदेवी के बच्चों के नाम पता होते?’ मुझे तो इत्तेफाक से इंडस्ट्री के एक नन्हे से बच्चे का नाम भी नाम पता है क्योंकि वो सैफ और करीना की औलाद है । सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री को ही बेवजह दोषी करार क्यों दिया जाएमीडिया खुद ही इन बच्चों को फ़िल्मी बच्चे बनाने में इतना वक्तपैसा और जोश खर्च कर रही है ।

डॉनल बिष्ट ने शादी में अपनी मां के कंगन पहने

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के शो 'एक दीवाना था' के अचंभित करने वाले उतारचढ़ावों की वजह से दर्शक अपनी टेलीविजन स्क्रीन से चिपके हुए हैं। लेकिन, आने वाली कहानी में, दर्शकों को शादी का वातावरण देखने को मिलेगा, जहां शरण्या (डॉनल बिष्ट) अपने प्यार व्योम (विक्रम सिंह चौहान) से शादी करने को लेकर काफी उत्साहित हैं। शादी के इस सीक्वेंस के लिए डोनल काफी सजी संवरी हैं। लेकिन यह बात ज्यादा लोग नहीं जानते हैं कि अपने ब्राइडल लुक से अपने फैंस को अचंभित करने वाली डॉनल को इस प्रकार संवरने में उनके किसी नजदीकी ने भी उनकी मदद की है। हर दुल्हन पारंपरिक परिधानों में सुंदर दिखती है और उस परिधान के साथ पहनी गई सही ज्वेरी इस लुक को और भी आकर्षक बना देती हैं। उनके लुक को पूरा करने के लिए, डॉनल की मां ने उन्हें अपने 'कंगन' दिए, जो उन्होंने अपनी शादी में पहने थे।  जब डॉनल बिष्ट इस बारे में अपनी भावनाएं बताने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, “जब मैंने सुना कि शादी के दृश्यों की शूटिंग होनी है, तो जो पहली बात मेरे दिमाग में आई, वह थी कि मैं किस प्रकार की ज्वेलरी पहनूं कि मेरा किरदार एक दुल्हन के रूप में आकर्षक लगे। मैं इसके समाधान के लिए मां के पास गई क्योंकि मुझे याद था कि मेरी मां ने मुझे एक बार अपने सोने के कंगन दिखाए थे जो उन्होंने अपनी शादी में पहने थे। यह कंगन बहुत ही सुंदर दिखते हैं। मैं खुश हूं कि मां ने मेरी मदद की। सेट पर मेरे कोस्टार्स और सभी को, वे कंगन बहुत पसंद आए और अब मुझे यह आशीर्वाद के रूप में ज्यादा महसूस होता है कि मां असल में हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं और हर परिस्थिति में वे हमारी मदद के लिए मौजूद रहती हैं।