Thursday 27 November 2014

जेड प्लस जैसी फ़िल्में संतुष्टि देती हैं - मोना सिंह

जस्सी जैसी कोई नहीं और क्या हुआ तेरा वादा से छोटे परदे पर छा  जाने वाली मोना सिंह की ऊट पटांग और ३ इडियट्स जैसी फिल्मों से बड़े परदे पर एंट्री ख़ास नहीं रही। ३ इडियट्स के  बाद मोना सिंह , ज़्यादातर रियलिटी शोज में नज़र आयीं।  अब वह कोई तीन चार साल बाद डॉक्टर चंद्रप्रकाश की फिल्म जेड प्लस से दर्शकों के सामने होंगी ।  जेड प्लस एक सामाजिक राजनीतिक ड्रामा फिल्म है ।  समकालीन राजनीति  पर कटाक्ष करती  इस फिल्म में दिखाया गया है कि  कैसे एक राज्य के भ्रष्ट राजनेता अपनी कुर्सी बचाने के लिए एक पंक्चर वाले को जेड प्लस सुरक्षा दे देते हैं।  इस फिल्म में असलम पंक्चर वाले की भूमिका आदिल हुसैन ने की है।  मोना सिंह ने इसी पंक्चर वाले की  बीवी की भूमिका की है। मोना सिंह छोटे परदे पर अपना जादू बिखेरने के बावजूद  ज़्यादा फिल्मों में  इसलिए नज़र नहीं आयीं कि क्योंकि उन्हें अच्छी स्क्रिप्ट का  इंतज़ार था । 
मोना सिंह ने जेड प्लस  का चुनाव स्क्रिप्ट की वजह से किया या अपनी  भूमिका पढ़ किया ! कहती हैं मोना सिंह, "डॉक्टर साहब की स्क्रिप्ट  राजनीती का शानदार बयान है।  

मोना इतने लम्बे समय तक फिल्मों में नज़र नहीं आयी, क्योंकि, उन्हें अच्छी स्क्रिप्ट का इंतज़ार था।  वह कहती हैं, " आजकल ज़्यादातर रोमांटिक फ़िल्में बनायी जा रही हैं।  मैं रोमांस फिल्मों की विरोधी नहीं।  परन्तु, फिल्मों में कुछ समझदारी भी तो होनी चाहिए। मैं  कुछ फ़िल्में गिना सकती हूँ, जो देखने योग्य है।  क्वीन  ऎसी ही फिल्म थी। मैंने इसे कई बार देखा। आँखों देखी भी शानदार फिल्म थी।  यह फ़िल्में अलग प्रकार का सिनेमा थी। "

हमारे यहाँ  अच्छी स्क्रिप्ट की इतनी कमी क्यों हैं ? बताती हैं मोना सिंह, "दरअसल, अच्छी स्क्रिप्ट तैयार करने में काफी मेहनत और समय लगता है।  हमारे फिल्म उद्योग में अच्छी स्क्रिप्ट की  बड़ी कमी है।  इसीलिए अच्छा सिनेमा देखने को बहुत कम मिल रहा। " 
जेड प्लस की स्क्रिप्ट अच्छी थी या मोना सिंह को अपना रोल अच्छा लगा ? जेड प्लस साइन करने का क्या कारण था ? मोना बताती हैं, "डॉक्टर साहब ने ब्रिलियंट स्क्रिप्ट लिखी है।  वह बड़े रोचक अंदाज़ में स्क्रिप्ट सुनाते हैं।  उन्होंने स्क्रिप्ट का अंत मुझे नहीं सुनाया और कहा कि  मैं अंत नहीं बताना चाहता। लेकिन, बाद में जब मैंने अंत बताने  की ज़िद पकड़ी तो उन्होंने अंत बता दिया।  मुझे यह बहुत अच्छा लगा और मैंने तुरंत फिल्म को हाँ कर दी।" 
क्या आप जेड प्लस से खुश हैं ? मोना सिंह कहती हैं, "एक एक्टर के लिए जेड प्लस जैसी फिल्म से जुड़ना बड़े संतोष की बात होती। आप  फिल्म देखते समय इमोशन के विस्तृत आयाम देखेंगे।"  



                                                                                                         राजेंद्र कांडपाल

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