अनुपम खेर की फिल्म रांची डायरीज से बॉलीवुड में नाम कमाने वाली सौंदर्या शर्मा को अभी फिल्मों का इंतज़ार है। अलबत्ता, इस फिल्म की गुड़िया ने उनकी पहचान सुदूर उड़ीसा में तक बना दी है। पिछले दिनों वह भुवनेश्वर में कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी में आयोजित तीसरा कलिंगा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में आमंत्रित की गई थी । कौरिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस में पढ़ने वाले २५,००० आदिवासी छात्रों ने गुरु अनुपम खेर के साथ सौंदर्या शर्मा का स्वागत किया।इस सम्मान से अभिभूत, सौंदर्या शर्मा कहती हैं, "मैं उत्सव का हिस्सा बनने और सिनेमा का जश्न मनाने के लिए बहुत उत्साहित थी । छात्रों की इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति ,बहुत आश्चर्यजनक रहा ।"
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 18 November 2017
सौंदर्या शर्मा तीसरे कलिंगा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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