बड़े बजट की फिल्मों से पहचान बनाने वाले माइकल बे ट्रांसफार्मर्स सीरीज की पांचवी फिल्म का निर्देशन करेंगे । पिछले दिनों माइकल बे ने इसका ऐलान किया। माइकल जब भी ट्रांसफार्मर्स सीरीज किसी फिल्म के निर्देशन का ऐलान करते हैं तो लगता है जैसे यह उनकी आखिरी फिल्म होगी। लेकिन, होता यह है कि अगली ट्रांसफार्मर्स के डायरेक्टर की कुर्सी पर भी वही बैठे नज़र आते हैं। अब तक वह मशीन रोबोट पर चार सफल फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। अब तक रिलीज़ चार फिल्मों के निर्माण में ७५५ मिलियन डॉलर का खर्च हुआ है। जबकि, इन चार फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर ३.७६१ बिलियन डॉलर का कलेक्शन किया है। ट्रांसफार्मर्स सीरीज की चौथी फिल्म 'ट्रांसफार्मर्स एज ऑफ़ एक्सटिंक्शन' २७ जून २०१४ को रिलीज़ हुई थी। माइकल की एक एक्शन थ्रिलर फिल्म '१३ ऑवरस: द सीक्रेट सोल्जरस ऑफ़ बेनग़ाज़ी' १५ जनवरी को रिलीज़ होने जा रही है। जहाँ तक ट्रांसफार्मर्स सीरीज के आगे चलने का सवाल है, पैरामाउंट पिक्चर्स काफी उत्साहित है। आर्त मरकम और मैट होलोवे के नेतृत्व में लेखकों की एक फ़ौज़ तैयार रखी गई है। ब्लैक हॉक डाउन के केन नोलन की स्क्रिप्ट पर माइकल बे की पांचवी ट्रांसफार्मर्स फिल्म बनाई जा रही है। बे '१३ ऑवरस' के प्रचार के ख़त्म होने के बाद 'ट्रांसफार्मर्स ५' पर काम शुरू कर र्देंगे। लेकिन, अब वह आगे की ट्रांसफार्मर्स फिल्मों का निर्देशन करना नहीं चाहते। वह कहते हैं, "एक सौ मिलियन दर्शकों तक पहुँचना दिलचस्प होता है। लेकिन, अब बस...या मेरी आखिरी फिल्म है। मैं चाहता हूँ कि ट्रांसफार्मर्स सीरीज की कमान कोई दूसरा सम्हाले। 'ट्रांसफार्मर्स ५' की तारीख अभी तय नहीं है। लेकिन, यह फिल्म २०१७ में रिलीज़ होगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 14 January 2016
माइकल बे डायरेक्ट करेंगे 'ट्रांसफार्मर्स ५'
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 13 January 2016
पाकिस्तानी किरदार में हिंदुस्तानी दर्शन कुमार
आजकल ओमंग कुमार की फिल्म 'सरबजीत ' की इनडोर शूटिंग मुंबई में चल रही है। इस फिल्म में ओमंग कुमार की पिछली फिल्म 'मैरी कॉम' में मैरी कॉम के पति का किरदार निभाने वाले अभिनेता दर्शन कुमार एक पाकिस्तानी वकील अवैस शैक का किरदार कर रहे हैं। यह अवैस शैक रियल लाइफ में पाकिस्तान की जेल में बंद सरबजीत को रिहा करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देने वाले वकील थे। उन्होंने सरबजीत को इन्साफ दिलाने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन, अपनी कोशिश में सफल हो जाने के बावजूद सरबजीत को ज़िंदा बाहर नहीं ला सके थे। अवैस शैक का किरदार करने वाले दर्शन कुमार के लिए बढ़िया बात यह है कि उन्हें मिस वर्ल्ड प्रियंका चोपड़ा के बाद उनसे सीनियर मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ भी काम करने का मौका मिल रहा है। फिल्म में ऐश्वर्या सरबजीत की बहन दलबीर का किरदार कर रही हैं, जिसने अपने भाई को पाकिस्तानी जेल से छुड़ाने की पुरजोर कोशिश की थी। ज़ाहिर है कि दर्शन कुमार को ऐश्वर्या के साथ काफी सीन मिले होंगे।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बैड सांता २ में बिली बॉब थॉर्नटन के साथ क्रिस्टीना हेंड्रिकस
मिरामैक्स की जिस फिल्म का लम्बे समय से इंतज़ार था, वह अब पूरा होने को है। निर्माता जॉन कैमरॉन, साराह ऑब्रे और बॉब वेस्टिन की एक क्रिसमस क्रिमिनल ब्लैक कॉमेडी फिल्म 'बैड सांता' रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म का प्रोडक्शन बजट २३ मिलियन डॉलर और इस फिल्म नें बॉक्स ऑफिस ७६.५ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था। यह फिल्म २१ नवंबर २००३ को रिलीज़ हुई थी। अब १३ साल बाद इस फिल्म का सीक्वल बनाये जाने की तैयारी की जा रही है। इस फिल्म में मैड मेन की स्टार क्रिस्टीना हेंड्रिकस को नयी किरदार में जोड़ा गया है। कदाचित वह बैड सांता यानि बिली बॉब थॉर्नटन की प्रेमिका का किरदार करेंगी। २००३ की बैड सांता में बिली ने अपने बौने दोस्त मार्कस यानि टोनी कॉक्स के साथ चोरी करने वाले शातिर चोर विली टी स्टोक्स का किरदार किया था। इस सीक्वल फिल्म में भी दोनों यही किरदार कर रहे हैं। ब्रेट केली भी द किड के किरदार में हैं। अभी यह जानकारी नहीं हो सकी है कि लॉरेन ग्रैहम और लॉरेन टॉम के सुइ और लोइस के किरदार होंगे या नहीं। अभी फिल्म की कहानी के बारे में भी कोई ख़ास जानकारी नहीं है। अलबत्ता, दोनों चोर बिली और मार्कस हर साल की तरह क्रिसमस के दिन किसी शॉपिंग मॉल में चोरी करेंगे। २००३ की फिल्म का निर्देशन टेरी ज़्विगॉफ ने किया था। पर सीक्वल फिल्म का निर्देशन मीन गर्ल्स के मार्क वाटर्स कर रहे हैं। फिल्म की पटकथा डौग एलिन ने लिखा है। क्रिस्टीना हेंड्रिकस पिछले साल ७ अगस्त को चार्लीज थेरॉन के साथ एक मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म 'डार्क प्लेसेज' में देखा गया था। वह टीवी सीरीज के अलावा लॉस्ट रिवर, द पायरेट फेरी, गॉड्स पॉकेट, आदि फ़िल्में भी कर चुकी हैं। वह किआनु रीव्स और एले फैनिंग के साथ 'द नीयन डेमोन' और चार्ली डे और आइस क्यूब के साथ फिल्म 'फिस्ट फाइट' में भी दिखाई देंगी। 'बैड सांता २' की रिलीज़ की तारीख़ २३ नवंबर तय की गई है।
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देसी कट्टे के निर्देशक को नज़र आया मंदना में टैलेंट !
कम से कम मन्दना करीमी के लिए यह खुशखबर होगी कि 'देसी कट्टे' फिल्म के डायरेक्टर आनंद कुमार उनके लुक और टैलेंट से भी प्रभावित हुए है। हालाँकि, हिंदी दर्शकों को मंदाना करीमी का लुक क्या बॉडी ही नज़र आई है। आज कल बिग बॉस का नवां सीजन चल रहा है। मंदाना करीमी अपने बोल्ड अंदाज़ में कायम है। पिछले साल वह दो फिल्मों में नज़र आई थी। इन दोनों की नायिकाएं दूसरी अभिनेत्रियां थी। अर्जुन रामपाल और रणबीर कपूर की फिल्म रॉय में श्रीलंकाई सुंदरी जैक्विलिन फर्नांडीज दोहरी भूमिका में थी। इस फिल्म में यह ईरानियन ब्यूटी जाता रही थी कि शरीर के उतार चढ़ाव के मामले में वह जैक्विलिन से किसी तरह कम नहीं। कुणाल खेमू की थ्रिलर फिल्म भाग जॉनी में ज़ोआ मोरानी और मानसी स्कॉट दो नायिकाएं थी। लेकिन, विदेशी एजेंट रेचल की भूमिका में गर्मागर्म सीन मंदाना करीमी कर रही थी। एकता कपूर को भी उनमे पोर्न बॉडी ज़रूर नज़र आयी होगी। तभी तो उन्होंने पोर्न फिल्मों के दो अभिनेताओं की फिल्म 'क्या कूल हैं हम ३' में मंदना को बॉडी बना कर परोस दिया। इस फिल्म में करीमी कामुकता के सारे बंधन तोड़ने जा रही हैं। ऐसे में आनंद कुमार को मंदना में कौन सा टैलेंट नज़र आया होगा, सोचा जा सकता है। लेकिन, आनंद कुमार की फिल्म वायरल के विषय के बारे में पूछे तो सब शीशे सा साफ़ हो जाता हैं, "इन दिनों सेक्स बड़ा आसान हैं। लेकिन, प्यार पाना बहुत मुश्किल है। आजकल प्रेम से ज़्यादा सेक्सुअल डिजायर ज़रूरी हो गई है। मेरी फिल्म का यही विषय है।" देखें बिग बॉस ९ से बाहर आने के बाद आनंद कुमार के वायरल को मंदना से कैसा रिस्पांस मिलता है। फिलहाल तो नज़रें क्या सुपर कूल हैं हम ३ पर।
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क़्वेन्टिन टारनटिनो की पहली पसंद थी 'जेनिफर लॉरेन्स'
फ़िल्म 'द हेटफुल एट' निर्देशक क़्वेन्टिन टारनटिनो की बड़ी हॉलीवुड वेस्टर्न्स की गवाह है। क़्वेन्टिन वेस्टर्न फ़िल्में देखते हुए पले बड़े हैं । सिविल वॉर के दौरान व्योमिंग की पृष्ठभूमि में रची बसी यह
फ़िल्म इनामी शिकारियों की एक ऐसी दिलचस्प कहानी कहती है, जो खुद एक बहुत बड़ी साजिश
में फंस जाते हैं । पांच बार के ऑस्कर विजेता
निर्देशक टारनटिनो का कहना है कि वह पहले दिन से डेज़ी डोमर्ग उर्फ़ द प्रिजनर के किरदार के लिए जेनिफर लॉरेन्स को कास्ट करने को लेकर बेहद गंभीर थे । हाल ही में उन्होंने एक बातचीत के
दौरान बताया," मैं जेनिफर लॉरेंस का जबदस्त फैन हूँ और मैं यह अच्छी तरह से समझता था कि वह
इस रोल के साथ पूरी तरह से न्याय कर सकती थी। इसलिये हम उनके पास कहानी और बाकी
चीजों के बारे मे बात करने पहुँच गए । मुझे लगता है कि वह सिर्फ शिष्टाचार प्रदर्शित कर रहीं थी । वह
उस समय फ़िल्म 'जॉय' कर रही थी । उन्हें 'हंगर गेम्स' मूवीज के लिए भरपूर प्रचार करना था । इस दुनिया में कोई भी ऐसा रास्ता नहीं था
क़ि वह उपलब्ध हो जाती । इसलिए मैंने इस किरदार के लिए जेनिफर जैसन लेह को साइन कर लिया । आज मैं इस बात से बेहद खुश हूँ कि मैंने इस रोल के लिए
किसी युवा का चयन नहीं किया । मुझे अब यह महसूस होता है कि जहाँ तक किरदारों की उम्र
का सम्बन्ध है, मेरा चुनाव बिलकुल सटीक रहा । निर्देशक टारनटिनो और
सैमुअल जैक्सन की बेमिसाल जोडी ने इस फ़िल्म को ७० एमएम पर एक निश्चित अल्ट्रा वाइड अनुपात पर फिल्माया है, जो कि वास्तव देखने योग्य यादगार अनुभव साबित होगा । यह फ़िल्म
पीवीआर पिक्चर्स द्वारा 15 जनवरी 2016 को भारत में अपनी ज़बरदस्त रिलीज को लेकर फिल्म जगत में गर्माहट पैदा किये हुए
है।
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Tuesday, 12 January 2016
कैंसर से जीतने वाली दो बॉलीवुड अभिनेत्रियाँ
बॉलीवुड फिल्मों की दो जानी पहचानी अभिनेत्रियां अपनी गंभीर बीमारी से मुक्त हो कर फिर से फिल्मों में वापसी कर रही हैं। यह दो अभिनेत्रियां हैं नेपाली ब्यूटी मनीषा कोइराला और इंडो कैनेडियन ब्यूटी लीज़ा रे। नेपाली फिल्म करने के बाद मनीषा कोइराला ने सुभाष घई के निर्देशन में हिंदी फिल्म ' सौदागर' से डेब्यू किया। फिल्म सुपर हिट हुई। भेड़ चाल के तहत मनीषा कोइराला के आगे फिल्मों का ढेर लग गया। यह सभी फ़िल्में मनीषा कोइराला की फिल्म सौदागर से बनी इलू इलू इमेज भुनाने के लिए बनी थी। नतीजे के तौर पर मनीषा कोइराला ने फर्स्ट लव लेटर, यलगार, इंसानियत के देवता, अनमोल, धनवान, यू ही कभी, मिलन, १९४२: अ लव स्टोरी, संगदिल सनम, आदि असफल फिल्मों के ढेर लगा दिए। इतनी ज़्यादा असफलता के बाद मनीषा कोइराला ने वापसी की। यह उनकी ज़बरदस्त वापसी थी। क्रिमिनल और बॉम्बे फिल्मों ने उन्हें फिर स्थापित कर दिया। अकेले हम अकेले तुम से उनके अभिनयशील पक्ष को उजागर किया। अग्निसाक्षी के बाद उन्हें टॉप की अभिनेत्रियों में शुमार किया जाने लगा। मनीषा का करियर उतार चढ़ाव वाला रहा। वह एक ओर हिट फ़िल्में देती, दूसरी ओर फ्लॉप फिल्मों का ज़खीरा खड़ा कर देती। वह अपने करियर के प्रति उदासीन सी लगने लगी। उनकी बददिमागी के किस्से सुर्खियां पाने लगे। इसी दौरान उन्होंने पैसा वसूल का निर्माण किया। फिल्म फ्लॉप हुई। २०१० में उन्होंने एक नेपाली व्यापारी से विवाह कर लिया। लेकिन, यह शादी ज़्यादा नहीं टिक सकी। रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'भूत रिटर्न' के बाद उन्हें ओवरी के कैंसर का पता चला। वह फिल्मों से दूर हो गई। मनीषा कोइराला से केवल दो साल छोटी लीज़ा रे ने मनीषा के हिंदी फिल्म डेब्यू के दस साल बाद हिंदी फिल्म 'कसूर' (२००१) से डेब्यू किया। आफताब शिवदासानी के साथ यह थ्रिलर फिल्म हिट हुई। लेकिन, लीज़ा को इस फिल्म से काफी पहले करण कपूर के साथ बॉम्बे डाईंग के विज्ञापन की मॉडल के बतौर पहचाना जाने लगा था। उन्होंने अपने विज्ञापनों से धूम मचा दी थी। ग्लैड रग्स के कवर पर बेवॉच स्विमसूट में वह गज़ब ढा रही थी। वह वुमन ऑफ़ मिलेनियम चुनी गई। नुसरत फ़तेह अली खान के विडियो एल्बम आफरीन आफरीन (१९९६) और दलेर मेहंदी के विडियो हर तरफ तेरा जलवा (१९९९) से उनकी सेक्स अपील का डंका बज गया। इसके बाद विक्रम भट्ट के निर्देशन में कसूर रिलीज़ हुई। इस फिल्म की खासियत यह थी कि फिल्म में लीज़ा रे के संवाद अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने डब किये थे। चूंकि, फिल्म में दिव्या दत्ता भी अभिनय कर रही थी, इसलिए दिव्या के संवाद वॉयसओवर आर्टिस्ट से डब कराये गए। २००९ में लीज़ा रे को वाइट ब्लड सेल्स के कैंसर का मरीज़ पाया गया।
यह दोनों अभिनेत्रियां इंसान के घातक बीमारी से लड़ कर जीतने का उदाहरण हैं। इन दोनों अभिनेत्रियों ने अपनी बीमारी से हार नहीं मानी। वह लम्बे समय तक मर्मान्तक कष्ट झेलते हुए भी लड़ती रही और अंततः अपनी बीमारी से जीत पा सकी । अब मनीषा कोइराला तमिल-कन्नड़ फिल्म से अपनी वापसी कर रही है. इस फिल्म के लिए उन्होंने राजकुमार संतोषी की फिल्म को होल्ड में रखा था। लिसा रे शीघ्र रिलीज़ होने जा रही फिल्म इश्क फॉरएवर से वापसी कर रही हैं। इस फिल्म में वह एक सीक्रेट एजेंट के किरदार में हैं। इन फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर चाहे जो हश्र हो, लेकिन इन दोनों खूबसूरत अभिनेत्रियों की वापसी का स्वागत तो किया ही जाना चाहिए !
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Monday, 11 January 2016
अनुष्का शर्मा के अभिनय का खान सफरनामा
बंगलोर में पली बढ़ी अनुष्का शर्मा को २००८ में यशराज फिल्म्स की फिल्म 'रब ने बना दी जोड़ी' में शाहरुख़ खान के साथ शुरुआत करने का मौका मिला। अनुष्का शर्मा ने २०१४ में जब आमिर खान के साथ फिल्म 'पीके' की, तब तक यह शाहरुख़ खान के साथ दो फिल्मों (दूसरी जब तक है जान (२०१२) में काम कर चुकी थी। अब वह २०१६ में तीसरे खान सलमान खान के साथ फिल्म 'सुल्तान' में नज़र आएंगी। हालाँकि, इमरान खान को इस खान ब्रिगेड में शामिल नहीं किया जाता, लेकिन वह इमरान खान के साथ फिल्म 'मटरू की बिजली का मंडोला' करके चार खान अभिनेताओं की नायिका बन गई हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि अनुष्का शर्मा के साथ खान अभिनेताओं की चार फिल्मों में तीन यशराज बैनर से हैं। यशराज बैनर के परंपरागत तीन फिल्मों के अनुबंध के बावजूद इस बैनर की पांच फ़िल्में 'बदमाश कंपनी', 'बैंड बाजा बरात', 'लेडीज वर्सेज रिक्की बहल' और 'जब तक है जान' की। अनुष्का शर्मा रणवीर सिंह के साथ तीन फ़िल्में 'बैंड बाजा बारात', 'लेडीज वर्सेज रिक्की बहल' और 'दिल धड़कने दो' में अभिनय कर चुकी हैं। अनुष्का शर्मा ऎसी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने बेटा और बाप दोनों के साथ फ़िल्में की। अनुष्का शर्मा ने शाहिद कपूर के साथ 'बदमाश कंपनी' की तो शाहिद के पिता पंकज कपूर के साथ फिल्म 'मटरू की बिजली का मंडोला' की। उन्होंने फिल्म 'बदमाश कंपनी' के निर्देशक परमीत सेठी के साथ 'दिल धड़कने दो' में अभिनय किया। वह 'पटियाला हाउस' में अक्षय कुमार और 'बॉम्बे वेलवेट' में रणबीर कपूर की नायिका बनी । जिस रणवीर सिंह के साथ अनुष्का शर्मा रोमांस चला था, उसने ब्रेकअप के बाद दीपिका पादुकोण के साथ ऐतिहासिक 'बाजीराव मस्तानी' जैसी हिट फिल्म दी, जबकि जिस रणबीर कपूर का दीपिका के साथ ब्रेकअप हुआ था, उसने अनुष्का शर्मा के साथ 'बॉम्बे वेलवेट' जैसी ऐतिहासिक असफलता वाली फिल्म की । बॉलीवुड के लगभग सभी बड़े अभिनेताओं के साथ फ़िल्में कर चुकी अनुष्का शर्मा ने जब बतौर निर्माता फिल्म 'एनएच १०' बनाई, खुद के साथ एक छोटा अभिनेता नील बूपलम को लिया। रणबीर कपूर के साथ उनकी दूसरी फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' इस दिवाली रिलीज़ होगी।
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Saturday, 9 January 2016
क्या पुलिस फ़ोर्स में महिलाओं को दिखा पाती है 'जय गंगाजल' !
अभी फिल्म निर्माता निर्देशक प्रकाश झा को गुडगाँव में सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स अकादमी में 'सातवी नेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ वीमेन इन पोलिस' के उद्घाटन पर 'वीमेन इन पुलिस, डिफरेंट पर्सपेक्टिव एंड न्यू रोल्स' पर विचार व्यक्त करने के लिए बुलाया गया। उन्हें यह निमंत्रण इसलिए मिला कि वह एक महिला पुलिस अफसर पर फिल्म 'जय गंगाजल' के निर्देशक हैं। इसके अलावा तो उनकी कोई दूसरी खासियत नज़र नहीं आती । उन्होंने इस समारोह में अपनी प्रियंका चोपड़ा निर्देशित फिल्म 'जय गंगाजल' का ट्रेलर भी दिखाया। बताते हैं कि मौजूद महिला कॉप ने इस ट्रेलर को पसंद किया। सवाल जवाब में उन्होंने कहा. "मेरी फिल्म का मुख्य किरदार आभा माथुर एक सख्त और ईमानदार पुलिस अधिकारी है। इसके साथ ही उसमे स्त्रियोचित गुण और करुणा भी है। उसके लिए मुश्किल तब होती है, जब उसका सिस्टम से टकराव शुरू होता है।" महिला पुलिस के किरदार पर बहुत सी फ़िल्में बनी हैं। २०१४ में रानी मुख़र्जी की कॉप भूमिका वाली फिल्म 'मर्दानी' रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में प्रदीप सरकार ने महिला कॉप शिवानी शिवाजी रॉय का अच्छा चित्रण किया था। लेकिन, यह फिल्म भी व्यक्तिगत हिंसा का शिकार हुई थी। जहाँ तक महिला कॉप पर प्रकाश झा की फिल्म का सवाल है, उस पर कुछ कहना ठीक नहीं। लेकिन, प्रकाश झा ने अपनी पिछली कुछ फिल्मों 'आरक्षण' और 'सत्याग्रह' में जिस प्रकार से देश की आरक्षण व्यवस्था पर सवालों और भ्रष्टाचार से लड़ाई का कचरा किया है, उससे ऐसा लगता नहीं कि वह 'जय गंगाजल' में भी आरक्षण की तरह आरक्षण पर बहस छेड़ते छेड़ते ठेठ मुम्बईया स्टाइल में शिक्षा व्यवस्था की बात करने और आरक्षण के सेंसटिव मुद्दे से बच निकलने जैसा प्रयास नहीं करेंगे। इसलिए, उम्मीद यही लगाईं जानी चाहिए कि प्रकाश झा ने फिल्म 'जय गंगाजल' को भी किसी गंभीर मुद्दे के बजाय पुलिस राजनेता गठजोड़ के खिलाफ आभा माथुर की हिंसक लड़ाई बना दी होगी । यहाँ प्रकाश झा की बात ही, "हमारी फिल्मों में पुलिस फ़ोर्स में महिलाओं की स्ट्रांग इमेज को दिखाने की ज़रुरत है।" क्या प्रकाश झा 'जय गंगाजल' में इसे दिखा पाये होंगे !
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
हॉलीवुड की सेक्स बॉम्ब नताली डॉर्मर
'द फॉरेस्ट' इस साल की पहली हॉलीवुड फिल्म होगी। इस हॉरर फिल्म की कहानी सारा प्राइस की है, जो जापान में माउंट फूजी की तलहटी पर स्थित अओकीगहरा के जंगल में अपनी जुडवा बहन जेस को ढूढने जाती है। इस जंगल को द सुसाइड जंगल कहा जाता है। इस जंगल में आत्माओं का निवास है। सारा के जंगल में खोजबीन करने से वहां निवास करने वाली आत्माएं नाराज़ हो उठती हैं। इस फिल्म का निर्देशन जैसन ज़दा ने किया है। 'द फॉरेस्ट' ज़दा की पहली फिल्म है। इस फिल्म में सारा और जेस की दोहरी भूमिका इंग्लिश अभिनेत्री नताली डॉर्मर कर रही हैं। चौंतीस साल की नताली टीवी और फिल्मों में सामान रूप से व्यस्त रहती हैं। उनकी इमेज एक सेक्सी अभिनेत्री की है। २००५ में टीवी सीरीज 'डिस्टेंट शोर्स' और फिल्म 'कैसानोवा' से डेब्यू करने वाली नताली ने अपनी पहली फिल्म में विक्टोरिया की भूमिका से खुद के लिए सेक्सी टैग हासिल किया था। इसके बाद अपनी हर फिल्म और सीरीज के साथ वह इस टैग को दुरुस्त करती चली गई। मशहूर हंगर गेम्स सीरीज की फिल्म 'द हंगर गेम्स : मॉकिंग्जय पार्ट १' और 'द हंगर गेम्स : मॉकिंग्जय पार्ट २' में क्रेशिया के निगेटिव किरदार में उनकी प्रशंसा हुई। वीडियो गेम 'गेम ऑफ़ थ्रोन्स : अ टेलटेल गेम्स में गेम करैक्टर मार्गारी टीरेल को आवाज़ देने वाली नताली डॉर्मर ने टीवी सीरीज गेम ऑफ़ थ्रोन्स में इसी करैक्टर को पांचवे सीजन में किया था और अब छठें सीजन में भी इसे करने जा रही हैं। इस किरदार में भी वह सेक्सी अंदाज़ में नज़र आती हैं। वह २०११ की फिल्म 'कैप्टेन अमेरिका: द फर्स्ट एवेंजर' में प्राइवेट लोरेन के किरदार में थी। इस रोल में भी वह कैप्टेन अमेरिका में कामुकता जगाने का प्रयास कर रही थी। द फारेस्ट में वह दोहरी भूमिका में हैं। इस भूमिका में भी वह दर्शकों को अपने भय से डराएंगी ही, अपने नग्न दृश्यों से उन्हें उत्तेजित करने का प्रयास भी करेंगी।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
अब इंडियन अदनान सामी
आखिरकार, भारत सरकार ने पाकिस्तानी गायक अदनान सामी को भारत का नागरिक घोषित कर ही दिया। वह २००१ से भारत में अपनी जर्मन पत्नी के साथ रह रहे थे। उन्हें इंडियन सिटीजनशिप एक्ट १९९५ के सेक्शन ६ के तहत नागरिकता दी गई। अब वह भारत के अदनान सामी हो गए हैं। वह हिंदुस्तान आये थे आम पाकिस्तानी आर्टिस्ट की तरह पाकिस्तान से कहीं ज़्यादा हिंदी उर्दू जानने वाले आबादी के लिए गीत गाने और अपनी झोली भरने। इसमे उन्हें सफलता भी मिली। उनके गाये गीतों के एल्बम निकले। उन्होंने फ़िल्में भी की। लेकिन, अदनान सामी से पहले और उनके बाद पाकिस्तान से काफी कलाकार आये थे और आये हैं और आते रहेंगे। क्या यह लोग भी भारत की नागरिकता को बेकरार होते हैं ? पाकिस्तान के अलावा दूसरे देशों से भी आर्टिस्ट्स की आमद होती है। क्या इन्हे भी भारतीय नागरिकता की ज़रुरत होती है ? आइये, पहले जानते हैं कौन हैं वह विदेशिया हस्तियां जो बॉलीवुड में अपनी किस्मत आज़मा रही हैं -
सरहद पार से
पाकिस्तान से भारी तादाद में आर्टिस्ट्स बॉलीवुड में नाम और नामा कमाने के लिए आते रहते हैं। पाकिस्तान के ३६ देशों से ऐसे सम्बन्ध हैं, जहाँ उसके नागरिक बिना वीसा के जा सकते हैं। इन ३६ देशों में भारत का नाम शामिल नहीं है। इसलिए पाकिस्तानियों को भारत आने के लिए वीसा लेना पड़ता है। पाकिस्तानियों के लिए भारतीय दूतावास के ख़ास निर्देश हैं कि अगर वह भारत में जा कर कमाई करना चाहते हैं तो विजिटर वीसा के लिए आवेदन न करें। उन्हें एम्प्लॉयमेंट वीसा के लिए आवेदन करना होगा। इस वीसा को काफी जांच पड़ताल के बाद जारी किया जाता है। इसके बावजूद पाकिस्तानी एक्टरों और गायकों-संगीतकारों की भरमार है।
आतिफ असलम- आतिफ २००५ से हिंदी फिल्मों में सक्रिय हैं। लेकिन, वह परदे के पीछे से एक्टरों के लिए गाते ही सुने जा सकते हैं। आतिफ असलम को २०१३ में भारत में सबसे लोकप्रिय गायक बताया गया था। उनके पीछे अरिजित सिंह, मोहित चौहान और ए आर रहमान जैसे गायक और संगीतकार हैं। वह स्क्रीन पर खुद के गीत गाते हुए नज़र ज़रूर आये हैं। लेकिन, कोई बड़ी भूमिका नहीं कर सके हैं।
अली ज़फर - यह बॉलीवुड में २०१० से सक्रिय हैं। उनकी डेब्यू फिल्म 'तेरे बिन लादेन' हिट हुई थी। उनके खाते में लंदन पेरिस न्यू यॉर्क, चश्मे बद्दूर और टोटल सियापा जैसी फ़िल्में दर्ज़ हैं। उनकी आगामी फिल्म यामी गौतम के साथ अमन की आशा है।
वीना मालिक- वीना मलिक अपनी फिल्मों से ज़्यादा अपने विवादों के कारण भारत में जानी गई। वह बॉलीवुड में २०१२ से सक्रिय है। वीना का बॉलीवुड डेब्यू फिल्म 'दाल में कुछ काला' से हुआ था। वह 'ज़िन्दगी फिफ्टी फिफ्टी' और 'मुंबई १२५ किमी' के अलावा डर्टी पिक्चर के कन्नड़ संस्करण में भी अभिनय कर चुकी है।
साशा आगा- १९८२ में रिलीज़ बीआर चोपड़ा की फिल्म 'निकाह' की नायिका सलमा आगा की बेटी साशा आगा ने २०१३ में रिलीज़ फिल्म 'औरंगज़ेब' में अर्जुन कपूर की नायिका का रूप में डेब्यू किया था। उनकी दूसरी फिल्म 'देसी कट्टे' २०१४ में रिलीज़ हुई थी।
पाकिस्तान के अलावा भी
पाकिस्तान के अलावा अन्य देशों से भी तमाम एक्टर बॉलीवुड फिल्मों में काम करने के लिए बेताब नज़र आते हैं। इनमे कुछ को अच्छी सफलता मिलती है और कुछ को कुछ ख़ास नहीं। काफी ऐसे हैं, जिन्हे बैरंग वापस लौटना पड़ता है।
कटरीना कैफ - कैटरीना कैफ का नाम बॉलीवुड की सबसे सफल अभिनेत्रियों में गिना जाता है। वह ब्रिटिश पासपोर्ट धारक हांगकांग की एक्ट्रेस हैं। वह बॉलीवुड की सबसे ज़्यादा मेहनताना पाने वाली अभिनेत्रियों में शुमार की जाती हैं। वह पिछले एक दशक से ज़्यादा समय से एम्प्लॉयमेंट वीसा पर फ़िल्में कर रही हैं। वह भारत में रुकने के लिए अपने वीसा की मियाद बढ़वा लेती हैं।
नर्गिस फाखरी- इम्तियाज़ अली की फिल्म 'रॉकस्टार' की नायिका नर्गिस फाखरी २०११ से बॉलीवुड में सक्रिय हैं। उनके पास अमेरिकन वीसा है। वह चेक माँ और पाकिस्तानी पिता की संतान हैं। वह पांच साल के एम्प्लॉयमेंट वीसा पर काम कर रही हैं।
जैकलिन फर्नॅंडेज़- वह श्रीलंका से मिस यूनिवर्स की प्रतिभागी हैं। इस प्रतियोगिता के बाद जैकलिन ने बॉलीवुड का रुख किया। सुजॉय घोष की फिल्म 'अलादीन' (२००९) से उनका बॉलीवुड डेब्यू हुआ। यह वर्क परमिट पर फिल्मों में काम कर रही हैं।
कुछ ख़ास हैं यह
कुछ ऎसी बॉलीवुड हस्तियां हैं जो अपने इंडियन ओरिजिन के कारण वह भारत में आ-जा सकती हैं। लेकिन, इन्हे रोजगार सम्बन्धी सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं। इनमे अमरीकन पासपोर्ट धारक एक भारतीय के बेटे इमरान खान, पंजाबी ओरिजिन की पोर्न स्टार सनी लियॉन, मेलबोर्न ऑस्ट्रेलिया की पल्लवी शारदा तथा पंजाबी पिता और जर्मन माँ की संतान एवलीन शर्मा के नाम उल्लेखनीय हैं।
मशक्कत करनी पड़ती है बहुत
बॉलीवुड में काम करने वाले कलाकारों को मुंबई में रुकने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है। काफी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती है और डाक्यूमेंट्स देने पड़ते हैं। इससे इन कलाकारों को खासी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इमरान अब्बास नक़वी फिल्म 'क्रीचर ३डी' में बिपाशा बासु के नायक थे। लेकिन, वह अपनी फिल्म के रिलीज़ से पहले के प्रमोशन में शामिल नहीं हो सके। क्योंकि, उनका वीजा तीन बार रिजेक्ट किया का चुका था। बाद में वह फिल्म के टीवी प्रमोशन में शामिल हुए। इसी प्रकार से वह लखनऊ में अपनी फिल्म 'जानिसार' के प्रमोशन पर नहीं जा सके, क्योंकि, उनके वीजा की मियाद ख़त्म हो गई थी। इसीलिए उन्हें वीसा की अवधि ख़त्म होने के बाद भारत से भी जाना पड़ा। इसी प्रकार से राजा नटवरलाल में इमरान हाश्मी की पाकिस्तानी नायिका हुमैमा मलिक को भी फिल्म की मुंबई में शूटिंग शुरू करने में ही काफी पापड़ बेलने पड़े। जब वर्क वीसा मिला तो भी उसकी मियाद बीच में ख़त्म हो गई। इससे फिल्म की शूटिंग फिर रुख गई। बाद में प्रॉपर वीसा मिल जाने के बाद यह राजा नटवरलाल की शूटिंग पूरी कर सकी। शाहरुख़ खान की फिल्म रईस की नायिका माहिरा खान को अपने टीवी सीरियल की लॉन्चिंग के लिए वीसा मिलने में भारी कठिनाई हुई। कोई आठ साल पहले स्वर्गीय जग मूंधड़ा की फिल्म 'शूट ऑन साइट' के पाकिस्तानी एक्टर मिकाल ज़ुल्फ़िकार फिल्म के प्रीमियर के लिए मुंबई नहीं आ सके, क्योंकि, मुंबई टेरर अटैक के बाद उनकी वीसा एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी गई थी। उसी दौरान पाकिस्तान के दो कॉमेडियन नदीम और एहसान को देश छोड़ कर जाने के लिए कहा गया था। २०१२ में सैफ अली खान की फिल्म कॉकटेल में 'तुम्ही हो बंधू' और 'दारु देसी' जैसे हिट गीत गाने वाले चार पाकिस्तानी गायक आरिफ लोहार, जावेद बशीर, इमरान अज़ीज़ मियां और साहिर अली बग्गा वीसा प्रॉब्लम के कारण म्यूजिक लांच के मौके पर नहीं पहुँच सके। २६/११ के आतंकी हमले के बाद राहत फ़तेह अली खान को भी अपने गीत ऑन लाइन या विदेश के किसी स्टूडियो में रिकॉर्ड करवा कर कंपोजर को भेजने पड़े थे।
कठिनाइयों के बावजूद हिंदुस्तान को 'नो'
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से विदेशी काम करते हैं। वह वर्क वीसा या एम्प्लॉयमेंट वीसा पर वर्षों से काम कर रहे हैं। लेकिन, अगर मुंबई के कलेक्टर ऑफिस की खबरों पर भरोसा किया जाए तो इनमे से किसी ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन नहीं किया है। दूसरे देशों की, भारत में रह रही हस्तियों में यूनाइटेड किंगडम की कैटरीना कैफ, अमेरिका की दीप्ति नवल, यूनाइटेड किंगडम की ही सलमा आगा और कज़ाक नागरिक याना गुप्ता के नाम ख़ास हैं। ऐसे सभी कलाकार टूरिस्ट वीसा पर हिंदुस्तान में आते हैं। फिर एम्प्लॉयमेंट वीसा पर बरसों काम करते हैं। यह बार बार एम्प्लॉयमेंट वीसा का नवीनीकरण कराना पसंद करते हैं, लेकिन इन्हे भारत की नागरिकता लेना स्वीकार नहीं। यही कारण है कि कभी एम्प्लॉयमेंट वीसा न मिल पाने के कारण निगार जेड खान जैसी आइटम गर्ल को मुंबई से नार्वे के जहाज पर जबरन बैठा दिया जाता है।
क्यों नहीं नागरिकता लेती हैं कैटरीना कैफ
कैटरीना कैफ का असल नाम कैटरीना टरकोट है। वह ब्रिटिश नागरिक हैं। जब वह बॉलीवुड में नहीं सफल हुई थी, तब वह बड़े साधारण स्तर पर थी। उनकी कोई पहचान नहीं थी। बॉलीवुड में सफल होने के बाद अब वह ब्रिटेन में भी सेलिब्रिटी बन गई है। वह क्यों एक विकसित देश को छोड़ कर विकासशील देश की नागरिकता लेना चाहेगी। रणबीर कपूर के साथ शादी के बाद भी वह भारत की नागरिकता लेना चाहेंगी, इसमे कतई शक की गुंजाईश है।
इमरान खान भी भारतीय नागरिक नहीं
इमरान खान पिछले छह सालों से हिंदी फिल्मों में काम कर रहे हैं। लेकिन, आपको जान कर आश्चर्य होगा कि वह भारतीय नागरिक नहीं है। उन्हें पिछले साल के महाराष्ट्र चुनाव में वोट डालने का मौका नहीं मिला। वह एक अमेरिकी नागरिक हिन्दू अनिल पाल के बेटे हैं। उनकी माँ आमिर खान की बहन हैं और मुसलमान हैं। उनका असल नाम इमरान पाल है। हिंदी फिल्मों में काम पाने की फिराक में उन्होंने अपना नाम इमरान खान कर लिया। अब यह बात दीगर है कि सरनेम खान होने के कारण उन्हें अमेरिका में अतिरिक्त सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है। लेकिन, भारतीय फिल्मों की खातिर खान होना ज़रूरी है। भारतीय नागरिकता पाने के लिए इमरान ने एक हिन्दू और भारतीय लड़की अवंतिका मालिक से शादी भी कर रखी है।
अल्पना कांडपाल
सरहद पार से
पाकिस्तान से भारी तादाद में आर्टिस्ट्स बॉलीवुड में नाम और नामा कमाने के लिए आते रहते हैं। पाकिस्तान के ३६ देशों से ऐसे सम्बन्ध हैं, जहाँ उसके नागरिक बिना वीसा के जा सकते हैं। इन ३६ देशों में भारत का नाम शामिल नहीं है। इसलिए पाकिस्तानियों को भारत आने के लिए वीसा लेना पड़ता है। पाकिस्तानियों के लिए भारतीय दूतावास के ख़ास निर्देश हैं कि अगर वह भारत में जा कर कमाई करना चाहते हैं तो विजिटर वीसा के लिए आवेदन न करें। उन्हें एम्प्लॉयमेंट वीसा के लिए आवेदन करना होगा। इस वीसा को काफी जांच पड़ताल के बाद जारी किया जाता है। इसके बावजूद पाकिस्तानी एक्टरों और गायकों-संगीतकारों की भरमार है।
आतिफ असलम- आतिफ २००५ से हिंदी फिल्मों में सक्रिय हैं। लेकिन, वह परदे के पीछे से एक्टरों के लिए गाते ही सुने जा सकते हैं। आतिफ असलम को २०१३ में भारत में सबसे लोकप्रिय गायक बताया गया था। उनके पीछे अरिजित सिंह, मोहित चौहान और ए आर रहमान जैसे गायक और संगीतकार हैं। वह स्क्रीन पर खुद के गीत गाते हुए नज़र ज़रूर आये हैं। लेकिन, कोई बड़ी भूमिका नहीं कर सके हैं।
अली ज़फर - यह बॉलीवुड में २०१० से सक्रिय हैं। उनकी डेब्यू फिल्म 'तेरे बिन लादेन' हिट हुई थी। उनके खाते में लंदन पेरिस न्यू यॉर्क, चश्मे बद्दूर और टोटल सियापा जैसी फ़िल्में दर्ज़ हैं। उनकी आगामी फिल्म यामी गौतम के साथ अमन की आशा है।
वीना मालिक- वीना मलिक अपनी फिल्मों से ज़्यादा अपने विवादों के कारण भारत में जानी गई। वह बॉलीवुड में २०१२ से सक्रिय है। वीना का बॉलीवुड डेब्यू फिल्म 'दाल में कुछ काला' से हुआ था। वह 'ज़िन्दगी फिफ्टी फिफ्टी' और 'मुंबई १२५ किमी' के अलावा डर्टी पिक्चर के कन्नड़ संस्करण में भी अभिनय कर चुकी है।
साशा आगा- १९८२ में रिलीज़ बीआर चोपड़ा की फिल्म 'निकाह' की नायिका सलमा आगा की बेटी साशा आगा ने २०१३ में रिलीज़ फिल्म 'औरंगज़ेब' में अर्जुन कपूर की नायिका का रूप में डेब्यू किया था। उनकी दूसरी फिल्म 'देसी कट्टे' २०१४ में रिलीज़ हुई थी।
पाकिस्तान के अलावा भी
पाकिस्तान के अलावा अन्य देशों से भी तमाम एक्टर बॉलीवुड फिल्मों में काम करने के लिए बेताब नज़र आते हैं। इनमे कुछ को अच्छी सफलता मिलती है और कुछ को कुछ ख़ास नहीं। काफी ऐसे हैं, जिन्हे बैरंग वापस लौटना पड़ता है।
कटरीना कैफ - कैटरीना कैफ का नाम बॉलीवुड की सबसे सफल अभिनेत्रियों में गिना जाता है। वह ब्रिटिश पासपोर्ट धारक हांगकांग की एक्ट्रेस हैं। वह बॉलीवुड की सबसे ज़्यादा मेहनताना पाने वाली अभिनेत्रियों में शुमार की जाती हैं। वह पिछले एक दशक से ज़्यादा समय से एम्प्लॉयमेंट वीसा पर फ़िल्में कर रही हैं। वह भारत में रुकने के लिए अपने वीसा की मियाद बढ़वा लेती हैं।
नर्गिस फाखरी- इम्तियाज़ अली की फिल्म 'रॉकस्टार' की नायिका नर्गिस फाखरी २०११ से बॉलीवुड में सक्रिय हैं। उनके पास अमेरिकन वीसा है। वह चेक माँ और पाकिस्तानी पिता की संतान हैं। वह पांच साल के एम्प्लॉयमेंट वीसा पर काम कर रही हैं।
जैकलिन फर्नॅंडेज़- वह श्रीलंका से मिस यूनिवर्स की प्रतिभागी हैं। इस प्रतियोगिता के बाद जैकलिन ने बॉलीवुड का रुख किया। सुजॉय घोष की फिल्म 'अलादीन' (२००९) से उनका बॉलीवुड डेब्यू हुआ। यह वर्क परमिट पर फिल्मों में काम कर रही हैं।
कुछ ख़ास हैं यह
कुछ ऎसी बॉलीवुड हस्तियां हैं जो अपने इंडियन ओरिजिन के कारण वह भारत में आ-जा सकती हैं। लेकिन, इन्हे रोजगार सम्बन्धी सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं। इनमे अमरीकन पासपोर्ट धारक एक भारतीय के बेटे इमरान खान, पंजाबी ओरिजिन की पोर्न स्टार सनी लियॉन, मेलबोर्न ऑस्ट्रेलिया की पल्लवी शारदा तथा पंजाबी पिता और जर्मन माँ की संतान एवलीन शर्मा के नाम उल्लेखनीय हैं।
मशक्कत करनी पड़ती है बहुत
बॉलीवुड में काम करने वाले कलाकारों को मुंबई में रुकने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है। काफी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती है और डाक्यूमेंट्स देने पड़ते हैं। इससे इन कलाकारों को खासी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इमरान अब्बास नक़वी फिल्म 'क्रीचर ३डी' में बिपाशा बासु के नायक थे। लेकिन, वह अपनी फिल्म के रिलीज़ से पहले के प्रमोशन में शामिल नहीं हो सके। क्योंकि, उनका वीजा तीन बार रिजेक्ट किया का चुका था। बाद में वह फिल्म के टीवी प्रमोशन में शामिल हुए। इसी प्रकार से वह लखनऊ में अपनी फिल्म 'जानिसार' के प्रमोशन पर नहीं जा सके, क्योंकि, उनके वीजा की मियाद ख़त्म हो गई थी। इसीलिए उन्हें वीसा की अवधि ख़त्म होने के बाद भारत से भी जाना पड़ा। इसी प्रकार से राजा नटवरलाल में इमरान हाश्मी की पाकिस्तानी नायिका हुमैमा मलिक को भी फिल्म की मुंबई में शूटिंग शुरू करने में ही काफी पापड़ बेलने पड़े। जब वर्क वीसा मिला तो भी उसकी मियाद बीच में ख़त्म हो गई। इससे फिल्म की शूटिंग फिर रुख गई। बाद में प्रॉपर वीसा मिल जाने के बाद यह राजा नटवरलाल की शूटिंग पूरी कर सकी। शाहरुख़ खान की फिल्म रईस की नायिका माहिरा खान को अपने टीवी सीरियल की लॉन्चिंग के लिए वीसा मिलने में भारी कठिनाई हुई। कोई आठ साल पहले स्वर्गीय जग मूंधड़ा की फिल्म 'शूट ऑन साइट' के पाकिस्तानी एक्टर मिकाल ज़ुल्फ़िकार फिल्म के प्रीमियर के लिए मुंबई नहीं आ सके, क्योंकि, मुंबई टेरर अटैक के बाद उनकी वीसा एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी गई थी। उसी दौरान पाकिस्तान के दो कॉमेडियन नदीम और एहसान को देश छोड़ कर जाने के लिए कहा गया था। २०१२ में सैफ अली खान की फिल्म कॉकटेल में 'तुम्ही हो बंधू' और 'दारु देसी' जैसे हिट गीत गाने वाले चार पाकिस्तानी गायक आरिफ लोहार, जावेद बशीर, इमरान अज़ीज़ मियां और साहिर अली बग्गा वीसा प्रॉब्लम के कारण म्यूजिक लांच के मौके पर नहीं पहुँच सके। २६/११ के आतंकी हमले के बाद राहत फ़तेह अली खान को भी अपने गीत ऑन लाइन या विदेश के किसी स्टूडियो में रिकॉर्ड करवा कर कंपोजर को भेजने पड़े थे।
कठिनाइयों के बावजूद हिंदुस्तान को 'नो'
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से विदेशी काम करते हैं। वह वर्क वीसा या एम्प्लॉयमेंट वीसा पर वर्षों से काम कर रहे हैं। लेकिन, अगर मुंबई के कलेक्टर ऑफिस की खबरों पर भरोसा किया जाए तो इनमे से किसी ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन नहीं किया है। दूसरे देशों की, भारत में रह रही हस्तियों में यूनाइटेड किंगडम की कैटरीना कैफ, अमेरिका की दीप्ति नवल, यूनाइटेड किंगडम की ही सलमा आगा और कज़ाक नागरिक याना गुप्ता के नाम ख़ास हैं। ऐसे सभी कलाकार टूरिस्ट वीसा पर हिंदुस्तान में आते हैं। फिर एम्प्लॉयमेंट वीसा पर बरसों काम करते हैं। यह बार बार एम्प्लॉयमेंट वीसा का नवीनीकरण कराना पसंद करते हैं, लेकिन इन्हे भारत की नागरिकता लेना स्वीकार नहीं। यही कारण है कि कभी एम्प्लॉयमेंट वीसा न मिल पाने के कारण निगार जेड खान जैसी आइटम गर्ल को मुंबई से नार्वे के जहाज पर जबरन बैठा दिया जाता है।
क्यों नहीं नागरिकता लेती हैं कैटरीना कैफ
कैटरीना कैफ का असल नाम कैटरीना टरकोट है। वह ब्रिटिश नागरिक हैं। जब वह बॉलीवुड में नहीं सफल हुई थी, तब वह बड़े साधारण स्तर पर थी। उनकी कोई पहचान नहीं थी। बॉलीवुड में सफल होने के बाद अब वह ब्रिटेन में भी सेलिब्रिटी बन गई है। वह क्यों एक विकसित देश को छोड़ कर विकासशील देश की नागरिकता लेना चाहेगी। रणबीर कपूर के साथ शादी के बाद भी वह भारत की नागरिकता लेना चाहेंगी, इसमे कतई शक की गुंजाईश है।
इमरान खान भी भारतीय नागरिक नहीं
इमरान खान पिछले छह सालों से हिंदी फिल्मों में काम कर रहे हैं। लेकिन, आपको जान कर आश्चर्य होगा कि वह भारतीय नागरिक नहीं है। उन्हें पिछले साल के महाराष्ट्र चुनाव में वोट डालने का मौका नहीं मिला। वह एक अमेरिकी नागरिक हिन्दू अनिल पाल के बेटे हैं। उनकी माँ आमिर खान की बहन हैं और मुसलमान हैं। उनका असल नाम इमरान पाल है। हिंदी फिल्मों में काम पाने की फिराक में उन्होंने अपना नाम इमरान खान कर लिया। अब यह बात दीगर है कि सरनेम खान होने के कारण उन्हें अमेरिका में अतिरिक्त सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है। लेकिन, भारतीय फिल्मों की खातिर खान होना ज़रूरी है। भारतीय नागरिकता पाने के लिए इमरान ने एक हिन्दू और भारतीय लड़की अवंतिका मालिक से शादी भी कर रखी है।
अल्पना कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'द रिटर्न ऑफ़ जेंडर केज' में एशियाई
अब यह तय हो गया है कि हॉलीवुड अभिनेता विन डीजल की ट्रिपल एक्स सीरीज में वापसी फिल्म 'द रिटर्न ऑफ़ जेंडर केज' में विन डीजल की नायिका बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ही होंगी। वह अपराधी से अमेरिकन ख़ुफ़िया एजेंट बने केज के कंधे से कन्धा मिला कर उसके मिशन में मदद करेंगी। इस दौरान उनके और विन डीजल के बीच कुछ गहरे रोमांटिक सीन भी हो सकते हैं। शायद 'क्वांटिको' में प्रियंका चोपड़ा के दृश्यों से भी ज़्यादा गरमार्ग। डी जे करुसो निर्देशित इस फिल्म की कहानी मरने के लिए छोड़ दिए गए जेंडर केज की वापसी से होगी। वह गुप्त रूप से एनएसए में लौट आया है। इस बार, ऑगस्टस गिब्बॉन्स उसे पहले से ज़्यादा कठिन और खतरनाक मिशन पर भेजता है। ट्रिपल एक्स सीरीज की इस तीसरी फिल्म को सफल बनाने के ख्याल से फिल्म में एशियाई एक्टर्स की भरमार की गई है। भारत की दीपिका पादुकोण से पहले थाईलैंड के अभिनेता टोनी जा को फिल्म मे शामिल किया गया है। टोनी जा, विन डीजल की सबसे याद सफल फिल्म 'फ्यूरियस ७' में अभिनय कर चुके हैं। टोनी का हास्य अभिनय करने का दिलचस्प अंदाज़ है, जो काफी देसी लगता है। चीन के सुपर स्टार जेट ली को भी शामिल किया गया है। वैसे जेट ली और टोनी जा के किरदार अभी तय नहीं हुए हैं। जहाँ तक ट्रिपल एक्स के मुख्य किरदार ऑगस्टस गिब्बॉन्स के किरदार की बात है, उसे अभिनेता सैमुएल एल जैक्सन ही करेंगे। इस प्रकार से सैमुएल तीसरी ट्रिपल एक्स फिल्म में भी यही किरदार कर रहे होंगे। अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियंस (यूएफसी) के फेदरवेट के विजेता कोनोर मैकग्रेगर को कास्ट में शामिल कर लिया गया है।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
खुद स्टंट करने वाली हंटरवाली मैरी इवांस नाडिया
कोई ढाई साल पहले ऑस्ट्रेलिया में ओज़ फेस्ट में मैरी एन इवांस की फिल्मों पर एक सेगमेंट रखा गया था। यह इस लिहाज़ से ख़ास था कि ऑस्ट्रेलिया की यह श्रद्धांजलि उस अभिनेत्री को थी, जिसने शुरुआती हिंदुस्तानी सिनेमा की मज़बूत नींव रखने में मदद की। मैरी एन इवांस को तीस और चालीस के दशक में हंटरवाली के उपनाम से जाना जाता था। वह हिंदुस्तान की पहली स्टंट क्वीन ही नहीं, किंग भी थी। वह हॉलीवुड के ज़ोरो का भारतीय जवाब थी, क्योंकि वह ज़ोरो की तरह नकाब के साथ काली पोशाक में घोड़े पर सवार तलवार भांजती थी फिल्मों में नज़र आती थी। उस समय जैसे स्टंट मैरी इवांस ने किये, वैसे स्टंट कोई एक्टर करने में घबड़ाता था। फीयरलेस नाडिया के नाम से भी मशहूर मैरी इवांस का एक हाथ से चाबुक लहराते हुए घोड़े दौड़ाना दर्शकों में ख़ुशी मिश्रित रोमांच भर देता था। वह बढ़िया तलवारबाज़ भी थी और बन्दूकबाज़ भी। मौका लगते ही वह सामने वाले से पंजा युद्ध भी कर लेती थी। दिलचस्प बात यह थी कि वह बढ़िया बैले डांसर भी थी। वह भागती हुई एक कार से दूसरी कार में कूद जाती थी। एक समय में बीस बीस लोगों के साथ वह मारामारी करती थी। मिस फ्रंटियर मेल में वह भागती ट्रैन पर दौड़ रही थी। उस समय का दर्शक जानता था कि मैरी इवांस उर्फ़ फीयरलेस नाडिया उर्फ़ हंटरवाली उनमे से एक नहीं थी। वह यूरोपियन थी। इसके बावजूद वह लाखों हिन्दुस्तनियोें की नायिका थी, क्योंकि उनकी फ़िल्में सन्देश देती थी। स्त्री समानता की वकालत करती थी। जेबीएच वाडिया और होमी वाडिया ने मैरी इवांस के लेकर ढेरों स्टंट फ़िल्में बनाई। उन्होंने कोई पचास फ़िल्में की। इंग्लिश पिता और ग्रीक माँ की संतान थी मैरी इवांस। उनका जन्म पर्थ ऑस्ट्रेलिया में ८ जनवरी २००९ को हुआ था। वह पांच साल की उम्र में अपने पिता के साथ बॉम्बे आ गयी। उन्होंने घुड़सवारी सीखी और बैले डांसिंग भी। उन्होंने जार्को सर्कस की सदस्य के बतौर भारत का दौरा किया। एक ज्योतिष के कहने पर मैरी इवांस ने अपना नाम बदल कर नाडिया कर लिया । इसके साथ ही उनका भाग्य चमक उठा। उन्होंने वाडिया मूवीटोन के संस्थापक जेबीएच वाडिया ने दो फिल्मों देश दीपक और नूर-ए- यमन में छोटी भूमिकाएं थी। उनका भाग्य चमक उठा जेबीएच वाडिया के बेटे होमी वाडिया की फिल्म द प्रिंसेस एंड द हंटर से। इस फिल्म से वह हंटरवाली के रूप में मशहूर कर दिया। इस फिल्म में नाडिया ने एक राजकुमारी का किरदार किया था, जो मज़लूमों की हिफाज़त के लिए राजमहल छोड़ कर दुष्टों का नाश करने निकल पड़ती है। हंटरवाली फिल्म से नाड़िया हंटरवाली के बतौर मशहूर हो गई। होमी वाडिया की सीक्वल फिल्म 'डॉटर फ़ो हंटरवाली' ने मैरी इवांस को ज़्यादा शोहरत दी। उनकी टाइग्रेस, स्टंट क्वीन, मिस फ्रंटियर मेल, डायमंड क्वीन, जंगल प्रिंसेस, बगदाद का जादू, खिलाड़ी और लेडी रोबिनहूड जैसी फिल्मों को ज़बरदस्त सफलता हासिल हुई। खिलाडी फिल्म में वह जेम्स बांड का स्पूफ किरदार एक्स १ कर रही थी। उनकी इकलौती सोशल फिल्म मौज बुरी तरह से असफल हुई। उनकी जॉन कवास के साथ एक्शन जोड़ी हिट हुआ करती थी। इन दोनों ने करीब ३५ फिल्मों में साथ अभिनय किया। १९६१ में वह फिल्मों से विदा हो गई। क्योंकि, अच्छी हिंदी उर्दू न बोल पाना उनके करियर के आड़े आया। उस समय तक सोशल फिल्मों का दौर आ गया था। ज़ुबान में महारत रखने वाली काफी नई अभिनेत्रियां आ गई थी। उन्होंने अपने को हंटरवाली बनाने वाले फिल्मकार होमी वाडिया से विवाह कर लिया। उनकी आखिरी हिंदी फिल्म एक नन्हीं मुन्नी लड़की थी १९७० में रिलीज़ हुई। ९ जनवरी १९९६ को भारतीय सिनेमा की फीयरलेस नाड़िया, हंटरवाली, द लेडी हंटरवाली मैरी एन इवांस का मुंबई के एक हॉस्पिटल में निधन हो गया। विशाल भरद्वाज की आगामी फिल्म 'रंगून' में अभिनेत्री कंगना रनौत के लेडी हंटरवाली की पोशाक पहने स्टंट करती नज़र आएंगी।
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Friday, 8 January 2016
नंदा : हिंदी फिल्मों की छोटी बहन जो नायिका बनी
आज गुजरे जमाने की अभिनेत्री नंदा का जन्मदिन हैं। वह अभिनेता मास्टर विनायक के घर १९३९ में जन्मी थी। मशहूर फिल्म निर्माता और निर्देशक वी शांताराम उनके चाचा थे। इसलिए फिल्म परिवार से सरोकार होने के कारण बेबी नंदा को फ़िल्में मिलना कठिन नहीं था। वी शांताराम ने ही उन्हें १९५६ में रिलीज़ फिल्म 'तूफ़ान और दिया' से बड़ा ब्रेक दिया। लेकिन, इस फिल्म ने नंदा को फ़िल्मी बहन के रूप में स्थापित कर दिया। भाभी, बरखा, छोटी बहन, आदि फ़िल्में उनकी बहन की इमेज को पुख्ता करती चली गई। बहन की इतनी पुख्ता इमेज से बाहर आना आसान नहीं था। उस दौर की नाज़िमा, नाज़, फरीदा जलाल, आदि अभिनेत्रियां एक बार बहन का ठप्पा लगते ही, बहन और भाभी के रोल के लीये सुरक्षित हो गई। लेकिन, नंदा ने इस इमेज से निकल कर खुद को हिंदी फिल्मों की नायिका का बतौर स्थापित किया। उसने कहा था, काला बाजार, कानून, हम दोनों, गुमनाम, तीन देवियाँ, आदि फिल्मों से उन्हें मदद मिली। हालाँकि, इन फिल्मों में से ज़्यादा में वह सपोर्टिंग रोल में थी। लेकिन, शशि कपूर के साथ १९६५ में रिलीज़ फिल्म 'जब जब फूल खिले' ने उन्हें बतौर नायिका स्थापित कर दिया। उन्होंने शशि कपूर के साथ फिल्म जब जब फूल खिले के अलावा मोहब्बत इसको कहते हैं, नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे, राजा साहब और रूठा न करो जैसी हिट फ़िल्में की। इस जोड़ी की तीन अन्य फिल्मो चार दिवारी, मेहंदी लगी मेरे हाथ और जुआरी को प्रशंसा तो मिली पर बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। नंदा उस जमाने की ग्लैमरस अभिनेत्रियों में शुमार की जाती थी। यह उनके बेजोड़ अभिनय का जादू था कि वह फिल्म इत्तेफ़ाक़ के निगेटिव किरदार में भी पसंद की गई। नंदा अपने समय की नूतन के बाद दूसरी सबसे ज़्यादा पारिश्रमिक पाने वाली एक्ट्रेस थी। उनका निर्माता निर्देशक मनमोहन देसाई के साथ लम्बा रोमांस चला। लेकिन, मनमोहन देसाई के यकायक आत्महत्या कर लेने के बाद वह नितांत अकेली रह गई।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 6 January 2016
जॉन अब्राहम की दिया
पिछले साल 'वेलकम बैक' जैसी हिट फिल्म देने वाले अभिनेता जॉन अब्राहम ने इस साल की शुरुआत अपनी फिल्म की डबिंग कर के की। वह नए साल में एक नन्हीं लड़की दिया चलवाड के साथ अपनी फिल्म 'रॉकी हैंडसम' की डबिंग कर रहे थे। दिया इस फिल्म में उनकी को-स्टार हैं। निशिकांत कामथ की यह फिल्म कहानी है एक अकेलेपन में रहने वाले रॉकी की, जिसकी दोस्त पड़ोस में रहने वाली एक छोटी लड़की है। लड़की की माँ नशीली दवाओं की आदी है। वह ड्रग के चक्कर में एक ड्रग माफिया की ड्रग चुरा लेती है। इस पर नाराज़ ड्रग माफिया बच्ची को उठा लेता है। माफिया के इस हरकत से रॉकी नाराज़ हो उठता है। वह ड्रग माफिया के साम्राज्य को नष्ट करने के लिए उठ खड़ा होता है। रॉकी हैंडसम, दरअसल २०१० की सबसे ज़्यादा कलेक्शन करने वाली कोरियाई फिल्म 'द मैन फ्रॉम नोवेयर' की ऑफिसियल रीमेक फिल्म है। फिल्म में जॉन अब्राहम की पत्नी का किरदार श्रुति हासन ने किया है। छोटी बच्ची की नशेड़ी माँ का रोल, रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'डिपार्टमेंट' की आइटम गर्ल नतालिया कौर कर रही हैं। यह फिल्म २५ मार्च को रिलीज़ हो रही है।
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
लड़की और लड़का की कहानी नहीं 'की एंड का'
आर बाल्की की फिल्म 'की एंड का' कहानी है किआ और कबीर के रोमांस और शादी की और शादी के बाद की अड़चनों की। किआ वर्किंग वुमन है। वह बहुत महत्वाकांक्षी है। कबीर एक शेफ है। वह प्रगतिशील विचारों का और किआ की महत्वाकांक्षा का समर्थन करता है। वह घर में बैठ कर, किआ के लिए खाना बना कर उस का इंतज़ार करता है । फिल्म है स्त्री और पुरुष होने की। लड़की यानि की और लड़का यानि का। फिल्म में इन दोनों को करीना कपूर खान और अर्जुन कपूर पेश कर रहे हैं। करीना और अर्जुन की उम्र में पांच साल का फर्क है। स्क्रीन पर भी यह फर्क नज़र आता है। दोनों के विचारों में फर्क है। लेकिन, करीना के किरदार के अर्जुन के किरदार से उम्र में बड़ा होने और उसके वर्किंग वुमन होने से इन दोनों की वैवाहिक ज़िंदगी में कोई विपरीत असर नहीं पड़ता। फिल्म में किआ और कबीर के बीच भरपूर रोमांस हैं। करीना ने बेझिझक अर्जुन से प्रेमालाप किया है। तमाम दृश्यों में करीना कपूर अर्जुन कपूर में खोई नज़र आती हैं। फिल्म के बारे में बाल्की बताते हुए कहते हैं, "हिंदी भाषा में मनुष्यों के लिए ही नहीं मृत वस्तुओं को भी लिंग में विभाजित किया गया है। प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक वस्तुओं का लिंग विभेद किया गया है। लेकिन, यह फिल्म, जोड़े के विवाह की तरह, यह रेखांकित करती है कि की और का का लिंग भेद मायने नहीं रखता।
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
निर्देशक बन कर फिर आ रहे हैं पूर्व अभिनेता
जनवरी के दूसरे और तीसरे हफ्ते में रिलीज़ हो रही दो फ़िल्में डायरेक्टर के एक्टर बनने और एक्टर के डायरेक्टर बनने का सिलसिला शुरू करने वाले फ़िल्में कही जा सकती हैं। निर्देशक बिजॉय नाम्बियार की ८ जनवरी को रिलीज़ होने जा रही थ्रिलर फिल्म 'वज़ीर' में अमिताभ बच्चन एक बूढ़े और बीमार शतरंज के खिलाड़ी बने हैं। उनके साथ शतरंज खेलने वाले एटीएस अफसर दानिश अली का किरदार फरहान अख्तर कर रहे हैं। फरहान अख्तर का हिंदी दर्शकों से पहला परिचय २००१ में रिलीज़ फिल्म 'दिल चाहता है' के डायरेक्टर के रूप में हुआ था । यह फिल्म बड़ी हिट फिल्म साबित हुई थी । फिर उन्होंने लक्ष्य और डॉन जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया । फरहान पहले बार परदे पर दिखाई दिए २००८ में रिलीज़ फिल्म 'रॉक ऑन' में एक रॉक बैंड के गायक की भूमिका में। फिल्म चल गई। फरहान भी बतौर एक्टर चल गए। भाग मिल्खा भाग में मिल्खा सिंह की भूमिका से वह बतौर एक्टर भी स्थापित हो गए। अब वह बिजॉय नाम्बियार की फिल्म में बिग बी के सामने अपनी अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
दूसरी फिल्म है 'घायल वन्स अगेन' । १९९० में रिलीज़ फिल्म 'घायल' ने सनी देओल को टॉप स्टार बना दिया था। इसी फिल्म की रीमेक फिल्म हैं 'घायल वन्स अगेन' । १९९० की फिल्म घायल का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया था। लेकिन, घायल वन्स अगेन का निर्देशन खुद सनी देओल कर रहे हैं। सनी ने बतौर निर्देशक पहली फिल्म १९९९ में रिलीज़ 'दिल्लगी' थी। छोटे भाई बॉबी देओल के साथ यह फिल्म रोमांटिक फिल्म थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सनी देओल के लिए कोई करिश्मा नहीं दिखा सकी। अब सनी देओल एक्शन फिल्म में बतौर निर्देशक दर्शकों के सामने हैं। एक्शन अभिनेता सनी देओल का मज़बूत पक्ष है। क्या वह एक्शन फिल्म से बतौर निर्देशक सफल हो सकेंगे !
२०१६ में बॉलीवुड फिल्म एक्टरों के डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठने का सिलसिला जारी रहेगा। १२ फरवरी को दो फ़िल्में रोमांस ड्रामा फिल्म फितूर और रोमांस फिल्म सनम रे रिलीज़ होंगी। इन दोनों के डायरेक्टरों ने बतौर एक्टर बॉलीवुड में डेब्यू किया था। फितूर के निर्देशक अभिषेक कपूर १९९६ में रिलीज़ फिल्म 'उफ़ ये मोहब्बत' से ट्विंकल के नायक के बतौर चर्चा में आये। उस समय अभिषेक कपूर को राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया की बड़ी बेटी ट्विंकल खन्ना के प्रेमी गट्टू के नाम से पहचाना जाता था। विपिन हांडा की यह फिल्म फ्लॉप हुई। इसके साथ ही ट्विंकल के सर से गट्टू के रोमांस का बुखार उतर गया। अभिषेक कपूर की बतौर निर्देशक पहली फिल्म आर्यन अनब्रेकेबल फ्लॉप हुई थी। लेकिन, रॉक ऑन से वह रॉक कर गए। काई पो चे ने उन्हें एक अच्छे निर्देशक रूप में स्थापित कर दिया। फितूर चार्ल्स डिकेन्स के उपन्यास ग्रेट एक्सपेक्टेशंस पर रोमांस फिल्म है। इस फिल्म में कटरीना कैफ और आदित्य रॉय कपूर की जोड़ी बन रही है। यह फिल्म पिछले दिनों अभिनेत्री रेखा के फिल्म से निकल जाने के कारण चर्चा में आई थी। अब यह रोल तब्बू कर रहे हैं। फितूर के अपोजिट रिलीज़ हो रही फिल्म 'सनम रे' की डायरेक्टर दिव्या खोसला कुमार ने बतौर दिव्या खोसला फिल्म 'अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों' मे बॉबी देओल और अक्षय कुमार की नायिका के रूप में डेब्यू किया था। उन्होंने एक तेलुगु फिल्म 'लव टुडे' भी की। उनकी बतौर निदेशक पहली फिल्म 'यारियां' को सफलता मिली थी। उनका निर्देशन भी ठीक ठाक था। अब निर्देशक के रूप में उनकी दूसरी फिल्म 'सनम रे' रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म में पुलकित सम्राट और यामी गौतम की रोमांटिक जोड़ी है।
फव्वाद खान, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अलिया भट्ट और ऋषि कपूर की फिल्म 'कपूर एंड संस' के निर्देशक शकुन बत्रा ने भी एक फिल्म 'जाने तू.....या जाने न' में अभिनय किया था। वह इस फिल्म के सह निर्देशक भी थे। इमरान खान के साथ काम करने के नतीजे के तौर पर उन्हें इमरान खान और करीना कपूर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'एक मैं और एक तू' मिल गई। लेकिन, यह फिल्म फ्लॉप हुई। इसके बावजूद निर्माता करण जौहर का शकुन पर भरोसा बना हुआ है। इसी के नतीजे में फिल्म 'कपूर एंड संस' है। कम लोग सफल मस्ती सीरीज के डायरेक्टर इंद्र कुमार ने मनमोहन देसाई की फिल्म 'किस्मत' से एक्टिंग डेब्यू किया था। उन्होंने एक अन्य हिंदी फिल्म बीवी किराये की के अलावा कई गुजराती फिल्मों में कॉमेडियन के रोल किये हैं। वह बतौर निर्देशक बेटा, दिल, राजा, आदि हिट पारिवारिक फ़िल्में भी बनाई हैं। उनकी बतौर निर्देशक १५ वी फिल्म 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' २५ मार्च को रिलीज़ हो रही है।
नीरज वोरा हरफन मौला हैं। वह लेखक होने के अलावा डायरेक्टर भी हैं। उन्होंने बाज़ी, रंगीला, बादशाह, मेला, आदि फिल्मों की स्क्रिप्ट या संवाद लिखे हैं। लेकिन, डायरेक्टर से पहले वह एक्टर है। उन्हें कोई ३१ फिल्मों में अभिनय किया है। बतौर हास्य अभिनेता उनकी पहचान बनी। उन्होंने खिलाडी ४२० से बतौर निर्देशक डेब्यू किया। वह फिर हेरा फेरी का निर्देशन कर चुके हैं। रन भोला रन ८ अप्रैल को रिलीज़ होने जा रही है। शाहरुख़ खान को फिल्म 'फैन' में निर्देशित कर रहे मनीष शर्मा २००४ में ट्रोना फिल्म में एक्टर थे। उन्होंने वेडिंग प्लानर, लेडीज वर्सेज रिक्की बहल और शुद्ध देसी रोमांस जैसी सफल फ़िल्में निर्देशित की हैं। अली अब्बास ज़फर २०११ में मेरे ब्रदर की दुल्हन से डायरेक्टर बने। लेकिन, चार साल पहले वह फिल्म डेल्ही बूम में बतौर एक्टर डेब्यू कर चुके थे। इस फिल्म के वह नायक थे। अली अब्बास ज़फर अब सलमान खान को लेकर सुलतान बना रहे हैं। यह फिल्म रईस के अपोजिट रिलीज़ हो सकती है। होली, नाम, वेस्ट इज़ वेस्ट, गूँज, आदि फिल्मों के अभिनेता आशुतोष गोवारिकर को सफला मिली आमिर खान के लिए 'लगान' जैसी हिट फिल्म निर्देशित कर। वह जोधा अकबर, स्वदेश, बाज़ी, आदि फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। उनकी ह्रितिक रोशन के साथ दूसरी फिल्म 'मोहनजोदड़ो' १२ अगस्त को रिलीज़ होगी। विशाल भरद्वाज ने जब २००२ में फिल्म मकड़ी का निर्देशन किया, उस समय तक वह बतौर कंपोजर १९ फिल्मों का संगीत दे चुके थे। उनकी द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर फिल्म 'रंगून' १४ अक्टूबर को रिलीज़ होगी। नुपुर अस्थाना ने रघु रोमियो (२२०३) और मिक्स्ड डबल्स (२००६) में अभिनय किया था। मुझसे फ्रेंडशिप करोगे से वह डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठी। आज का नया खिलाड़ी उनकी ड्रामा थ्रिलर फिल्म है।
अजय देवगन ने एक बार फिर निर्देशन की कमान सम्हाल ली है। वह एक एक्शन ड्रामा फिल्म 'शिवाय' में भगवान शिव के मानवीय पहलुओं का चित्रण कर रहे हैं। इस फिल्म में वह खुद को निर्देशित करेंगे। अजय देवगन इससे पहले 'यु मी और हम' का निर्देशन कर चुके हैं। शिवाय २८ अक्टूबर को रिलीज़ होगी।
बॉलीवुड में पेशे बदलते रहते हैं। विशाल भरद्वाज संगीत देने के साथ निर्देशन के क्षेत्र में भी उतर आते हैं। टीवी सीरियल करने के बाद करण मल्होत्रा फिल्म निर्देशन की कमान सम्हाल लेते हैं। पूर्व अभिनेता तो फिल्मों में परदे के सामने जितने सफल या असफल होते हैं, कैमरे के पीछे उतने ही सफल हो जाते हैं। इस लिहाज़ से फिल्मों की अभिनेत्रियां कहाँ पीछे हैं !
दूसरी फिल्म है 'घायल वन्स अगेन' । १९९० में रिलीज़ फिल्म 'घायल' ने सनी देओल को टॉप स्टार बना दिया था। इसी फिल्म की रीमेक फिल्म हैं 'घायल वन्स अगेन' । १९९० की फिल्म घायल का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया था। लेकिन, घायल वन्स अगेन का निर्देशन खुद सनी देओल कर रहे हैं। सनी ने बतौर निर्देशक पहली फिल्म १९९९ में रिलीज़ 'दिल्लगी' थी। छोटे भाई बॉबी देओल के साथ यह फिल्म रोमांटिक फिल्म थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सनी देओल के लिए कोई करिश्मा नहीं दिखा सकी। अब सनी देओल एक्शन फिल्म में बतौर निर्देशक दर्शकों के सामने हैं। एक्शन अभिनेता सनी देओल का मज़बूत पक्ष है। क्या वह एक्शन फिल्म से बतौर निर्देशक सफल हो सकेंगे !
२०१६ में बॉलीवुड फिल्म एक्टरों के डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठने का सिलसिला जारी रहेगा। १२ फरवरी को दो फ़िल्में रोमांस ड्रामा फिल्म फितूर और रोमांस फिल्म सनम रे रिलीज़ होंगी। इन दोनों के डायरेक्टरों ने बतौर एक्टर बॉलीवुड में डेब्यू किया था। फितूर के निर्देशक अभिषेक कपूर १९९६ में रिलीज़ फिल्म 'उफ़ ये मोहब्बत' से ट्विंकल के नायक के बतौर चर्चा में आये। उस समय अभिषेक कपूर को राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया की बड़ी बेटी ट्विंकल खन्ना के प्रेमी गट्टू के नाम से पहचाना जाता था। विपिन हांडा की यह फिल्म फ्लॉप हुई। इसके साथ ही ट्विंकल के सर से गट्टू के रोमांस का बुखार उतर गया। अभिषेक कपूर की बतौर निर्देशक पहली फिल्म आर्यन अनब्रेकेबल फ्लॉप हुई थी। लेकिन, रॉक ऑन से वह रॉक कर गए। काई पो चे ने उन्हें एक अच्छे निर्देशक रूप में स्थापित कर दिया। फितूर चार्ल्स डिकेन्स के उपन्यास ग्रेट एक्सपेक्टेशंस पर रोमांस फिल्म है। इस फिल्म में कटरीना कैफ और आदित्य रॉय कपूर की जोड़ी बन रही है। यह फिल्म पिछले दिनों अभिनेत्री रेखा के फिल्म से निकल जाने के कारण चर्चा में आई थी। अब यह रोल तब्बू कर रहे हैं। फितूर के अपोजिट रिलीज़ हो रही फिल्म 'सनम रे' की डायरेक्टर दिव्या खोसला कुमार ने बतौर दिव्या खोसला फिल्म 'अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों' मे बॉबी देओल और अक्षय कुमार की नायिका के रूप में डेब्यू किया था। उन्होंने एक तेलुगु फिल्म 'लव टुडे' भी की। उनकी बतौर निदेशक पहली फिल्म 'यारियां' को सफलता मिली थी। उनका निर्देशन भी ठीक ठाक था। अब निर्देशक के रूप में उनकी दूसरी फिल्म 'सनम रे' रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म में पुलकित सम्राट और यामी गौतम की रोमांटिक जोड़ी है।
फव्वाद खान, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अलिया भट्ट और ऋषि कपूर की फिल्म 'कपूर एंड संस' के निर्देशक शकुन बत्रा ने भी एक फिल्म 'जाने तू.....या जाने न' में अभिनय किया था। वह इस फिल्म के सह निर्देशक भी थे। इमरान खान के साथ काम करने के नतीजे के तौर पर उन्हें इमरान खान और करीना कपूर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'एक मैं और एक तू' मिल गई। लेकिन, यह फिल्म फ्लॉप हुई। इसके बावजूद निर्माता करण जौहर का शकुन पर भरोसा बना हुआ है। इसी के नतीजे में फिल्म 'कपूर एंड संस' है। कम लोग सफल मस्ती सीरीज के डायरेक्टर इंद्र कुमार ने मनमोहन देसाई की फिल्म 'किस्मत' से एक्टिंग डेब्यू किया था। उन्होंने एक अन्य हिंदी फिल्म बीवी किराये की के अलावा कई गुजराती फिल्मों में कॉमेडियन के रोल किये हैं। वह बतौर निर्देशक बेटा, दिल, राजा, आदि हिट पारिवारिक फ़िल्में भी बनाई हैं। उनकी बतौर निर्देशक १५ वी फिल्म 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' २५ मार्च को रिलीज़ हो रही है।
नीरज वोरा हरफन मौला हैं। वह लेखक होने के अलावा डायरेक्टर भी हैं। उन्होंने बाज़ी, रंगीला, बादशाह, मेला, आदि फिल्मों की स्क्रिप्ट या संवाद लिखे हैं। लेकिन, डायरेक्टर से पहले वह एक्टर है। उन्हें कोई ३१ फिल्मों में अभिनय किया है। बतौर हास्य अभिनेता उनकी पहचान बनी। उन्होंने खिलाडी ४२० से बतौर निर्देशक डेब्यू किया। वह फिर हेरा फेरी का निर्देशन कर चुके हैं। रन भोला रन ८ अप्रैल को रिलीज़ होने जा रही है। शाहरुख़ खान को फिल्म 'फैन' में निर्देशित कर रहे मनीष शर्मा २००४ में ट्रोना फिल्म में एक्टर थे। उन्होंने वेडिंग प्लानर, लेडीज वर्सेज रिक्की बहल और शुद्ध देसी रोमांस जैसी सफल फ़िल्में निर्देशित की हैं। अली अब्बास ज़फर २०११ में मेरे ब्रदर की दुल्हन से डायरेक्टर बने। लेकिन, चार साल पहले वह फिल्म डेल्ही बूम में बतौर एक्टर डेब्यू कर चुके थे। इस फिल्म के वह नायक थे। अली अब्बास ज़फर अब सलमान खान को लेकर सुलतान बना रहे हैं। यह फिल्म रईस के अपोजिट रिलीज़ हो सकती है। होली, नाम, वेस्ट इज़ वेस्ट, गूँज, आदि फिल्मों के अभिनेता आशुतोष गोवारिकर को सफला मिली आमिर खान के लिए 'लगान' जैसी हिट फिल्म निर्देशित कर। वह जोधा अकबर, स्वदेश, बाज़ी, आदि फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। उनकी ह्रितिक रोशन के साथ दूसरी फिल्म 'मोहनजोदड़ो' १२ अगस्त को रिलीज़ होगी। विशाल भरद्वाज ने जब २००२ में फिल्म मकड़ी का निर्देशन किया, उस समय तक वह बतौर कंपोजर १९ फिल्मों का संगीत दे चुके थे। उनकी द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर फिल्म 'रंगून' १४ अक्टूबर को रिलीज़ होगी। नुपुर अस्थाना ने रघु रोमियो (२२०३) और मिक्स्ड डबल्स (२००६) में अभिनय किया था। मुझसे फ्रेंडशिप करोगे से वह डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठी। आज का नया खिलाड़ी उनकी ड्रामा थ्रिलर फिल्म है।
अजय देवगन ने एक बार फिर निर्देशन की कमान सम्हाल ली है। वह एक एक्शन ड्रामा फिल्म 'शिवाय' में भगवान शिव के मानवीय पहलुओं का चित्रण कर रहे हैं। इस फिल्म में वह खुद को निर्देशित करेंगे। अजय देवगन इससे पहले 'यु मी और हम' का निर्देशन कर चुके हैं। शिवाय २८ अक्टूबर को रिलीज़ होगी।
बॉलीवुड में पेशे बदलते रहते हैं। विशाल भरद्वाज संगीत देने के साथ निर्देशन के क्षेत्र में भी उतर आते हैं। टीवी सीरियल करने के बाद करण मल्होत्रा फिल्म निर्देशन की कमान सम्हाल लेते हैं। पूर्व अभिनेता तो फिल्मों में परदे के सामने जितने सफल या असफल होते हैं, कैमरे के पीछे उतने ही सफल हो जाते हैं। इस लिहाज़ से फिल्मों की अभिनेत्रियां कहाँ पीछे हैं !
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 5 January 2016
हॉरर के बाद एक्शन में बिपाशा बासु
अपनी हॉरर फिल्मों 'राज़ ३', 'आत्मा', 'क्रीचर ३डी' और 'अलोन' के बाद मिनी टीवी सीरीज 'डर सबको लगता है' से सबको डराने के बाद बिपाशा बासु अब एक्शन अवतार में नज़र आने जा रही हैं। उनका यह एक्शन अवतार एक इंटेलिजेंस अफसर का होगा। हालाँकि, फिल्म की शैली कॉमेडी होगी। पहली बार निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे, संजय दत्त की फिल्म 'जिला गाजियाबाद' के पटकथाकार विनय सिन्हा की फिल्म 'भाई मस्ट बी क्रेजी' में बिपाशा बासु जंगल में एक डॉन का पीछा कर रही ख़ुफ़िया अधिकारी बनी हैं। डॉन की भूमिका में 'दस' में गंजे आतंकवादी जामवाल का किरदार करने वाले अभिनेता पंकज कपूर कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि फिल्म के क्लाइमेक्स में बिपाशा बासु के खतरनाक स्टंट देखने को मिलेंगे। सेक्सी और हॉरर मूवी क्वीन बिपाशा बासु की इस सीरियस रोल में लेने की वज़ह के बारे में विनय शर्मा कहते हैं, "मैं एक टफ अभिनेत्री चाहता था। बिपाशा इसमे फिट बैठती हैं।" इस फिल्म की प्रारंभिक शूटिंग नेपाल चीन सीमा से लगे जंगलों में होगी। लेकिन, फिल्म का मुख्य हिस्सा बैंकाक के कंचनबूरी जंगल शूट किया जायेगा। यह ४५ दिनों का शिड्यूल फरवरी से शुरू होगा।
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जब दलबीर कौर थिरकेगी स्क्रीन पर
पाकिस्तान की जेल में मारे गए एक भारतीय कैदी सरबजीत पर बायोपिक फिल्म 'सरबजीत' में सरबजीत की बहन दलबीर कौर के अपने भाई को पाकिस्तान की जेल से निकाल कर भारत लाने की कोशिशों की दास्ताँ हैं। फिल्म में दलबीर कौर का किरदार बॉलीवुड की ग्लैमरस अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन कर रही है हैं। ऐश्वर्या ने पिछले साल संजय गुप्ता की फिल्म 'जज़्बा' से ज़ोरदार वापसी की है। निर्देशक ओमंग कुमार की फिल्म में ऐश्वर्य को अभिनय के भिन्न रंग दिखाने का मौका मिलेगा। ओमंग कुमार ने प्रियंका चोपड़ा को लेकर 'मैरी कॉम' जैसी अवार्ड विनिंग फिल्म बनाई थी। इसलिए ऐश्वर्या के लिए भी बढ़िया मौका है। सरबजीत पंजाब के एक गाँव की कहानी है। ऐश्वर्या का किरदार देहाती किस्म का है। लेकिन, ओमंग अपनी फिल्म को बोरिंग नहीं बनाना चाहते। इसलिए फिल्म में नाच गीत हैं। पंजाबी प्रभाव वाले यह गीत फिल्म की कहानी उभरने वाले हैं। ऐसे ही एक गीत में ऐश्वर्या राय बच्चन, ऋचा चड्ढा और रणदीप हुडा पर फिल्माया गया है। पंजाबी भांगड़ा शैली के इस गीत के बोल 'तुगलक तुगलक तुन' हैं। इस गीत को सुनते समय 'जब वी मेट' के 'नगाड़ा नगाड़ा' गीत की याद आयेगी। इस गीत को 'रा...राजकुमार' के गीत 'गन्दी बात' के कोरियोग्राफर विष्णु देवा ने तैयार किया है। फिल्म का संगीत शैल-प्रीतेश का है और गीत संदीप सिंह ने लिखे हैं। इस गीत की शूटिंग अगले हफ्ते फिल्मसिटी में सेट तैयार कर की जाएगी।
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Sunday, 3 January 2016
बड़े परदे पर एक और वीडियो गेम्स का एक्शन
वीडियो गेम्स पर फिल्मो की सीरीज में डायरेक्टर डस्टिन कुर्ज़ेल की फिल्म 'असैसिन'स क्रीड' नया टाइटल जुड़ गया है। इसी टाइटल वाले पॉपुलर गेम्स पर इस फिल्म में डस्टिन कुर्ज़ेल एक बार फिर माइकल फॉस्बेंडर और मारिओं कोटिल्लार्ड के साथ काम कर रहे हैं। यह तिकड़ी अभी ११ दिसंबर को रिलीज़ फिल्म 'मैकबेथ' में एक साथ थे। एक्शन एडवेंचर 'असैसिन'स क्रीड' उसी यूनिवर्स पर है, जिसमे वीडियो गेम बनाया गया है। इस पहली फिल्म की कहानी भी वही है, जो आगे बढाती जायेगी। इस फिल्म में माइकल फॉस्बेंडर दोहरे चरित्र में होंगे। उनका पहला चरित्र १५ वी शताब्दी का तलवारबाज़ अगुइलर होगा तथा दूसरा करैक्टर आधुनिक समय का कैलम लिंच होगा। कथानक के अनुसार लिंच को पता चलता है कि उसके पूर्वज अगुइलर १५ वी शताब्दी के स्पेन के असैसिन योद्धा थे। कैलम, असैसिन के पुराने दुश्मन टेम्पलर्स को पराजित करने अगुइलर की स्मृतियों को पुनर्जीवित करता है ताकि असैसिन को पराजित करने वाली विद्या और कौशल को सीख सके। इस फिल्म में टेम्पलर्स की भूमिका ग्राहम करी ने की है। अन्य भूमिकाओं में ब्रेंडन ग्लीसन, जेरेमी आयरन्स, ब्रायन ग्लीसन, माइकल केनेथ विलियम्स, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।
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Saturday, 2 January 2016
बॉलीवुड के लिए प्रतिभाओं की जनवरी
प्रतिभा के लिहाज़ से, बॉलीवुड के लिए जनवरी का महीना फलदार पेड़ की तरह है। इस महीने प्रतिभाशाली अभिनेता, अभिनेत्रियां और डायरेक्टर मिले। इनमे से बॉलीवुड के इम्तिहान में कुछ फेल भी हुए और कुछ फर्स्ट क्लास निकले । इस महीने पैदा निर्देशकों ने भारतीय सिनेमा को नयापन दिया। कॉमेडी को नई दिशा दी। एक्टर्स ने अपने सजीव अभिनय से चरित्रों को अविस्मरणीय बना दिया।
अभिनेत्रियां सेक्सी भी और इमोशनल भी
जनवरी में पैदा अभिनेत्रियां अभिनय कला के लिहाज़ से बेजोड़ हैं। वह ग्लैमरस भी हैं और सेक्सी भी। इन अभिनेत्रीयों ने हिंदी फिल्मों की नायिका को नायक की परछाई से अलग अपनी पहचान दी। इन अभिनेत्रियों के कारण फ़िल्में बिकती भी हैं और देखी भी जाती हैं।
विद्या बालन- साल के पहले दिन, १ जनवरी १९७९ को पैदा विद्या बालन की पहचान अभिनय सक्षम अभिनेत्री के बतौर हैं। उनका केरल से मुंबई तक का सफर टेलीविज़न से हो कर जाता है। सीरियल हम पांच की यह नायिका आज परिणीता, डर्टी पिक्चर, कहानी, आदि फिल्मों में अपने कुशल अभिनय से पहचानी जाती हैं। उनको ध्यान में रख कर फ़िल्में लिखी जाने लगी है।
दीपिका पादुकोण- ५ जनवरी १९८६ को जन्मी दीपिका पादुकोण अभिनय और ग्लैमर का संगम हैं। वह २००७ से लगातार हर साल कम से कम एक हिट फिल्म दे रही हैं। इस साल रिलीज़ फिल्म पीकू और तमाशा में उनके अभिनय की भी प्रशंसा हुई।
बिपाशा बासु- ७ जनवरी १९७९ को जन्मी बिपाशा बासु ने अपनी सेक्स अपील के बल पर ही ए ग्रेड फिल्मों को फतह किया। उन्होंने इरोटिक थ्रिलर फिल्म जिस्म (२००३) से अपने करियर की शुरुआत की। ऎसी फिल्मों की अभिनेत्रियां एक ख़ास खांचे वाली फिल्मों के लिए ही उपयुक्त मानी जाती हैं। लेकिन, बिपाशा बासु ने खुद को इस ठप्पे से बचाते हुए नो एंट्री, फिर हेरा फेरी, रेस, धूम २, कॉर्पोरेट, अपहरण और बचना ऐ हसीनों जैसी बड़े बजट की भिन्न कथानकों वाली फ़िल्में की।
जनवरी में जन्मी कुछ अन्य अभिनेत्रियो में से एक प्रीटी जिंटा की कभी तूती बोला करती थी। उन्होंने लगभग हर बड़े सितारे के साथ फ़िल्में की। दक्षिण में अपनी अभिनय प्रतिभा का परचम लहराने के बाद श्रुति हासन और एमी जैक्सन हिंदी फिल्मों को जीतने आ गई हैं। प्रीटी जिंटा और एमी जैक्सन ३१ जनवरी को पैदा हुई। श्रुति हासन ने २८ जनवरी को दुनिया में पहली सांस ली। इनके अलावा कल्कि कोएच्लिन और पल्लवी शारदा १० जनवरी को, मिनिषा लाम्बा २८ जनवरी और रिया सेन २४ जनवरी को पैदा हुई अभिनेत्रियां हैं।
लाजवाब अभिनय वाले अभिनेता !
क्या यह इत्तेफ़ाक़ है कि अभिनेत्रियों की तरह जनवरी में बहुमुखी प्रतिभा के अभिनेताओं ने जन्म लिया। इन अभिनेताओं को अपने अभिनय के बूते हिंदी फिल्मों को नए प्रकार का नायक दिया। बॉक्स ऑफिस को एक्टर-स्टार दिया। गायक मुकेश के पोते नील नितिन मुकेश ने जॉनी गद्दार से दर्शकों को आकर्षित किया था। उन पर नेगेटिव किरदार ख़ास फबते हैं। ७ खून माफ़ और डेविड से दर्शकों को अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले नील नितिन मुकेश को दक्षिण के दर्शक सुपर हिट फिल्म कठ्ठी के विलेन के बतौर जानते हैं। श्रेयस तलपडे (२७ जनवरी) और चन्दन रॉय सान्याल (३० जनवरी) लीक से हट कर भूमिकाओं से अपनी पहचान बना चुके हैं। इनके अलावा आदित्य पंचोली (४ जनवरी), उदय चोपड़ा (५ जनवरी), इमरान खान, अध्ययन सुमन और अश्मित पटेल (१३ जनवरी), सिद्धार्थ मल्होत्रा (१६ जनवरी), सुशांत सिंह राजपूत (२१ जनवरी) और बॉबी देओल (२७ जनवरी) इसी महीने पैदा हुए।
नाना पाटेकर- १ जनवरी १९५१ को जन्मे नाना पाटेकर ने खुद की पहचान बीआर चोपड़ा की फिल्म 'आज की आवाज़' के विलेन के रूप में बनाई। अंकुश, तृषाग्नि, सलाम बॉम्बे, आदि कुछ फिल्मों में खुद को हरफनमौला अभिनेता साबित करने वाले नाना पाटेकर ने विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म परिंदा के अन्ना सेठ की भूमिका में दर्शकों की रीढ़ में सिहरन पैदा कर दी। वह प्रहार के नायक और निर्देशक थे। तिरंगा, क्रांतिवीर, अग्निसाक्षी, टैक्सी नंबर ९२११, ब्लफ मास्टर, वेलकम, आदि उनकी अभिनय प्रतिभा और बॉक्स ऑफिस पर पकड़ को साबित करने वाली फ़िल्में थी।
इरफ़ान खान - नाना पाटेकर जैसी प्रतिभा ७ जनवरी १९६७ को पैदा इरफ़ान खान में भी नज़र आई। उन्होंने सलाम बॉम्बे से पीकू और जज़्बा तक खुद की प्रतिभा बार बार साबित की। इसी का नतीज़ा है कि वह हॉलीवुड फिल्मों में स्वीकार किये गए। इसी साल उन्हें जुरैसिक वर्ल्ड में देखा गया।
ह्रितिक रोशन- १० जनवरी १९७४ को जन्मे ह्रितिक रोशन सुन्दर सूरत और गठीले शरीर के कारण बॉक्स ऑफिस के पसंदीदा हैं। वह अपनी अभिनय प्रतिभा से भी फिल्म मिशन कश्मीर, फ़िज़ा, लक्ष्य, गुज़ारिश, ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा और अग्निपथ के दर्शकों को प्रभावित कर चुके हैं। उनकी सिंधु सभ्यता की पृष्ठभूमि पर फिल्म 'मोहन जोदड़ो' की दर्शकों को प्रतीक्षा है।
अलग तरह की फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक
जनवरी में ऐसे निर्देशक जन्मे, जिन्होंने बॉलीवुड में मील का पत्थर साबित होने वाली फ़िल्में बनाई। फिल्मों को उत्कृष्ट तकनीक और गुणवत्ता प्रदान की। ख़ास बात यह थी कि हर डायरेक्टर की अपनी अलग दृष्टि थी। इससे हिंदी फिल्म दर्शकों को भिन्न शैली वाली फिल्में देखने को मिली।
फराह खान और फरहान अख्तर- इन दोनों हस्तियों की जन्म की तरीख बेशक ९ जनवरी है। लेकिन, दोनों की फ़िल्में बनाने की शैली काफी भिन्न है। फराह खान हलकी फुलकी कॉमेडी, कमोबेश स्पूफ फ़िल्में बनाती हैं। उन्होंने 'मैं हूँ न' और 'हैप्पी न्यू ईयर' जैसी सुपर हिट फ़िल्में बनाई हैं। वहीँ, फरहान अख्तर दिल चाहता है, लक्ष्य, डॉन और डॉन २ जैसी फिल्मों के निर्देशक हैं। यह सभी फ़िल्में भिन्न शैली की हैं। फराह खान ने फिल्म 'शीरीं फरहाद की तो निकल पड़ी' में नायिका की भूमिका की थी। फरहान अख्तर के खाते में दर्जन भर दूसरी फिल्मों के अलावा ' भाग मिल्खा भाग' जैसी यादगार फिल्म दर्ज़ है।
रमेश सिपप्पी - २३ जनवरी १९४७ को जन्मे रमेश सिप्पी ने जब 'अंदाज़' और 'सीता और गीता' जैसी सुपर हिट फिल्मों के ज़रिये बॉक्स ऑफिस पर अपनी पहचान बनाई उस समय वह मात्र २४ साल के थे। दर्शकों की नब्ज़ पहचानने वाल रमेश सिप्पी ने उस दौर में 'शोले' जैसी हिंसक फिल्म का निर्माण किया, जब रोमांटिक फिल्मों का दौर ख़त्म नहीं हुआ था। लेकिन, शोले जैसी उत्कृष्ट तकनीक वाली फिल्म बना कर, रमेश सिप्पी ने हिंदी फिल्मों को एक्शन धारा की ओर मोड़ा ही, उच्च तकनीक अपनाने के लिए भी प्रेरित किया।
सुभाष घई- २४ जनवरी ९४५ को जन्मे सुभाष घई को राजकपूर के बाद दूसरा शोमैन कहा गया। सुभाष घई की कालीचरण, विश्वनाथ और गौतम गोविंदा से लेकर क़र्ज़ और ताल तक फ़िल्में अपने मधुर संगीत और स्वप्निल भव्य सेट्स के कारण भी जानी जाती हैं। उन्होंने एक्शन फिल्मों के युग में भी हीरो, सौदागर, परदेस और ताल जैसी संगीतमय रोमांस फ़िल्में बनाई। यह फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल भी हुई।
विक्रम भट्ट- २७ जनवरी १९६९ को जन्मे विक्रम भट्ट ने जनम और गुलाम जैसी हिट फिल्मों से अपने करियर शुरू किया। लेकिन, उन्हें हॉरर फिल्मों को जीवन देने वाला निर्देशक माना गया हॉरर फिल्म राज़ (२००२) के बाद। इस फिल्म ने भट्ट कैंप के लिए फ्रैंचाइज़ी फिल्मों का दरवाज़ा खोल दिया। फिल्म १९२० के बाद विक्रम भट्ट हॉरर फिल्मों के मसीहा बन गए। उन्होंने हॉन्टेड फिल्म को ३डी में बना कर हॉरर फिल्मों के लिए भी उत्कृष्ट तकनीक के रास्ते खोल दिए।
प्रियदर्शन- ३० जनवरी १९५७ को जन्मे प्रियदर्शन ने मलयालम फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की। दो दर्जन से ज़्यादा मलयालम फ़िल्में बनाने के बाद प्रियदर्शन फिल्म 'मुस्कराहट' से हिंदी फिल्मों में आये। इस फिल्म ने प्रियदर्शन को हिंदी दर्शको का प्रिय बना दिया। गर्दिश और विरासत जैसी भिन्न शैली वाली फिल्मों के बाद फिल्म 'हेरा फेरी' (२०००) ने प्रियदर्शन को अलग तरह की कॉमेडी फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक के रूप में स्थापित कर दिया, जिसकी फ़िल्में संदेसा भी देती थी। 'भूल भुलैया' में प्रियदर्शन कॉमेडी और सुपर नेचुरल पावर का अनोखा मिश्रण कर रहे थे।
अभिनेत्रियां सेक्सी भी और इमोशनल भी
जनवरी में पैदा अभिनेत्रियां अभिनय कला के लिहाज़ से बेजोड़ हैं। वह ग्लैमरस भी हैं और सेक्सी भी। इन अभिनेत्रीयों ने हिंदी फिल्मों की नायिका को नायक की परछाई से अलग अपनी पहचान दी। इन अभिनेत्रियों के कारण फ़िल्में बिकती भी हैं और देखी भी जाती हैं।
विद्या बालन- साल के पहले दिन, १ जनवरी १९७९ को पैदा विद्या बालन की पहचान अभिनय सक्षम अभिनेत्री के बतौर हैं। उनका केरल से मुंबई तक का सफर टेलीविज़न से हो कर जाता है। सीरियल हम पांच की यह नायिका आज परिणीता, डर्टी पिक्चर, कहानी, आदि फिल्मों में अपने कुशल अभिनय से पहचानी जाती हैं। उनको ध्यान में रख कर फ़िल्में लिखी जाने लगी है।
दीपिका पादुकोण- ५ जनवरी १९८६ को जन्मी दीपिका पादुकोण अभिनय और ग्लैमर का संगम हैं। वह २००७ से लगातार हर साल कम से कम एक हिट फिल्म दे रही हैं। इस साल रिलीज़ फिल्म पीकू और तमाशा में उनके अभिनय की भी प्रशंसा हुई।
बिपाशा बासु- ७ जनवरी १९७९ को जन्मी बिपाशा बासु ने अपनी सेक्स अपील के बल पर ही ए ग्रेड फिल्मों को फतह किया। उन्होंने इरोटिक थ्रिलर फिल्म जिस्म (२००३) से अपने करियर की शुरुआत की। ऎसी फिल्मों की अभिनेत्रियां एक ख़ास खांचे वाली फिल्मों के लिए ही उपयुक्त मानी जाती हैं। लेकिन, बिपाशा बासु ने खुद को इस ठप्पे से बचाते हुए नो एंट्री, फिर हेरा फेरी, रेस, धूम २, कॉर्पोरेट, अपहरण और बचना ऐ हसीनों जैसी बड़े बजट की भिन्न कथानकों वाली फ़िल्में की।
जनवरी में जन्मी कुछ अन्य अभिनेत्रियो में से एक प्रीटी जिंटा की कभी तूती बोला करती थी। उन्होंने लगभग हर बड़े सितारे के साथ फ़िल्में की। दक्षिण में अपनी अभिनय प्रतिभा का परचम लहराने के बाद श्रुति हासन और एमी जैक्सन हिंदी फिल्मों को जीतने आ गई हैं। प्रीटी जिंटा और एमी जैक्सन ३१ जनवरी को पैदा हुई। श्रुति हासन ने २८ जनवरी को दुनिया में पहली सांस ली। इनके अलावा कल्कि कोएच्लिन और पल्लवी शारदा १० जनवरी को, मिनिषा लाम्बा २८ जनवरी और रिया सेन २४ जनवरी को पैदा हुई अभिनेत्रियां हैं।
लाजवाब अभिनय वाले अभिनेता !
क्या यह इत्तेफ़ाक़ है कि अभिनेत्रियों की तरह जनवरी में बहुमुखी प्रतिभा के अभिनेताओं ने जन्म लिया। इन अभिनेताओं को अपने अभिनय के बूते हिंदी फिल्मों को नए प्रकार का नायक दिया। बॉक्स ऑफिस को एक्टर-स्टार दिया। गायक मुकेश के पोते नील नितिन मुकेश ने जॉनी गद्दार से दर्शकों को आकर्षित किया था। उन पर नेगेटिव किरदार ख़ास फबते हैं। ७ खून माफ़ और डेविड से दर्शकों को अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले नील नितिन मुकेश को दक्षिण के दर्शक सुपर हिट फिल्म कठ्ठी के विलेन के बतौर जानते हैं। श्रेयस तलपडे (२७ जनवरी) और चन्दन रॉय सान्याल (३० जनवरी) लीक से हट कर भूमिकाओं से अपनी पहचान बना चुके हैं। इनके अलावा आदित्य पंचोली (४ जनवरी), उदय चोपड़ा (५ जनवरी), इमरान खान, अध्ययन सुमन और अश्मित पटेल (१३ जनवरी), सिद्धार्थ मल्होत्रा (१६ जनवरी), सुशांत सिंह राजपूत (२१ जनवरी) और बॉबी देओल (२७ जनवरी) इसी महीने पैदा हुए।
नाना पाटेकर- १ जनवरी १९५१ को जन्मे नाना पाटेकर ने खुद की पहचान बीआर चोपड़ा की फिल्म 'आज की आवाज़' के विलेन के रूप में बनाई। अंकुश, तृषाग्नि, सलाम बॉम्बे, आदि कुछ फिल्मों में खुद को हरफनमौला अभिनेता साबित करने वाले नाना पाटेकर ने विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म परिंदा के अन्ना सेठ की भूमिका में दर्शकों की रीढ़ में सिहरन पैदा कर दी। वह प्रहार के नायक और निर्देशक थे। तिरंगा, क्रांतिवीर, अग्निसाक्षी, टैक्सी नंबर ९२११, ब्लफ मास्टर, वेलकम, आदि उनकी अभिनय प्रतिभा और बॉक्स ऑफिस पर पकड़ को साबित करने वाली फ़िल्में थी।
इरफ़ान खान - नाना पाटेकर जैसी प्रतिभा ७ जनवरी १९६७ को पैदा इरफ़ान खान में भी नज़र आई। उन्होंने सलाम बॉम्बे से पीकू और जज़्बा तक खुद की प्रतिभा बार बार साबित की। इसी का नतीज़ा है कि वह हॉलीवुड फिल्मों में स्वीकार किये गए। इसी साल उन्हें जुरैसिक वर्ल्ड में देखा गया।
ह्रितिक रोशन- १० जनवरी १९७४ को जन्मे ह्रितिक रोशन सुन्दर सूरत और गठीले शरीर के कारण बॉक्स ऑफिस के पसंदीदा हैं। वह अपनी अभिनय प्रतिभा से भी फिल्म मिशन कश्मीर, फ़िज़ा, लक्ष्य, गुज़ारिश, ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा और अग्निपथ के दर्शकों को प्रभावित कर चुके हैं। उनकी सिंधु सभ्यता की पृष्ठभूमि पर फिल्म 'मोहन जोदड़ो' की दर्शकों को प्रतीक्षा है।
अलग तरह की फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक
जनवरी में ऐसे निर्देशक जन्मे, जिन्होंने बॉलीवुड में मील का पत्थर साबित होने वाली फ़िल्में बनाई। फिल्मों को उत्कृष्ट तकनीक और गुणवत्ता प्रदान की। ख़ास बात यह थी कि हर डायरेक्टर की अपनी अलग दृष्टि थी। इससे हिंदी फिल्म दर्शकों को भिन्न शैली वाली फिल्में देखने को मिली।
फराह खान और फरहान अख्तर- इन दोनों हस्तियों की जन्म की तरीख बेशक ९ जनवरी है। लेकिन, दोनों की फ़िल्में बनाने की शैली काफी भिन्न है। फराह खान हलकी फुलकी कॉमेडी, कमोबेश स्पूफ फ़िल्में बनाती हैं। उन्होंने 'मैं हूँ न' और 'हैप्पी न्यू ईयर' जैसी सुपर हिट फ़िल्में बनाई हैं। वहीँ, फरहान अख्तर दिल चाहता है, लक्ष्य, डॉन और डॉन २ जैसी फिल्मों के निर्देशक हैं। यह सभी फ़िल्में भिन्न शैली की हैं। फराह खान ने फिल्म 'शीरीं फरहाद की तो निकल पड़ी' में नायिका की भूमिका की थी। फरहान अख्तर के खाते में दर्जन भर दूसरी फिल्मों के अलावा ' भाग मिल्खा भाग' जैसी यादगार फिल्म दर्ज़ है।
रमेश सिपप्पी - २३ जनवरी १९४७ को जन्मे रमेश सिप्पी ने जब 'अंदाज़' और 'सीता और गीता' जैसी सुपर हिट फिल्मों के ज़रिये बॉक्स ऑफिस पर अपनी पहचान बनाई उस समय वह मात्र २४ साल के थे। दर्शकों की नब्ज़ पहचानने वाल रमेश सिप्पी ने उस दौर में 'शोले' जैसी हिंसक फिल्म का निर्माण किया, जब रोमांटिक फिल्मों का दौर ख़त्म नहीं हुआ था। लेकिन, शोले जैसी उत्कृष्ट तकनीक वाली फिल्म बना कर, रमेश सिप्पी ने हिंदी फिल्मों को एक्शन धारा की ओर मोड़ा ही, उच्च तकनीक अपनाने के लिए भी प्रेरित किया।
सुभाष घई- २४ जनवरी ९४५ को जन्मे सुभाष घई को राजकपूर के बाद दूसरा शोमैन कहा गया। सुभाष घई की कालीचरण, विश्वनाथ और गौतम गोविंदा से लेकर क़र्ज़ और ताल तक फ़िल्में अपने मधुर संगीत और स्वप्निल भव्य सेट्स के कारण भी जानी जाती हैं। उन्होंने एक्शन फिल्मों के युग में भी हीरो, सौदागर, परदेस और ताल जैसी संगीतमय रोमांस फ़िल्में बनाई। यह फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल भी हुई।
विक्रम भट्ट- २७ जनवरी १९६९ को जन्मे विक्रम भट्ट ने जनम और गुलाम जैसी हिट फिल्मों से अपने करियर शुरू किया। लेकिन, उन्हें हॉरर फिल्मों को जीवन देने वाला निर्देशक माना गया हॉरर फिल्म राज़ (२००२) के बाद। इस फिल्म ने भट्ट कैंप के लिए फ्रैंचाइज़ी फिल्मों का दरवाज़ा खोल दिया। फिल्म १९२० के बाद विक्रम भट्ट हॉरर फिल्मों के मसीहा बन गए। उन्होंने हॉन्टेड फिल्म को ३डी में बना कर हॉरर फिल्मों के लिए भी उत्कृष्ट तकनीक के रास्ते खोल दिए।
प्रियदर्शन- ३० जनवरी १९५७ को जन्मे प्रियदर्शन ने मलयालम फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की। दो दर्जन से ज़्यादा मलयालम फ़िल्में बनाने के बाद प्रियदर्शन फिल्म 'मुस्कराहट' से हिंदी फिल्मों में आये। इस फिल्म ने प्रियदर्शन को हिंदी दर्शको का प्रिय बना दिया। गर्दिश और विरासत जैसी भिन्न शैली वाली फिल्मों के बाद फिल्म 'हेरा फेरी' (२०००) ने प्रियदर्शन को अलग तरह की कॉमेडी फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक के रूप में स्थापित कर दिया, जिसकी फ़िल्में संदेसा भी देती थी। 'भूल भुलैया' में प्रियदर्शन कॉमेडी और सुपर नेचुरल पावर का अनोखा मिश्रण कर रहे थे।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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