हिंदी फिल्म दर्शक शक्ति कपूर को फिल्मों के बैड मैन के रूप में पहचानते हैं। हालाँकि, कुछ फिल्मों में उन्होंने प्रभावशाली चरित्र भूमिका या कॉमिक किरदार किया है। लेकिन, बैड मैन का टैग उन पर चिपक सा गया है। अब उनकी बेटी श्रद्धा हिंदी फिल्मों की नायिका के बतौर नाम बना रही है। तो क्या शक्ति कपूर अब अपनी इमेज बदलना चाहते हैं ? निर्देशक हरिमोहन वर्मा की फिल्म 'अंधे लोग' से तो ऐसा ही लगता है। इस फिल्म में शक्ति कपूर एक देश भक्त शिक्षक के किरदार में हैं। वह समाज की बुराइयों और कमज़ोर वर्गों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठाता है। यह फिल्म शक्ति कपूर की अब तक की फिल्मों में उनकी छवि के विपरीत छवि वाली फिल्म है। इस किरदार को करने के बारे पूछे जाने पर शक्ति कपूर कहते हैं, "आज गांधी जी के सिद्धांतों के विरुद्ध लोग बुरा न देखो, बुरा न कहो और बुरा न सुनो की तर्ज़ पर सामजिक बुराइयों के विरुद्ध आवाज़ नहीं उठाते। हम हादसे के बाद कैंडल मार्च ज़रूर निकालते हैं, लेकिन हादसे के समय मौजूद रहने के बावजूद आवाज़ नहीं उठाते। हम इस फिल्म के ज़रिये यही सन्देश देना चाहते है।" फिल्मों में बतौर कैमरामैन कई सालों से काम कर रहे हरिमोहन की बतौर निर्देशक पहली फिल्म है 'अंधे लोग' । अंधे लोग में शक्ति कपूर के अलावा काजल शर्मा, सोनाली जोशी, राज कापसे, यास्मीन खान, विकास वर्मा और प्रिंसेस शिरीन भी महत्वपूर्ण भूमिका में है। इस फिल्म का निर्माण ससिया प्रोडक्शंस और ब्रूसली फिल्म्स के सहयोग से किया गया है।
राजेंद्र कांडपाल
राजेंद्र कांडपाल
No comments:
Post a Comment