बॉलीवुड जो न करा
दे। फिल्म इंडस्ट्री के दो अच्छे दोस्त अनिल कपूर और ऋषि कपूर आमने
सामने हैं। अनिल कपूर की फिल्म फन्ने खान
और ऋषि कपूर की फिल्म मुल्क इस शुक्रवार रिलीज़ हो रही है। कारोबार, गुरुदेव और विजय में एक साथ काम करने वाले और परदे पर कभी भाई,
कभी दोस्त की भूमिका करने वाले अनिल कपूर और ऋषि
कपूर की उम्र में ५ साल का फासला है। ऋषि
कपूर, उम्र में अनिल कपूर से पांच साल बड़े हैं, लेकिन करियर की लिहाज़ से वह ९ साल सीनियर
है। ऋषि कपूर की पहली फिल्म मेरा नाम जोकर
१९७० में रिलीज़ हुई थी, जबकि अनिल कपूर की
फिल्म हमारे तुम्हारे १९७९ में रिलीज़ हुई।
बॉबी के बाद, ऋषि कपूर ने खुद को
चॉकलेटी हीरो की इमेज में क़ैद कर लिया।
वहीँ अनिल कपूर ने वह सात दिन से, लीक से हट कर
फ़िल्में करने का जो सिलसिला शुरू किया, उसने उन्हें किसी भी
इमेज में क़ैद होने से बचाये रखा। हालाँकि,
वह काफी समय तक, अमिताभ बच्चन के एंग्री यंगमैन को अपने एंग्री यंगमैन से चुनौती देने
में जुटे रहे। अब यह बात दीगर हैं कि आज
यह दोनों अभिनेता चरित्र भूमिकाओं में नज़र आने लगे हैं।
अनिल कपूर का
म्यूजिकल ‘फन्ने खान’
अनिल कपूर ने,
जिस अमिताभ बच्चन के एंग्री यंगमैन को चुनौती दी
थी, आज वह उसी अमिताभ बच्चन की बहु ऐश्वर्या राय
बच्चन के स्टारडम को चुराना चाहते हैं।
फिल्म फन्ने खान में अनिल कपूर का किरदार गायक बनना चाहता है।
उसके मोहल्ले में लोग उसे मोहम्मद रफ़ी कहते हैं, उसे गायिकी का फन्ने खान बताते हैं।
लेकिन, वह फिल्मों में सफल नहीं हो पाता। अब उसके सारे अरमान अपनी बेटी पर हैं, जिसे वह लता मंगेशकर बनाना चाहता है। मगर, वह भी असफल रहती
है। ऐसे में, फन्ने खान एक मशहूर पॉप
गायिका (ऐश्वर्या राय बच्चन) का अपहरण कर लेता है। यह फिल्म हॉलीवुड की
फिल्म एवरीबॉडीज फेमस की रीमेक है।
एक ध्रुव पर खडा
‘मुल्क’
जिस शुक्रवार फन्ने
खान रिलीज़ हो रही है, उसी दिन अनुभव
सिन्हा की फिल्म मुल्क रिलीज़ हो रही है।
तुम बिन की तुम बिन २ जैसी रद्दी
रीमेक फिल्म बनाने वाले अनुभव सिन्हा को गुलाब गैंग जैसी फिल्म से भी असफलता हाथ
लगी। हालाँकि, इस फिल्म में माधुरी दीक्षित और जूही चावला जैसी दिग्गज अभिनेत्रियां
थी। इसलिए, उन्होंने हिन्दू-मुस्लमान वाला विवादित विषय लिया है। वह इस फिल्म के ज़रिये यह स्थापित करने की कोशिश
कर रहे हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।
हर हिन्दू मुस्लमान का विरोधी नहीं है।
लेकिन, इस फिल्म का प्रचार करते समय वह खुद और
उनकी कास्ट एक सिरे पर खड़े नज़र आते हैं।
कहीं न कहीं, वह इस फिल्म के लिए
दर्शकों का ध्रुवीकरण करते नज़र आते
हैं। इस फिल्म में अनिल कपूर के दोस्त ऋषि
कपूर एक मुस्ल्मि किरदार कर रहे हैं, जिसका बेटा आतंकवादी
है। उसे, मुसलमान से शादी करने वाली एक हिन्दू वकील इन्साफ दिलाने की कोशिश
करती हैं कि आतंकवादी का परिवार आतंकवादी नहीं होता। यह भूमिका तापसी पन्नू ने की है।
फन्ने खान बनाम
मुल्क
ज़ाहिर है कि फन्ने
खान और मुल्क अपने वरिष्ठ एक्टरों अनिल कपूर और ऋषि कपूर के बलबूते खडी है। आज का दर्शक भी इन अभिनेताओं के अभिनय का
दीवाना है। उस लिहाज़ से फन्ने खान का मुल्क के मुराद अली मोहम्मद से होगा। ख़ास बात यह है कि यह दोनों ही किरदार खुद को
साबित करना चाहते हैं। मुराद जहाँ एक सिरे
पर खड़ा है, बचाव में है। वहीँ फन्ने खान में अपनी बेटी को लता मंगेशकर
बनाने की ज़िद्द है। फन्ने खान का किरदार
म्यूजिकल होने के कारण दर्शकों के दिल के ज़्यादा करीब है। दर्शकों को, अनिल कपूर और ऐश्वर्या राय बच्चन टकराव में ड्रामा देखने को
मिलेगा। इस फिल्म को सभी वर्ग के दर्शक
देखना चाहेंगे, जबकि मुल्क खुद ही
अपने दर्शक बाँट देता है। यह मुल्क के
लिहाज़ से ठीक नहीं।
ग्लैमर की टक्कर
फन्ने खान में,
अनिल कपूर के अलावा ऐश्वर्या राय बच्चन का ग्लैमर
है। ऐश्वर्या राय बच्चन कभी बॉलीवुड की
नंबर वन अभिनेत्री हुआ करती थी। इस पूर्व विश्व सुंदरी की खूबसूरती का आज भी हर
कोई दीवाना है। मुल्क की तापसी पन्नू कम उम्र होने के बावजूद उनके आसपास तक नज़र
नहीं आती। अभिनय के मामले में भी ऐश्वर्या
राय उन पर बीस पड़ती हैं। इसके अलावा,
फन्ने खान में राजकुमार राव भी हैं। वह एक प्रतिभाशाली अभिनेता हैं और कई बार अपनी
प्रतिभा का परिचय दे चुके हैं। उनकी टक्कर
में मुल्क में कोई नहीं हैं। गायक-गायिका
किरदारों पर केंद्रित होने के कारण फन्ने खान के साथ संगीत का सपोर्ट है। जबकि, मुल्क एक विवादित
कथानक के कारण नीरस फिल्म साबित हो सकती है।
संगीत की फिल्म में कोई जगह नहीं है।
नए और पुराने
निर्देशकों का अनुभव !
निर्देशक का अपना
महत्त्व होता है। मुल्क के निर्देशक
अनुभवी अनुभव सिन्हा है। उन्हें अपनी पहली
फिल्म तुम बिन से प्रसिद्धि मिली। स्पाई थ्रिलर एक्शन फिल्म दस ने उन्हें पकड़ वाला
निर्देशक साबित किया था। परन्तु, रा.वन जैसी बड़ी असफल फिल्म के बाद अनुभव सिन्हा
के निर्देशक का रंग फीका पड़ने लगा।
तथास्तु, कैश और तुम बिन २ ने
उन्हें माध्यम पर ढीली पकड़ का निर्देशक
साबित कर दिया। बतौर निर्माता भी वह अपनी
फिल्मों ज़िद और गुलाब गैंग के लिए बढ़िया कहानी नहीं चुन सके। वहीँ, फन्ने खान के
निर्देशक अतुल मांजरेकर की यह पहली फिल्म है।उन्हें रीमेक फिल्म का सहारा भी मिला है।
नए निर्देशकों का नज़रिया अद्भुत होता है।
इस फिल्म को खुद अतुल ने लिखा है।
वह बतौर निर्देशक इसे कैमरा पर उतार सकते हैं। हालाँकि, मुल्क को भी अनुभव सिन्हा ने ही लिखा है। लेकिन, फिल्म को लिखते समय,
वह कहीं न कहीं पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो गए
होंगे। यह फिल्म के लिहाज़ से ठीक
नहीं।
शुक्रवार ३ अगस्त को,
इरफ़ान खान, मलयालम फिल्म अभिनेता दुलकर सलमान की फिल्म कारवां, एक दो साल के बच्चे के फ्लैट में अकेले रह जाने
की विनोद कापड़ी की थ्रिलर फिल्म पीहू और दक्षिण की फिल्म विराम बीच रिलीज़ हो रही
है। यह फ़िल्में दर्शक बांटेंगी। लेकिन, मुल्क के दर्शक
इरफ़ान खान और दुलकर सलमान की फिल्म कारवां भी बांटेगी और पिहू और वीरम भी । वहीँ
फन्ने खान ट्रम्पेट बजाएगा ।
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