गत रविवार को मुंबई अंधेरी पश्चिम, स्थित आभार सभागार में आयोजित लोखंडवाला
कविता क्लब के कार्यक्रम में श्रीमती पुष्पा भारती ने साहित्य और पत्रकारिता में
योगदान पर अपने विचार रखे. श्रीमती पुष्पा भारती के प्रति श्रोताओं के लगाव का आलम
यह था कि, हाल में पैर
रखने की भी जगह नहीं थी. इस अवसर पर नवनीत के संपादक विश्वनाथ सचदेव, वरिष्ठ
पत्रकार सुदर्शना द्विवेदी और मिर्ज़ा ग़ालिब अकादमी, वाराणसी के
अध्यक्ष स्वामी ओमा अक्क ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
श्रीमती पुष्पा भारती की वक्तृत्व क्षमता देखकर श्रोता समुदाय दंग रह गया.
85 साल की उम्र में उन्होंने जिस दमख़म के साथ अपने जादुई अंदाज़ में एक दर्जन से
अधिक संस्मरण सुनाए,
वह ख़ुद में एक रचनात्मक उपलब्धि होने के साथ-साथ अविस्मरणीय अनुभव था.
विदित हो कि,
पुष्पा भारती धर्मयुग के संपादक स्वर्गीय डॉक्टर धर्मवीर भारती की पत्नी
हैं. डॉ.धर्मवीर भारती और महानायक अमिताभ बच्चन के पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन
दोनों के परिवार में पुराना परिवारिक संबंध है. इसलिए पुष्पा भारती ने बच्चन से
जुड़ी कुछ यादें खासकर सुनाई.
श्रीमती पुष्पा भारती के संस्मरणों में महाकवि निराला, महादेवी
वर्मा, डॉ. राम
कुमार वर्मा,
र्श्रीलाल शुक्ल,
कमलेश्वर,
मार्कंडेय,
दुष्यंत कुमार,
हरिवंश राय बच्चन,
रंगकर्मी अभिनेता सत्यदेव दुबे, अमिताभ बच्चन, सोनिया गांधी, राजीव गांधी, जैसी शख़्सियतें शामिल थीं. सभा में
फिल्मकार, साहित्यकार
और कई पत्रकार भी मौजूद थे. श्रीमती पुष्पा वर्मा ने अमिताभ बच्चन की शादी से
जुड़ी जब रहस्य का उद्घाटन किया तो सामने बैठी उनकी सुपुत्री गुड़िया भी कुछ पल के
लिये झेंप -सी गई. उन्होंने बताया कि, गुड़िया अमिताभ बच्चन से शादी करना चाहती
थी. यह बात
दोनों परिवार को पता थी. हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन उनके घर आए और
तेजी जी ने कहा कि भाभी जया के लिए कंगन खरीदना है. अमिताभ उससे शादी कर रहा है तो, यह जानकर
गुड़िया रूठ गई थी. फिर तेजी जी ने
गुड़िया को कैसे समझाया और किस तरह से अमिताभ बच्चन की जया जी से शादी हुई. यह
सारा किस्सा उनकी संस्मरण में है. अमिताभ बच्चन के प्रशंसकों और पाठकों को यह बात
शायद ही पता हो क्योंकि,
सभी अमिताभ बच्चन और अभिनेत्री रेखा के सम्बन्धों की चर्चाएं ही पढ़ते रहे
हैं और उसी के बारे में जानते हैं. अमिताभ अपनी पसंद से अभिनेत्री जया भादुड़ी
(पूर्व नाम) से शादी न करते तो कदाचित डॉ.धर्मवीर भारती की सुपुत्री से ही उनकी
शादी होती.
केशव राय के संयोजन में यह कार्यक्रम बेहद सफल रहा. इस अवसर विश्व विख्यात
तबला वादक अनुराधा पाल विशेष रूप से उपस्थित थीं. देवमणि पांडेय ने संचालन किया और
डॉ मंजुला देसाई ने आभार व्यक्त किया.
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