Friday, 31 January 2020

क्या भारत में दर्शक पायेगी पाकिस्तान की गुल मकई ?




पाकिस्तानी बच्चियों की पढ़ाई और महिला स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाली मलाला यूसफजाई के जीवन संघर्ष पर फिल्म गुल मकई ३१ जनवरी को रिलीज़ हो रही है । यूनाइटेड नेशन्स एजेंसी के गुडविल एम्बेसडर अमजद खान की लिखी और निर्देशित यह फिल्म पाकिस्तान में रिलीज़ होने से रोक दी गई है । भारत में यह फिल्म एक साल से ज्यादा की देरी के बाद प्रदर्शित हो रही है । क्या नोबल पुरस्कार विजेता मलाला पर यह फिल्म भारतीय दर्शकों को आकर्षित कर पायेगी ? गुल मकई के खिलाफ तीन बाते जाती हैं । पहली बात तो यह कि तानाजी द अनसंग वारियर के बाद, डांस का धमाल स्ट्रीट डांसर ३डी और कबड्डी का पंगा बॉक्स ऑफिस पर छाया होगा । दूसरी बात, नोबल पुरस्कार प्राप्त मलाला ने पिछले साल कश्मीर के हालातों पर ट्वीट किया कि कश्मीर में लड़कियाँ घर से बाहर निकलने में डरती हैं। उन्होंने यूनाइटेड नेशन्स से भी हस्तक्षेप की अपील की । इससे मलाल भारत में छपाक की दीपिका पादुकोण की तरह अलोकप्रिय हो चुकी हैं । तीसरी महत्वपूर्ण बात यह कि गुल मकई को ३१ जनवरी को बॉक्स ऑफिस पर हैप्पी हार्डी एंड हीर, पागलेआज़म, जवानी जानेमन और यहाँ सभी ज्ञानी हैं के साथ पंचकोणीय मुकाबले का सामना करना है । गुल मकई के लिए खास तौर पर खतरा साबित होंगी दो फ़िल्में हिमेश रेशमिया की म्यूजिकल रोमांस फिल्म हैप्पी हार्डी एंड हीर तथा सैफ अली खान की कॉमेडी फिल्म जवानी जानेमन ! यह दोनों ही फ़िल्में हलकी फुलकी और हास्य रोमांस से भरपूर फिल्म हैं । जबकि, गुल मकई कमोबेश काफी सुस्त, दुःख और विषाद से भरपूर फिल्म होगी । ऐसे में गुल मकई को अगर दूसरी छपाक कह दिया जाए तो गलत नहीं होगा ।

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