Wednesday, 8 January 2020

क्या Deepika Padukone पर भारी पड़ेगी JNU की 'छपाक' !


दीपिका पादुकोण फिल्म एक्ट्रेस हैं. उनकी ज़्यादातर फ़िल्में उनका ग्लैमरस और सेक्सी किरदार पेश करती है. उन्होंने अपनी ज़्यादातर फिल्मों में कामुकता ही दिखाई है. उनकी १० जनवरी को प्रदर्शित होने जा रही फिल्म तेज़ाब के हमले की शिकार १५ साल की लड़की लक्ष्मी अगरवाल की कहानी है, जिसे दीपिका ने मालती नाम के माध्यम से पेश किया है. यह फिल्म उनकी अब तक की फिल्मों से बिलकुल अलग है. इस फिल्म से वह फिल्म निर्माता भी बन गई है. कहने का मतलब यह कि दीपिका पादुकोण की पूरी प्रतिष्ठा दांव पर है.
आप जानते होंगे कि रियल लाइफ पर फिल्मों के अपने खतरे होते हैं. ख़ास तौर पर ऎसी फ़िल्मे, जिनमे विषाद और दुःख हो. याद कीजिये पिछले साल आई प्रियंका चोपड़ा की फिल्म द स्काई इज पिंक की. यह फिल्म एक बीमार बच्ची और उसके माता पिता की हिम्मत की कहानी थी. फिल्म की निर्देशक ने प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर के अन्तरंग दृश्य ट्रेलर में डाल कर दर्शकों को आकर्षित करने की कोशिश की थी. मगर, फिल्म का विषय काफी डल था. ऐसे विषयों में मनोरंजन की ज्यादा गुंजाईश नहीं होती. विषाद और दुःख छाया रहता है. आप खुद ही सोचिये कौन बेवकूफ होगा, जो १००-१५० खर्च कर विषादपूर्ण फिल्म देखने जाएगा और हाल के अँधेरे में बैठा आंसू बहायेगा ! नतीजे के तौर पर द स्काई इज पिंक पहले ही दिन से फ्लॉप हो गई.
कुछ ऐसा ही छपाक के साथ भी है. यह फिल्म काफी डल, कमोबेश उकताऊ फिल्म है. लोग दीपिका पादुकोण का चिकना चेहरा और बदन देखने जाते हैं. छपाक में उनका मुंह जला हुआ है. उन्होंने छोटे कपडे हॉट पैंट आदि, नहीं पहनी है. तो कोई क्यों जाएगा छपाक देखने? शायद दीपिका पादुकोण को बतौर निर्माता इसका एहसास हो गया था. इसलिए वह इस समय के सबसे गर्म हो रहे प्रकरण JNU हिंसा से अपनी फिल्म को प्रचार दिलाने पहुँच गई. फिल्मवाले बेहद झूठे और मक्कार होते है. दीपिका ने ऐसा जताया कि उसकी JNU छात्रों के साथ सहानुभूति है. लेकिन वह JNU परिसर में बिना एक शब्द बोले वापस आ गई. क्यों नहीं बोली दीपिका ? ज़ाहिर है कि उनका इरादा अपनी फिल्म का प्रचार करने का ही था. अब धरने पर बैठे छात्रों से यह तो नहीं कह सकती थी कि १० जनवरी को मेरी फिल्म ज़रूर देखिएगा. हाँ, यह कसर मोदी विरोधी बॉलीवुड और प्रेस ने पूरी कर दी. दीपिका पादुकोण को ऐसे बहादुर बताया जा रहा है, जैसे उन्होंने कोई जंग लड़ी हो.
यहाँ याद दिलाना चाहूँगा कि पद्मावत के दौरान, जब दीपिका पादुकोण ने रानी पद्मावती बनने की कोशिश की थी, तब उनकी नाक काट लेने की धमकी दी गई थी. इसके नतीजे में, इस धमकी के बाद दीपिका के मुंह से एक शब्द नहीं निकला. अब यह बात दीगर है कि दीपिका के बड़बोलेपन के कारण संजय लीला भंसाली को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा.

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