Saturday 17 January 2015

सेंसर बोर्ड की 'सेमसन' की यह कैसी 'लीला' !

लीला सेमसन शहीदी मुद्रा में हैं। ऐसा लगता है जैसे एनडीए सरकार ने उनके अधिकारों का कचूमर निकाल दिया है। उन्होंने डेरा सच्चा सौदा पर फिल्म 'मैसेंजर ऑफ़ गॉड' को उनके सेंसर बोर्ड द्वारा नामंज़ूर कर दिए जाने के बावजूद अपीलेट ट्रिब्यूनल द्वारा पारित कर दिए जाने के बाद  अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया ।  हालाँकि, उन्होंने इस इस्तीफे को सरकार को भेजे जाने से पहले प्रचार माध्यमों से प्रचारित कर खुद को शहीद साबित करने की कोशिश की।  जबकि, लीला सेमसन खुद कम विवादस्पद व्यक्तित्व नहीं। वह जहाँ कार्य करती रहीं, भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान स्थापित करती रहीं। जो महिला एक साथ देश की तीन अकादमियों को हेड कर रही हो, वह किसी के भी साथ न्याय कैसे कर सकती है।  उन्होंने, संगीत नाटक अकादमी से, जिसे वह २०१० से चेयर कर रही थीं, पिछले साल अक्टूबर में रिजाइन किया। वर्तमान में भी वह सीबीएफसी के अलावा २००५ से कलाक्षेत्र की निदेशक का कार्य भी कर रही थीं।  आखिर उनमे ऎसी क्या  खासियत थी कि  यूपीए सरकार को उन्हें तीन तीन पद थमाने पड़े !  जी हाँ, वह कांग्रेस और ख़ास तौर पर नेहरू  परिवार की निकटतम हैं।  वह प्रियंका वाड्रा गांधी की डांस टीचर भी रही हैं। उन्ही के कार्यकाल में बॉलीवुड द्वारा बोर्ड के सदस्यों पर घूसखोरी के आरोप लगाए गए।  उनकी टीम का  एक सदस्य रंगे हाथों पकड़ा गया।  उन के नेतृत्व में सेंसर बोर्ड ने भारतीय संस्कृति नाश करने वाली, औरतों को अभद्र तरीके से पेश करने वाली और ग्रैंड मस्ती जैसी अश्लील फिल्मों को पारित करने का कीर्तिमान बना दिया।  यह वही लीला हैं जो हिन्दू धर्म पर एकतरफा कटाक्ष करने वाली फिल्म 'पीके' को लेकर आक्रामक होती हैं, लेकिन एमएसजी को सार्वजानिक प्रदर्शन के नाकाबिल मानती हैं। वह कैथोलिक ईसाइयों के कहने पर २०१२ में रिलीज़ फिल्म 'कमाल धमाल मालामाल' के सीन सर्टिफिकेट देने के बाद भी कटवा देती हैं। वह अपने ही बोर्ड के सदस्यों को अनपढ़ और शर्मनाक बताती है। कलाक्षेत्र की निदेशक के बतौर वह भ्रष्टाचार के कीर्तिमान स्थापित करती हैं। वह छात्रों में हिन्दू विरोधी भावनाएं पैदा करने की कोशिश करती हैं। वह भारत नाट्यम नृत्यांगना थीं, लेकिन इस शैली को हिन्दू देव देवताओं से अलग करने के बयान भी देती रहती थी। उन पर कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट में वित्तीय के आरोप लगते हैं।  राइट टू इनफार्मेशन के अंतर्गत प्राप्त सूचना में उनके द्वारा कलाक्षेत्र को अपनी सम्पति की तरह चलाने के कई मामले प्रकाश में आते हैं।  लेकिन, वह सोनिया गांधी की निकटतम होने के कारण यूपीए सरकार में होली काऊ मानी जाती थी। ज़ाहिर है कि इस सेमसन की लीला राजनीती से प्रेरित है।  कांग्रेस की लीला खेल रही सेमसन परले दर्जे की सांप्रदायिक है।  उनका बोर्ड के चेयरपर्सन के बतौर ख़त्म होने वाला था।  इसलिए, वह खुद को शहीद हुआ जताने की कोशिश में हैं।  
http://albumartindia.com/wp-content/uploads/Kamaal-Dhamaal-Malamaal.jpghttp://upload.wikimedia.org/wikipedia/en/thumb/2/2d/PK_Theatrical_Poster.jpg/220px-PK_Theatrical_Poster.jpghttp://www.sikh24.com/wp-content/uploads/2014/12/2014-12-22-messenger-of-god.jpg

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