बॉलीवुड से गर्मागर्म खबर यह है कि दिल जंगली ने ऐयारी से तौबा कर ली है। अब, दिल जंगली की रिलीज़ की तारीख़ ९ मार्च कर दी गई है। पहले यह फिल्म १६ फरवरी को रिलीज़
होने जा रही थी। दिल जंगली, निर्माता वाशु भगनानी की रोमांटिक ड्रामा फिल्म है। बताते
हैं कि वाशु ने दिल जंगली को इसलिए १६ फरवरी के बजाय ९ मार्च किया ताकि ऐयारी और
दिल जंगली का टकराव न हो। बकौल वाशु भगनानी बतौर निर्माता वह जानते हैं कि किसी
फिल्म के लिए बॉक्स ऑफिस कितना महत्वपूर्ण है। सभी फिल्मों को पर्याप्त दर्शक मिलें। उनकी इस भावना का ऐयारी के प्रोडूसर नीरज पाण्डेय और जयंतीलाल गाडा भी समर्थन
करते हैं। वह इसे इंडस्ट्री की एकता के लिए ज़रूरी बताते हैं। लेकिन, दोनों
निर्माताओं की इस तकरीर में झोल ही झोल है। बॉलीवुड हर साल छः सात सौ फ़िल्में
बनाता है, जबकि साल में केवल ५२ शुक्रवार होते हैं। ज़्यादातर हॉलिडे वीकेंड
बॉलीवुड के बड़े सितारे कब्जिया लेते हैं। ऐसे में इंडस्ट्री की एकता का सवाल ही
कहाँ उठता है। अब आते हैं पर्याप्त दर्शक मिलने की बात पर। वाशु भगनानी ने दिल
जंगली इसलिए शिफ्ट की ताकि दिल जंगली और ऐयारी को पर्याप्त दर्शक मिल सकें। मगर, क्या
सचमुच ऐसा हो रहा है ? जब दिल जंगली १६ फरवरी को रिलीज़ हो रही थी, तब उसी तारीख़ में
ऐयारी के अलावा द विंडो, कुछ भीगे अल्फाज़, परेशान परिंदा और जाने क्यों दे यारों
भी रिलीज़ हो रही थी। आज भी ऐयारी के सामने यह फ़िल्में डटी हुई हैं। एक नज़र डालें
९ मार्च पर। दिल जंगली के इस तारीख में शिफ्ट होने से पहले, ९ मार्च को ३
स्टोरीज, दास देव, हेट स्टोरी ४ और बा बा ब्लैक शीप रिलीज़ हो रही थी। अब ९ मार्च
को चार के बजाय ५ फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं। यानि, अब दोनों ही तारीखों में ५-५
फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं। अगर, दिल जंगली १६ फरवरी को रिलीज़ होती तो ९ मार्च को
४ फ़िल्में रिलीज़ होती। लेकिन, अब संख्या बराबर हो गई है. शायद इसे ही इंडस्ट्री की भाषा में एकता कहा जाता हो।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 11 February 2018
दिल जंगली ने की ऐयारी से तौबा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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