पहले त्रिकोणीय टकराव था। इस साल के क्रिसमस वीकेंड पर बॉलीवुड की तीन फ़िल्में रिलीज़ हो रही थी। सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म केदारनाथ, निर्माता निर्देशक आनंद एल राज की शाहरुख़ खान, कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा अभिनीत फिल्म जीरो से टकरा रही थी। इस टकराव को त्रिकोणीय बना दिया, निर्माता करण जौहर की रोहित शेट्टी निर्देशित खालिस एक्शन फिल्म सिम्बा ने। रणवीर सिंह की यह फिल्म दक्षिण की जूनियर एनटीआर अभिनीत एक्शन फिल्म टेम्पर का रीमेक थी। कुछ दिनों पहले, रणवीर सिंह ने अपने प्रशंसकों के साथ पुलिस की वर्दी में लाल चश्मा लगाए अपने सिम्बा किरदार का फर्स्ट लुक साझा किया था। ध्यान से देखा जाए तो इन तीनों ही फिल्मों केदारनाथ, जीरो और सिम्बा की शैली भिन्न है। हर फिल्म का अपना दर्शक होता है। लेकिन, आजकल के वीकेंड पर निर्भर बॉलीवुड के लिए सिनेमा के पर्दों की गिनती काफी महत्वपूर्ण हो गई है। इसलिए, करण जौहर ने शाहरुख़ खान की फिल्म से टकराव टालने के ख्याल से, अपनी फिल्म की रिलीज़ की तारीख एक हफ्ता आगे बढ़ा दी। अब सिम्बा २१ दिसम्बर २०१८ के बजाय २८ दिसम्बर २०१८ को रिलीज़ होगी। २८ दिसम्बर को फिलहाल कोई दूसरी बड़ी हिंदी फिल्म रिलीज़ नहीं हो रही है। इसका मतलब यह हुआ कि २८ दिसम्बर से कोई दो हफ्ते तक, बॉक्स ऑफिस पर, रणवीर सिंह का एकछत्र राज होगा। वह एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी संग्राम भालेराव के साथ दर्शकों को अपने खालिस एक्शन दृश्यों से चकित कर रहे होंगे. लेकिन, यह उन पर एक बड़ी ज़िम्मेदारी भी होगी। जूनियर एनटीआर की तेलुगु फिल्म टेम्पर बड़ी हिट फिल्म साबित हुई थी। रोहित शेट्टी ने, सिम्बा में टेम्पर की कहानी से थोड़ी टेम्पेरिंग की है। काफी कुछ रोहित की कल्पना के आधार पर है, जैसा कि वह अपनी फिल्मों के साथ करते हैं । सिम्बा की कहानी वही पुरानी घिसी-पिटी भ्रष्ट पुलिस अधिकारी की है, जो अपनी प्रेमिका और दोस्त के कारण बदलने को मज़बूर होता है और विलेन का नाश करता है। रोहित शेट्टी की लिखी इस फिल्म के संग्राम भालेराव को, रणवीर सिंह को इतना तेज़ तर्रार और दमदार बनाना है कि दर्शक इसे अजय देवगन के सिंघम की तरह स्वीकार कर लें। इसकी सफलता या विफलता, इकलौती रणवीर की सफलता या विफलता होगी। रणवीर सिंह इसे अच्छी तरह से जानते हैं। तभी तो वह काफी नर्वस हैं, “मैं जानता हूँ कि मेनस्ट्रीम में सोलो किरदार करना आसान नहीं होगा। यह फिल्म मेरी सबसे बड़ी एकल फिल्म है। मैं पहली बार ‘इन एंड एज’ दिखाया जाऊंगा।“ अभी तक, संजय लीला भंसाली की फिल्मों में दीपिका पादुकोण के हीरो की तरह इमेज रखने वाले रणवीर सिंह के लिए सिम्बा एक बड़े इम्तिहान की तरह है। इसमे फेल या पास होना, उनके हीरो को सुपर हीरो बना देगा। रणवीर सिंह कहते हैं, “मेरा उद्देश्य, अपना सब कुछ झोंक कर इसे रोहित शेट्टी की श्रेष्ठ फिल्म बनाना है। मैं महसूस करता हूँ कि हमें मेनस्ट्रीम को कुछ इतना हाई वोल्टेज बनाना चाहिए कि यह आगे आने वाली फिल्मों के लिए बेंचमार्क बन जाए। मैं खुशनसीब और आभारी हूँ कि मैं ऐसा अविश्वसनीय अवसर पा सका।”
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 4 January 2018
अब अकेले ही दहाड़ेगा रणवीर सिंह का सिम्बा !
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Ranvir Singh,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
नोरा फतेही : रोर से माय बर्थडे सांग तक
२०१३ में फ्लॉप एक्टर
कमल सडाना निर्देशित फिल्म रोर : टाइगरस ऑफ़ सुंदरबन रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में,
कनाडा की भारतीय मूल की डांसर नोरा फतेही ने एक कमांडो सीजे की भूमिका में दर्शकों
का ध्यान अपनी ओर खिंचा था। रोर बॉक्स ऑफिस पर बिल्ली की तरह म्याऊँ ही कर सकी।रोर के दो साल बाद, इसकी कमांडो सीजे नोरा फिल्म क्रेजी चुक्कड़ फॅमिली में एमी के किरदार में दिखाई दी। इस के बाद, वह हिंदी, तमिल और तेलुगु फिल्मों में स्पेशल अपीयरेंस में डांस
करते ही नज़र आ रही थी। अब छः साल बाद, २५ वर्षीय कनाडा में जन्मी एक भारतीय अभिनेत्री नूरा फतेही, बतौर डायरेक्टर फिल्म डेब्यू करने लेखक-निर्देशक समीर सोनी की फिल्म माय बर्थडे सांग में संजय सूरी की नायिका की भूमिका कर रही हैं। फिल्म के डायरेक्टर समीर सोनी ने ही फिल्म को लिखा भी है। इसलिए, वह नोरा के चरित्र को गहराई से जानते हैं। इस करैक्टर के लिए उन्होंने नोरा फतेही को ही क्यों चुना ? इस बारे में वह कहते हैं, “नोरा फतेही का किरदार काफी जटिल है. इसे करना किसी के लिए भी आसान नहीं। इस चरित्र में
मासूमियत भी है और लुभावनापन भी है। नोरा सुरिचिपूर्ण है, वह बहुत प्यारी हैं,
उनके व्यक्तित्व में दूसरों को लुभाने की क्षमता भी है। कनाडा की होने के कारण वह
फिल्म के अपने करैक्टर की तरह ही हैं।" इसमें कोई शक़ नहीं कि विदेशी परवरिश ने नोरा को दृढ और आत्मनिर्भर बना दिया है। माय बर्थडे सांग में नोरा का सैंडी का किरदार भी वैसा ही है। यह फिल्म १९ जनवरी को रिलीज़ हो रही है। तब मालूम पड़ेगा कि नोरा फतेही का बॉलीवुड फिल्म करियर किस करवट बैठता है। फिलहाल, यूट्यूब पर, सलमान खान की सुपर हिट फिल्म स्वाग से स्वागत के अरबी संस्करण में बेली डांस करते हुए, दर्शकों का ध्यान ज़बरदस्त तरीके से खींच रही हैं।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 3 January 2018
क्या बॉलीवुड फिल्म में रोमांस करेंगे बाहुबली प्रभाष !
बाहुबली अभिनेता प्रभाष के बारे में खबर है कि वह
एक हिंदी फिल्म में अभिनय करने जा रहे हैं। हिंदी दर्शक, अभी तक प्रभाष से दक्षिण
की डब फिल्मों के ही परिचित हैं। २०१५ और २०१७ में बॉलीवुड फिल्मों द्वारा
कब्ज़ा किये गए बॉक्स ऑफिस पर दक्षिण की फिल्म बाहुबली ने प्रभावशाली हमला किया था। बाहुबली ने २०१५ में १०० करोड़ का बिज़नस किया था। स्पेशल इफेक्ट्स से लबालब इस
फिल्म में तकनीक के अलावा इसके एक्टरों ने अपने सधे हुए अभिनय से भी प्रभाव डाला था। खास तौर पर प्रभाष,
तमन्ना भाटिया, अनुष्का शेट्टी और राणा डग्गुबाती ने। राणा डग्गुबाती से हिंदी
फिल्म दर्शक दम मारो दम में पहले भी मिल चुके थे। तमन्ना भाटिया हिंदी फिल्मों
में असफल हो कर ही दक्षिण की फिल्मों में गई थी। लेकिन, प्रभाष बिलकुल नया चेहरा थे।लेकिन,
प्रभाष ने अपने मासूम चेहरे, बेदाग़ अभिनय शैली और संतुलित देह से हिंदी दर्शकों को प्रभावित
किया था। इसीलिए, बाहुबली के दूसरे हिस्सा का दर्शकों को इसलिए तो इंतज़ार था ही
कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, इसलिए भी था कि बाहुबली अभिनेता प्रभाष अगली
कड़ी में क्या कारनामा करता है ! प्रभाष ने दर्शकों को निराश नहीं किया। बाहुबली २ द
कांक्लुजन के जितने भव्य और प्रभावशाली स्पेशल इफेक्ट्स थे, उतने ही भव्य और
प्रभावशाली प्रभाष भी लग रहे थे। तभी तो बाहुबली २ एक के बाद एक रिकॉर्ड तोड़ते हुए, बॉलीवुड
के तमाम बड़े अभिनेताओं को बॉक्स ऑफिस पर कमाई करने की चुनौती छोड़ गई। बॉलीवुड के
बुड्ढे हो रहे खान अभिनेताओं की जगह लेने के लिए प्रभाष माकूल चुनाव नज़र आ रहे थे। बाहुबली २ के बाद हिंदी दर्शकों को एसएस राजामौली की किसी अगली फिल्म का इंतज़ार तो
था ही, यह भी इंतज़ार था कि प्रभाष को अब किसी फिल्म में देखने का मौका मिलेगा। दर्शकों का यह इंतज़ार साहो के साथ ख़त्म भी हो गया। तीन भाषाओँ तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई जा रही
सुजीत की फिल्म साहो में प्रभाष एक बार फिर एक्शन अवतार में होंगे। लेकिन, वह
बाहुबली सीरीज की फिल्मों से बिलकुल अलग है। इस फिल्म में उनकी नायिका हिंदी
फिल्मों की अभिनेत्री श्रद्धा कपूर हैं। इस फिल्म में श्रद्धा कपूर के भी ज़बरदस्त
एक्शन है। लेकिन हिंदी फिल्म दर्शको की प्रभाष को खालिस बॉलीवुड फिल्म में देखने
की इच्छा ज़ल्द पूरी होने जा रही है। प्रभाष एक हिंदी फिल्म में अभिनय करने जा रहे हैं। इस फिल्म की शूटिंग साहो की शूटिंग ख़त्म होने बाद ही शुरू हो जायेगी। खुशखबरी यह है
कि प्रभाष की यह बॉलीवुड फिल्म रोमांस फिल्म होगी। इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म की
कहानी प्रभाष ने कोई तीन साल पहले ही पढ़ी थी और उन्हें यह कहानी पसंद आई थी। तो
इंतज़ार कीजिये प्रभाष की पहली बॉलीवुड फिल्म का।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्रिस ज़िल्का की हुई पेरिस हिल्टन
पेरिस हिलटन के भारतीय प्रशंसकों के लिए खुशखबर है। ३६ वर्षीय अमेरिका की
बिज़नसवुमन, गायिका, टेलीविज़न और फिल्म अभिनेत्री, मॉडल,
डीजे, आदि आदि न जाने क्या क्या और अपनी
बददिमागी के लिए मशहूर पेरिस हिल्टन ने अपने लम्बे समय के प्रेमी और टीवी सीरीज द
लेफ्टओवर्स के अभिनता ३२ साल के क्रिस ज़िल्का के साथ सगाई कर ली। अपनी सगाई की खबर खुद पेरिस
हिल्टन ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से और पीपल पत्रिका को ख़ास बातचीत में बताई, “मैं अपनी ज़िन्दगी के प्यार और बेस्ट
फ्रेंड से सगाई कर बेहद उत्तेजित हूँ। वह मेरे लिए परफेक्ट है।” एक ऊंची पहाड़ी पर बसे कसबे में बर्फ के
बीच क्रिस ज़िल्का ने घुटनों के बल बैठ कर सगाई की अंगूठी दिखाते हुए हिल्टन से पूछा और
उत्तेजित हिल्टन ने इसे तत्काल स्वीकार कर लिया, “मैं चौंक पड़ी थी।”.
हिल्टन और ज़िल्का की मुलाकात आठ साल पहले ऑस्कर की एक पार्टी में हुई थी। पता नहीं यह लव एट
फर्स्ट साईट था या कुछ और यह जोड़ा फिर कभी एक साथ नहीं देखा गया। लेकिन दो साल पहले, खुद हिल्टन ने अपने और ज़िल्का के संबंधों को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक
किया। हिल्टन ने ज़िल्का के साथ फोटो के साथ इंस्टाग्राम पर डालते हुए स्वीकार किया।पेरिस
हिल्टन के लिए क्रिस ज़िल्का एक ऐसा व्यक्ति है, जो उनके प्रति समर्पित, निष्ठावान और प्यारा है। वह कहती हैं, "मैं शुरू से ही जानती थी कि मुझे क्रिस के
साथ हमेशा के लिए रहना है.” सगाई के बाद,
दोनों रिची
अकिवा और रोंनी मद्रा की पार्टी में गए। पेरिस हिल्टन अपनी उंगली में पहनी शानदार
अंगूठी दिखा दिखा कर इसका ऐलान कर रही थी कि अब दोनों एक हैं। पेरिस हिल्टन का
क्रिस ज़िल्का के प्रति प्रेम बच्चों जैसा लगता है। कम से कम पेरिस हिल्टन की सोशल
मीडिया पर इसकी अभिव्यक्ति तो यही बताती है। लेकिन, हिल्टन के जानने वाले इस बात की तस्दीक करते हैं कि हिल्टन इस सगाई के
बाद जितनी शांत,
खुश, सुरक्षित और स्थिर कभी नहीं दिखी थी। बधाई
पेरिस हिल्टन और क्रिस ज़िल्का !
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आज ही जन्म हुआ था टेलीविज़न के टीपू सुल्तान का !
अभिनेता फ़िरोज़ खान के छोटे भाई अब्बास खान उर्फ़
संजय खान का जन्म, १९४१ में बेंगलोर कर्णाटक में हुआ था। उनका फिल्म डेब्यू चेतन आनंद की
वॉर फिल्म हकीकत से हुआ। उन्होंने दस लाख, एक फूल दो माली और इंतकाम जैसी फ़िल्में भी की। फ़िरोज़ खान और संजय खान
की जोड़ी की तीन फ़िल्में उपासना, मेला और नागिन हिट साबित हुई। उन्होंने काला धंधा गोरे लोग, अब्दुल्ला और चांदी
सोना का निर्देशन किया। भारत के पहले ऐतिहासिक मेगा टीवी सीरियल द सोर्ड को टीपू
सुल्तान के निर्माता, निर्देशक और एक्टर संजय खान ही थे। वह अभिनेता हृथिक रोशन के ससुर
हैं।गुल पनाग का जन्म चंडीगढ़ में १९७७ में हुआ था। वह मॉडल हैं और मिस यूनिवर्स
प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं। उनका फिल्म डेब्यू अश्विनी चौधरी की फिल्म
धूप (२००३) से हुआ था। उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में डोर, मनोरमा सिक्स फीट
अंडर, हेलो, स्ट्रैट, आदि के नाम शामिल हैं। उनकी पिछली फिल्म अम्बरसरिया २०१५ में रिलीज़
हुई थी। पंजाबी मूल की, मुंबई महाराष्ट्र में ३ जनवरी १९८६ को जन्मी नवनीत कौर मुख्य रूप से
तेलुगु फिल्म अभिनेत्री हैं। हालाँकि, उन्होंने हिंदी की
एक फिल्म चेतना : द एक्ससिटेमेंट के अलावा तमिल, कन्नड़ और
मलयालम फिल्मों में भी अभिनय किया है।
नवनीत कौर ने, २०११ में एक
पॉलिटिशियन रवि राणा से ३६१३ जोड़ों
के साथ सामूहिक विवाह किया था। इसके लिए उनका नाम गिनेस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड
में भी दर्ज हुआ।
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जन्मदिन मुबारक
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Tuesday, 2 January 2018
बैटल ऑफ़ सरगढ़ी के ईशर सिंह बनेंगे महादेव मोहित रैना
धार्मिक
सीरियल देवों के देव महादेव के महादेव मोहित रैना वापसी करने जा रहे हैं। वह अपनी इस
वापसी से अक्षय कुमार, अजय देवगन और रणदीप हूडा के विरुद्ध खड़े नज़र आते हैं। मोहित
रैना, हिंदी फिल्मों के इन तीन स्थापित अभिनेताओं के विरुद्ध आ जाते हैं एक रियल
लाइफ किरदार ईशर सिंह के कारण। ईशर सिंह, ब्रितानी सेना की उस रेजिमेंट के हवलदार
थे, जिसने १२ सितम्बर १८९७ को, नार्थ ईस्ट फ्रंटियर में पख्तून ट्राइब के १० हजार
हमलावरों के विरुद्ध सिर्फ २१ सिख सैनिकों के साथ युद्धों के इतिहास का सबसे लंबा
चला युद्ध लड़ा था। फिरोजपुर के इन सभी सिख सैनिको को अपनी जान से हाथ धोना पडा था। इस युद्ध के बाद महारानी द्वारा इन सभी २१ सैनिकों को मरणोपरांत इंडियन आर्डर ऑफ़
मेरिट दिया गया था। यह पुरस्कार आज के परम वीर चक्र के समक्ष था। भारतीय फिल्मों के
१०० साल के इतिहास में पहली बार इस युद्ध पर, ख़ास तौर पर इस युद्ध के नायक हवलदार
ईशर सिंह के किरदार पर फिल्मकारों की निगाह पड़ी है। इस समय इस किरदार को लेकर कम से कम तीन फिल्मों को अक्षय कुमार, अजय देवगन और रणदीप हूडा की मुख्य भूमिका के साथ बनाया जा
रहा है। छोटा पर्दा भी इस किरदार से अछूता नहीं रहा । ज़ल्द शुरू होने जा रहे चैनल
डिस्कवरी जीत द्वारा एक सीरियल २१ सरफ़रोश: सरगढ़ी १८९७ का निर्माण जा रहा है। इस सीरियल में मोहित रैना हवलदार ईशर सिंह की भूमिका कर रहे हैं। इस शो का
निर्माण कोन्तिलोए पिक्चरस के अभिमन्यु सिंह द्वारा किया जा रहा है . इस सीरियल को
लेकर मोहित रैना काफी खुश हैं . वह इस किरदार को निभाने के लिए किसी भी हद तक जाने
को तैयार हैं . मोहित रैना कहते हैं, “यह एक आम सैनिक के असाधारण साहस की कहानी है
. मैं इस पीरियड ड्रामा को लेकर काफी उत्साहित और उत्तेजित हूँ. यह मेरे लिए
चुनौतीपूर्ण है. मैं समझता हूँ कि इस चरित्र को परदे पर उतारने के लिए इस से
सम्बंधित छोटे से छोटी जानकारी प्राप्त की जानी चाहिए ताकि यह कथा विश्वसनीय अनुभव
साबित हो.” इस शो में मुकुल देव, सरगढ़ी युद्ध के मुख्य खलनायक गुल बादशाह की
भूमिका कर रहे हैं .
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खबर है,
गर्मागर्म
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यूट्यूब पर डिस लाइक का रिकॉर्ड बनाने वाली पारवती
यह किस्सा
बताने से पहले, हिंदी फिल्म दर्शकों को बता दे कि पार्वती कौन हैं ? पार्वती कालीकट केरल में जन्मी दक्षिण की चारों भाषाओँ की फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री हैं। हिंदी
फिल्म दर्शकों ने उन्हें पिछले साल नवंबर में तनूजा चंद्रा निर्देशित फिल्म करीब करीब सिंगल में इरफ़ान
खान के अपोजिट देखा था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अधिक नहीं चली। अब बात करते हैं
पार्वती से जुड़े किस्से की। यह किस्सा है रिकॉर्ड तोड़ डिसलाइक का। जिन दिनों
गोवा फिल्म फेस्टिवल में मलयालम फिल्म एस दुर्गा को हटाये जाने पर विवाद छिड़ा हुआ
था, उन दिनों पारवती ने मलयालम फिल्मों के बड़े और वरिष्ठ सितारे मम्मूटी की
फिल्म क़स्बा को लेकर टिपण्णी कर दी थी कि मेरा दुर्भाग्य कि मैंने आज ऎसी फिल्म देखी,
जो मुझे नहीं देखनी चाहिए थी। इसमे
सेक्सिएस्ट रिमार्क हैं. जो स्त्री विरोधी हैं और उन्हें फिल्म में नहीं होना था। दक्षिण में मम्मूटी के समर्थकों को यह नागवार गुजरा। उन पर आलोचनात्मक
टिप्पणियों की बौछार होने लगी। एक फिल्मकार ने तो उन्हें पार्वती आंटी लिख दिया। यह विवाद आगे इतना बढ़ा कि पार्वती को बलात्कार की धमकी भी दी जाने लगी। इस पर पार्वती
को पुलिस में शिकायत दर्ज करानी पड़ी। यह विवाद थोडा थमा ही था कि वह फिर आलोचनाओं
का शिकार होने लगी। इस बार पारवती की आलोचना उनकी एक फिल्म माय स्टोरी के गीत से जुडी है। इस फिल्म
के इस गीत की मेकिंग का विडियो यूट्यूब पर दिखाया जा रहा था। जो लोग यह सोच रहे
थे कि कस्बा विवाद को लेकर पार्वती द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद, कोई पार्वती
को बुरा भला नहीं कहेगा, गलत साबित हुए। इस विडियो पर इतने कमेंट्स हुए कि
पार्वती ने ४० हजार से ज्यादा डिसलाइक का रिकॉर्ड बना दिया। इस सब के बावजूद,
पार्वती के लिए पिछला साल काफी अच्छा साबित हुआ है। उनकी करीब करीब सिंगल फिल्म
में अभिनय की प्रशंसा हुई थी। उन्हें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया २०१७
में मलयालम फिल्म टेक ऑफ में शानदार अभिनय के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला था। यह भी बताते
चलें कि टेक ऑफ २०१४ में इराक में तिरकिट में ४६ भारतीय नर्सों के बंधक बनाए जाने की घटना
पर है, जिसमे एक नर्स की हिम्मत से सभी नर्स कूटनीतिक प्रयासों के कारण आइएसआइएस के
चंगुल से छूट सकी थी।साथी नर्सों को बंधक के दौरान बचाए रखने में उस नर्स का बड़ा हाथ था। महेश
नारायण निर्देशित टेक ऑफ में इस किरदार को समीरा के नाम से दिखाया गया है। पारवती
ने इसी समीरा का किरदार किया था। इसी घटना को आधार बना कर सलमान खान और कैटरीना
कैफ की अली अब्बास ज़फर निर्देशित फिल्म टाइगर जिंदा है भी बनाई गई है।
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ये ल्लों !!!,
साउथ सिनेमा
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सैफ अली खान की सीरीज और दो फ़िल्में
सैफ अली खान
के करियर के लिहाज़ से, पिछला साल काफी खराब गया था। उनकी दो फ़िल्में रिलीज़ हुई थी और दोनों ही फ़िल्में फ्लॉप हुई। सैफ अली खान को रंगून से बेहद उम्मीद थी। इस फिल्म में वह एक फिल्म निर्माता रुस्तम
रुसी बिलमोरिया का किरदार कर रहे थे। सैफ ने विशाल भरद्वाज की फिल्म ओमकारा में
लंगड़ा त्यागी की भूमिका से सैफ अली खान को प्रशंसा और पुरस्कार मिले थे। उन्होंने
फिल्मफेयर का बेस्ट एक्टर इन निगेटिव रोल का पुरस्कार जीता था। लेकिन, पुरस्कार
मिलना तो दूर रंगून ही बॉक्स ऑफिस पर धुल चाट गई। फिर सैफ की निगाहे शेफ पर लगी
हुई थी। यह फिल्म, हॉलीवुड की २०१४ में रिलीज़ फिल्म शेफ की ऑफिसियल रीमेक थी। लेकिन, यह फिल्म भी डिजास्टर साबित हुई। करियर के फ्रंट पर सैफ अली खान के लिए सब
बुरा चल रहा था। लेकिन, घरेलु फ्रंट पर अच्छी बात यह हुई थी कि अमृता सिंह से
उनकी बेटी सारा अली खान की पहली फिल्म केदारनाथ की शूटिंग शुरू हो गई थी। अब सैफ
अली खान की निगाहें २०१८ पर हैं। उनकी निगाहें, अपनी दो फिल्मों और एक वेब सीरीज
पर है। उनकी आठ घंटे लम्बी वेब सीरीज विक्रम चंद्रा के इसी टाइटल वाले उपन्यास
सेक्रेड गेम्स पर बनी सीरीज है। इस थ्रिलर सीरीज में सैफ पुलिसकर्मी सरताज सिंह
की भूमिका कर रहे हैं। यह सीरीज अपराध की दुनिया की ख़ाक छानने वाली थ्रिलर है। सैफ अली खान की फिल्मों में अक्षत वर्मा की डार्क कॉमेडी फिल्म कालकांडी १२ जनवरी
को रिलीज़ हो रही है। यह फिल्म भी अपराध की दुनिया पर केन्द्रित है। सेक्रेड गेम्स
का निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया है। कालकांडी को अक्षत वर्मा डायरेक्ट कर रहे
हैं। दूसरी फिल्म बाज़ार शेयर मार्किट पर फिल्म है। इसमे शेयर मार्किट की बारीकियों
में झांका जा रहा है। इस फिल्म में सैफ की भूमिका एक बार और महत्वपूर्ण है। यह
दोनों फ़िल्में अगर दर्शकों को पसंद आ गई तो सैफ अली खान का फिल्म करियर नई जान पा
जाएगा। एक दूसरी बात जो घरेलु फ्रंट में ख़ास हो रही है, वह यह कि सैफ की बेटी
सारा की पहली फिल्म केदारनाथ भी इसी साल क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ हो रही है। अगर
केदारनाथ हिट हो गई तो घर में दोहरी खुशियाँ आएँगी, दो स्टार जो चमकेंगे ।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
ट्विंकल खन्ना की कहानी पर नहीं है पैडमैन
क्या कभी एक्शन कुमार से मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार अब जिम्मेदार बन गए हैं ? वह सामजिक सरोकार रखने वाले और
उपदेशक की मुद्रा में भी नज़र आने लगे हैं। ख़ास तौर पर अपनी फिल्मों में। अक्षय कुमार ने २०१३ तक खिलाडी ७८६,
वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा, जोकर, आदि खालिस मसाला और कमोबेश सस्ते हास्य
वाली फिल्में की थी। २०१४ से उन्होंने अपनी फिल्मों में बदलाव लाना शुरू किया। उन्होंने कंटेंट बेस्ड फ़िल्में करनी शुरू कर दी। ख़ास बात यह है कि उनकी फ़िल्में
सार्थक और संदेशात्मक फ़िल्में थी। पिछले तीन सालों में अक्षय कुमार की प्रदर्शित
फ़िल्में बेबी, गब्बर इज बैक, एयरलिफ्ट, रुस्तम, जॉली एलएलबी २, नाम शबाना और
टॉयलेट : एक प्रेम कथा देश प्रेम से लबालब संदेशात्मक फ़िल्में थी। अब, इस गणतंत्र
दिवस वीकेंड पर रिलीज़ होने जा रही अक्षय कुमार, राधिका आप्टे और सोनम कपूर की
फिल्म पैडमैन एक और संदेशात्मक फिल्म है। यह महिलाओं के पीरियड्स के दौरान होने
वाली कठिनाइयों को देखते हुए, स्वच्छता के प्रति सन्देश देने वाली फिल्म है। इस
फिल्म के कहानी सस्ते पैड बनाने वाली मशीन का निर्माण करने वाले अरुणाचलम
मुरुगुनान्थम के जीवन पर फिल्म है। इस फिल्म में केन्द्रीय भूमिका अक्षय कुमार ही
कर रहे हैं। वह फिल्म के निर्माता भी हैं। इस फिल्म के लिए यह कहा जा रहा था कि यह अक्षय कुमार की पत्नी
ट्विंकल खन्ना की किताब पर आधारित फिल्म है। लेकिन, पैडमैन के लेखक-निर्देशक आर बाल्की इसका खंडन करते हैं। आर बल्कि ने, वैसे तो कभी पैडमैन जैसी फ़िल्में नहीं
बनाई। उन्होंने चीनी कम, पा, षमिताभ और की एंड का जैसी हलकी फुलकी कॉमेडी फ़िल्में ही बनाई हैं। बाल्की कहते हैं, “मैं कभी भी बायोपिक फिल्म नहीं बनाना चाहता था। लेकिन, अरुणाचलम
का किरदार काफी प्रेरणादायक है। लेकिन, यह ट्विंकल खन्ना की किताब पर आधारित
फिल्म नहीं है। यह अरुणाचलम के जीवन पर नितांत काल्पनिक फिल्म है। जो मनोरंजन की
दृष्टि से बनाई गई है।” वैसे अक्षय कुमार भी अब कहाँ संदेशात्मक फिल्म बनाने जा
रहे। इस साल वह रजनीकांत की बहुभाषी विज्ञान फंतासी फिल्म २.० में रिचर्ड का खल किरदार
कर रहे होंगे। वह बायोपिक फिल्म गोल्ड में एक चालाक मैनेजर की भूमिका कर रहे हैं,
जो हॉकी में मैनेज करने में काफी तेज़ है। वह बैटल ऑफ़ सरगढ़ी पर फिल्म केसरी और
गुलशन कुमार के जीवन पर मुग़ल भी कर रहे हैं।
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Akshay Kumar,
खबर है
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
गर्मागर्म फिल्मों के टेलीविज़न स्टार
टेलीविज़न से फिल्मों में
आने का सिलसिला तेज़ हुआ लगता है। टेलीविज़न के पॉपुलर पारिवारिक शो के अभिनेता और
अभिनेत्रियाँ हिंदी फिल्मों में अपना स्थान बना रहे हैं । खास बात यह है कि इन
टेलीविज़न सितारों को फिल्मों के नायक-नायिका के इर्दगिर्द के नाते रिश्तेदारों और
दोस्तों की भूमिकाएं नहीं मिल रही, बल्कि, इनकी भूमिकाये अहम् होती हैं । ख़ास तौर पर टेलीविज़न की नायिकाएं अपनी
फिल्म के नायक के साथ कंधे से कंधा मिलाती नज़र आती हैं । अलबत्ता, टीवी के अभिनेताओं का इस्तेमाल सेक्स सिंबल के तौर पर किया जा रहा है । वह
अपनी फिल्म की नायिका की शारीरिक भूख मिटाते ही नज़र आते हैं ।
मौनी रॉय का गोल्ड बना
ब्रह्मास्त्र
कुछ समय पहले यह खबर गर्म
थी कि मौनी रॉय ने पोपुलर टीवी शो नागिन छोड़ दिया है। उनके बॉलीवुड फिल्म करने की
खबरे आ रही थी । इन खबरों के गर्म और ठंडी होने बीच,
मौनी रॉय पहले सलमान खान के शो बिग बॉस के विज्ञापन में सलमान
खान के साथ नज़र आई और फिर बिग बॉस के घर गई । इसके बाद उनके अक्षय कुमार के साथ
हॉकी पर बायोपिक फिल्म गोल्ड की नायिका चुने जाने का समाचार आया । इसके बाद मौनी
को अयान मुख़र्जी निर्देशित फिल्म ब्रह्मास्त्र में भी रणबीर
कपूर और अलिया भट्ट के साथ ले लिया गया । अब सलमान खान की दबंग सीरीज की फिल्म
दबंग ३ में मौनी रॉय के सलमान खान की नायिका बनने की खबर भी काफी सुर्ख हैं ।
सुपर ३० में मृणाल
अब खबर है कि कुमकुम
भाग्य में बुलबुल अरोड़ा की भूमिका करने वाली अभिनेत्री मृणाल ठाकुर भी हिंदी फिल्म
नायिका बन गई हैं । वह सुपर ३० की स्टार कास्ट में शामिल कर ली गई है। यह फिल्म
पटना के एक गणितज्ञ आनंद कुमार के जीवन पर आधारित है । सुपर ३० टाइटल वाली इस
फिल्म में आनंद कुमार की भूमिका हृथिक रोशन कर रहे हैं ।
मृणाल ठाकुर, आनंद
कुमार की पत्नी की भूमिका करेंगी। आनंद कुमार का किरदार प्रेरणादायक है। वह खुद
आर्थिक तंगी झेलने के बावजूद गरीब बच्चों की मदद करते हैं। इस काम में उनकी पत्नी
और भाई भी मदद करते हैं। आनंद कुमार के मिशन में साथ देने के लिहाज़ से आनंद कुमार
की पत्नी का किरदार ख़ास हो जाता है। हृथिक रोशन को कभी बड़ी एक्ट्रेस की चाह नहीं
होती। उन्होंने नवोदित पूजा हेगड़े के साथ फिल्म मोहनजोदड़ो की थी। लेकिन, मृणाल ठाकुर के लिए ख़ास है कि वह हृथिक रोशन जैसे सितारे के साथ स्क्रीन
शेयर कर रही हैं ।
टीवी एक्टर बने इरोटिक
हीरो
टीवी सीरियल की एक्ट्रेस
के ठीक विपरीत टेलीविज़न के चॉकलेटी चेहरा एक्टरों की कहानी है । वह अपनी तमाम
फिल्मों के नायक होने के बावजूद फिल्म की नायिका के सपोर्टिंग भूमिका में लिए जाते
हैं । यह ज्यादा फ़िल्में या तो हॉरर होती हैं या इरोटिक थ्रिलर या फिर इरोटिका ।
ऎसी फिल्मों में नायिका की सेक्स अपील भुनाई जाती हैं । टीवी एक्टर इसे हवा देते
हैं । टेलीविज़न सीरियलों के अभिनेताओं की त्रासदी यही है कि वह हिंदी फिल्मों के
नायक तो बन पाते हैं, लेकिन इन फिल्मों में वह अपनी नायिका से हॉट
रोमांस ही करते नज़र आते हैं। बाकी, जो कुछ एक्शन करना होता है, वह
फिल्म की नायिका ही करती है । उनका अस्तित्व नायिका के इशारों का मोहताज़ होता है।
फिल्म से पहुंचे कंडोम
विज्ञापन में
टीवी एक्टर गुरमीत चौधरी, जय
भानुशाली, करण वाही, अभिनव शुक्ल और करण सिंह ग्रोवर उदाहरण हैं। कसौटी
ज़िन्दगी की के शरद गुप्ता, दिल मिल
गए के अरमान मालिक, क़ुबूल है के असद अहमद खान, आदि
जैसे मशहूर सीरियलों के किरदार करने वाले अभिनेता करण सिंह ग्रोवर ने भ्रम और आई
एम् २४ जैसी फ़िल्में की। लेकिन, इन
फिल्मो में उनकी भूमिका बहुत छोटी और नायक/ नायकों की सहयोगी की थी। उन्हें नायक की भूमिका मिली
बिपाशा बासु के साथ हॉरर फिल्म अलोन में। लेकिन, इस फिल्म
में अंजना और संजना दोहरी में अभिनेत्री बिपाशा बासु छाई हुई थी । करण सिंह ग्रोवर
बेचारे तो जिगोलो बने हुए अपनी नायिका बिपाशा बासु के साथ कामुक दृश्य करते नज़र आ
रहे थे । उनकी इस गर्मागर्म रील लाइफ का नज़ारा करण और बिपाशा विवाह के रूप में
सामने आया । इन दोनों की कामुक छवि का परिणाम एक कंडोम का विज्ञापन भी था । करण
अपनी दूसरी फिल्म हेट स्टोरी ३ में भी फिल्म की नायिकाओं ज़रीन खान और डेज़ी शाह के
साथ वही कहानी दोहरा रहे थे ।
राम भी इरोटिक
इमेजिन टीवी के शो रामायण
में भगवान राम की भूमिका करने वाले गुरमीत चौधरी ने टीवी शो गीत- हुई सबसे पराई और
पुनर्विवाह में मान सिंह खुराना और यश सूरज प्रताप सिंघानिया के गुडीगुडी किरदार
किये थे । लेकिन, जब वह
फिल्मों के नायक बने तब ? खामोशियाँ और वजह तुम हो में,
गुरमीत चौधरी अपनी नायिकाओं के चरित्र को मज़बूत कर रहे थे । उन्होंने,
खामोशियाँ में सपना पब्बी और सना खान के साथ उत्तेजक सेक्स दृश्य
करके, अपनी राम वाली छवि मिटटी में मिला दी। वजह तुम हो
में भी उनके पीछे हटने की कोई वजह नहीं थी ।
जय भानुशाली की लीला
क़यामत के नीव शेरगिल जय
भानुशाली किस देश में है मेरा दिल और कैरी रिश्ता खट्टा मीठा में रोमांटिक किरदार
किये थे । लेकिन, उन्होंने
फ़िल्में बिलकुल उलट की । वह, फिल्म हेट स्टोरी २ में सुरवीन
चावला और एक पहेली लीला में सेक्सी अवतार में नज़र आये। यह दोनों फ़िल्में नायिका के
अपना बदला लेने की कहानियाँ थी । जय के हिस्से गर्मागर्म रोमांस दृश्य ही आये ।
अक्सर २ में ज़रीन खान के
साथ टीवी के दो सितारे थे । टीवी सीरियल जाने क्या बात हुई के शांतनु, छोटी बहु के विक्रम, गीत के देव सिंह, आदि की इमोशनल भूमिकाये करने अभिनव
शुक्ल फिल्म अक्सर २ की नायिका ज़रीन खान का बिस्तर गर्म कर रहे थे। इसमें उनका साथ
सरस्वतीचंद्र सीरियल के गौतम रोडे दे रहे थे। गौतम रोड़े को टीवी दर्शक जहाँ प्यार
मिले, रिश्ते, अपना अपना स्टाइल,
बा बहू और बेबी, इंतज़ार, आदि सीरियलों के कारण पारिवारिक अभिनेता मानते थे ।
यह इरोटिका थ्रिलर फिल्म
नहीं है
एक दूसरे टीवी
एक्टर करण वाही फिल्म हेट स्टोरी ४ में दो नायिकाओं पंजाबी एक्ट्रेस ईहाना ढिल्लों
और उर्वशी रौतेला के साथ गर्मागर्म दृश्य देते नज़र आएंगे। टीवी के चोकोलेटी चेहरा
करण वाही दर्शक मेरे घर आई एक नन्ही परी, दिल मिल गए, बात हमारी पक्की, आदि
टीवी सीरियलों के अलावा दर्जनों डांस और एडवेंचर रियलिटी शो के कारण अच्छी तरह से
पहचानते हैं। करण का बॉलीवुड फिल्म डेब्यू आदित्य रॉय कपूर और परिणीति चोपड़ा की
मुख्य भूमिका वाली फिल्म दावत-ए-इश्क़ (२०१४) से हुआ था। फिल्म बुरी तरह पिटी।
अब करण वाही की दूसरी फिल्म हेट स्टोरी ४ आ रही है। इस फिल्म में वह
एक बड़े उद्यमी के प्रतिभाशाली और भावप्रवण बेटे की भूमिका कर रहे हैं।
मशहूर हेट स्टोरी सीरीज की इस चौथी फिल्म को इरोटिका फिल्म बताया जा
रहा है। लेकिन, करण
वाही कहते हैं कि यह मूल रूप में सेक्सी नहीं, थ्रिलर फिल्म है। हालाँकि, करण
वाही यह तो कह रहे हैं कि हेट स्टोरी ४ अपनी मूल फिल्मों की तरह इरोटिका फिल्म
नहीं है। लेकिन, टेलीविज़न
के अभिनेताओं की त्रासदी है कि वह बॉलीवुड फिल्मों की नायिका के साथ उत्तेजक शयन
कक्ष दृश्य करते ही नज़र आते हैं। क्या दूसरे टेलीविज़न सितारों की तरह करण वाही भी विशाल पंड्या की इस फिल्म
में उर्वशी रौतेला के साथ सिर्फ हॉट रोमांस करते नज़र आएंगे ? कुछ समय
पहले ऋत्विक धनजानी के पांच इरोटिक कहानियों वाली फिल्म एक्सएक्सएक्स में नज़र आने
को तैयार थे। लेकिन, अब इस
फिल्म में कोई ख़ास प्रोग्रेस हुई नहीं लगती है।
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गर्मागर्म,
फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
न्यू यॉर्क में न गड़बड़ न गोलमाल, होगी बैंग बैंग
अब न्यू
यॉर्क में गोलमाल नहीं होगा, बल्कि अब न्यू यॉर्क में बैंग बैंग होगी। ऐसा संभव
हुआ है फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर के कारण। करण जौहर, वाशु भगनानी के साथ एक फिल्म
के सह निर्माता हैं। इस फिल्म का निर्देशन भारतीय अमेरिकी लेखक, निर्देशक और एक्टर
चक्री टोलेती को सौंपा गया है। इस कॉमेडी फिल्म के नायक-नायिका सोनाक्षी सिन्हा और
दिलजीत दोसांझ हैं। वाशु भगनानी ने इसे हिंदुस्तान की पहली स्टेज रियलिटी फिल्म
बताया था। इस फिल्म का नाम गोलमाल इन न्यू यॉर्क रखा गया था। किसी फिल्म के साथ गोलमाल
शीर्षक जुडा होने के कारण, गोलमाल सीरीज की फिल्मों के मूल निर्माता रोहित शेट्टी
को यह टाइटल नागवार गुजरा था। बातचीत में रोहित ने यह नाराज़गी व्यक्त भी कर दी थी। समाचारों के माध्यम से सभी जानते हैं कि रोहित शेट्टी और करण जौहर एक साथ मिल
कर, न केवल एक रियलिटी शो का निर्माण कर रहे हैं, बल्कि एक खालिस एक्शन फिल्म
सिम्बा भी बना रहे हैं। करण जौहर को यह ठीक नहीं लगा कि उनके मित्र की सीरीज का टाइटल
किसी दूसरी फिल्म के साथ जुड़े और वह परेशानी महसूस करें। इसलिए, करण जौहर ने,
अपने सह निर्माता वाशु भगनानी को साफ़ हिदायत दे दी कि उनकी कोप्रोडक्शन फिल्म के
साथ गोलमाल नाम जोड़ा जाये। उन्होंने वाशु भगनानी को यह भी हिदायत दी कि या तो फिल्म
का टाइटल बदल दें, अन्यथा वह फिल्म से कोई सरोकार नहीं रखेंगे। इस पर वाशु भगनानी
अपनी फिल्म का टाइटल बदल कर गड़बड़ इन न्यू यॉर्क रखने की सोचने लगे, क्योंकि न्यू
यॉर्क के एक अवार्ड शो का नाम भी यही है। लेकिन, वाशु ने फिर इरादा बदला। अब उनकी
फिल्म का टाइटल बैंग बैंग इन न्यू यॉर्क होगा। वाशु भगनानी ने इस शीर्षक के साथ
यह पूरी गुंजाईश रखी है कि ज़रुरत पड़ने पर दुनिया के विभिन्न शहरों के नाम के साथ
बैंग बैंग जोड़ कर फिल्म के सीक्वल की एक सीरीज तैयार की जा सके। इस फिल्म का ट्रेलर ज़ल्द
ही सोशल मीडिया पर आ सकता है। वाशु भंगानी अपनी बैंग फिल्म को ३डी में भी रिलीज़
करना चाहते हैं। बैंग बैंग इन न्यू यॉर्क के नायक दिलजीत दोसांझ हॉकी पर बायोपिक फिल्म सूरमा में संदीप सिंह की भूमिका कर रहे हैं। सोनाक्षी सिन्हा एक सीक्वल फिल्म हैप्पी भाग जाएगी रिटर्न्स में भी काम कर रही हैं।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
रामायण के राम की सीता, अब आतंकी की बीवी
ग़ालिब में दीपिका चिखलिया |
गणतंत्र दिवस वीकेंड पर, २५ जनवरी १९८७ को,
रामानंद सागर का धार्मिक राम गाथा, सीरियल रामायण का प्रसारण शुरू हुआ था। इस के
साथ ही हर हफ्ते सडकों पर सन्नाटा पसरने लगा। ऐसा ठीक ७८ हफ़्तों तक होता रहा, जब रविवार की सुबह सन्नाटा पसरा रहता था। इस सीरियल में राम और सीता, यानि
अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया पूरे देश में भगवान् राम और सीता के तौर पर पूजे
जाने लगे। इसी इमेज की बदौलत दीपिका चिखलिया सांसद बनी। इस सीरियल के शुरू होने
के बाद, दीपिका चिखलिया की एक हॉरर फिल्म रात के अँधेरे रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म
में हॉरर फिल्मों की नायिका के अनुरूप दीपिका चिखलिया ने भी काफी अंग प्रदर्शक और उत्तेजनापूर्ण शयन कक्ष दृश्य किये थे। हालाँकि, इससे पहले भी दीपिका चिखलिया ने कुछ ऎसी फिल्मों में काम किया था। लेकिन, उन पर सीता की छवि कुछ ऐसी चिपकी थी कि रात के अँधेरे के गर्म दृश्यों के
कारण दीपिका को अपने धार्मिक किरदार पर श्रद्धा रखने वाले लोगों के क्रोध का शिकार
होना पडा था। इस घटना का दीपिका चिखलिया पर कुछ ऐसा असर पडा कि उन्होंने रामायण
ख़त्म होने के बाद भी शॉर्ट पहनने की कोई कोशिश नहीं की। दीपिका ने कहा था, "मैं अपने प्रशंसकों का दिल नहीं दुखाना चाहती थी।" शादी के बाद दीपिका
चिखलिया गृहस्थी में व्यस्त हो गई। उनकी दो बच्चियां हैं। अब खबर है कि दीपिका चिखलिया हिंदी फिल्मों में
वापसी करने जा रही हैं। हालाँकि, उन्होंने कलर्स
गुजराती के शो छुटा छेड़ा सीजन २
का सञ्चालन किया हैं। इस शो में रियल लाइफ युगल की कहानियाँ होती हैं, जो अपने संबंधों के बीच आने वाले झगड़ों से निबटते हैं। अपनी वापसी फिल्म में दीपिका
चिखलिया रियल लाइफ आतंकी अफज़ल गुरु की बीवी तबस्सुम का किरदार कर रही हैं। वह
मनोज गिरी की फिल्म ग़ालिब में आतंकी की बीवी का किरदार कर रही हैं। फिल्म संसद पर हमले के लिए दोषी अफज़ल गुरु की पत्नी की कहानी होने के बावजूद अफज़ल गुरु की आतंकी गतिविधियों पर फिल्म नहीं है। यह फिल्म अफज़ल गुरु के बेटे ग़ालिब
गुरु की कहानी है, जो डॉक्टर बनना चाहता है। ग़ालिब गुरु की माँ के रूप में दीपिका
चिखलिया ग़ालिब की माँ के संघर्षों की दास्तान बयान करेंगी। हालाँकि, दीपिका इस
बात से इनकार करती हैं कि यह अफज़ल गुरु के परिवार की कहानी है। उनके विचार से यह
कहानी आतंकी की बीवी और बच्चे की कहानी होने के बावजूद अफज़ल गुरु की कहानी नहीं है। यह एक माँ और उसके बेटे की कहानी है, जिन्हें आतंकी के फांसी चढ़ जाने के बाद
क्या झेलना पड़ता है। अपने इस रोल को लेकर दीपिका चिखलिया कहती हैं, “मैं अपनी
वापसी कुछ अलग भूमिका से करना चाहती थी. ग़ालिब की भूमिका वैसी ही है.” ग़ालिब की
शूटिंग का एक शिड्यूल इलाहाबाद और वाराणसी में पूरा हो चूका है।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 1 January 2018
आज १ जनवरी को जन्मे थे नाना पाटेकर, असरानी, विद्या, शकीला, सोनाली
आज १ सितम्बर को, अलग अलग सालों में हिंदी फिल्मों के ग्लैमर से भरपूर और सशक्त अभिनय के लिए अपनी पहचान बनाने वाले एक्टर जन्मे थे, जिन्होंने बॉलीवुड को अपनी मौजूदगी से गुलजार किया। आग, नाराज़,
गद्दार, टक्कर, सपूत, भाई, तराजू, कहर, डुप्लीकेट, हमसे बढ़ कर कौन, मेजर साब, हम
साथ साथ, दाहक, आदि फिल्मों की नायिका सोनाली बेंद्रे आज ही के दिन मुंबई में १९७५
में जन्मी थी। वह एक ऐसी अभिनेत्री थी, जिन्होंने शाहरुख़ खान, आमिर खान, सलमान
खान, सैफ अली खान, अक्षय कुमार, आदि की नायिका बनी। सोनाली बेंद्रे ने कुछ
तमिल, तेलुगु, मराठी और कन्नड़ फ़िल्में भी की हैं। वह फिल्म निर्माता गोल्डी बहल
से विवाहित हैं। पालघाट केरल में १९७९ में
जन्मी विद्या बालन को परिणिता की लोलिता के रोल से ख्याति मिली। वह लगे रहो मुन्नाभाई, पा,
द डर्टी
पिक्चर, इश्किया, तुम्हारी सुलु, कहानी, भूल भुलैया, आदि फिल्मों को अपने दम पर चलाने वाली अभिनेत्री थी । वह फिल्म निर्माता
सिद्धार्थ रॉय कपूर से विवाहित हैं। नाना पाटेकर अभिनय का पर्याय हैं। महाराष्ट्र
के मुरुड जंजीर में १९५१ को जन्मे नाना पाटेकर ने परिंदा, प्रहार, अग्निसाक्षी,
अंकुश, प्रतिघात, तिरंगा,
क्रांतिवीर, अंगार, भालू,
सिंहासन, माफीचा साक्षीदार, आदि फिल्मों में सशक्त
भूमिकाये की। उन्होंने फिल्म प्रहार का निर्देशन भी किया है। मेरे अपने, चला मुरारी हीरो बनने, शोले, कोशिश,
अभिमान, चुपके चुपके, गुड्डी, मिली,
बावर्ची, अनामिका, आपकी कसम,
परिचय, अजनबी, हिम्मतवाला जैसी फिल्मों के अभिनेता तथा शोले के अंग्रेजों के जमाने के
जेलर असरानी का जन्म राजस्थान के सिन्धी परिवार में हुआ था। पुणे फिल्म संस्थान की
अपनी सहपाठिन से शादी करने वाले असरानी का पूरा नाम गोवर्धन असरानी था। उन्होंने
चला मुरारी हीरो बनाने, सलाम मेमसाहब, हम नहीं सुधरेंगे, दिल ही तो है और उड़ान
जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया था। १९३५ में जन्मी शकीला को गुरुदत्त की आर पार और सीआईडी फिल्मों की नायिका के तौर पर पहचाना जाता है। आरपार का बाबूजी धीरे चलना गीत उनका सदाबहार गीत है। उन्होंने आरपार और सीआइडी के अलावा टावर हाऊस, गेस्ट हाऊस, पोस्ट बॉक्स नं. ९९९, चाइना टाऊन, काली टोपी लाल रुमाल, आदि कोई ६९ फिल्मों में अभिनय किया। वह पिछले साल २० सितम्बर को ८२ साल की उम्र में स्वर्ग सिधार गई।
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जन्मदिन मुबारक
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
वरुण धवन की पहली फिल्म अक्टूबर
वरुण धवन ने २०१७ में बद्री की दुल्हनिया और जुड़वाँ २ जैसी कॉमेडी
और हल्केफुल्के हास्य वाली हिट फ़िल्में दी थी। अब इन फिल्मों को देखने वाले हिंदी फिल्म दर्शकों, ख़ास तौर
पर युवा दर्शकों को वरुण धवन की फिल्म का इंतज़ार रहता है। वरुण धवन का खिलंदड़ा
अंदाज़ युवा दर्शकों को भाता है। लेकिन, युवा दर्शकों को, इस साल रिलीज़ हो रही वरुण धवन की
पहली दो फिल्मों से निराशा हो सकती है। २०१७ में हंसा हंसा कर
लोटपोट कर देने वाले वरुण धवन अब सीरियस होने जा रहे हैं। वह शूजित सरकार की
फिल्म अक्टूबर और शरत कटारिया और मनीष शर्मा की फिल्म सुई धागा कर रहे हैं। सुई
धागा की टैग लाइन मेड इन इंडिया है। फिल्म में वरुण धवन एक दरजी का किरदार कर रहे
हैं। निर्माताओं की माने तो यह फिल्म आत्मनिर्भरता और स्वदेशी पर है। खबर है कि
फिल्म का बैनर यशराज फिल्म्स सुई धागा: मेड इन इंडिया को गाँधी जयंती वीकेंड पर
रिलीज़ करना चाहता है। दूसरी फिल्म अक्टूबर का कथानक दिलचस्प है। सुगबुगाहट है कि
यह फिल्म हॉलीवुड की रोमांस, ड्रामा साइंस फैन्टसी फिल्म हर पर आधारित है। इस फिल्म का निर्देशन स्पाइक जोंज़े ने किया था। फिल्म में अभिनेता जोएक्विन फ़ीनिक्स ने थिओडोर का किरदार किया था, जो एक ऑपरेटिंग सिस्टम
की महिला आवाज़ के साथ रोमांस करने लगता है। वह उस आवाज़ के शरीर के साथ
घूमता-फिरता, खाता-पीता और सोता है। यह फिल्म वर्चुअल वर्ल्ड में खोये आज के
युवाओं के लिए एक सन्देश है। इन दोनों ही फिल्मों, सुई धागा और अक्टूबर में वरुण
धवन की नायिका बद्रीनाथ की दुल्हनिया की जोड़ीदार अलिया भट्ट नहीं है। सुई धागा की नायिका
अनुष्का शर्मा हैं। फिलहाल, अनुष्का शर्मा दक्षिण अफ्रीका में अपना हनीमून मना
रही हैं। वहां से लौट कर वह सुई धागा की शूटिंग शुरू कर देंगी। अक्टूबर की नायिका
नवोदित मॉडल बनिता संधू है। वरुण धवन की पहली रिलीज़ होने वाली फिल्म अक्टूबर होगी,
जो ६ अप्रैल को रिलीज़ होगी। जबकि दूसरी फिल्म सुई धागा अक्टूबर में गाँधी जयंती
वीकेंड पर रिलीज़ होगी।
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खबर चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
आनंद एल राज की फिल्म में शाहरुख़ खान 'जीरो'
तमाम अनुमान झूठे निकले। निर्देशक आनंद एल राज की शाहरुख़ खान के साथ पहली फिल्म का टाइटल न ड्वार्फ है, न टिंगया और न ही कैटरीना मेरी जान। फिल्म में शाहरुख़ खान बौने का किरदार कर रहे हैं। इसलिए अनुमान था कि फिल्म का टाइटल भी कुछ ऐसा ही मिलता जुलता होगा। पिछले सात महीनों से दर्शक इस फिल्म का टाइटल जानने को बेताब थे। कल (३१ दिसंबर को) आनंद एल राज और शाहरुख़ खान ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी थी कि १ जनवरी की शाम ५ बजे फिल्म का टाइटल बताया और साथ में कुछ दिखाया भी जायेगा। इसी के अनुसार आज फिल्म के टाइटल का एक मिनट के टीज़र के साथ ऐलान कर दिया गया है। शाहरुख़ खान की बौने किरदार वाली फिल्म का टाइटल जीरो होगा। इस फिल्म में कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा दो नायिकाएं है। लेकिन, फिल्म के टीज़र में केवल शाहरुख़ खान का बौना किरदार, न्यू ईयर संगीत के बीच नाचते जोड़ों के बीच, फिल्म जब जब फूल खिले में शशि कपूर पर फिल्माए गए गीत हमको तुमसे प्यार आया पर शशि कपूर की शैली में डांस करते हुए दिखाया गया है। शाहरुख़ खान के इस बौने किरदार को देखना रोमांचक लगता है। फिल्म कैसी लगेगी, इसका पता तो २१ दिसंबर २०१८ को चलेगा, जब यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। फिलहाल के लिए तो शाहरुख़ खान, आनंद एल राज और फिल्म ही फिल्म के पाठकों को हैप्पी न्यू ईयर।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
वज़न के साथ वजनी अभिनय करने वाली विद्या बालन
विद्या बालन,
आज ३८ साल की हो गई। हिंदी फिल्मों में उनकी गिनती किसी कैटरीना कैफ या करीना कपूर,
या फिर श्रद्धा कपूर और अलिया भट्ट के साथ नहीं की जा सकती। इसलिए नहीं कि वह कभी खान
अभिनेताओं की फिल्मों की नायिका नहीं बन सकी। बल्कि, उन्हें कभी किसी खान की ज़रुरत ही
नहीं महसूस हुई । निखिल अडवाणी की फिल्म में, सलमान खान भी थे, लेकिन, विद्या बालन जॉन
अब्राहम के अपोजिट थी। उन्होंने अक्षय कुमार के साथ फ़िल्में खूब की। लेकिन,
शाहरुख़ खान की फिल्म ओम शांति ओम में वह खुद के तौर पर कैमिया कर रही थी। वह ऐसी
अभिनेत्री है, जिन्होंने कभी साइज़ जीरो करने या जिम में जा कर पसीना बहाने की
ज़रुरत नहीं समझी। उन्होंने जो साइज़ अपनाया, वही ट्रेंड बन गया। फिल्म द डर्टी
पिक्चर को ही लीजिये। इस फिल्म में सिल्क स्मिता के किरदार के लिए विद्या बालन ने
वजन काफी बढ़ाया। बढे वजन की तरह द डर्टी पिक्चर उन्हें वजनदार अभिनेत्री साबित कर
गई। उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल फिल्म अवार्ड मिला। इससे पहले, विद्या बालन
ने इश्किया की थी। यह लम्पट किरदार था। एक माफिया औरत कृष्णा अपने पति का खून
करवाने के लिए मामू-भांजे का अपने शरीर से शिकार बनाती है। वह बेधड़क गालियाँ बकती
है। ऐसा बेखटक अभिनय किसी कटरीना, करिश्मा या श्रद्धा के हिम्मत की बात नहीं। इसके बावजूद विद्या बालन ने इश्किया की कृष्णा के लिए प्रशंसा और पुरस्कार बटोरे। फिल्म कहानी का विद्या बागची का किरदार इतनी आसानी से विद्या बालन ही कर सकती हैं। लगभग आधा दर्जन फिल्मों की असफलता के बाद ऐसा लगता था कि विद्या बालन का करियर
ख़त्म हो गया। हालाँकि, इन सभी फिल्मो में विद्या बालन ने अपने किरदार को
स्वभाविक बनाने के लिए हर प्रकार से मेहनत की थी। वजन बढ़ाया, प्रोस्थेटिक मेकअप
चढ़ाया और चरित्रों के अनुकूल अपने शब्द उच्चारण पर ख़ास मेहनत की। इसके बावजूद खुद
के साथ किये गए विद्या के प्रयोगों को दर्शकों ने नकार दिया तो इसमे विद्या बालन
नाम की अभिनेत्री का क्या कसूर ! इसी का नतीजा मिला उन्हें तुम्हारी सुलू में गृहणी
सुलोचना और शरारती रेडियो जोकि सुलू के किरदार की सफलता से। इस फिल्म ने धीमी ही
रफ़्तार से सही, विद्या के करियर को रफ़्तार दे दी है। आज विद्या बालन, जब अपना जन्मदिन
अपने पति सिद्धार्थ रॉय कपूर के साथ मनाने के बाद अपने माँ-पिता के साथ खाना खा
रही होंगी तो ज़रूर सोच रही होंगी कि अब आगे क्या ? निश्चित रूप से विद्या बालन के
प्रशंसक दर्शक भी उन्हें उनके ३९वे जन्मदिन की बधाईयाँ देने के बाद पूछना चाहेंगे
कि अब वह अपने दर्शकों को क्या देने जा रही हैं ? इंतज़ार रहेगा विद्या बालन की
फिल्मों का।
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Vidya Balan,
जन्मदिन मुबारक
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बाहुबली से शुरू होता है राणा डग्गुबती
तेलुगु- तमिल-हिंदी हाथी मेरे में राणा डग्गुबती |
२०१८ की पहली
सुबह, अभिनेता राणा डग्गुबती ने, अपने प्रशंसकों को बनदेव के दर्शन करवा दिए। यह बनदेव, जंगलों में रहने वाला, वनों का रखवाला और हाथियों का रक्षक है। वह हाथी के दांतों की तस्करी करने के खिलाफ मुहीम छेड़ता है। वनों के पर्यावरण के प्रति सचेत करने वाले
इस प्राणी का नारा हाथी मेरे साथी है । हाथी भी उसे अपना साथी
मानते हैं । साथ की तस्वीर से यह साफ़ भी होता है । यह तस्वीर है तेलुगु, तमिल और
हिंदी में बनाई जा रही फिल्म हाथी मेरे साथी की । यह फिल्म १९७१ में रिलीज़ राजेश
खन्ना की फिल्म हाथी मेरे साथ का रीमेक या सीक्वल नहीं है । जैसा कि अनुमान लगाया
जा रहा था । यह राजेश खन्ना की फिल्म के टाइटल पर बनने के कारण राजेश खन्ना को
श्रद्धांजलि तो बताई जा रही है । मगर, राजेश खन्ना की फिल्म से इसका कोई सरोकार
नहीं । राना दग्गुबती की कहानी बिलकुल भिन्न है । यह पूरी तरह से जंगल, हाथी और पर्यावरण
पर केन्द्रित फिल्म है । मनुष्यों के जीवन मे पर्यावरण के महत्त्व को आदमी और हाथी
के संबंधों के ज़रिये बड़ी खूबसूरती से उतारा गया है । बनदेव बने राणा दग्गुबती के
साथ फिल्म की नायिका के किरदार में काजल अगरवाल हैं । हाथी मेरे साथ को हिंदी
फिल्म इंडस्ट्री में राना दग्गुबती के सफ़र को आगे बढाने वाली फिल्म कहा जा सकता
हैं । हालाँकि, राणा दग्गुबती ने अपने हिंदी फिल्म करियर की शुरुआत फिल्म दम मारो
दम से २०११ में की थी । यह, तेलुगु फिल्म लीडर (२०१०) से फिल्मों में कदम रखने
वाले राणा दग्गुबती के करियर की दूसरी फिल्म थी । दम मारो दम फ्लॉप हुई । लेकिन,
राना दग्ग्बुबती घबराए नहीं । उनकी दूसरी
हिंदी फिल्म डिपार्टमेंट भी फ्लॉप हुई । इस थर्टी प्लस के एक्टर के अच्छे दिन शुरू
हुए २०१५ से । इस साल, वह सबसे पहले हिंदी फिल्म बेबी (अक्षय कुमार) में दिखाई दिए
। फिल्म सफल हुई । फिर आई तेलुगु ऐतिहासिक फंतासी फिल्म बाहुबली : द बेगिनिंग । यह
फिल्म एक बड़ी सफल फिल्म बनी । इस फिल्म को हिंदी में डब कर रिलीज़ किया गया था ।
हिंदी बह्बली को भी सफलता हासिल हुई । रुद्रमादेवी के हिंदी में डब संस्करण में भी
राना नज़र आये । पिछले साल, वह पूरे
हिंदुस्तान में भल्लाल देवा के किरदार से मशहूर हो गए । बाहुबली प्रभाष के हर
कष्टों का कारण यह भल्लाल दर्शकों के बीच बाहुबली की तरह लोकप्रिय हो गया । पिछले
साल बाहुबली २: द कांक्लुजन से पहले रिलीज़ फिल्म द गाजी अटैक को सफलता मिली ।
बाहुबली २ तो लम्बे समय तक कायम रहने वाले कीर्तिमानों वाली फिल्म बन गई है । अब
राना दग्गुबती अपनी इस फिल्म हाथी मेरे साथी से हिंदी दर्शकों को प्रभावित करने आ
रहे हैं । क्या १९७१ की तरह २०१८ की हाथी मेरे साथ में भी हाथी और इंसान की दोस्ती
की कहानी सफल होगी । इस सवाल का जवाब पाने की कोशिश तो हमेशा ही रखते हैं ।
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
ग़दर के उत्कर्ष के लिए अनिल शर्मा ने हाईजैक की इशिता चौहान
आज नए साल के पहले दिन की पहली सुबह, फिल्म
निर्देशक अनिल शर्मा ने अपने बेटे उत्कर्ष को लांच करने वाली फिल्म जीनियस का
फर्स्ट लुक जारी किया। इस फर्स्ट लुक में, जीनियस के नायक उत्कर्ष शर्मा और फिल्म में
उनकी नायिका इशिता चौहान, अलग अलग और साथ साथ हैं। जीनियस एक रोमांटिक एक्शन फिल्म है। उत्कर्ष और इशिता पहली बार किसी फिल्म में नायक-नायिका
के किरदार में आ रहे हैं । लेकिन, हिंदी फिल्म दर्शक इन दोनों के चेहरों से काफी
परिचित है । उत्कर्ष
शर्मा ने, अपने पिता निर्देशित फिल्म ग़दर एक प्रेम कथा (२००१)
में, सनी देओल और अमीषा पटेल के बेटे चरणजीत की भूमिका की थी । वह एक शॉर्ट फिल्म
पर्पज का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं । वहीँ, फिल्म में उनकी नायिका इशिता चौहान
भी दो हिंदी फिल्मों और एक मलयालम थ्रिलर फिल्म में अभिनय कर चुकी हैं । हिंदी
दर्शक उन्हें आप का सुरूर (२००७) और हाईजैक (२००८) में
बाल भूमिकाओं में देख चुके
हैं । हाईजैक में वह शाइनी आहूजा की बेटी के तौर पर याद कर सकते हैं । इशिता चौहान
की मलयालम फिल्म में भूमिका छोटी मगर केन्द्रीय थी । वह लड़कियों पोशाकों के ब्रांड
पेपरमिंट की ब्रांड एम्बेसडर हैं । उत्कर्ष शर्मा और इशिता चौहान की पहली रोमांस
फिल्म जीनियस की टैग लाइन जीनियस: दिल की लड़ाई दिमाग से है । इससे साफ़ है कि फिल्म
में रोमांस के अलावा एक्शन भी होगा । जीनियस की शूटिंग मॉरिशस में पूरी हो जाने के बाद आजकल मुंबई में हो रही है। तो इंतज़ार कीजिये इस नए जोड़े के बीच की
केमिस्ट्री देखने के लिए जीनियस की रिलीज़ का ।
शाइनी आहूजा के साथ इशिता |
अमीषा पटेल और सनी देओल के साथ उत्कर्ष |
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नए चेहरे
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
यूपी में फिल्मों के विकास में गब्बर सिंह की बाधा !
उत्तर प्रदेश
में, २०१७ में शूट हुई कुछ फिल्मों के नामों पर
नज़र डालिये। २०१७ में उत्तर प्रदेश में लखनऊ, मथुरा,
इलाहाबाद, बरेली, आदि शहरों मे बारात कंपनी, मिस्टर कबाड़ी,
बरेली की
बर्फी, बाबूमोशाय बन्दूक्बाज़, टॉयलेट एक प्रेम कथा. लखनऊ सेंट्रल, भूमि, मुल्क,
रेड, आदि फिल्मों की शूटिंग हो चुकी हैं। इस फिल्मों की बदौलत अक्षय कुमार, अजय देवगन, तापसी पन्नू,
इलीना
डिक्रूज़, आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव, फरहान अख्तर, आदि अभिनेता उत्तर प्रदेश की सरनामी पर पैर रख चुके हैं।
इन फिल्मों की शूटिंग में राजकुमार गुप्ता, श्री नारायण सिंह, अनुभव सिन्हा,
आदि फिल्म
निर्देशक भीं उत्तर प्रदेश भिन्न शहरों की ख़ाक छान चुके हैं। इन फिल्मों की शूटिंग के बदौलत स्थानीय
प्रतिभाओं को अस्थाई रोजगार के अवसर मिले। संभव है कि इनमे से कुछ बॉलीवुड के बड़े
निर्माताओं की नज़रों में आ जाएँ। तो क्या
इससे यह समझा जाए कि उत्तर प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग के मामले में अच्छे दिन आ
गए ? क्या उत्तर प्रदेश सरकार की फिल्म नीति
कारगर साबित हो रही है ?
क्या उत्तर
प्रदेश या ख़ास तौर पर लखनऊ फिल्म वालों का
हब बनता जा रहा है ?
फिल्म बंधू
से जुड़े एक अधिकारी की बात मानी जाए तो लखनऊ फिल्म मेकिंग का हब बनता जा रहा है।
जिस तरह से आये दिन उत्तर प्रदेश के लखनऊ आदि शहरों में फिल्मों की शूटिंग होने
लगी हैं, इससे भी इस बात की पुष्टि होती है। फिल्म बंधू के अंतर्गत इसी साल २१ करोड़ रुपये
का अनुदान दिया जा चूका है। यह शूट फिल्मो को कुछ शर्तों के साथ कर मुक्त भी किया
जा रहा है।गोवा और मुंबई में उत्तर प्रदेश
की फिल्म नीति और इन्वेस्टमेंट के लिए सेमिनार आदि हो चुके हैं।सूत्र बताते हैं कि
लखनऊ ही व्यक्तिगत तौर पर फिल्मों का निर्माण जारी है। मेरठ में तो बाकायदा फिल्म
इंडस्ट्री है,
जो
सिनेमाघरों में रिलीज़ के लिए नहीं, बल्कि सीडी के लिए फिल्मों का निर्माण करते हैं। स्थानीय लोग इसे मॉलीवुड कहते हैं।
यह फ़िल्में स्थानीय उच्चारण से सनी भाषा में होती हैं। इस इंडस्ट्री की फिल्म धाकड़ छोरा को बॉलीवुड की
शोले जैसी कहा जाता है। व्यक्तिगत तौर पर बनाई जा रही फिल्मों को छोड़ दें तो क्या
सरकारी प्रयासों के परिणामस्वरुप उत्तर प्रदेश के फिल्मों का हब बनने की संभावना
की जा सकती है ?
१९६७ में
सुनील दत्त ने उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माण की संभावना देखी थी। उन्होंने तत्कालीन चंद्रभानु गुप्त सरकार से
अजंता आर्ट्स स्टूडियो के लिए ज़मीन भी ली थी।
लेकिन,
गुप्त सरकार
के गिर जाने के बाद सुनील दत्त के स्टूडियो का पत्थर ही लगा रह गया। फिर १९७५ में वीपी सिंह सरकार में उत्तर प्रदेश
चलचित्र निगम की स्थापना की गई। फिल्म
बनाने वालों को उम्दा उपकरण देने और तीन लाख तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया
गया। फिल्मों को कुछ हफ्ते मनोरंजन कर से
छूट भी दी गई। चलचित्र निगम के अधिकारीयों ने नीतियों का दोहन करते हुए महंगे और
उस समय के सबसे आधुनिक कैमरा आदि उपकरण खरीद कर कमीशन कम लिया। उसके बाद यह उपकरण
निगम की गोडाउन में धुल फांकते रहे। अधिकारियों के भ्रष्टाचार ने निगम को घाटे के
गम में डुबो दिया।
ज़ाहिर है कि
सुनील दत्त के कथित स्टूडियो के पचास साल बाद भी उत्तर प्रदेश में कोई इंडस्ट्री
स्थापित नहीं हो सकी है। निजी स्टूडियो ज़रूर हैं।
लेकिन,
इन्हें उत्तर
प्रदेश में फिल्मों के विकास का गम नहीं है।
उत्तर प्रदेश में जो भी फिल्म निर्माता आते हैं, वह काहनियों की मांग पर। अगर उनकी फिल्म में पुरानी इमारतों की ज़रुरत है, स्थापत्य दिखाना है तो लखनऊ, फैजाबाद, आदि जगहे हैं न ! अभी अनुभव सिन्हा की फिल्म मुल्क की शूटिंग भी इसी
वजह से लखनऊ में की गई थी। बकौल, सुनील बत्ता, "माहौल बन रहा है। लेकिन, सब कुछ सरकार की नीतियों पर निर्भर
करेगा।"
लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि आगे कोई सरकार कैसे काम
करेगी ? मनोरंजन कर से फिल्म बंधू को प्रति टिकेट
५० पैसे मिलते थे। फिल्म मनोरंजन कर से मुक्त भी कर दी जाती थी। अब मनोरंजन कर रहा नहीं। सब राहुल गाँधी के गब्बर सिंह टैक्स यानि
जीएसटी में शामिल हो गया है। फिल्म विकास निधि के पैसे कहाँ से आयेंगे ? मनोरंजन कर रहा नहीं। फ़िल्में टैक्स फ्री किस हिसाब से होंगी ? सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के रखरखाव और मल्टीप्लेक्स बनाने के लिए
अनुदान कैसे मिलेगा ?
इन सवालों का
जवाब राज्य सरकार को ढूँढना है। इसके लिए एक बिलकुल नई नीति बनानी होगी। जीएसटी के
नियमों में यथावश्यक संशोधन करने होंगे। पहले तो सरकार बदलने के बाद सब उल्टा
पुल्टा हो जाता था। अब जीएसटी आने से सब उलटा पुल्टा हो गया है। क्या कुछ सुलटा
होगा ?
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