Tuesday, 9 June 2015

पलाश सेन की १३ साल बाद फिल्मों में वापसी !

यूफोरिया बैंड की याद किसे न होगी ! दिल्ली के डॉक्टर पलाश सेन और उनके साथियों द्वारा बनाये गए बंद यूफोरिया ने १९८० और १९९० के दशक में ऎसी शोहरत हासिल की थी कि इसके मुख्य गायक और कंपोजर पलाश सेन हिंदी फिल्मों तक पहुँच गए।  वह हिंदी फिल्म गीतकार, निर्माता और निर्देशक गुलज़ार की बेटी मेघना गुलज़ार की फिल्म 'फिलहाल' में सुष्मिता सेन की अपोजिट नज़र आये।  २००२ में रिलीज़ 'फिलहाल' को समीक्षकों ने सराहा ज़रूर, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर  दर्शक नहीं मिले।  अब १२ साल बाद वह हिंदी फिल्म में वापसी कर रहे हैं।  प्रोडूसर माया खोली की बिस्वजीत बोरा निर्देशित 'ऐसा यह जहाँ' भारत की पहली कार्बन न्यूट्रल फिल्म है।  मुंबई की पृष्ठभूमि पर फिल्म की कहानी सैकिया दंपत्ति की है, जो जब अपने गृह नगर असम जाते हैं, तब वह पृकृति के सीधे संपर्क में आते हैं और अनुभव करते हैं कि वह कंक्रीट के जंगलों में रहते हुए किन खतरों से जूझ रहे हैं।  इस फिल्म का संगीत पलाश सेन ने ही दिया है। 

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