क्रिस्टोफर ली नहीं रहे। सांस लेने में समस्या के बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहाँ उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया। उनकी मृत्यु ७ जून को ही हो गयी थी। लेकिन, उनकी पत्नी की इच्छा थी कि क्रिस्टोफर ली की मृत्यु का समाचार पहले परिजनों को दिया जाये। १९४७ अपना फिल्म करियर शुरू करने वाले ९३ वर्षीय क्रिस्टोफर ली की पहली फिल्म गोथिक रोमांस फिल्म 'कॉरिडोर ऑफ़ मिररस' थी । हैमर की फिल्म 'द कर्स ऑफ़ फ्रैंकेंस्टीन' ने उन्हें फेमस बनाया। लेकिन, क्रिस्टोफर ली को अमर कर दिया ड्रैकुला ने। ड्रैकुला: प्रिंस ऑफ़ डार्कनेस ने उन्हें काउंट ड्रैकुला के रोल में फेमस कर दिया। ब्राम स्टोकर ने अपनी कहानियों में ड्रैकुला को मॉडर्न परिवेश में प्रस्तुत किया था। क्रिस्टोफर ली ने उसे ठीक उसी तरह से परदे पर पेश किया। हालाँकि, वह अपने इस अभिनय से खुश नहीं थे। एक समय तो उन्होंने इस रोल को छोड़ने का मन बना लिया था। अब यह बात दीगर है कि इसी ड्रैकुला फिल्मों में खून चूसने वाले शैतान काउंट ड्रैकुला ने क्रिस्टोफर को दुनिया के दर्शकों का प्यारा अभिनेता बना दिया। इसके बाद सत्तर के दशक तक ली हॉरर फिल्मों में भिन्न किरदार करते रहे। १९७४ में वह बांड फिल्म के विलन भी बने। फिल्म थी 'द मैन विथ द गोल्डन गन' में उन्होंने मुख्य विलेन फ्रांसिस्को स्कारमंगा का रोल किया था। इस फिल्म के लिए उन्होंने 'हेलोवीन' फिल्म का ऑफर तक ठुकरा दिया था। उन्हें इस फिल्म को छोड़ने का बेहद मलाल था। ऐसा ही मलाल उन्हें एक अन्य फिल्म एयरप्लेन को छोड़ने का था। खुद को हॉरर फिल्मों में टाइपकास्ट होने से बचाने के लिए उन्होंने हॉलीवुड की 'एयरपोर्ट ७७' और स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म '१९४१' की। २००१ में उनके करियर में फिर उफान आया। लार्ड ऑफ़ द रिंग्स ट्राइलॉजी में सरुमान की भूमिका और स्टार वार्स एपिसोड २ : अटैक ऑफ़ द क्लोन्स और स्टार वार्स एपिसोड ३ : रिवेंज ऑफ़ द सिथ ' जैसी फ़िल्में ने उन्हें सुर्ख़ियों में ला दिया। टिम बर्टन ने उन्हें स्लीपी हॅलो, कॉर्प्स ब्राइड एंड चार्ली एंड द चॉकलेट फैक्ट्री, ऐलिस इन वंडरलैंड और डार्क शैडोज जैसी फेमस फिल्मों में कास्ट किया। २०११ में क्रिस्टोफर ली और हैमर का फिर साथ बना। फिल्म थी रेजिडेंट। क्रिस्टोफर ली का म्यूजिक में भी दखल था। उन्होंने 'द विकर मैन' के साउंड ट्रैक पर काम किया। २०१० में उनका पहला एल्बम चार्लमैग्ने: बी द सोर्ड एंड द क्रॉस रिलीज़ हुआ। उन्होंने कई टेलीविज़न सीरियल किया। वह ऐसे अभिनेता थे, जिन्होंने अपना करियर १९४७ से शुरू किया था और वह अंत तक सक्रिय थे। उन्होंने २०६ फिल्मों में अभिनय किया। उनकी आखिरी फिल्म 'एंजेल्स इन नॉटिंग हिल' है ।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 11 June 2015
नहीं रहा खून चूसने वाला फेमस ड्रैकुला
Labels:
Hollywood,
श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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