नवाज़उद्दीन सिद्दिकी ने शायद अलग अलग किरदारों को जीने के लिए अपने आप को पूरी तरह तैयार कर लिया है। छोटी छोटी भूमिकाओं से मुख्य भूमिकाओं तक पहुँचने के सफ़र को उन्होंने बहुत लगन और शिद्दत से तय किया है और शायद यही जोश उनके फ़िल्मी करियर को दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की दे रहा है। उनकी अगली फ़िल्म माउंटेन मैन जल्द ही रिलीज़ होने वाली है। जब नवाज़ से यह पूछा गया की माउंटेन मैन के किरदार को अपने अंदर ढालने ले लिए उन्हें क्या तैयारी करनी पड़ी तो उन्होंने बताया की वो रियल लाइफ के माउंटेन मैन दशरथ मांझी के बारे में जानने के लिए बिहार में उनके गाँव 'गया' गए थे। वहां उन्होंने काफी समय दशरथ मांझी से जुड़े लोगों और चीज़ों के साथ बिताया है। नवाज़ ने यह माना की अति ही सामान्य सा लेकिन पहाड़ जैसे लक्ष्य को भेदने वाले इस चरित्र को जीवंत करना चुनौतियों और उम्मीदों से भरा था। दुर्भाग्यवश वो इस रियल मैन से तो नहीं मिल पाये लेकिन उनके सबसे छोटे बेटे भागीरथ और भाई के साथ काफी समय बिताया। जब उन्हें यह पता चला की वहां के स्थानीय लोग दशरथ मांझी को भगवान् का दर्ज़ा देते है तो उनका रुझान और उनकी ज़िम्मेदारी इस किरदार के प्रति और बढ़ जाना स्वाभाविक ही थी। नवाज़ ने बताया की उन्होंने उपलब्ध वीडियोस, तथ्यों और जुटायी गयी जानकारी के अनुसार इस महान किरदार के साथ पूरा न्याय करने की कोशिश की है और वह यह उम्मीद करते है शायद उन्हें यह किरदार को जीते देखकर किसी को भी निराशा नहीं होगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 16 June 2015
माउंटेन मैन के लिए नवाज़ ने लगाया एड़ी चोटी का ज़ोर
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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