सफलता किस्मत बदल देती है। अगर यह सफलता बॉलीवुड में मिले तो आदमी नवाज़ुद्दीन सिद्द्की हो जाता है। आमिर खान की फिल्म 'सरफ़रोश' में छोटी भूमिका करने वाले नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर' सुर्ख़ियों में लाई। सलमान खान के साथ फिल्म 'किक' ने उनके करियर ज़बरदस्त किक दी ही, उनकी दूसरी फिल्मों की किस्मत के ताले भी खोल दिए। उनकी छोटी भूमिका वाली फिल्म 'लतीफ़' को नवाज़ुद्दीन की किक का फायदा उठाने के लिए रिलीज़ कर दिया गया। अब उनकी बतौर फिल्म निर्माता की भूमिका वाली फिल्म 'मिया कल आना' को भी अंतर्राष्ट्रीय समारोहों में जगह मिलने लगी है। मिया कल आना को नाज़ुद्दीन के भाई शम्स ने निर्देशित किया है। यह ३५ मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म है। इस फिल्म की शूटिंग नवाज़ुद्दीन के गाँव बुधाना में हुई है। महिला प्रधान 'मिया कल आना' औरतों की उस दशा का चित्रण करती है, जब वह किसी अनिर्णय की स्थिति में होती हैं। इस फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने मनीषा मरज़ारा के साथ मुख्य भूमिका की थी। नवाज़ की फिल्म करने से पहले मनीषा फिल्म 'एक टिकट बम्बई का' में अभिनय कर चुकी हैं। इस फिल्म को कांन्स फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जा चूका है। अब यह फिल्म स्प्रिंग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाएगी। फिल्मों की शूटिंग में बिजी होने के कारण नवाज़ुद्दीन 'मिया कल आना' की स्क्रीनिंग पर कांन्स नहीं पहुँच पाये थे। लेकिन, इस बार स्प्रिंग फेस्टिवल में जाने का उनका इरादा बिलकुल पक्का है। इस फेस्टिवल में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म सहित केवल दस फ़िल्में ही दिखाई जा रही हैं।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 23 June 2015
'मिया कल आना' स्प्रिंग सिटी में !
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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