सनी लियॉन ने एक बार
फिर सनसनी फैला दी है। यह दूसरा मौक़ा है, जब फिल्मों में अपने आइटम नंबर से सनसनी पैदा करने वाली, फिल्म को सफलता की गारंटी देने वाली सनी लियॉन का कंडोम एड सनसनी फैला रहा है। खान से लेकर वापसी करने वाले संजय दत्त को तक सनी
लियॉन की ट्रिपि ट्रिपि सनसनी की ज़रुरत होती है। लेकिन, इस बार सनी लियॉन ने सनसनी के साथ विवाद भी पैदा कर दिया है। वह गर्भनिरोधक कंडोम मैनफोर्स की वुमन (महिला)
होते हुए भी मेन-फाॅर्स हैं। इस कंपनी ने
सूरत गुजरात की ऊंची बिल्डिंगों पर सनी लियॉन की सजावट से सजा एक विज्ञापन टांग
रखा है। इस विज्ञापन में गुजराती भाषा में
टैग लाइन है- खेलो, प्यार से, इस नवरात्री।
इस विज्ञापन पर नज़र पडने के साथ ही लोगों में गुस्से की लहर पैदा हो
गई। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के मंत्री
रामविलास पासवान को सूरत के व्यापारियों ने पत्र लिख कर इस कंडोम ऐड को बैन करने
के लिए कहा है। लोगों के भारी विरोध को देखते हुए स्थानीय अधिकारियों ने इस होर्डिंग को उखाड़ फेंका है। लेकिन, यह तय है कि सनी लियॉन ने अपनी वुमन फाॅर्स के
ज़रिये मैनफोर्स की बिक्री को नई ताक़त दे ही दी है।
गर्भनिरोधक की ताक़त सनी और रणवीर
गर्भनिरोधक को ताक़त देने वालों में बॉलीवुड से केवल सनी लियॉन ही नहीं। बॉलीवुड हमेशा से कंडोम की बिक्री को ताक़त देता आया है। अभी ही, सनी के विज्ञापन से काफी पहले रणवीर सिंह डुरेक्स के विज्ञापन में एक लड़की के घर के सामने कंडोम बटोरते दिखाई दे रहे थे। रणवीर सिंह गोलियों की रासलीला-रामलीला के दौरान से ही इस एड से जुड़े हैं। रणवीर सिंह के विज्ञापन 'बोल्ड' माने जाते हैं । वह युवा मस्ती का प्रतीक भी हैं। हो हल्ला चाहे जितना
मचे, समाज पर ऐसे
विज्ञापनों का असर होता है। जब से सनी लियॉन ने मैनफ़ोर्स
कंडोम का विज्ञापन करना शुरू किया है, इस की निर्माता कंपनी ने तीन
हजार करोड़ का बिज़नेस छू लिया है । हालाँकि, ऐसे एड करने वाले रणवीर सिंह और सनी लियॉन पहले हॉलीवुड अभिनेता-अभिनेत्री नहीं।
'कामसूत्र' से गर्भनिरोधक के काम की पूजा बेदी
यह विज्ञापन २६ साल पहले बना था। मुंबई में बिकिनी पहन कर समुद्र के किनारे दौड़ लगाने वाली पूजा बेदी और संदोकान अभिनेता कबीर बेदी की बेटी पूजा बेदी ने १९९१ में वह सनसनी फैला दी थी, जिसे फैलाने का दावा आज के रणवीर सिंह कर रहे हैं। कामसूत्र के विज्ञापन में पूजा
बेदी उस समय के सुपर मॉडल मार्क रॉबिंसन के साथ शावर लेती दिखाई गई थी। इस विज्ञापन फिल्म ने तहलका मचा दिया था । इसे महा बोल्ड बताते हुए उस समय के चैनलों ने इसे प्रसारित करने से मना कर
दिया था। उस समय तक पूजा बेदी की पहली फिल्म 'विषकन्या' रिलीज़ नहीं हुई थी। इस एड के बाद पूजा बेदी की सेक्सी और बोल्ड
इमेज पुख्ता हो गई। इसी एड को बाद में
विवेक बाबजी और इन्दर सुलतान ने भी एक झरने के नीचे किया था। इन दोनों विज्ञापनों ने तत्कालीन समाज को झकझोर दिया था । अब यह बात दीगर है कि इन दोनों विज्ञापनों की बदौलत कामसूत्र कंडोम गर्भनिरोधक का पर्याय बन गया है ।कामसूत्र के बाद मूड्स का एड भी अश्लील माना गया। इस एड में अभिनेत्री पूजा बत्रा एक पुरुष मॉडल के साथ कामुक मुद्रा में मूड बनाती नज़र आ रही थी। ख़ास बात यह रही कि इन विवादित विज्ञापनों से गर्भनिरोधकों को स्थापित होने का मौक़ा ज़रूर मिला। लेकिन, इनके एक्टर चाहे वह पूजा बेदी हो या पूजा बत्रा या स्टोर मार्क रॉबिंसन, फिल्मों में बुरी तरह से फ्लॉप रहे।
फ्री सेक्स की चाह में
अब नजरिया बदल रहा है। यह एड बनाने का नजरिया है कि वह अपने उत्पाद के लिए दर्शकों को किस प्रकार से आकर्षित करता
है। १९७० के दशक में भारत सरकार का निरोध का विज्ञापन सुबकती औरत की फोटो के साथ गर्भ को रोकने का अच्छा और आसान उपाय निरोध कह कर प्रचार करता था। इस एड के साथ एड्स का डर भी घुसा रहता था। लेकिन, अब काफी कुछ बदल रहा है। अगर किसी उत्पाद के लिए यूथ को टारगेट
करना है तो कामुकता ज़रूरी हो जाती है। यही कारण है कि अब गर्भनिरोधक के विज्ञापनों में पोर्न फिल्मों की पूर्व अभिनेत्री सनी लियॉन ज़रूरी हैं या लीला के साथ रासलीला करने वाले रणवीर सिंह। डुरेक्स का विज्ञापन इसकी पुष्टि करता है कि युवा लड़कियां रणवीर सिंह में कामुकता देखती है। अब गर्भनिरोधक अनिच्छुक गर्भ रोकने या एड्स से बचने का जरिया ही नहीं रहे। अब यह मौज मजे का ज़रिया बन गए हैं। भारतीय युवाओं में फ्री सेक्स की चाह ने कंडोम्स महत्वपूर्ण बना दिए हैं। कंडोम्स बनाने वाली कंपनियों के निशाने में भी यही फ्री सेक्स है।
मामला बाजार का
कभी भारत सरकार गर्भ निरोधक निरोध मुफ्त बांटा करती थी। हाल ही में यह आउटलेट्स से फ्री बांटे गए। मगर अब गर्भ निरोधक केवल निरोधक नहीं रह गए । अब यह इंडस्ट्री सरकार के कल्याणकारी एजेंडे से हट कर फायदे की इंडस्ट्री बन गई है। एक अनुमान के अनुसार गर्भनिरोधक का कुल व्यापार ७७७ करोड़ से ज़्यादा का है। बाजार का सबसे ज़्यादा हिस्सा ३२.४ प्रतिशत मैनफोर्स का है। दूसरे स्थान पर मूड्स (१२.७ प्रतिशत) और तीसरे स्थान पर स्कोर (१०.३ प्रतिशत) है। बाकी कंपनियां ४६ प्रतिशत के लिए ज़द्दोज़हद कर रही है। गर्भनिरोधक के मुख्य ब्रांड में मैनफोर्स फ्लेवरड डॉटेड कंडोम, कोहिनूर कंडोम, डुरेक्स एक्सटेंडेड प्लेज़र कंडोम्स, कामसूत्र फ्लेवरस कंडोम्स, मूड्स डॉटेड कंडोम्स, स्कोर कंडोम्स मल्टीप्ल वैरायटी कॉम्बो, कामसूत्र हनीमून पैक, स्कोर नॉटआउट कक्ष डिले कंडोम्स, डीलक्स निरोध (सरकारी), लाइफस्टाइल (स्किन), आदि नाम उल्लेखनीय हैं। यह सभी नाम युथ को टारगेट करने वाले हैं।
रणवीर सिंह पहली पसंद नहीं थे
अपने गर्भनिरोधक डुरेक्स के विज्ञापन के लिए कंपनी की पहली पसंद रणवीर सिंह नहीं थे। कंपनी चाहती थी कि सीरियल किसर इमरान हाश्मी इस विज्ञापन को करें। इमरान हाश्मी के इंकार करने के बाद अर्जुन रामपाल से संपर्क किया गया। अर्जुन ने भी यह विज्ञापन करने से मना कर दिया। अंत में रणवीर सिंह से संपर्क साधा गया। अपनी फिल्मों से कैसानोवा इमेज बनाने वाले दिलफेंक आशिक़ रणवीर सिंह डुरेक्स के विज्ञापन के लिए परफेक्ट चॉइस साबित हुए। साफ़ है कि कंपनी का इरादा कंडोम से कामुकता को जोड़ने का था।
ज़रुरत भी मज़बूरी भी
गर्भनिरोधक कंपनियों का अपने विज्ञापनों में बॉलीवुड सेलिब्रिटी को लेना उनकी ज़रुरत भी है और मज़बूरी भी। डुरेक्स ने अपनी एक विज्ञापन फिल्म बिना किसी सेलिब्रिटी के बनाई थी, जिसमे एक लड़का सपने में लिफ्ट में एक कामुक लड़की से सेक्स करता है। तभी उसकी नींद खुल जाती है। वह भौंचक सा अपनी मेज की ड्रॉर खोलता है। उसके डुरेक्स सुरक्षित है। वह खिल उठता है। लेकिन, यह विज्ञापन अश्लील माना गया और बैन कर दिया गया। रणवीर सिंह ने इस उत्पाद को अपनी इमेज के सहारे युवाओं के बीच चर्चित कर दिया। अब जहाँ सनी लियॉन कामुकता का प्रतीक है, वहीँ रणवीर सिंह मौज-मजा और मस्ती का प्रतीक है। यहीं कारण है कि अब कंडोम डर से छुटकारा पाने का उपाय नहीं, बल्कि युवा मौज-मज़ा का प्रतीक बन गए हैं। मैनफोर्स का नवरात्री वाला एड इसी को ध्यान में रख कर बनाया गया है। वहीँ स्कोर को कभी बॉलीवुड सेलिब्रिटी की ज़रुरत नहीं महसूस हुई। उसकी कल्पनाशीलता से भरपूर एड फ़िल्में अनजाने मॉडल्स के साथ भी अपने उपभोक्ताओं को सन्देश पहुँचाने में कामयाब होती हैं।
जहाँ कंडोम निर्माता कंपनियां बॉलीवुड एक्टर्स के सहारे अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने की कोशिश में हैं। वहीँ दूसरी ओर पारसी समुदाय की चिंता दूसरी है। उनकी आबादी दिनों दिन कम होती जा रहे है। इसलिए, उनका एनजीओ जिओ पारसी बड़े बड़े विज्ञापनों के ज़रिये युवाओं से शादी करने और कम से कम 'आज' कंडोम का उपयोग न करने का अनुरोध करता है।
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