देव आनंद, अगर आज जीवित होते तो ९४ साल के हो गए होते। वह अपने जीवन पर्यन्त कितने सक्रिय थे, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनकी बतौर निर्माता, निर्देशक और अभिनेता आखिरी फिल्म चार्जशीट ३० सितम्बर को रिलीज़ हुई थी, जबकि उनकी मृत्यु हृदयाघात से ३ दिसंबर को हुई। देव आनंद ने बतौर फिल्म अभिनेता ११४ फ़िल्में की। इनमे से ९० फ़िल्में सोलो हीरो थी। देव आनंद के इस रिकॉर्ड को राजेश खन्ना ने ९२ सोलो हीरो फ़िल्में करके तोड़ा था। उन्होंने बतौर निर्माता ३५ फ़िल्में बनाई। उन्होंने १९ फिल्मों का निर्देशन भी किया। उनकी लिखी १३ फिल्मों में आंधियां, प्रेम पुजारी, हरे रामा हरे कृष्णा, हीरा पन्ना, देश परदेश, आदि उल्लेखनीय थी। देव आनंद की फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा तत्कालीन गोवा में नशीली दवाओं में झूमते हिप्पियों की कहानी थी। प्रेम पुजारी देश प्रेम से ओतप्रोत फिल्म थी। सस्पेंस फिल्मों के लिहाज़ से उनकी फिल्म ज्वेल थीफ मील का पत्थर फिल्म थी। उन्होंने सेंसर बोर्ड को तंज कसते हुए फ़िल्म सेंसर का निर्माण किया था। मिस्टर प्राइम मिनिस्टर की पृष्ठभूमि में कच्छ का भूकंप था। वह १९५७ से १९६४ के बीच बॉलीवुड के सबसे ज़्यादा फीस पाने वाले एक्टर थे। देव आनंद के भांजे शेखर कपूर हैं। शेखर कपूर का फिल्म डेब्यू देवानंद की फिल्म इश्क़ इश्क़ इश्क़ से हुआ था।
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