१९९४ की मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन १९ नवंबर को ४२ पूरे हो जाएँगी। मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय के साथ मिस यूनिवर्स बानी सुष्मिता सेन को भी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री हाथोंहाथ लिया। उनकी पहली हिंदी फिल्म दस्तक १९९६ में रिलीज़ हुई। विक्रम भट्ट निर्देशित इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली। अलबत्ता, विक्रम भट्ट से नाम जुड़ जाने के कारण सुष्मिता सेन के करियर को नुकसान ज़रूर हुआ। दूसरी फिल्म सनी देओल के साथ ज़ोर भी फ्लॉप हुई। सुष्मिता सेन के करियर को फ्लॉप फिल्मों ने उतना नुकसान नहीं पहुंचाया, जितना उनके रोमांस और गैर ज़िम्मेदाराना रवैये और गलत फिल्मों के चुनाव ने। उनकी पिछली हिंदी फिल्म नो प्रॉब्लम (२०१०) को रिलीज़ हुए सात साल हो चुके हैं। उनके पास कोई हिंदी फिल्म नहीं है। चूंकि, सुष्मिता सेन पहली भारतीय महिला हैं, जिसने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता, इसलिए उन्हें अधिकार है कि वह मिस यूनिवर्स के लिए भारत से प्रतिनिधि सुंदरी भेजे। इसके लिए सुष्मिता सेन ने आई एम शी- मिस यूनिवर्स इंडिया प्रोजेक्ट की स्थापना कर रखी है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday 26 September 2017
सात सालों से परदे पर नहीं देखी गई सुष्मिता सेन
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Sushmita Sen,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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