Saturday, 30 September 2017

अलविदा बॉलीवुड के गोरा साहब !

टॉम आल्टर नहीं रहे।  कैंसर की चौथी स्टेज से जूझ रहे टॉम आल्टर ने शुक्रवार (२९ सितम्बर) की रात आखिरी सांस ली।  वह ६७ साल के थे।  अमेरिकन क्रिस्चियन मिशनरी की संतान टॉम आल्टर के दादा जी १९१६ में भारत आ गए।  शुरूआती दौर में मद्रास (आज के चेन्नई) में रहने के बाद पूरा परिवार लाहौर चला गया।  टॉम आल्टर के पिता का जन्म स्यालकोट  में हुआ था।  भारत विभाजन के  बाद टॉम आल्टर के पिता भारत आ गए, जबकि दादा जी पाकिस्तान में ही रहे।  पूरा परिवार सेटल हुआ उत्तराखंड में मसूरी में।  टॉम आल्टर ने स्कूल में हिंदी सीखी।  वह जल्द ही नीली आँखों वाले अच्छी हिंदी-उर्दू बोलने वाले  साहब के बतौर मशहूर हो गए।  राजेश खन्ना की फिल्म आराधना देखने के बाद उन्हें अभिनय का शौक चढ़ा तो मुंबई का रुख किया।  चूंकि, उनकी हिंदी-उर्दू अच्छी थी, इसलिए उन्हें हिंदी फिल्मों में काम भी मिलने लगा।  वह नाटकों में भी हिस्सा लेने लगे।  उन्हें रामानंद सागर की फिल्म चरस में चीफ कस्टम ऑफिस कर रोल मिलने के बाद सत्यजीत रे की फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में अंगेज़ अफसर कैप्टेन वेस्टन का रोल मिला।  गोरे साहब के रूप में टॉम आल्टर की लोकप्रियता
फिल्म दर फिल्म बढती चली गई।  उन्हें अपनी ज़्यादातर फिल्मों गोरे साहब (अँगरेज़) के किरदार मिले।  उनहोने साउथ में भी कुछ फ़िल्में की।  वह २०१७ में रिलीज़ फिल्म रीड्रम में एरिक फर्नांडीज़ और सरगोशियां में एलन आल्टर के किरदार कर रहे थे।  आजकल, उन्हें सीरियल  रिश्तों का चक्रव्यूह गुरूजी की भूमिका में देखा जा रहा था ।  वह सम्मानित पत्रकार ही थे।  उन्होंने सचिन तेंदुलकर का पहला इंटरव्यू भी किया था।  फिल्म अमर अकबर अन्थोनी में उन्होंने अभिनेता जीवन के जुड़वा भाई के लिए डबिंग की थी।  वह टाइगर श्रॉफ की फिल्म बागी २ की कास्ट में शामिल किये गए थे।  अलविदा गोरा साहब ! तुम बहुत याद आओगे। 

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