Friday 10 January 2020

वफादार किलेदार से दिलफेंक पिता तक Saif Ali Khan


अजय देवगन की प्रमुख भूमिका वाली फिल्म तानाजी द अनसंग वारियर में, सैफ अली खान का  चरित्र राजपूत योद्धा उदयभान राठोर, फिल्म ओमकारा के लंगड़ा त्यागी की तरह खलनायक नहीं है। दृष्टिकोण के लिहाज़ से यह चरित्र, तानाजी और छत्रपति शिवाजी के हितों के खिलाफ है। लेकिन, वह अपने शासक राजा आमेर के प्रति वफादार है। बेशक आमेर का राजा मुग़ल शासकों का हित रक्षक है. लेकिन, उदयभान अपने कर्तव्य, वफादारी और समर्पण के लिहाज़ से बहुत साफ़ है।

तानाजी के मुक़ाबले सशक्त 
बताते हैं कि निर्देशक ओम राउत ने, तानाजी में सैफ के किरदार को तानाजी के मुकाबले काफी सशक्त बनाया है। क्योंकि तानाजी की वीरता का तोड़ तो कोई उससे ज्यादा या बराबरी का साहसी और वीर योद्धा ही हो सकता है। इस भूमिका को करते हुए सैफ अली खान, कितने प्रभावी साबित होते हैं, यह फिल्म की सफलता की दृष्टि से बहुत ख़ास होगा।

भिन्न भूमिकाये 
४९ साल के सैफ अली खान को अब ऐसी भूमिकाये मिल रही हैं, जो उन्हें रोमांटिक चॉकलेटी हीरो के खोल से बाहर निकाल लाती है। वह शेफ में, स्वादिष्ट भोजन बना सकने वाला खानसामा बने थे। कालकांडी में उनका किरदार कैंसर से मर रहा है। बाज़ार में वह एक चालाक और चालबाज़ शेयर ब्रोकर बने थे। लाल कप्तान में अपना बदला लेने निकला नागा साधू बने सैफ अब वफादार किलेदार बन गए हैं।

लेखक से दिलफेंक पिता 
तानाजी द अनसंग वारियर के बाद, सैफ अली खान की दो अन्य फ़िल्में इस साल रिलीज़ होनी है। इनमे भी उनकी भूमिकाओं काफी अलग और महत्वपूर्ण है। निर्देशक मुकेश छाबरा की फिल्म दिल बेचारा में, सैफ अली खान एक रहस्यमय लेखक की भूमिका कर रहे हैं, जो फिल्म के मुख्य चरित्रों के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी बनता है। दूसरी फिल्म जवानी जानेमन एक बाप-बेटी के रिश्ते की हास्य कथा है। सैफ अली खान, नवोदित अलिया ऍफ़ के पिता की भूमिका कर रहे हैं, जो दिलफेंक किस्म का पिता है। 


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