Wednesday, 4 May 2016

कॉमेडियन एवं एक्टर सिद्धार्थ सागर ने म्यूजिक एल्बम "फंकी गर्ल्स" रिलीज़ किया

रूपेश राय प्रोडक्शन की नई पेशकश म्यूजिक एल्बम "फंकी गर्ल्स" का लोकार्पण, लोकप्रिय कॉमेडियन एवं एक्टर सिद्धार्थ सागर ने ३ मई २०१६ को मुंबई के सांताक्रुज़ स्तिथ 'लाइट बॉक्स' थिएटर में किया।  इस अवसर पर मराठी फिल्म 'उर्फी' के निर्माता युवराज वर्मा व सरताज मिर्ज़ा, फिल्म 'कैनाडा दी फ्लाइट' से लोकप्रिय हुई अभिनेत्री अनुष्का शर्मा व मीडिया के मान्यजन उपस्थित थे। रूपेश जी ने बताया की लगभग ४०० म्यूजिक एल्बम एवं कई विज्ञापन फिल्में बनाने के बाद इस एल्बम को बनाते वक्त उन्हें बेहद संतुष्टी मिली, क्योंकि इसके निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जो अब तक किसी अन्य म्यूजिक एल्बम में नहीं किया गया है। सिद्धार्थ सागर ने कहा की वीडियो को देखने में उन्हें काफी आनंद आया, इसके कंप्यूटर ग्राफ़िक ने उन्हें अत्यधिक प्रभावित किया है। इस एल्बम की अभिनेत्री मॉडल ममता सोनी, नेपाल की रहने वाली हैं पर अपना कर्रिएर मॉडल और अदाकारा के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं, यह उनकी प्रथम म्यूजिक एल्बम है, और उनके परफॉर्मेंस देख कर प्रतीत होता है की वो हंगामा जरूर करेंगी। रूपेश ने बताया की भविष्य में वे जल्द ही सिद्धार्थ सागर के साथ नए प्रोजेक्ट की तैयारी कर रहे हैं, जिसमे उनके साथ युवराज वर्मा एवं सरताज मिर्ज़ा भी होंगे। "फंकी गर्ल्स" का निर्माण रूपेश राय प्रोडक्शन ने किया है, निर्देशन रूपेश राय सिकंद का है, संगीत व गीत अल्ताफ सय्यद का, स्वर प्रकृति कक्कड़ एवं आन्या का, मॉडल ममता सोनी व संगीत ज़ी म्यूजिक लोगो के समक्ष ला रहे हैं। इस म्यूजिक एल्बम के वीडियो को यू ट्यूब पर ६ लाख से ज़्यादा लाइक्स मिल चूका है।

क्या 'रईस' इतना 'काबिल' है कि 'बादशाहो' साबित हो सके !

पांच साल में दूसरी बार शाहरुख़ खान और अजय देवगन की फिल्मों का टकराव होने जा रहा है।  २०१२ में अजय देवगन की फिल्म सन ऑफ़ सरदार से शाहरुख़ खान ने अपनी फिल्म जब तक है जान टकरा दी थी।  यह मामला कोर्ट तक गया था।  इस टकराव का नुक्सान दोनों फिल्मों को हुआ।  हालाँकि, दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर बढ़िया बिज़नेस किया।  लेकिन, अगर यह फ़िल्में सोलो रिलीज़ होती तो ज़्यादा बिज़नेस हो सकता था।  शाहरुख खान अपनी फिल्मों के टकराव के लिए बदनाम हैं।  उन्होंने पिछले साल क्रिसमस से पहले अपनी फिल्म दिलवाले की रिलीज़ संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक रोमांस ड्रामा फिल्म बाजीराव मस्तानी के सामने करवा दी थी।  वह समझते थे कि २००७ का इतिहास दोहराया जायेगा।  बाजीराव मस्तानी भी सांवरिया की तरह फ्लॉप साबित होगी और एक्शन कॉमेडी फिल्म दिलवाले बड़ी हिट साबित होगी।  लेकिन, हुआ उलटा।  दिलवाले फ्लॉप साबित हुई, जबकि बाजीराव मस्तानी ने शाहरुख़ खान की फिल्म को बहुत पीछे छोड़ दिया।
शाहरुख़ खान इस पराजय से तिलमिला गए थे।  फैन के खराब प्रदर्शन ने बॉक्स ऑफिस के बादशाह खान को सतर्क कर दिया था।  इसीलिए, जब इस साल ईद को उनकी फिल्म रईस का सलमान खान की फिल्म सुलतान से टकराव  सुनिश्चित सा लगा तो उन्होंने रईस की रिलीज़ अगले साल के लिए टाल दी। हालाँकि, दो कारणों से यह उनका गलत निर्णय था।  पहला कारण यह कि इस प्रकार से उन्होेंने खुद की सलमान खान से हार मान ली थी और खुद को छोटा एक्टर साबित कर दिया था।  दूसरा कारण यह था कि इस टकराव के बावजूद वह बुरे फंस गए थे।  रईस की रिलीज़  २६ जनवरी २०१७ के लिए तय की गई।  इस दिन अजय देवगन की फिल्म बादशाहो रिलीज़ हो रही है।  बादशाहो की टक्कर ऋतिक रोशन की फिल्म  काबिल से हो रही थी।  लेकिन, शाहरुख़ खान ने रईस को २६ जनवरी को रिलीज़ कर इस सीधे संघर्ष को त्रिकोणीय बना दिया।  ट्रेड पंडित यह मान रहे हैं कि बादशाहो और काबिल के निर्माता अपनी फिल्मों की रिलीज़ किसी दूसरी तारिख को कर सकते हैं।  लेकिन, यह अनुमान ही है।  ऐसा ही अनुमान पिछले साल भी लगाया गया था कि संजयलीला भंसाली शाहरुख़ खान की फिल्म से अपनी फिल्म बाजीराव मस्तानी के टकराव को टालने के लिए रिलीज़ की तारिख टाल सकते हैं।  लेकिन भंसाली एक हफ्ता तक नहीं हिले थे। इसका नतीजा क्या हुआ ? क्या इस बार भी २६ जनवरी २०१७ को शाहरुख़ खान डबल नुकसान झेलने जा रहे हैं ?

आँखें २ से बाहर जॉन अब्राहम !

बॉलीवुड गलियारों से खबर है कि जॉन अब्राहम ने २००२ की हिट फिल्म आँखे के सीक्वल आँखें २ को छोड़ दिया है।  इस फिल्म में जॉन पहली बार एक अंधे का किरदार करने जा रहे थे।  २००२ की आँखें में अक्षय कुमार, अर्जुन रामपाल और परेश रावल अंधे किरदारों में थे।  यह फिल्म एक गुजराती नाटक पर थी, जिसमे एक बैंक मैनेजर तीन अंधे आदमियों से अपने ही बैंक में डकैती डलवाता है। फिल्म में बैंक  मैनेजर का किरदार अमिताभ बच्चन ने किया था।  सीक्वल फिल्म आँखें २ में  अमिताभ बच्चन निगेटिव रोल में ही हैं।  लेकिन, अक्षय कुमार और अर्जुन रामपाल ने सीक्वल फिल्म  में काम करने से मना कर दिया था।  अक्षय कुमार की जगह जॉन अब्राहम आ गए थे।  आँखे २ का निर्देशन अनीस बज़्मी कर रहे थे।  अनीस बज़्मी और जॉन अब्राहम ने पिछले साल ही वेलकम रिटर्न्स जैसी हिट फिल्म दी थी।  जॉन ने दो कारणों से फिल्म छोड़ी।  पहला यह कि वह फ़ोर्स २ के सेट पर घायल हो गए थे।  फिल्म का शिड्यूल पिछड़ गया था।  दूसरा यह कि जॉन अब्राहम ने अपनी फीस बढ़ा कर १२ करोड़ कर दी थी, जिसे फिल्म के निर्माता गौरांग दोषी नहीं दे पा रहे थे। अनीस बज़्मी ने भी जॉन को बनाये रखने की भरसक कोशिश की थी।  अब खबर है कि जॉन अब्राहम के बदल के रूप में किसी ए ग्रेड के अभिनेता की खोज की जा रही है।  अनिल कपूर फिल्म में आ गए हैं।  फिल्म में एक हीरोइन के लिए कैटरीना कैफ से संपर्क साधा गया है।  आँखें (२००२) में बिपाशा बासु और सुष्मिता सेन नायिकाएं थी।

उत्तर प्रदेश का मुज़फ्फरनगर, 'सुल्तान' का हरियाणा !

बॉलीवुड के निर्माता उत्तर प्रदेश सरकार की फिल्म नीति का फायदा उठा कर करोड़ों हड़पने के लिए नई नई चालें चलते रहते हैं।  ऎसी चालों का ताज़ा उदाहरण  है यशराज बैनर की अली अब्बास ज़फर निर्देशित फिल्म सुल्तान।  इस फिल्म में हरियाणा के पहलवान सुल्तान की भूमिका सलमान खान कर रहे हैं।  हालाँकि, सुल्तान की कहानी की पृष्ठभूमि हरियाणा की है, लेकिन इस फिल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश में मुज़फ्फरनगर में हो रही है।  सुल्तान की शूटिंग हरियाणा में क्यों नहीं हो रही, जबकि आमिर खान की फिल्म दंगल की शूटिंग हरियाणा में ही हो रही है ? यह तो नहीं मालूम की हरियाणा में शूटिंग करने पर फिल्मों को कोई रियायत या मदद मिलती है।  लेकिन, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार फिल्मों को लेकर काफी उदार है।  उत्तर प्रदेश में शूटिंग करने पर मनोरंजन कर में छूट तो मिलती ही है, काफी सुविधाएं और करोड़ों का अनुदान भी मिल जाता है। फिर सुल्तान तो यशराज फिल्मस बैनर की फिल्म है।  यशराज फिल्म्स की समाजवादी पार्टी की सरकार से नज़दीकियों का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछली बार के मुलायम सिंह सरकार के समय में यशराज बैनर की तमाम घटिया फिल्मों को भी कर छूट मिल गई थी ।  इस बार भी ऐसा ही होने जा रहा है। बॉलीवुड गलियारों से खबर है कि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री ने मिलने आये अली अब्बास ज़फर को आश्वस्त किया है कि सुल्तान उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री कर दी जाएगी।  लेकिन, बुरी खबर यह है कि मुज़फ्फरनगर के लोगों ने शिकायत की है कि फिल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश में तो ज़रूर की जा रही है, लेकिन उसे हरियाणा दिखाया जा रहा है।  लोगों को शिकायत है कि छूट का लाभ लेने के लिये मुज़फ्फरनगर में मोरना के लोगों के लहज़े को हरियाणा के लोगों जैसा दिखाया जा रहा है।  इसे लेकर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद भी दायर हुआ है।

Tuesday, 3 May 2016

मेरी दो दो माँ है- भव्य गांधी

मदर डे यानि की माँ दिवस के खास मौके पर ' तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में टप्पू का किरदार निभाने वाले भव्य गांधी देश की सभी माँ को नमन करते है । टप्पू यानि भव्य गांधी उन  खुश किस्मतों  में से  है जो सेट पर एक नहीं बल्कि दो माँ के साथ पूरा दिन बिताते  है । जी हाँ टप्पू  यानि भव्य गांधी का जब भी शूट होता है तब तब की रील माँ यानि दयाबेन और  रियल माँ यानि यशोदा गांधी सेट पर होते है । भव्य गांधी कहते हैं, "दरअसल माँ को प्यार और सत्कार देने का सिर्फ एक दिन नहीं होता है । जब दिल करे माँ को प्यार कर लो . नसीब वालो को माँ का प्यार मिलता है । मै तो कुछ ज्यादा ही  नसीबवाला हूँ, क्योकि मुझे एक  नहीं बल्कि दो माँ का प्यार मिलता है । एक मेरे तारक मेहता शो की माँ यानि की दयाबेन और दूसरी मेरी  रियल माँ जिसने मुझे जन्म दिया है । दर असल सबसे अच्छी बात यह है की तारक मेहता के सेट पर एक साथ मुझे दोनों माँ का प्यार मिलता है । जैसे ही कैमरा ऑन दयाबेन और जैसे ही कैमरा ऑफ मेरी रियल माँ आ जाती है । दिशा दीदी का स्वभाव बहुत अच्छा है । आज हम एक साथ पिछले सात सालो से शूटिंग कर रहे है । उन्होंने मुझे स्कूल से कॉलेज जाते हुई देखा है । हर माँ की तरह उन्होंने ने भी मेरे बचपन से लेकर युवा  तक का सफर देखा है और वो हमेशा मुझे सीख  देती है जो कि मेरे लिए बहुत अच्छा होता है । सेट पर मेरी रियल माँ और दिशा दीदी की खूब जमती है दोनों एक साथ बातचीत  करती है । भगवान् ने मुझे दो माँ  दिया है और दोनों माँ के साथ मैं मदर डे मनाऊंगा ।

रेस्टोरेंट के किचन में मिली थी राजा हरिश्चंद्र की तारामती

यह वाक़या कोई १०३ साल पहले का है।  मुंबई के कोरोनेशन थिएटर के बाहर लोगों की भीड़ जमा थी।  उन्हें इंतज़ार था ३७०० फिट लम्बी ४० मिनट की फिल्म का, जो भारत की पहली चलती फिरती तस्वीर साबित होने जा रही थी।   यह वही चलती फिरती तस्वीरें थी, जिन्होंने १८९५ में लुमियरे बंधुओं की फिल्म लंदन से पूरे यूरोप में सनसनी फैला दी थी ।  जुलाई १८९६ में लुमियरे बंधुओं ने भारत में भी अपनी लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया। पहली भारतीय लघु फिल्म फ्लावर ऑफ़ पर्शिया १८९८ में रिलीज़ हुई।  इस फिल्म का निर्देशन हीरालाल सेन ने किया था।   लेकिन, ३ मई १९१३ को भारतीय  द्वारा, भारत में, भारतीय तकनीक से बनी फिल्म रिलीज़ हो रही थी।  इस फिल्म को फाल्के ने छह महीनों में बनाया था।  यह देसी फ़िल्म का पहला व्यवसायिक प्रदर्शन था।   क्योंकि,राजा हरिश्चन्द्र को कुछ चुनिंदा लोगों,  अख़बारों के सम्पादकों को ओलम्पिया थिएटर ग्रांट रोड में २१ अप्रैल २०१३ को ही प्रीमियर प्रीव्यू में दिखाया  जा चूका था।  बॉम्बे में कोरोनेशन थिएटर के बाहर जमे दर्शकों में अपनी देसी फिल्म देखने की उत्तेजना थी।  जैसे ही मूक फिल्म राजा हरिश्चन्द्र का पहला शो ख़त्म हुआ, एक इतिहास बन गया। यह फिल्म २३ दिन चली।  इसके बाद तो भारतीय सिनेमा लोकप्रियता की कई सीढ़ियां चढ़ता चला गया।  हालाँकि,राजा हरिश्चन्द्र आज भी विवादित  है, क्योंकि लोगों का मानना हैं कि बाबासाहेब तोरणे की १८ मई २०१२ को रिलीज़ फिल्म श्री पुंडलीक पहली भारतीय फिल्म थी।  परन्तु, तोरणे का दावा इस बिना पर खारिज हो जाता है कि इस फिल्म को विदेशी सहयोग से  बनाया गया था। अब इसे इत्तेफ़ाक़ ही कहा जायेगा कि  १०३ साल बाद ६ मई को दो दूसरी हिंदी फिल्मों के साथ विक्रम भट्ट की हॉरर फिल्म १९२०- लंदन के टाइटल के साथ भी लंदन है।  राजा हरिश्चन्द्र को  मराठी,हिंदी और इंग्लिश सबटाइटल के साथ रिलीज़ किया गया था।  इस फिल्म को पहले एक ही प्रिंट तैयार कर रिलीज़ किया गया।   लेकिन, जैसे ही राजा हरिश्चन्द्र को दर्शकों की पसंदगी मिली,  फालके ने इसके कई प्रिंट तैयार करवाए।  इस फिल्म में दत्तात्रेय दामोदर डाबके ने राजा हरिश्चन्द्र का किरदार किया था।   चूंकि, दादासाहेब को तारामती की भूमिका के लिए कोई महिला नहीं मिल रही  थी, इसलिए खूबसूरत चेहरे वाले  अन्ना सालुंके ने तारामती को धोती पहन  कर किया था। फाल्के को अपनी फिल्म की तारामती यानि सालुंके एक रेस्टोरेंट के किचन में मिले  थे,जहां वह रसोइये का काम करते थे।  दादासाहेब के बड़े बेटे बालचंद्र डी फालके रोहितास बने थे।  इस फिल्म की ओपनिंग राजा रवि वर्मा की राजा हरिश्चन्द्र और उनकी  पत्नी तारामती की पेंटिंग के साथ होती थी।  इस फिल्म के प्रमोशन में कहा जाता था - ५७ हजार फोटोग्राफ्स और दो मील लम्बी फिल्म का प्रदर्शन सिर्फ ३ आना में।

Friday, 29 April 2016

सनी लियॉन के साथ वन नाईट स्टैंड में तनुज वीरवानी

अपनी अदाकारी और बोल्ड इमेज से बॉलिवुड में धमाल मचाने वाली सनी लियोनी बड़े पर्दे पर छाने के लिए एक बार फिर से तैयार हैं, क्योंकि उनकी आनेवाली फिल्म वन नाइट स्टैंडमें भी हॉट सींस की भरमार है और हमेशा की तरह सनी इस फिल्म में भी हॉट और सेक्सी अवतार में हैं।
सनी लियोन को पर्दे पर बेहद हार्ट और मादकता से भरपूर अवतारों के लिए खास रूप से जाना जाता है। स्वाभाविक रूप से उनकी फिल्म वन नाइट स्टैंडभी इससे अछूती नहीं है, क्योंकि इस फिल्म में भी उन्होंने सभी सीमाओं को हरसंभव लांघने की कोशिश की है। जैस्मीन डिसूजा के निर्देशन में बनी इस फिल्म का निर्माण स्विस एंटरटेनमेंट कंपनी ने किया है, जबकि फिल्म में मुख्य भूमिका में सनी लियोनी एवं नायरा बनर्जी के साथ अपने जमाने की खूबसूरत अभिनेत्री रति अग्निहोत्री के पुत्र तनुज विरानी हैं।
इस फिल्म के दो-दो हिट गीत लव यू सोनियोएवं पुरानी जींसमें सनी के साथ नजर आनेवाले 29 वर्षीय तनुज विरवानी से जब इस फिल्म में सनी के अपोजिट काम करने के फैसले पर उनकी मां रति अग्निहोत्री की प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘मैनें ये फिल्म साइन करने से पहले अपनी मम्मी को बताया कि मैं सनी लियोनी के साथ एक फिल्म, जिसका नाम वन नाइट स्टैंडहै, करने जा रहा हूं, तो ये सुनकर उन्हें अच्छा लगा। बस, उन्होंने यही कहा कि देखो बेटा, जब सनी लियोन की फिल्म होती है, तो फिल्म में लोग उन्हें ज्यादा देखना चाहते हैं। आप बस यह देखना कि आपका रोल अच्छा हो। किरदार चाहे छोटा ही सही, लेकिन दमदार होना चाहिए।तनुज ने बताया, ‘मेरी मां पहले दिन सेट पर भी आईं और वे सनी लियोनी से मिली और उन्हें काफी खुशी हुईं।
सनी ने बहुत ही कम समय बहुत ज्यादा लोकप्रियता हासिल कर ली है, क्योंकि वह पर्दे पर चुंबन सीन देती हैं, बिकनी पहनती हैं और हॉट सींस देती हैं। लेकिन उन्हें इस बात की शिकायत है कि आखिर उन्हें क्यों केवल मैं बोल्ड दिवाकी श्रेणी में ही घसीटा जाता है। लेकिन क्या वन नाइट स्टैंडकी अवधारणा उचित है? पूछने पर सनी कहती हैं, ‘इंडियन सोसाइटी में भी ऐसा होता है, लेकिन सच बात यह है कि इसे स्वीकार करना इतना आसान नहीं होता। लेकिन, इस बारे में एक जरूर कहूंगी कि इस एक बात से लोगों को उसके चरित्र के बारे में अनुमान नहीं लगा लेना चाहिए। हो सकता है, इसका कारण एक विशेष परिस्थिति हो या किसी का अकेलापन भी हो सकता है।
फिल्म की कहानी के बारे में पूछने पर निर्देशक जैस्मीन डिसूजा कहते हैं, ‘यह फिल्म दो लोगों के बीच गुजरी एक रात की कहानी पर आधारित है, जिसमें दोनों के बीच संबंध बनते हैं और फिर दोनों को प्यार हो जाता है।लेकिन इस अवधारणा के बारे में जैस्मीन डिसूजा कहते हैं, ‘आमतौर पर लोगों की मानसिकता का एक यह है कि जब एक लड़का या पुरुष कुछ गलत भी करे, तो यह उनकी ओर से ठीक है, लेकिन वही गलती अगर महिलाएं करें, तो बहुत बड़ा मुद्दा बना दिया जाता है। आखिर, यह कहां का न्याय है? कुछ इसी तथ्य पर बेस्ड है फिल्म वन नाइट स्टैंड।

यह पूछने पर कि आखिर महज 55 दिनों में फिल्म कैसे कंप्लीट हो गई? निर्देशक ने कहा, ‘यह सब आपकी योजना पर निर्भर करता है। जब आप सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से और बेहतर ढंग से कार्यान्वित करते हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं होता। मैं क्या और कैसा चाहता था, सब कुछ पहले से तय था, तो चीजें वास्तव में आसानी से होती चली गईं। वैसे, मैं इसके लिए अपनी टीम का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।

मराठी चैनल "माय मराठी” के चीफ एडिटर श्री नंदकुमार वेंगुरलेकर का स्वर्गवास

नवोदित मराठी चैनल "माय मराठी" के चीफ एडिटर श्री नंदकुमार वेंगुरलेकर का बुधवार २७ अप्रैल २०१६ को उनके चारकोप स्तिथ निवास स्थान पर स्वर्गवास हो गया, अपने पीछे वे अपनी पत्नी, बेटी, माता पिता और प्रियजनों को छोड़ गए। 'नवाकाल', 'संध्याकाल', 'मुंबई संध्या' जैसे कई अखबारों के साथ पिछले २५ वर्षो से जुड़े रहे श्री नंदकुमार वेंगुरलेकर जी इस समय "माय मराठी" के चीफ एडिटर थे। चैनल का पूरा परिवार श्री मनोज कोरे, श्री शगुन, श्री आभास व अन्य लोग दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते है।

Thursday, 28 April 2016

सेल्फी में व्यस्त दयाबेन और उनकी सहेलियाँ

गोकुलधाम सोसाइटी की दयाबेन, बबिता जी, अंजलि भाभी, माधवी भाभी, रोशन, मिसेज कोमल हांथी सभी ने मन बना लिया है शॉपिंग करने का । जब महिलाएं शॉपिंग का मन बना लेती है तो उन्हें कौन  रोक सकता है । मॉल में शॉपिंग करते करते इन पर चढ़ गया सेल्फी खींचने का खुमार । बस सब ने रंग बिरंगे नकली बाल लगाए और तरह तरह से सेल्फी लेने लगी । सबकी खुशियों पर ग्रहण तब लग गया जब उन्होंने मिस्टर अय्यर को किसी लड़की के साथ इश्क़ करते हुई मॉल में देखा । यह  सब देखकर बबिता जी का दिल टूट गया । दरअसल अय्यर की मदद करने के लिए इस लड़की को अय्यर की जीवन में असित कुमार मोदी लाये है । इस पर दयाबेन का कहना है, " हम सब ने बहुत अलग अलग तरह से मुंह बनकर सेल्फी निकली मगर अय्यर भाई को किसी और लड़की  साथ देखकर हमारे खुशियों खराब हो गई और बबिता जी का दिल टूट गया है ।"

उड़ता पंजाब दिलजीत दोसांझ

दिलजीत दोसांझ की पहचान सिंगर और एक्टर के बतौर है।  वह देश विदेश में अपनी गायिकी के कारण मशहूर हैं।  उन्हें जितनी सफलता बतौर सिंगर मिली, उतनी ही सफलता बतौर एक्टर भी मिली।  दिलजीत पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के सुपर स्टार माने जाते हैं।  २०११ में दिलजीत दोसांझ ने मुख्य धारा की पंजाबी फिल्मों में एंट्री की।  लेकिन, उनकी फिल्म द लायन ऑफ़ पंजाब से करियर की शुरुआत फ्लॉप हुई।  फिल्म का उनका ट्रैक  लक् २८ कुड़ी दा ज़बरदस्त हिट हुआ।  उनकी दूसरी पंजाबी फिल्म जीहने मेरा दिल लुट्या को अच्छी सफलता मिली।  इस फिल्म में गिप्पी ग्रेवाल और नीरू बाजवा की मुख्य भूमिका थी।  उनकी २०१२ में रिलीज़ फिल्म जट्ट एंड जूलिएट को बड़ी सफलता मिली।  अगले ही साल इसके सीक्वल जट्ट एंड जूलिएट २ को भी ज़बरदस्त सफलता हासिल हुई।  २०१५ में रिलीज़ फंतासी फिल्म सरदारजी भी ज़बरदस्त हिट हुई।  इसी साल उनकी रिलीज़ फिल्म अम्बरसरिया भी सफल हो रही है।  अब उनकी २०१५ की फिल्म सरदारजी का सीक्वल सरदारजी २ रिलीज़ होने जा रही है।  सरदारजी २ या द रीटर्न  ऑफ़ सरदारजी  २४ जून को रिलीज़ होनी जा रही है।  लेकिन, इससे पहले १७ जून को दिलजीत दोसांझ की बतौर नायक पहली फिल्म उड़ता पंजाब रिलीज़ हो जाएगी।  इस फिल्म में उनकी जोड़ीदार करीना कपूर खान है।  ज़ाहिर है कि इस लायन ऑफ़ पंजाब ने ज़बरदस्त छलांग लगाईं है।

शाहरुख़ खान ने क्यों पहले की इम्तियाज़ अली की फिल्म !

शाहरुख़ खान, जब फैन की शूटिंग कर ही रहे थे, उस समय उनसे  दो फिल्मकारों आनंद एल राय और इम्तियाज़ अली ने अपनी अपनी फिल्मों की स्क्रिप्ट के साथ संपर्क किया।  खान को दोनों ही स्क्रिप्ट पसंद आई और उन्होंने दोनों ही फिल्मों  को हां कर दी।  फिर यह खबर आई कि शाहरुख़ खान ने आनंद एल राय को तैयार रहने की हरी झंडी दे दी है ।  अब जबकि, फैन रिलीज़ हो चुकी है। खान रईस के पोस्ट प्रोडक्शन में व्यस्त हैं। ताज़ा खबर यह है कि शाहरुख़ खान ने आनंद एल राय के बजाय इम्तियाज़ अली की फिल्म पहले शूट करने का निर्णय लिया है।  रईस का काम ख़त्म करने के बाद वह इम्तियाज़ अली की फिल्म शुरू कर देंगे।  इसके लिए उन्होंने तारीखें भी दे दी हैं।  आखिर शाहरुख़ खान ने राय के ऊपर अली को क्यों तरजीह दी।  जबकि फिल्मों की सफलता के लिहाज़ से आनंद एल राय का रिकॉर्ड ज़्यादा अच्छा है।  उन्होंने तनु वेड्स मनु, रांझणा और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स जैसी लगातार हिट फ़िल्में दी है।  इस समबन्ध में सूत्र बताते हैं कि इम्तियाज़ अली की स्क्रिप्ट शूटिंग करने के लिहाज़ से बिलकुल तैयार है।  जबकि आनंद एल राय को अभी इस पर काम करना है। इसलिए शाहरुख़ खान ने इम्तियाज़ अली को तारीखें अलॉट कर दी।  अब वह राय की फिल्म अली की फिल्म की शूटिंग पूरी होने के बाद करेंगे।  इम्तियाज़ अली की फिल्म परंपरागत रोमांस फिल्म है।  इस फिल्म में शाहरुख़ खान तीसरी बार अनुष्का शर्मा के नायक बनेंगे।  आनंद एल राय की फिल्म कमोबेश एक प्रयोगात्मक फिल्म है।  इस फिल्म में शाहरुख़ खान एक बौने व्यक्ति का किरदार करेंगे।  अभी फैन में प्रयोग कर खान अपना हाथ जला बैठे है।  फैन को समीक्षकों की सराहना तो खूब मिली।  पर दर्शक नहीं मिली।  लगातार १०० करोडिया फिल्म दे रहे खान की यह पहली फिल्म है जो बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ नहीं कमा सकी।  इसलिए, स्वाभाविक है कि शाहरुख़ खान राय की फिल्म में बौने का किरदार को प्रयोगात्मक रिस्क न लेते।


Tuesday, 26 April 2016

गोपीनाथ मूंदे के किरदार में शरद केलकर

जीटीवी के सीरियल सात फेरे के नाहर सिंह के किरदार से मशहूर हुए शरद केलकर की बॉलीवुड यात्रा भी बड़ी प्रभावशाली रही है। संजयलीला भंसाली की फिल्म गोलियों की रास लीला :राम लीला में उनका लीला के भाई कांजी भाई ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। इस साल प्रदर्शित दो फिल्मों, हिंदी फिल्म रॉकी हैंडसम और तेलुगु फिल्म सरदार गब्बर सिंह में उनका नेगेटिव किरदार बहुत सराहा गया। अब वह एक बायोपिक फिल्म कर रहे हैं।  अपनी आगामी मराठी फिल्म "संघर्ष यात्रा" में  वह केंद्रीय मंत्री रहे गोपीनाथ मुंडे के किरदार  में नजर आएंगे। ​दिलचस्प बात यह है कि यह किरदार निभाने के लिए शरद केलकर  को खुद में शारीरिक रूपसे काफी बदलाव करने पड़े। किरदार के लुक में आने के लिए उन्हें कई घंटे ​मेक अप करने में बीत जाते। ​शरद कहते है " ​मेने पहली बार प्रोस्थेटिक्स मेक अप इस्तेमाल किया है। यह बेहद ही जटिल प्रोसेस है और इसमें ३ घंटो तक का समय लग जाता है। मुझे एक जगह बिना किसी मूवमेंट बैठना होता था और इससे मुझे बहुत नींद आती थी। गर्म तापमान के चलते यह मेरे लिए और भी चैलेंजिंग होगया था, क्यूंकि मुझे मेक अप में और ज्यादा पसीना आता है। यह मेरी परीक्षा जैसे रहा। मेक अप को निकालना और भी मुश्किल और तकलीफ देह होता था, क्यूंकि ग्लू चेहरे  से चिपका हुआ रहता था। शुक्र है की हमारी मेहनत का अच्छा नतीजा रहा। हमारा यह प्रयास बेहद अच्छा रहा।"



Monday, 25 April 2016

मधुबाला से प्रेरणा मिली लॉरेन गोटलेब को

लॉरेन गोटलेब ने वेस्ट से इंडिया आकर यहाँ के सिने जगत में एक  डांसर के रूप में अपने करियर की शुरआत की और कड़ी मेहनत करते हुए अपना एक ठोस मुकाम बनाया। शायद इसीलिए दोनों ही इंडस्ट्री के लोग आज उनसे बहुत प्रभावित हैं। मुंबई आने के बाद से ही बॉलीवुड ने उनके टैलेंट को परखते हुए उन्हें हाँथों-हाँथ लिया। लॉरेन ने देखते ही देखते डांसर से अभिनेत्री बनने का सफ़र भी पूरा कर लिया। वह अपने काम के प्रति बेहद सजग और समर्पित अभिनेत्री हैं। इसी के चलते आज तक किसी भी फिल्ममेकर को उनकी आवाज़ की डबिंग किसी और से नहीं करानी पड़ी। भाषा और उच्चारण पर अच्छी पकड़ बना वह खुद ही अपने डायलॉग्स की डबिंग करती हैं, जबकि सभी जानते हैं हिंदुस्तानी भाषा उनके लिए बिलकुल नयी है।वैसे तो लॉरेन शेड्यूल के चलते लगातार व्यस्त ही रहती हैं लेकिन खबर ऐसी आ रही है कि आजकल वह फ़िल्मी दुनिया की एवरग्रीन अभिनेत्री मधुबाला की फिल्में खूब देख रही हैं।वह मधुबाला का काम देख कर बहुत ज़्यादा प्रभावित हुई हैं और उन्होंने उनकी सारी पुरानी फिल्मों का कलेक्शन अपनी एक फ्रेंड की मदद से इकट्ठा कर लिया है।वह मधुबाला की  करिश्माई ख़ूबसूरती और अदाकारी की दीवानी हो गयी हैं। इस पर बात करते हुए लॉरेन ने बताया," मैं मधुबाला जी के बारे में ज़्यादा तो नहीं जानती लेकिन उनके बारे में हमेशा अच्छा ही सुना है।उनको और ज़्यादा जानने के लिए मैंने उनकी सारी मूवीज को कलेक्ट कर लिया है और अब मुझे उनकी फ़िल्म देखने को लत सी हो गयी है।स्क्रीन पर उनकी उपस्तिथि और सौंदर्य गज़ब का दिखता है और मैं उनकी ज़बरदस्त प्रशंसक हो गयी हूँ।"


Saturday, 23 April 2016

भजन रत्‍न’’ रिएलिटी शो का ऑडिशन होगा 24 शहरों में

एक बार फिर देश में रिएलिटी शो की धूम मची है। डांस इंडिया डांस, यू थिंक यू कैन डांस के बीच एक नये रिएलिटी शो का आगाज होने जा रहा हैा लेकिन यह रिएलिटी शो बिलकुल अनूठा है।जो भजन पर बेस्‍ड हैा अथ इंटरटेनमेंट के बैनर तले शुरू होने जा रहे इस रिएलिटी शो क नाम रखा गया है भजन रत्‍न । इस रिएलिटी शो के डायरेक्‍टर पंकज नारायण कहते हैं, ‘’ हम पूरे देश से भजन रत्‍न ढूंढ रहे हैं और यह अपनी तरह का पहला रीयालिटी शो है जिसमें नामी गिरामी बॉलीवुड हस्तियों का  समर्थन मिल रहा है। इस रिएलिटी शो का ऑडिशन 28 मई से शुरू होगा जो 9 जुलाई तक चलेगा। मुंबई, दिल्‍ली, चंडीगढ, देहरादून, गुडगांव, नोएडा, पटना, रांची, हैदराबाद आदि 24 शहरों में इसका ऑडिशन होगा। आस्‍था चैनल पर प्रसारित होने वाले भजन रत्‍न रिएलिटी शो को दर्शक 15 जुलाई से देख सकेंगे। यह अपने आप में पहली
तरह का अनूठा रियालिटी शो है जिसमें सभी धर्म के लोग गाएंगे जिसमें सूफी भी शामिल होगा। जो जीतेगा उसे ‘’भजन रत्‍न‘’ के सम्‍मान से नवाजा जाएगा। एक समय था जब लोग हरिओम शरण और अनूप जलोटा के भजनों को सुनकर अपने दिन की शुरुआत करतेथे, समाचार में सुनाई पडता था कि सचिन तेंदुलकर क्रीज पर जाने से पहले हरिओम शरण की भजन सुनते थे जिससे उनकी एकाग्रता बनी रहे। लेकिन नई पीढी बदलते परिवेश में इस परंपरा से दूर सी होती जा रही थी। इसी को ध्‍यान में रखते हुए इस कांसेप्‍ट के जरिए लोगों को उनके जडों से जोडना इसका मकसद है जिससे सर्वधर्म समभाव स्‍थापित किया जा सके। भजन सिंगर अनूप जलोटा, लोकगायक मालिनी अवस्‍थी और कथक डांसर बिरजू महराज इस शो को जज करेंगे। इसका प्रसारण आस्‍था चैनल पर 15 जुलाई से हर शुक्रवार और शनिवार को किया जाएगा। इस शो में बॉलीवुड गायक एश्‍वर्य निगम, टीवी कलाकार रिचा सोनी तथा कथक डांसर आरूषि निशंक भी दिखाई देंगे। गौरतलब है कि देश के इस पहले भजन पर आधारित रियालिटी शो को सफल बनाने के लिए बॉलीवुड के जाने-माने म्‍युजिक डायरेक्‍टर और सिंगर अपना समर्थन देने जुटेंगे।

मुज़फ्फरनगर २०१३ में नजर आएंगे यारियाँ फेम देव शर्मा

२०१४ में प्रदर्शित फिल्म यारियाँ में नील के किरदार से चर्चित हुवे अभिनेता देव शर्मा अब फिल्म मुज्जफ़रनगर २०१३ में मुख्य भूमिका में नजर आयेगे। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में २०१३ हुई सांप्रदायिक दंगे  पुरे दुनियाँ में सुर्खियाँ में आये और स्थानिय सरकार, विपक्षी राजनेताओं, आदि सहित प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा कर दिया था। अब इसी ताने बाने पर निर्माता मनोज कुमार मांडी ने फिल्म मुज़फ़्फ़रनगर २०१३ के जरिये इस दंगों से जुडी कई कहानियो और किरदारों को परदे पर दिखाएँगे। फिल्म में देव शर्मा  मुज्जफ़रनगर के करीब मोरना गाँव के युवक मन्नू का किरदार निभा रहे है फिल्म में देव शर्मा के साथ प्रमुख अभिनेत्री के रूप में दक्षिण भारतीय फिल्मो के अभिनेत्री ऐश्वर्या देवन अपने बॉलीवुड कैरियर की शुरुवात करेंगी। फिल्म में अन्य महत्वपूर्ण किरदारों में एकांश भारद्वाज, अनिल जॉर्ज, मुर्सलीन क़ुरैशीसंदीप बोस, रवि खन्ना और सुनील चितकारा नजर आएँगे। बतौर निर्माता मनोज कुमार मांडी ने, जो मुज़फ्फरनगर के स्थानीय निवासी है और साम्प्रदायिक दंगों को उन्होंने ने बहुत ही करीब से देखा है, पिछले दो वर्षो के रिसर्च के बाद फिल्म की कहानी, संगीत और गाने भी खुद ही तैयार किये है, जिससे फ़िल्म में स्थानीय जुड़ाव एवं स्वाभाविकता बनी रहें।  फिल्म का निर्देशन हरीश कुमार कर रहे है। निर्देशक हरीश कुमार का कहना है,"मुज़फ्फरनगर के दंगों से जुड़ी कई ऐसी कहानियॉं फ़िल्म के जरिये दर्शको तक पहुंचेगी हमने फिल्म में किसी फिक्शन का सहारा नहीं लिया गया पूरी कोशिश फिल्म को एक रियलिस्टिक फिल्म बनाये रखने का है।"
   

फिल्म अज़हर में लारा दत्ता बनी सरकारी वकील

फिल्म फितूर में अपनी दमदार परफॉरमेंस के बाद अभिनेत्री लारा दत्त एक बार फिर फिल्म "अज़हर" में एक अहम किरदार में नज़र आएँगी। इस फिल्म में लारा के के किरदार का नाम मीरा है, जो एक सरकारी वकील है। लारा का किरदार एक ऐसे वकील का हैं, जो निडर और बेबाक है, जो सच्चाई की लड़ाई लड़ती है। लारा इस फिल्म में अज़हरुद्दीन को मैच फिक्ससिंग के आरोप में  दोषी साबित करने में लगी रहती हैं। उनका कहना है,"मेरे लिए यह किरदार बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा है क्योकि यह पूरी तरह फिक्शनल केरेक्टर है।" लारा ने अपने इस किरदार के लिए काफी मेहनत की है। वह अपनी एक दोस्त से मिली जो पेशे से वकील है। उसके साथ कुछ दिन रही, उनके काम करने के तरीके और हर बारीक़ से बारीक़ गतिविधियों को ध्यान से  अनुसरण किया। इस बारे में फिल्म के डायरेक्टर टोनी डिसूज़ा कहते हैं, "लारा दत्ता के लुक, हावभाव इस किरदार के लिए बहुत ही सटीक थे इसीलिए हमने उन्हें इस किरदार के लिए चुना।  लारा ने अपने किरदार को वास्तविक रूप देने के लिए बहुत मेहनत की है।" लारा और टोनी इससे पहले हिंदी फिल्म ब्लू में भी एक दूसरे के साथ काम कर चुके हैं। 


Friday, 22 April 2016

'स्पर्श' के कैलेंडर लॉन्चिंग पर भव्य फैशन शो।

"स्पर्श के फैशन फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया" के कैलेंडर लांचिंग पर कई खूबसूरत मॉडलों ने रैंप वाकिंग की, इस अवसर पर बॉलीवुड व समाज के कई गणमान्य लोग उपस्तिथ थे। "स्पर्श" की एम डी सेजल चड्ढा दिल्ली के बाद मुंबई में जुहू स्तिथ होटल सन-एन-सैंड में २१ अप्रैल को अपने कैलेंडर लॉन्चिंग के अवसर पर इस भव्य समारोह का आयोजन किया था। सेजल चड्ढा ने मेहमानों के स्वागत किया, जिसके उपरांत फैशन शो हुआ, व कैलेंडर की लॉन्चिंग की गयी।
इस अवसर पर को मेहमान जैसे गायक अशोक मस्ती सिंह, दिलबाग सिंह, व्यवसायी प्रदीप सोलंकी, यासीर खान, आवेश दहिया, रोहित मेहरा, संजय मुंजाल, संदीप अरोड़ा, विजय गुप्ता, बॉलीवुड से फिल्म मेकर रूपेश राय सिकंद, नेता व अभिनेता अली खान, फिल्म फुकरे से प्रख्यात नवज्योत, सिद्धार्थ सागर, तनुज महाशब्दे, राजेश पूरी, पंकज बैरी, शिवा, शोभिता राणा, अनुष्का एवं कई और हस्तियां मौजूद थी। सईद अफसर अली निज़ामी जो की निजामुद्दीन दरगाह के प्रमुख हैं इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। यह एक बिज़नेस कैलेंडर है जहाँ लोग अपने उत्पादनो को और अपनी योजनाओं को प्रचारित कर सकते हैं। मॉडलों ने हर  महीने का कैलेंडर का पृष्ठ लेकर रैंप पर कैटवाक किया।  

प्रियंका की उपलब्धि से बम बम की टीम में जश्न का माहौल ।

बॉलीवुड की सुपर अदाकारा व भोजपुरी फ़िल्म बम बम बोल रहा है काशी की निर्मात्री प्रियंका चोपड़ा को टाइम मैगजीन ने दुनिया के 100 प्रभावशाली हस्तियों की सूची में शामिल किया है । इस खबर के आते ही बम बम बोल रहा है काशी की पूरी टीम में उत्साह का वातावरण बन गया । फ़िल्म के लेखक निर्देशक संतोष मिश्रा , एसोसिएट प्रोड्यूसर रवि शंकर जायसवाल , सुपर स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ , आम्रपाली दुबे , अंतरा बनर्जी , मनोज टाइगर , संजय पांडे , प्रकाश जैस , प्रचारक उदय भगत सहित पूरी टीम ने एक दूसरे को बधाई दी । उल्लेखनीय है की बम बम बोल रहा है काशी के निर्माण के दौरान प्रियंका चोपड़ा की लोकप्रियता में कई उपलब्धियों ने चार चाँद लगा दिया । इस दौरान उन्हे पद्मश्री से तो नवाजा ही गया साथ ही ऑस्कर प्रेजेंटर भी बनी । ऑस्कर प्रेजेंटर बनने वाली प्रियंका पहली बॉलीवुड स्टार है । बहरहाल , प्रियंका की इन उपलब्धियों से बम बम बोल रहा की पुरी टीम में दूना उत्साह आ गया है ।


"एक नया फंडा" का भव्य मुहूर्त

हम सबका कोई न कोई फंडा होता हैं कुछ  कुछ अलग  करने का  अगर नहीं हैं तो आपको ज़िओन फिल्म्स इंटरनेशनल के बैनर तले बनने जा रही हिंदी फीचर फिल्म "'एक नया फंडा" का इंतज़ार करना होगा.  यह एक  कॉमेडी फिल्म हैं. इस फिल्म का भव्य मुहूर्त फिल्मालय स्टूडियो, अँधेरी पश्चिम में हाल ही में संपन्न हुआ. महूरत शॉट के लिए सुनील कस्तुरे ने पवित्र नारियल फोड़ा और विजू खोटे ने क्लैप दिया. निर्माता पी. अभय कुमार और रोबिन गावित की इस फिल्म का लेखन-निर्देशन दीपांजलि विद्यार्थी कर रही हैं. यह उनकी पहली फिल्म है. फिल्म के छायाकार हैं नविन वी. मिश्रा. फिल्म में नवोदित सनी एवं सीमा कदम की मुख्य जोड़ी है. अन्य कलाकार माया जायसवाल, विजू खोटे और रज़्ज़ाक़ खान आदि हैं. इस फिल्म में अलग-अलग मूड के पांच गाने होंगे, जिसके संगीतकार हैं अनुनाद दलवी. मुहूर्त के अवसर अपर शुभकामना देने पप्पू पोलिस्टर, अली खान, आर्यन वैद्य, सुनील कस्तुरे, ओमकार दस मानिकपुरी 'नत्था', कमाल खान, शामी एम. इरफ़ान आदि फिल्म जगत के कलाकार-पत्रकार पधारे. मुहूर्त के बाद फिल्म की एक दिन की शूटिंग भी की गयी. इस फिल्म की स्टार्ट-टू-फिनिश शूटिंग मई-जून  में कोल्हापुर और  मुंबई में की जाएगी.



Thursday, 21 April 2016

रॉजर मूर को बांड बनाने वाले गाए हैमिलटन का निधन

जेम्स बांड सीरीज की चार फ़िल्में निर्देशित करने वाले गाए हैमिलटन का निधन हो गया।  वह ९३ साल के थे।  १९५२ में 'द रिंगर' फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाले गाए हैमिलटन ने साढ़े तीन दशक लम्बे करियर के दौरान २२ फिल्मों का निर्देशन किया।  उन्होंने जेम्स बांड सीरीज की चार फिल्मों गोल्डफिंगर (१९६४), डायमंड्स आर फॉरएवर (१९७१), लिव एंड लेट डाई (१९७३) और द मैन विथ द गोल्डन गन (१९७४)  का निर्देशन किया था। गाए हैमिलटन की पहली दो बांड फ़िल्में गोल्डफिंगर और डायमंड्स आर फॉरएवर सीन कनरी के साथ थी।  लिव एंड लेट डाई से पहली बार रॉजर मूर ने बांड सूट पहना था।  गाए ने रॉजर मूर से साफ़ कहा कि  वह सीन कनरी की नक़ल न करें, बल्कि अपनी मौलिकता बनाये रखें।  गाए हैमिलटन १६  सितम्बर १९२२ को पेरिस में पैदा हुए थे।  उन्होंने अपने फिल्म करियर की शुरुआत १९३८ में क्लैपर बोर्ड बॉय के बतौर की थी।  उन्होंने कैरोल रिड की तीन फिल्मों द फालेन आइडल, द थर्ड मैन और आउटकास्ट ऑफ़ द आइलैंडस में असिस्ट किया।  रिड ने ही गाए को उनकी पहली फिल्म द रिंगर दिलाने में मदद की।  हैमिलटन की शुरूआती फ़िल्में सैन्य कहानियों पर केंद्रित हुआ करती थी। उनकी पहली बिग बजट फिल्म द डेविल्स डिसप्ल थी।  इस फिल्म में किर्क डगलस और बर्ट लैंकेस्टर जैसे बड़े सितारे थे।  हैमिलटन को सुपरमैन: द मूवी (१९७८) के निर्देशन के लिए चुना गया था।  लेकिन, उन दिनों वह टैक्स चोरी के मामले में दोषी पाये जाने के कारण इंग्लैंड में ३० दिनों से ज़्यादा नहीं ठहर सकते थे।  इसलिए उन्हें यह फिल्म छोड़नी पड़ी।  उनकी आखिरी निर्देशित फिल्म ट्राई दिस वन फॉर साइज थी।  उन्होंने बैटमैन फिल्म को निर्देशित करने से मना कर दिया था।  हैमिलटन ने दो विवाह किये. एक्ट्रेस नाओमी चांस से उनका विवाह असफल रहा।  फिर उन्होंने अल्जीरियन एक्ट्रेस करीमा से किया, जो उनकी बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर फिल्म आउटकास्ट इन द आइलैंडस की नायिका थी।  अंतिम समय में वह अपने घर मजोरका  स्पेन में रह रहे थे।