दक्षिण की फिल्मो की कोई नायिका अपनी फिल्म इडस्ट्री में चाहे जितनी नामचीन हो, वह बॉलीवुड फिल्मों के लिए कुछ भी करेगी। इस कड़ी में नवीनतम उदाहरण रश्मिका मंदना है। पुष्पा द राइज और पुष्प द रूल की श्रीवल्ली की भूमिका से पूरे भारत में प्रसिद्द तेलुगु फिल्म अभिनेत्री रश्मिका मंदना ने, फिल्म एनिमल और सिकंदर में अपनी भूमिकाओं से एक आशा बाँधी थी कि दक्षिण की अभिनेत्रियां भी बॉलीवुड में कुछ भी करेगी, नहीं कहा जा सकता।
किन्तु, रश्मिका ने अंततः इसे झूठा साबित कर दिया। कल, मैडॉक फिल्म्स की हॉरर कॉमेडी फिल्म थम्मा के पहले गीत तुम मेरे न हुए का टीज़र अनावृत हुआ था। यह गीत रश्मिका मंदना पर फिल्माया गया है। इस गीत को मधुबंती बागची ने गाया है। यह गीत नायिका के लिए अपने रोमांस को सम्बोधित गीत प्रतीत होता है। किन्तु,....!
तुम मेरे न हुए को देख कर दर्शको को रश्मिका का लुभाने वाला अंदाज़ दिखाई देता है। गीत को कामुक बनाता है, रश्मिका का अंग सञ्चालन। ऐसा प्रतीत होता है कि यह गीत किसी तमन्ना भाटिया के लिए बनाया गया था। किन्तु, रश्मिका ने कहा, नहीं मैं बॉलीवुड के लिए कुछ भी करेगी। ध्यान रहे कि तमन्ना भाटिया पर फिल्माया गया, स्त्री २ का गीत दर्शकों को लुभाने के लिए बनाया गया था। तमन्ना ने इसे पूरी कामुकता और लुभावनेपन के साथ अंग सञ्चालन कर हिट बना दिया था । तुम मेरे न हुए के बोल चाहे आज की रात जैसे आमंत्रण देने वाले न हो, किन्तु, रश्मिका मंदना अपनी नृत्य भाव मुद्रा से यह आमंत्रण दे जाती है।
रोचक तथ्य यह है कि तुम मेरे न हुए नृत्य की दृष्टि से ही नहीं, संगीत और गायिकी की दृष्टि से भी आज की रात से मिलता जुलता है। ऐसा स्वभाविक भी है। दोनों ही गीतों की धुनें संगीतकार सचिन जिगर ने बनाई हैं तथा इन्हे मधुबंती बागची ने गाया है। स्पष्ट है कि सचिन जिगर आज की रात की सफलता से मोहित थे। मधुबंती ने जैसा संगीतकार ने कहा गा दिया। किन्तु, रश्मिका का क्या ? उनकी ऎसी क्या विवशता थी कि उन्हें तमन्ना भाटिया की सैंडलों में पैर डाल कर कामुकता का प्रदर्शन करना पड़ा।
स्पष्ट रूप से, दक्षिण की अभिनेत्री चाहे कितनी बड़ी क्यों न हो, उसे बॉलीवुड की मान्यता चाहिए। बॉलीवुड फिल्म निर्माता का क्या ! उनकी दृष्टि तो हमेशा बॉक्स ऑफिस पर लगी रहती है। वह जानते है कि इस प्रकार के आमंत्रित करने वाले गीत फिल्म के प्रति दर्शकों की उत्सुकता बढ़ाते है। रश्मिका मंदना ने तुम मेरे न हुए गीत में रश्मिका मंदना ने जिस प्रकार के वस्त्र पहने है, उनके शरीर को डिज़ाइनर द्वारा उभारा गया है और जैसे हावभाव रश्मिका ने प्रदर्शित किये हैं, उससे फिल्म थम्मा का राजस्व २८ प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। एक शोध के अनुसार इस प्रकार के नृत्य गीत फिल्म को लाभ पहुँचाते है। तभी तो निर्माता इस प्रकार के गीत रखते है और उन्हें किसी तमन्ना भाटिया या नोरा फतेही की आवश्यकता पड़ती है।
मैडॉक फिल्म्स अथवा आजकल की हॉरर फिल्मों में जिस प्रकार के कथानक लिए जाते हैं और उनमें प्राचीन लोक कथाओं और किंवदंतियों के चरित्र सम्मिलित किये जाते है, वह दर्शकों को आकर्षित करते है। एक शोध के अनुसार फिल्मों की कथा में पौराणिक चरित्रों का सम्मिलन किसी फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर सफलता में १५ प्रतिशत तक की वृद्धि कर देता है।
निर्माता दिनेश विजन ने बड़ी चतुराई से अपनी फिल्मों में प्राचीन लोक कथाओं और पौराणिक चरित्रों का समावेश कर सफलता का सूत्र पा लिया है। किंतु, रश्मिका मंदना को क्या मिलेगा ? रश्मिका को तमन्ना भटियाँ की सैंडलों में पैर डालते समय सोचना चाहिए था कि उन्हें यह गीत कर के क्या मिलेगा ? इसे वह इस प्रकार से समझ सकती थी कि आज की रात गीत कर तमन्ना भाटिया को क्या मिला ? अजय देवगन की फिल्म रेड २ में आइटम सांग नशा, और क्या !

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