फेसबुक और
ट्विटर के जरिये #मीटू आन्दोलन पूरी दुनिया में छाया हुआ है। सबसे पहले अभिनेत्री
अलीसा मिलानो ने ट्वीट कर पूरी दुनिया की
छेड़खानी का शिकार, ज़बरदस्ती सेक्स करने को मज़बूर, बलात्कार की शिकार, जबरन शरीर के
किसी हिस्से को दबाने या पकड़ने की घटनाओं से गुजर चुकी महिलाओ से गुज़ारिश की कि वह
इस हैशटैग के ज़रिये अपने साथ हुई ऎसी किसी घटना को दुनिया के सामने बेझिझक रखें। इसके साथ ही यह
हैशटैग पूरी दुनिया से संदेशे पाने लगा। बॉलीवुड और हॉलीवुड की अभिनेत्रियाँ भी
पीछे नहीं रही। इस मामले में कुछ अभिनेत्रियों की राय जुदा भी थी। एक्टर और गायक करण ओबेरॉय
भी इस मामले में बहुत स्पष्टवादी हैं। वह कहते हैं, “कोई भी टूल, जो इस मामले में
जागरूकता ला सके, प्रभावशाली साबित हो सकता है। इस के ज़रिये कोई भी औरत या आदमी
दुनिया और समाज में बुरी तरह और गहराई से फैली इस गन्दगी को सामने ला सकता है।"
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday 25 October 2017
#मीटू के समर्थन में करण ओबेरॉय
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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