अज़ब इत्तफ़ाक़ है। आज बॉलीवुड के याहू स्टार...रिबेल हीरो.. शम्मी कपूर का जन्मदिन हैं। आज ही शम्मी कपूर की संगीत और फिल्म शैली को नई दिशा देने वाली फिल्म तीसरी मंज़िल रिलीज़ हुई थी। तीसरी मंज़िल से पहले तक शम्मी कपूर हिट हो चुके थे। उन्होंने तुमसा नहीं देखा, दिल देके देखो, उजाला, जंगली, दिल तेरा दीवाना, प्रोफेसर, ब्लफ मास्टर, राजकुमार, कश्मीर की कली और जानवर जैसी सुपरहिट फिल्मों का ढेर लगा दिया था। इसके बावजूद तीसरी मंज़िल ने शम्मी कपूर समकालीन युवाओं का पसंदीदा स्टार बना दिया था। वह ऐसे स्टार थे, जो जाज म्यूजिक पर थिरक सकता है। वह ट्विस्ट और चा चा चा भी कर सकता है। वह
रिबेलियन नहीं, समर्पित और भावुक नायक भी है। इस फिल्म के बाद भी शम्मी कपूर का करियर चलता रहा। उन्होंने पांच साल और नायक की भूमिकाएं की। उन्होंने चोला बदला १९७४ में, जब उन्होंने ज़मीर फिल्म में चरित्र भूमिका स्वीकार की और मनोरंजन फिल्म से निर्देशक की कुर्सी सम्हाली। तीसरी मंज़िल शम्मी कपूर की ट्रेंड सेटर फिल्म थी। इस फिल्म ने आरडी र्मन के जरिये हिंदी फिल्म संगीत को पाश्चात्य संगीत से भिगो दिया। विजय आनंद की बिना देवानंद के निर्देशित पहली हिंदी फिल्म थी। इस फिल्म के बाद बहुत सी थ्रिलर फिल्में रिलीज़ हुई। लेकिन, जो रोमांस तीसरी मंज़िल में था, उस मंज़िल को कोई दूसरी फिल्म नहीं छू सकी।
रिबेलियन नहीं, समर्पित और भावुक नायक भी है। इस फिल्म के बाद भी शम्मी कपूर का करियर चलता रहा। उन्होंने पांच साल और नायक की भूमिकाएं की। उन्होंने चोला बदला १९७४ में, जब उन्होंने ज़मीर फिल्म में चरित्र भूमिका स्वीकार की और मनोरंजन फिल्म से निर्देशक की कुर्सी सम्हाली। तीसरी मंज़िल शम्मी कपूर की ट्रेंड सेटर फिल्म थी। इस फिल्म ने आरडी र्मन के जरिये हिंदी फिल्म संगीत को पाश्चात्य संगीत से भिगो दिया। विजय आनंद की बिना देवानंद के निर्देशित पहली हिंदी फिल्म थी। इस फिल्म के बाद बहुत सी थ्रिलर फिल्में रिलीज़ हुई। लेकिन, जो रोमांस तीसरी मंज़िल में था, उस मंज़िल को कोई दूसरी फिल्म नहीं छू सकी।
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