निर्माता-अभिनेता हिमांशु रॉय ने १९२८ में शाहजहां और मुमताज़ महल के रोमांस की पृष्ठभूमि पर भाई- बहन के कथानक पर फिल्म शीराज़ बनाई थी। फिल्म में सलीमा, शीराज़, शाह जहाँ और डालिआ के इर्दगिर्द विलियम ए बर्टन और निरंजन पाल ने लिखी थी। इस फिल्म का निर्देशन फ्रांज़ ऑस्टेन ने किया था। यह फिल्म मुग़ल साम्राज्य काल में एक कुम्हार द्वारा पाली गई राजकुमारी सलीमा को उसका भाई शीराज़ बेहद प्यार करता है। सलीमा का अपहरण कर लिया जाता है और उसे शहजादा खुर्रम को दासी के तौर पर बेच दिया जाता है। खुर्रम सलीमा से प्रेम करने लगता है। धूर्त डालिआ इससे चिढ़ जाती है। वह षड्यंत्र कर शीराज़ के साथ सलीमा को फंसा देती है। शीराज़ को हाथी के पाँव तले रौंद कर मारने का आदेश कर दिया जाता है। इसी समय एक लटकन के ज़रिये सलीमा के शाही खानदान के होने का पता चलता है। अब सलीमा अपने भाई को छुड़वा लेती है। वह शाहजहां से शादी कर लेती है। शाहजहां के सम्राट बनने पर वह साम्राज्ञी मुमताज़ महल बनती है। सलीमा के मरने के बाद शाहजहां उसकी याद में ताजमहल का निर्माण करता है। यह अब बूढ़े हो चुके और अंधे शीराज़ की बनाई प्रतिकृति पर है। इस फिल्म की खासियत थी ढेरों कामुक चुम्बनों की भरमार थी। फिल्म में हिमांशु रॉय ने शीराज़, चारु रॉय ने सम्राट शाहजहां, सीता देवी ने डालिआ और एनकाशी रामाराव ने सलीमा के किरदार किये थे। नब्बे साल पहले बनाई गई मूक फिल्म शीराज़ को बॉक्स ऑफिस सफलता मिली थी। ठीक रखरखाव के अभाव में इस फिल्म के प्रिंट लगभग नष्ट हो चले थे। ऐसे समय में इस कालजई फिल्म को अच्छी हालत में लाने के लिए ब्रिटिश इंस्ट्रक्शनल फिल्म्स आगे आई। इस संस्था ने फिल्म की रीलों की मरम्मत की और इन्हे ठीक हालत में लाई। अब यह फिल्म शीराज़ अ रोमांस ऑफ़ इंडिया दो डीवीडी में ब्लू-रे वर्शन में जारी किया है। इस डीवीडी में अनुष्का शंकर का संगीत है। शीराज़ की डीवीडी को अगले साल २६ फरवरी से रिटेल स्टोर्स से खरीदा जा सकता है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 28 October 2017
ब्लू-रे डीवीडी में शीराज़ : अ रोमांस ऑफ़ इंडिया (१९२८)
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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