कुछ महीने पहले तक,
अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब और सलमान खान की फिल्म राधे २२ मई को
जोर आजमाइश के लिए तैयार थी। लेकिन अब फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब के सिनेमाघरों में
रिलीज़ न होने की खबर है। ज़बरदस्त अफवाह है कि यह फिल्म वेब सीरीज के तौर पर किसी
डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज़ हो सकती है। खबरों पर भरोसा करें तो अक्षय कुमार तथा
फिल्म से जुड़े दूसरे निर्माता फिल्म को वेब सीरीज के तौर पर रिलीज़ करने के लिए
डिज्नी प्लस और हॉट स्टार से बातचीत कर रहे हैं। अगर बात सफल हो गई तो अक्षय कुमार
और किआरा अडवाणी की फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब दर्शकों को घर बैठे डिजिटल माध्यम से
देखने को मिल सकती है। अलबत्ता, अक्षय कुमार चाहते हैं कि इस सौदे से फिल्म से जुड़े
किसी पक्ष को कोई नुकसान न हो। ताज़ा खबर यह है कि अक्षय कुमार की हॉरर कॉमेडी फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब को डिज्नी
प्लस हॉटस्टार से स्ट्रीम किया जाएगा। हालाँकि, इस फिल्म की स्ट्रीमिंग की तारीख़ तय नहीं है। लेकिन, पता चला है कि यह फिल्म ईद से स्ट्रीम होने लगेगी। लक्ष्मी बॉम्ब के लिए निर्माता अक्षय कुमार से ९० करोड़ में सौदा पटा है। इस फिल्म के निर्माण में ४० करोड़ खर्च हुए हैं।
लॉकडाउन की वजह से रिलीज़ न हो सकी फ़िल्में
लॉकडाउन से पहले,
इरफ़ान खान और करीना कपूर की फिल्म अंग्रेजी मीडियम रिलीज़ हुई थी। इसके बाद, कोई भी
हिंदी फिल्म,
सिनेमाघरों के बंद होते जाने के कारण रिलीज़ नहीं हो सकी थी। वर्तमान
स्थिति में, ऐसा लगता है
कि मई में भी कोई हिंदी फिल्म रिलीज़ नहीं हो सकेगी। लॉकडाउन के कारण प्रदर्शित न
हो सकने वाली फिल्मों में २० मार्च को संदीप और पिंकी फरार, २४ मार्च को
सूर्यवंशी, २ अप्रैल को
हाथी मेरे साथी,
१० अप्रैल को ८३,
१७ अप्रैल को गुलाबो सिताबो, १ मई को कुली नंबर १, ८ मई को दिल
बेचारा, शकुंतला
देवी, द गर्ल ऑन द
ट्रेन और झुण्ड प्रमुख थी। २२ मई को अक्षय कुमार की हॉरर कॉमेडी फिल्म लक्ष्मी
बॉम्ब और सलमान खान की एक्शन फिल्म राधे की सीधी टक्कर होनी थी। अब यह सभी फ़िल्में, लॉकडाउन
ख़त्म होने के बाद किसी उपयुक्त महीने में रिलीज़ होंगी!
५५० करोड़ का नुकसान
इस प्रकार से देखें तो लॉकडाउन की वजह से, अब तक फिल्म इंडस्ट्री को भारी नुकसान का
सामना करना पडा है। सबसे अधिक नुकसान प्रदर्शन सेक्टर का है। फिल्म इंडस्ट्री ने
अप्रैल के अंत तक ५५० करोड़ का नुकसान झेल लिया था। मई में स्थिति कितनी सम्हलती है, इस पर काफी
कुछ निर्भर करेगा। लेकिन,
जिस प्रकार से महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन को मई तक बढाने का निर्णय लिया
है, उत्तर
प्रदेश मे ३० जून तक कोई भी बड़ी भीड़ जुटाने पर रोक लगा दी गई है, दिल्ली और
गुजरात में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है, ऐसा लगता
नहीं कि जून तक भी स्थिति सामान्य हो पायेगी। इतना ही नहीं सिनेमाघरों के खुलने के
बाद भी, गारंटी नहीं
है कि दर्शक सिनेमाघरों में लौटेंगे। दर्शकों में कोरोना का भय बना रहेगा। एक
सर्वे के मुताबिक ९७ प्रतिशत दर्शक सिनेमाघर खुलने के बावजूद फिल्म देखने जाने के
लिए तैयार नहीं है। चीन में भी छिटपुट सिनेमाघर खुलने के बाद, दर्शकों के
अभाव में बंद कर दिए गए थे ।
डिजिटल प्लेटफार्म से आकर्षक प्रस्ताव!
इसे देखते हुए ही अफवाहों का बाज़ार गर्म हो गया है कि कई बड़ी फ़िल्में
डिजिटल माध्यम में सीरियल के तौर पर या फीचर फिल्म सेक्शन में रिलीज़ की जायेंगी।
इन अफवाहों का शिकार लक्ष्मी बॉम्ब के अलावा, रणवीर सिंह की कबीर खान निर्देशित क्रिकेट
पर फिल्म ’८३ भी है, जिसके डिजिटल
प्लेटफार्म पर प्रसारित होने की खबरें गर्म हैं। बताया तो यहाँ तक जा रहा है कि एक
प्रमुख ओटीटी प्लेटफार्म ने फिल्म ’८३ के निर्माताओं को फिल्म को अपने
प्लेटफार्म पर स्ट्रीम करने के लिए १४३ करोड़ ऑफर किये हैं। इसी प्रकार से, कुछ दूसरी
बड़ी फिल्मों गुजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल, खाली पीली, कुली नंबर १, जिनी वेड्स सनी, सायना, इन्दू की
जवानी, शेरशाह, आदि के
निर्माताओं के पास भी ओटीटी प्लेटफारमों के प्रस्ताव हैं। यह प्रस्ताव इतने आकर्षक
बताये जा रहे हैं कि फिल्म के निर्माताओं को अपनी लागत के अलावा भी काफी मुनाफा हो
जाएगा। लेकिन,
अभी यह सब बातें लिखा-पढ़ी में नहीं है। इधर, ’८३ के एक निर्माता रिलायंस एंटरटेनमेंट ने
फिल्म के डिजिटल फॉर्म में रिलीज़ किये जाने की खबरों का भी खंडन कर दिया है। यशराज
फिल्म्स तो अपनी लम्बे समय से टलती चली आ रही फिल्म संदीप और पिंकी फरार को किसी
भी दशा मे डिजिटल माध्यम पर पहले प्रसारित करने को तैयार नहीं।
लॉकडाउन खुलने पर निगाहें
फिलहाल तो फिल्म निर्माताओं की निगाहें लॉकडाउन खुलने पर लगी हुई है। क्या
लॉकडाउन ३ मई या उसके बाद भी बढाया जा सकता है ? सारे जवाब इसी सवाल पर टिके हुए हैं। अगर
लॉकडाउन मई तक बढ़ता है तो डिजिटल माध्यम से बड़ी फिल्मों की रिलीज़ का सिलसिला शुरू
हो सकता है। क्योंकि,
लॉकडाउन,
जून में खुलने का मतलब यह होगा कि दर्शकों का सिनेमाघरों में सामान्य आगमन
अगस्त से ही शुरू हो पायेगा। ऐसे में कुल ५ महीने ही फिल्म इंडस्ट्री के पास होंगे।
इस स्थिति में एक ही शुक्रवार में एकाधिक बड़ी फिल्मों का टकराव आम देखने को
मिलेगा। इससे इंडस्ट्री को बहुत फायदा तो नहीं ही होगा। अन्यथा, फिल्मों की
रिलीज़ २०२१ तक बढानी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में लागत में बढ़ोतरी होती चली जायेगी।
ऐसे में संभव है कि कुछ निर्माता अपना बही-खाता खोल कर बैठे, नफ़ा नुक्सान
का आकलन करे। तब वह निर्णय ले सकते हैं कि अपनी फिल्म को डिजिटल प्लेटफार्म पर
रिलीज़ करें या नहीं !
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