राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता निर्देशक अनंत नारायण महादेवन की फिल्म गौर हरि दास्तान केवल एक फिल्म नहीं। यह एक स्वतंत्रता सेनानी के संघर्ष की दास्ताँ है आज़ादी से पहले भी और आज़ादी के बाद भी। गौर हरि देश के आखिरी जीवित स्वतंत्रता सेनानी हैं। चौदह वर्ष की आयु में उन्होंने अपने हमउम्र साथियों के साथ बनाई वानर सेना के ज़रिये स्वतंत्रता संग्राम की खबरें एक जगह से दूसरी जगह तेज़ रफ़्तार से पहुंचाते थे। उन्हें १९४५ में अंग्रेज़ो के निर्धारित दिन पर झंडा न फहराने के कारण दो महीने की सज़ा हुई। यह फिल्म ऐसे ही सेनानी गौर हरि दास के जीवन मूल्यों पर आधारित है। यह एक ऎसी दास्ताँ है जो देश की भ्रष्ट व्यवस्था, नौकरशाही की कारगुज़ारी का पर्दाफाश करती। है। गौर हरि दास स्वतंत्रता संग्राम में ना सिर्फ देश की आज़ादी के लिए लडे हैं बल्कि देश की भ्रष्ट व्यवस्था से दो चार भी हुए हैं। अगर यह कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि पिछले 32 सालों से देश की भ्रष्ट व्यवस्था के समक्ष बिना झुके गौर हरि दास लगातार खडे हैं। उन्हें खुद को सेनानी साबित करने के लिए तीन दशक तक सरकारी दफ्तरों में बाबुओं और ऑफिसरों को कागज़ात इकठ्ठा कर देने में ही गुज़र गए। तब जाकर उन्हें २००९ में प्रमाण पत्र मिला। फिल्म 'गौर हरि दास्तान : द फ्रीडम फाइल' में गौर हरि दास की मुख्य भूमिका विनय पाठक ने निभाई है। उनकी पत्नी लक्ष्मी का किरदार कोंकणा सेन कर रही हैं। इस की पटकथा पत्रकार और कवि सीपी सुरेंद्रन ने लिखी है। गौर हरि दास के जीवन से प्रेरित यह बायोपिक फिल्म स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज़ होगी। गौर हरि दास के जीवन से प्रेरित यह बायोपिक फिल्म स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज़ होगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday, 25 May 2015
स्वतंत्रता दिवस पर सिनेमाघरों में गौर हरि दास्तान
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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