विश्वास और सम्मान की परिभाषा ज़रूरी नहीं सबके लिए एक समान हो. हो सकता है कुछ लोग इन शब्दों का ज़िक्र ना करते हों लेकिन वक्त पडने पर वह अपने काम से यह बात ज़ाहिर कर देते हैं कि इन शब्दों में उनकी कितनी आस्था है. कुछ ऐसा ही अनुभव पिछले दिनों तापसी पन्नू को मिला. सूत्रों की मानें तो अब तक कि उनकी ज़िंदगी का यह सबसे बडा और खूबसूरत अनुभव था. खबर है कि तापसी के करियर में मुख्य भूमिका निभानेवाले स्पॉट बॉय नरेंद्र के जीवन में तापसी इतनी बडी भूमिका निभाती हैं कि तापसी के शूटिंग में व्यस्त रहने के कारण नरेंद्र ने अपनी बेटी का नाम तीन महीने तक नहीं रखा. ऐसा इसलिए क्योंकि नरेंद्र की चाहत थी कि उनकी हाल ही में जन्मीं बेटी का नाम तापसी ही रखें. मज़े की बात यह है कि नरेंद्र ने नामकरण का आयोजन किया था लेकिन बॉलीवुड और टॉलीवुड में व्यस्त रहने के कारण तापसी उसमें शामिल नहीं हो पाई. इसका नतीजा यह निकला कि नरेंद्र ने तीन महीने तक अपनी बेटी का नाम ही नहीं रखा. इस सिलसिले में जब तापसी से बात की गयी तो उन्होंने कहा, ‘’यदि कोई आपको इतना मान सम्मान देता है तो इससे बडी बात और कुछ नहीं. नरेंद्र मेरे लिए मेरे बडे भाई जैसे हैं और आखिरकार हमनें मिलकर उनकी बेटी का नाम तमिरा रखा है.’’
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 9 May 2015
तापसी ने किया अपने स्पॉट बॉय की बिटिया का नामकरण
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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