टेलीविज़न की सर्वाधिक लोकप्रिय 'बा' नहीं रही। एकता कपूर के सीरियल 'क्योंकि…सास भी कभी बहू' के विरानी परिवार की बा अम्बा गोवर्धन विरानी का चरित्र करने वाली अभिनेत्री सुधा शिवपुरी का निधन हो गया। उनके निधन के बाद ज़्यादातर लोग उन्हें याद करेंगे उनके टीवी सीरियलों और फिल्मों में रोल की वजह से, लेकिन उनके चले जाने से कोई स्थान रिक्त नहीं होगा। क्योंकि, वह काफी पहले ही एक्टिंग से अलग हो गई थी। उनकी आखिरी हिंदी फिल्म 'पिंजर' २००३ में प्रदर्शित हुई थी। उनका आखिरी टीवी सीरियल 'मनीबेन.कॉम' भी २००९ में प्रसारित हुआ था। यानि छह साल लम्बा समय छोटा पर्दा छोड़े हो गया था। इस दौरान न जाने कितनी जवान अभिनेत्रियां माँ और सास बन गई। एकता कपूर ने ही तुलसी वीरानी यानि स्मृति ईरानी को सास बना दिया था। ऐसे में सुधा शिवपुरी को कौन याद रखता। इसके बावजूद 'क्योंकि....सास भी कभी बहु थी' की ममता से भरी मधुर भाषी बा टीवी दर्शकों को १५ साल बाद भी याद है। सुधा का १४ जुलाई १९३७ को राजस्थान में हुआ था। जब वह आठवी में थी, तभी पिता की मृत्यु और माँ के बीमार हो जाने के कारण परिवार की ज़िम्मेदारी सुधा के कन्धों पर आ गई। डेल्ही थिएटर में काम करते हुए वह ओम शिवपुरी से मिली और दोनों ने विवाह कर लिया । इन दोनों ने अपना थिएटर ग्रुप दिशांतर बनाया। सत्तर के दशक में ओम शिवपुरी को हिंदी फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया था, इसलिए पूरा शिवपुरी परिवार मुंबई आ गया। सुधा शिवपुरी को अपनी पहली ही फिल्म, बासु चटर्जी की फिल्म 'स्वामी' में शबाना आज़मी की माँ का किरदार मिला। इसी के साथ उन पर माँ का ठप्पा लग गया। सुधा शिवपुरी की उल्लेखनीय फिल्मों में 'अरविन्द देसाई की अजीब दास्तान', 'विधाता', 'खोज', आदि थी। सुधा शिवपुरी का फिल्मों और टीवी सीरियलों में आना जाना सा लगा रहा। उनकी एक बेटी ऋतू शिवपुरी ने भी फिल्म 'आँखे' जैसी हिट फिल्म में गोविंदा के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। टीवी सीरियलों की इस ममतामई 'बा' को श्रद्धांजलि।
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