Sunday 24 November 2019

@Ajay Devgan के बॉलीवुड में २८ साल, १०० फ़िल्में २ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार


आज से २८ साल पहले, २२ नवम्बर १९९१ को निर्माता दिनेश पटेल की म्यूजिकल एक्शन फिल्म फूल और कांटे रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म से तीन डेब्यू हुए थे। फिल्म के डायरेक्टर कुकू कोहली, फिल्म के नायक अजय देवगन और फिल्म की नायिका मधु की यह पहली फिल्म थी। फूल और कांटे से पहले कुकू कोहली कुछ फिल्मो के सह निर्देशक और स्टंट कोऑर्डिनेटर थे। मधु ने एक तमिल फिल्म ही कर रखी थी। हिंदी फिल्म दर्शकों से उनका परिचय हेमा मालिनी की भांजी के तौर पर कराया गया था। फिल्म के नायक अजय देवगन का परिचय स्टंट डायरेक्टर वीरू देवगन के बेटे के तौर पर कराया गया था। ट्रेड पंडितों को यह उम्मीद नहीं थी कि एक स्टंटमैन का काला और पतला लड़का कुछ कर पायेगा। लेकिन, नदीम-श्रवण के हिट हो चुके गीतों के कारण फूल और कांटे ने दर्शकों को सिनेमाघरों तक बुलाया। पर, जब दर्शक सिनेमाघरों से बाहर निकले, तब तक वह अजय देवगन के मुरीद हो चुके थे। फिल्म के एक्शन कोऑर्डिनेटर पिता वीरू देवगन ने अपने बेटे के लिए ऐसे ऐसे खतरनाक एक्शन संयोजित किये थे कि दर्शक हैरत में पड़ गया। अजय देवगन का दो मोटरसाइकिलों पर खड़े हो कर एंट्री मारना दर्शकों की तालियाँ और सीटियाँ बटोर ले गया। अजय के एक्शन पर दर्शक दांतों तले उंगलियाँ दबा रहे थे।

नायक के २८ साल १०० फ़िल्में 
आज अजय देवगन को बॉलीवुड में नायक बनते बनते २८ साल पूरे हो चुके हैं। अगले साल २२ जनवरी को जब तानाजी द अनसंग वारियर रिलीज़ होगी, तब वह अजय देवगन के फिल्म करियर की १००वी फिल्म कहलायेगी। पहली फिल्म फूल और कांटे की तरह इस फिल्म के एक्शन का सारा दारोमदार अजय देवगन पर ही होगा। वह फिल्म में छत्रपति शिवाजी के सखा और उनके सेनापति तानाजी मलुशरे की भूमिका कर रहे हैं। इस फिल्म में उन्हें तलवार भांजनी है, भाला चलाना है और खतरनाक एक्शन भी करने हैं। जब फिल्म में, अजय देवगन के तानाजी मलुशरे का अंत होगा तब दर्शकों का दिल भर आएगा। क्योंकि, उनका ५० साल का एक्शन हीरो आज भी उतना ही फिट चुस्त और युवा है !

बतौर एक्शन हीरो बनी पहचान 
अजय देवगन ने, अपनी शुरूआती पहचान एक्शन हीरो के तौर पर ही बनाई। हालाँकि, यह भी इतना आसान नहीं था। क्योंकि, सनी देओल और संजय दत्त तो काफी पहले से एक्शन हीरो के तौर पर अपना दबदबा बनाए हुए थे। दस महीना पहले, अक्षय कुमार का भी फिल्म सौंगंध से डेब्यू हो चुका था। बाद में सुनील शेट्टी भी एक्शन के क्षेत्र में उनके लिए चुनौती बन कर उतर आये थे। लेकिन, इन सबके बीच अजय देवगन ने अपने हैरतंगेज़ और दिलेर एक्शन दृश्यों के ज़रिये अपनी एक अलग पहचान बना ली। उन्होंने फूल और कांटे के बाद, जिगर, दिव्या शक्ति, प्लेटफार्म, संग्राम, शक्तिमान, एक ही रास्ता, बेदर्दी, दिलवाले, विजय पथ, सुहाग, नाजायज़, मैडम एक्स, हलचल, गुंडाराज, हकीकत, जंग, दिलजले, जान, इतिहास, मेजर साब, आदि फिल्मों की बदौलत खुद को एक्शन हीरो के तौर पर स्थापित कर लिया।

ज़ख्म ने बदला नजरिया 
निर्देशक महेश भट्ट की फिल्म ज़ख्म ने, दर्शकों और फिल्म समीक्षकों को अजय देवगन के बारे में फिर सोचने के लिए मज़बूर कर दिया। यह फिल्म, निर्देशक महेश भट्ट की माँ की बायोपिक फिल्म थी। इस फिल्म में, अजय देवगन ने नाजायज़ औलाद की भूमिका की थी। फिल्म में अजय देवगन के भावाभिनय ने दर्शकों को मुग्ध कर दिया और उन्हें पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी दिला दिया। इस फिल्म से पहले अजय देवगन खुद को फिल्म दिल है बेताब से रोमांटिक और इश्क से कॉमेडी हीरो होना साबित कर चुके थे। इसके बाद, अजय देवगन ने एक्शन फिल्मों के अलावा कॉमेडी और फॅमिली ड्रामा फ़िल्में भी की। दिल क्या करे, यह रास्ते हैं प्यार के, तेरा मेरा साथ रहे और लज्जा रोमांटिक पारिवारिक फिल्मे थी।

स्वर्णिम २००२ 
साल २००२, अजय देवगन के करियर के लिहाज़ से स्वर्णिम कहा जा सकता है। इस साल अजय देवगन ने, तीन फिल्मों के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। अजय देवगन ने, रामगोपाल वर्मा की फिल्म कंपनी में दाऊद इब्राहीम के रील लाइफ किरदार को निभा कर फिल्मफेयर पुरस्कारों में समीक्षकों का पुरस्कार अपने नाम कराया। यह पुरस्कार उन्हें फिल्म द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह के लिए भी दिया गया था। उन्हें भगत सिंह के जीवन पर राजकुमार संतोषी की फिल्म द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह में भगत सिंह की भूमिका के लिए दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला। फिल्मेयर ने उनकी २००२ में ही तीसरी फिल्म दीवानगी में खल भूमिका के लिए बेस्ट एक्टर इन निगेटिव रोल  का पुरस्कार भी दिया।

पहचान दिलाने वाली फ़िल्में 
अजय देवगन ने, अपने फिल्म करियर में ऎसी फ़िल्में की, जिन्होंने उन्हें अलग पहचान और अलग प्रकार की भूमिकाये दी। दीवानगी में वह खल भूमिका में थे तो भूत एक हॉरर फिल्म थी। गंगाजल में पुलिस अधिकारी बने थे। राजकुमार संतोषी की फिल्म खाकी में वह अक्षय कुमार के पुलिस किरदार के खिलाफ आतंकवादी बन कर खड़े थे। मस्ती में सेक्स कॉमेडी कर रहे थे तो मणिरत्नम की युवा में युवा राजनीति का नेतृत्व कर रहे थे। रितुपर्णो घोष की फिल्म रेनकोट में एक बार फिर उनकी संवेदनापूर्ण भूमिका थी। टेंगो चार्ली में अजय देवगन की कमांडो की भूमिका काफी अनोखी थी। फिल्म काल मे वह एक भूत की भूमिका कर रहे थे।



रोहित शेट्टी अजय देवगन और गोलमाल 
अजय देवगन के करियर को रोहित शेट्टी की फिल्मों ने भी काफी प्रभावित किया। रोहित शेट्टी, अजय देवगन की पहली फिल्म फूल और कांटे में, कुकू कोहली के सहायक थे। उन्होंने, अजय देवगन और अक्षय कुमार की फिल्म सुहाग तथा अजय  देवगन की फिल्म हकीकत और अक्षय कुमार की फिल्म जुल्मी में भी कुकू कोहली के सह निर्देशक की भूमिका अदा की थी। वह अनीस बज्मी की फिल्म प्यार तो होना ही था, हिंदुस्तान की कसम और राजू चाचा के भी सह निर्देशक थे। इन फिल्मों से रोहित शेट्टी और अजय देवगन के बीच अच्छी दोस्ती बन गई। इसीलिए, रोहित शेट्टी की बतौर निर्देशक स्वतंत्र फिल्म ज़मीन के नायक अजय देवगन थे। इसके बाद, गोलमाल फन अनलिमिटेड ने अजय देवगन और रोहित शेट्टी की गोलमाल सीरीज की शुरुआत कर दी। रोहित शेट्टी और अजय देवगन ने गोलमाल सीरीज की फिल्मों के अलावा सन्डे, कॉप एक्शन फिल्म सिंघम और सिंघम रिटर्न्स तथा बोल बच्चन जैसी फिल्मों में भी साथ काम किया। यह फ़िल्में बॉलीवुड की बड़ी हिट फिल्मों में शुमार हैं।

थ्रिलर कॉमेडी एक्शन और रोमांस 
पिछले पांच सालों में, अजय देवगन भिन्न जोनर की फिल्मों में अपनी उपयोगिता साबित करते नज़र आते हैं। वह निशिकांत कामथ की थ्रिलर फिल्म दृश्यम के प्रमुख स्तम्भ थे। शिवाय में वह एक्टर के अलावा डायरेक्टर की भूमिका में भी सफल हो रहे थे। आपला मानुष उनकी बतौर निर्माता पहली मराठी फिल्म थी। राजकुमार गुप्ता की थ्रिलर फिल्म रेड के इनकम टैक्स ऑफिसर की भूमिका में वह फिल्म की जान थे। इस साल, जहाँ वह इंद्रकुमार की फिल्म टोटल धमाल के गुड्डू के तौर पर कॉमेडी का धमाल मचा रहे थे, वहीँ निर्देशक अकिव अली की फिल्म दे दे प्यार दे के बड़ी उम्र के रोमांटिक आशीष की भूमिका को स्वभाविक बना पाने में भी कामयाब हो रहे थे।

अजय देवगन का २०२०  
२०२०, अजय देवगन का होने जा रहा है। वह तानाजी द अनसंग वारियर में केंद्रीय भूमिका करने के अलावा फिल्म के निर्माता भी हैं। उनकी बतौर निर्माता फिल्म तुर्रम खान का निर्देशन हंसल मेहता कर रहे हैं। उनका, रोहित शेट्टी की अक्षय कुमार के साथ कॉप यूनिवर्स की फिल्म सूर्यवंशी में डीसीपी बाजीराव सिंघम के तौर पर कैमियो हो रहा है। वह एसएस राजामौली की पीरियड फिल्म आर आर आर में एक महत्वपूर्ण भूमिका में नज़र आयेंगे। १९७१ के भारत पाकिस्तान युद्ध पर फिल्म भुज: द प्राइड ऑफ़ इंडिया में उनकी स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक की रियल लाइफ भूमिका है। मैदान में भी वह फुटबॉल टीम के कोच सय्यद अब्दुल रहीम की रियल लाइफ भूमिका कर रहे हैं। कूकी गुलाटी की फिल्म द बिग बुल में वह हर्षद मेहता से प्रेरित किरदार करेंगे। कहने का मतलब यह कि एक अजय देवगन. भूमिकाये और फ़िल्में कई। यानि बॉक्स ऑफिस पर भी अजेय है यह देवगन। 

No comments: