Wednesday, 6 May 2020

भारत में सेंसर नहीं डिजिटल प्रोग्राम

नेटफ्लिक्स को, सरकार नियंत्रित टर्की सेंसर बोर्ड के आदेश पर, अपनी पॉलिटिकल थ्रिलर सीरीज डेसिग्नेटेड सर्वाइवर सीरीज के एक एपिसोड को हटाने के लिए मज़बूर होना पडा है। टर्की सरकार के अनुसार इस सीरीज के दूसरे सीजन के एक एपिसोड में तुर्की के काल्पनिक प्रेसिडेंट को नकारात्मक रूप में दिखाया गया है । इस ऐतराज़ के बाद, नेटफ्लिक्स को डेसिग्नेटेड सर्वाइवर के इस एपिसोड को सिर्फ टर्की में काट फेंकना पडा है।
पहले भी सेंसर हुआ था
यह पहला मौका नहीं है, जब नेटफ्लिक्स को इस प्रकार से राजनीतिक तथा दूसरे कारणों से अपने शो के कुछ हिस्सों को या एपिसोड को काटना पड़ा था। नेटफ्लिक्स की विवादित कॉमेडी सीरीज द लास्ट टेम्पटेशन ऑफ़ क्राइस्ट को सिंगापुर में अपने प्रोग्राम से बाहर करना पडा था। इसी प्रकार से हसन मिन्हाज की वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खाशोगी की ह्त्या पर सीरीज पेट्रियट एक्ट के उसे एपिसोड को सऊदी अरब में हटाना पड़ा, जिसमे हसन मिन्हाज, पत्रकार की इस्ताम्बुल में सऊदी अरब के दूतावास के अन्दर हत्या पर सवाल उठाते हैं।

५ देश ९ शिकायतें
यह सेंसर तो २०१९ की घटनाएं हैं। इससे पहले भी नेटफ्लिक्स के शोज को कुछ देशों के स्थानीय सेंसर बोर्ड की कैंची का सामना करना पडा है। कुल ऐसे ९ उदाहरण हैं, जिनमे नेटफ्लिक्स को अपनी सामग्री पर कैंची चलानी पड़ी। नेटफ्लिक्स के अनुसार ही, इससे पहले सिंगापुर में ५ तथा जर्मनी, न्यू ज़ीलैण्ड, वियतनाम और सऊदी अरबिया में एक एक बार अपने भिन्न शोज के कुछ या किसी हिस्से पर कैची चलानी पड़ी।

भारत अपवाद
इस लिहाज़ से, भारत का शासन सबसे ज़्यादा उदार प्रतीत होता है, जिसे दुनिया के देशों में खुद की आलोचना के प्रति अनुदार बताया जाता है। नेटफ्लिक्स को एक बार भी भारत सरकार से शिकायत नहीं प्राप्त हुई तथा इस शिकायत के कारण अपनी सामग्री पर कैंची नहीं चलानी पड़ी। हालाँकि, नेटफ्लिक्स के सेक्रेड गेम्स तथा लेइला जैसे शो की सामग्री या संवाद सरकार या सरकारों के कटु आलोचक पाए गए हैं।

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