पिछले कुछ सालों में चीनी सिनेमाघर बॉलीवुड फिल्मों के
लिए अच्छा ख़ासा रिवेन्यू बटोरने का जरिया बन गए हैं । आमिर खान की
फिल्म दंगल और सीक्रेट सुपरस्टार के बाद, चीनी दर्शक भी हिंदी फिल्मों की ओर आकृष्ट हो
रहा है । चीनी युवा भारत को जानना चाहता है । वह भारत के आम
आदमी की तकलीफों और विपरीत परिस्थितियों से उबर कर जीतने की क्षमता का कायल है, इससे प्रेरित होता है ।
इरफ़ान खान की फिल्म हिंदी मीडियम की, दिल्ली के एक व्यापारी के अपनी बेटी
को अंग्रेजी माध्यम के स्कूल मे दाखिला दिलाने के लिए गरीब बनने की कहानी की आम
आदमी महत्वाकांक्षा ने चीनी युवाओं को काफी आकर्षित किया था । भारत में, १९ मई को
रिलीज़ हिंदी मीडियम ने ९६ करोड़ का लाइफटाइम कारोबार किया था। जबकि, इस फिल्म ने चीन
के सिनेमाघरों में पहले ३ दिनों में १०२ करोड़ से ज़्यादा का ग्रॉस कर लिया था। चीन
में फिल्म का लाइफटाइम कलेक्शन २२३ करोड़ हुआ था।
शायद, हिंदी मीडियम की सफलता का असर है कि इरफ़ान खान
की एक दूसरी फिल्म मदारी को चीन में रिलीज़ किया जा रहा है । जहाँ इरफ़ान खान की
फिल्म हिंदी मीडियम भारत में भी सफल हुई थी, मदारी को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली थी। मदारी की शूटिंग नई दिल्ली, राजस्थान, देहरादून,
शिमला और मुंबई में हुई थी। इस फिल्म के निर्माण में
२० करोड़ खर्च हुए थे। लेकिन, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर २८.८० करोड़ का ग्रॉस कर सकी
थी और फ्लॉप साबित हुई थी।
इस असफलता के बावजूद फिल्म मदारी को चीन में रिलीज़
किये जाने का क्या कारण है ? दरअसल, फिल्म की कहानी को चीनी दर्शकों की पसंद के अनुरूप
समझा जा रहा है। इस सोशल थ्रिलर फिल्म का नायक निर्मल सरकारी भ्रष्टाचार के कारण
हुई एक आपदा में अपने परिवार को खो देता है। वह इस लापरवाही की जवाबदेही तय करवाने और बदला लेने के लिए एक यात्रा पर निकल पड़ता है। फिल्म के
निर्माताओं को लगता है कि फिल्म का कथानक चीनी युवाओं को लुभाएगा।
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