Sunday 20 September 2020

मानसिक अस्वस्थता पर बात करने वाली बॉलीवुड की हस्तियाँ

सुशांत सिंह राजपूत की आकस्मिक मृत्यु के बाद, सितारों की मानसिक अस्वस्थता और उनकी नशे की आदत का चिराग में छुपा हुआ जिन्न बाहर आ गया है। मानसिक अस्वस्थता-स्वास्थय पर बिना चिकत्सकीय दृष्टिकोण को समझे विचार प्रकट किये जा रहे हैं। ऐसे में बॉलीवुड के आज भी सक्रिय उन सितारों के बारे में जानना स्वाभाविक है कि वह किस प्रकार से अस्वस्थ थे या हो सकते थे तथा उन्होंने अपने पर मंडरा रहे इस खतरे पर कैसे काबू पाया ! यहाँ ख़ास बात यह हैं कि यह हस्तियां  इस बीमारी के बारे में खुल कर बात करती है और कारण और निवारण भी साझा करती हैं।

अलिया भट्ट- बिखरे हुए भट्ट परिवार के निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट की दूसरी शादी से बेटी अलिया भट्ट लम्बे समय तक अपनी बहन की मानसिक अस्वस्थता से जूझी हैं। उनकी बहन अवसाद से जूझ रही थी। अलिया भट्ट ने, बड़ी होने का पूरा फ़र्ज़ निभाया और अपनी बहन को इससे बाहर निकाला। इतना ही नहीं, उन्होंने कभी भी इस तथ्य को छुपाया नहीं। अवसाद और तनाव के बारे में खुल कर बात की, यह स्वीकार करते हुए कि उनका परिवार भी इसका शिकार रहा है।

दीपिका पादुकोण- दीपिका पादुकोण की अवसाद की स्थिति किसी से छुपी नहीं रही है। खुद दीपिका ने इसे बताया है। दीपिका ने पहले अपनी अवसाद की स्थिति को तनाव समझा था और इसकी उपेक्षा की थी। बाद में उन्होंने इसे समझते हुए एक फाउंडेशन में अपना इलाज़ कराया। इस फाउंडेशन ने उन्हें अपने अवसाद से उबरने में मदद की।आज दीपिका पादुकोण बॉलीवुड की स्थापित अभिनेत्रियों में शामिल है।

कंगना रानौत- महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के इशारे पर, बॉम्बे की नगर महापालिका द्वारा अपना घर तोड़े जाने के बाद, कंगना रानौत रौद्र मुद्रा में हैं। वह महाराष्ट्र सरकार और मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे को मुंबई में रह कर खुली चुनौती दे रही है। इससे कनाना रानौत की मज़बूत मानसिक स्थिति का पता चलता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कभी कंगना रानौत भी अवसाद का शिकार हुई थी ! यह समय था, जब वह बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने का प्रयत्न कर रही थी। निर्मम फिल्म इंडस्ट्री बेखबर थी और अपने प्रहार किये जा रही थी। ऐसे हालात में कंगना रानौत ने तय किया कि वह घबरायेंगी नहीं। अपने मानसिक अवसाद से उबरते हुए कंगना रानौत ने कठिन परिश्रम जारी रखा। इसी का नतीजा है कि वह आज बॉलीवुड में रह कर भी बॉलीवुड माफिया के खिलाफ अपनी आवाज़ उठा रही हैं।

यमी गौतम- दीपिका पादुकोण और कंगना रानौत की तरह यमी गौतम का भी बॉलीवुड में कोई गॉड फादर नहीं है। वह मुंबई में अकेले रहती हैं। परिवार का कोई सदस्य साथ नहीं रहता। वह जानती हैं कि इंडस्ट्री का दैनिक तनाव उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है, इसलिए वह अपने दिन की शुरुआत ही योग से करती है। वह नियमित रूप से अपने परिवार से विडियो चैट करती हैं। अपना खाना खुद बनाती हैं, ताकि दिमाग व्यस्त रहे।

कल्कि कोएचलिन- पोंडिचेरी में जन्मी फ्रेंच मूल की अभिनेत्री कल्कि कोएच्लिन का अतीत काफी भयानक है। वह बचपन में यौन शोषण का शिकार हुई। उनकी शादी भी असफल हुई। अनुराग कश्यप से अलगाव के बाद कल्कि अवसाद का शिकार हो गई। इस समय संघर्ष के दौर में भी उन्होंने हार नहीं मानी। न केवल अपने अवसाद के कारणों से उबरी, बल्कि अवसाद का ईलाज भी किया। कल्कि ऎसी अभिनेत्रियों में हैं, जो अपने अतीत को छुपाती नहीं। वह मांगे जाने पर राय भी देती हैं और प्रेरित भी करती हैं।

अनुराग कश्यप- अनुराग कश्यप भी गैर फ़िल्मी पृष्ठभूमि से हैं। वह भी अवसाद के शिकार हुए थे। बॉम्बे वेलवेट की रिलीज़ के दौरान, उन्होंने इसका रहस्योद्घाटन किया था। उन्होंने बताया था कि एक समय यह स्थिति आ गई थी कि वह कुछ भी गलत का जिम्मेदार खुद को बता रहे थे। परन्तु, अनुराग कश्यप ने खुद के अवसाद पर काबू पाया, अपनी गलतियों को स्वीकार और उनका निवारण  करके। उन्होंने लम्बी मानसिक लड़ाई लड़ते हुए अवसाद पर विजय पाई।

साझा करती हैं हस्तियां - बॉलीवुड हस्तियों में अवसाद उपजना स्वाभाविक है। खास तौर पर बॉलीवुड से बाहर की हस्तियों को संघर्ष और उपेक्षा के कारण मानसिक तनाव का अधिक सामना करना पड़ता है। सुशांत सिंह राजपूत जैसे काफी हैं, जो अपनी कठिनाइयों पर संघर्ष का विजय नहीं पा सके और आत्महत्या कर ली। लेकिन, संघर्ष का जीत हासिल कर लेने वाले सितारे बॉलीवुड से बाहर के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि, इनकी मानसिक स्थिति, संघर्ष और विजय आम आदमी को प्रेरित कर सकती है। दिलचस्प तथ्य यह है कि यह हस्तियाँ इसे छुपाती भीं नहीं. अपने अनुभव साझा करती है। यह फिल्म इंडस्ट्री और समाज के लिए शुभ है।


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