दिल्ली की राकुल प्रीत सिंह ने २०१४ में यारियां से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था। दिव्या खोसला कुमार निर्देशित यारियां बॉक्स ऑफिस पर तो ठीक ठाक बिज़नेस कर ले गई। लेकिन, राकुल को बॉलीवुड ने कोई तवज्जो नहीं दी। राकुल को तवज्जो मिली दक्षिण की फिल्मों में। ख़ास तौर पर तेलुगु फिल्मों में वह ख़ास सफल हुई। तेलुगु फिल्मों वेंकटाद्रि एक्सप्रेस, करंट थिगल और लोकयम की बड़ी व्यावसायिक सफलता ने उन्हें किक २ (२०१५), ब्रूस ली (२०१५), ननकू प्रेमथो (२०१६), सराइनोडू (२०१६) और ध्रुवा (२०१६) जैसी बड़ी फ़िल्में राकुल की झोली में डलवा दी। हालिया रिलीज़, तेलुगु सुपर स्टार महेश बाबू के साथ स्पाई फिल्म स्पाईडर (रिलीज़ २७ सितम्बर २०१७) को भी बड़ी सफलता मिली है। आज राकुल प्रीत सिंह तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री की लीडिंग एक्ट्रेस बन चुकी हैं। उनकी ऎसी सफलता और तेलुगु जनता पर राकुल के प्रभाव को देखते हुए तेलंगाना सरकार ने अपने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। खुद को ब्रांड एम्बेसडर बनाये जाने से काफी खुश राकुल प्रीत सिंह कहती हैं, "तेलंगाना सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की ब्रांड बनाये जाने से मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हों।"
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday 14 October 2017
तेलंगाना की बेटी बचाओ कार्यक्रम की ब्रांड एम्बेसडर राकुल प्रीत सिंह
Labels:
Rakul Preet Singh,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment