इस साल
आजिवासन संगीत अकेडमी को ८८वा साल पूरे हो चुके है। यह अकादमी हर साल एक संगीतकार को प्रदर्शन कला के क्षेत्र में उसके अपार योगदान के लिए सम्मानित करती है। इस वर्ष यह
पुरस्कार पद्म भूषण डॉ. एन राजम को प्रदान किया गया। वसंतोत्सव, म्यूजिक इंडस्ट्री में एक ऐसा उत्सव है जहा कई दिग्गज
कलाकार अपनी महाकाव्य कलाओ से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते है। इस वर्ष पद्म भूषण डॉ. एन राजम, पद्म भूषण उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, पद्म श्री पंडित एम् वेंकटेश जैसे प्रख्यात संगीत वादकों द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन किया गया। इस भव्य शाम
में सुखविंदर सिंह, शेखर रवजियानी, दीपक पंडित, तौफिक कुरैशी,
योगेश लखानी
आदि की उपस्थिति देखी गई।
वसंतोत्सव
२०२० कला प्रदर्शन के लिए बहुत बड़ा मंच है जहा शैलियों की एक जुगलबंदी और सभी
कलाकारों के लिए एक ऐसी शाम है जो उन्हें अपने कलाकार होने पर गर्व महसूस कराती
है।
सुरेश वाडकर
कहते हैं,
" हम २० सालों
से वसंतोत्सव कर रहे हैं। यह संस्कृति और संगीत का उत्सव है। हर साल हमारे पास
संगीत से दिग्गज कलाकार रहते है । हम प्रदर्शन कला के क्षेत्र में उनके योगदान के
लिए हर संगीतकार को धन्यवाद करते हैं। "
हर साल
आचार्य जियालाल वसंत संगीत निकेतन में उत्तम वग-गेकर जियालाल वसंत पुरस्कार ’के साथ एक प्रतिष्ठित कलाकार का सम्मान
किया जाता है। यह पुरस्कार २००१ में
आचार्य जियालाल वसंत के सम्मान में स्थापित किया गया था, जो खुद एक उत्तम वग- गेकर थे। एक
कुशल संगीतज्ञ,
जो संगीत के
सभी क्षेत्रों में कुशल हैं,जिसमे वोकल,
इंस्ट्रूमेंट
म्यूज़िक और डांस शामिल है ।
इन वर्षों
में कलाकारों को उत्तम
वग-गेयकर जियालाल वसंत पुरस्कार ’से सम्मानित किया गया उनमे पंडित
जसराज (२००१ ),पंडित शिवकुमार शर्मा (२००२), पंडित बालमुरली कृष्णा (२००३ ),पंडित भीमसेन जोशी (२००४), पंडित रामनारायण (२००५), पंडित हरिप्रसाद चौरसिया (२००६ ), श्रीमती लता मग्नेशकर (२००७), श्रीमती हेमा मालिनी (२००८), उस्ताद ज़ाकिर हुसैन (२००९), पंडित विश्व मोहन भट्ट (२०१०), डॉ. एल. सुब्रमणियम (२०११), पंडित अजोय चक्रबर्ती (२०१२), उस्ताद अमजद अली खान (२०१३), उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान (२०१४), श्रीमती आशा भोसले (२०१५), श्रीमती किशोरीताई अमोनकर (२०१६), पंडित बिरजू महाराज (२०१७), पंडित छन्नूलाल मिश्रा (२०१८ ) और जॉन मेकलॉफ्लिन (२०१९) के नाम शामिल हैं।
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